सूक्ति संग्रह 8:12-21 HCV

सूक्ति संग्रह 8:12-21

“मैं ज्ञान हूं और व्यवहार कुशलता के साथ मेरा सह अस्तित्व है,

मेरे पास ज्ञान और विवेक है.

पाप से घृणा ही याहवेह के प्रति श्रद्धा है;

मुझे घृणा है अहंकार, गर्वोक्ति,

बुराई तथा छलपूर्ण बातों से.

मुझमें ही परामर्श है, सद्बुद्धि है;

मुझमें समझ है, मुझमें शक्ति निहित है.

मेरे द्वारा राजा शासन करते हैं,

मेरे ही द्वारा वे न्याय संगत निर्णय लेते हैं.

मेरे द्वारा ही शासक शासन करते हैं,

और समस्त न्यायाध्यक्ष मेरे द्वारा ही न्याय करते हैं.

जिन्हें मुझसे प्रेम है, वे सभी मुझे भी प्रिय हैं,

जो मुझे खोजते हैं, मुझे प्राप्‍त भी कर लेते हैं.

मेरे साथ ही संलग्न हैं समृद्धि

और सम्मान इनके साथ ही चिरस्थायी निधि तथा धार्मिकता.

मेरा फल स्वर्ण से, हां, उत्कृष्ट स्वर्ण से उत्तम;

तथा जो कुछ मुझसे निकलता है, वह चांदी से उत्कृष्ट है.

धार्मिकता मेरा मार्ग है, जिस पर मैं चालचलन करता हूं,

न्यायशीलता ही मेरा मार्ग है,

परिणामस्वरूप, जिन्हें मुझसे प्रेम है, उन्हें धन प्राप्‍त हो जाता है

और उनके भण्डारगृह परिपूर्ण भरे रहते हैं.

Read More of सूक्ति संग्रह 8