सूक्ति संग्रह 8:32-36 HCV

सूक्ति संग्रह 8:32-36

“मेरे पुत्रो, ध्यान से सुनो;

मेरे निर्देश सुनकर बुद्धिमान हो जाओ.

इनका परित्याग कभी न करना;

धन्य होते हैं वे, जो मेरी नीतियों पर चलते हैं.

धन्य होता है वह व्यक्ति,

जो इन शिक्षाओं के समक्ष ठहरा रहता है,

जिसे द्वार पर मेरी प्रतीक्षा रहती है.

जिसने मुझे प्राप्‍त कर लिया, उसने जीवन प्राप्‍त कर लिया,

उसने याहवेह की कृपादृष्टि प्राप्‍त कर ली.

किंतु वह, जो मुझे पाने में असफल होता है, वह स्वयं का नुकसान कर लेता है;

वे सभी, जो मुझसे घृणा करते हैं, वे मृत्यु का आलिंगन करते हैं.”

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