सूक्ति संग्रह 7:21-27 HCV

सूक्ति संग्रह 7:21-27

इसी प्रकार के मधुर शब्द के द्वारा उसने अंततः

उस युवक को फुसला ही लिया; उसके मधुर शब्द के समक्ष वह हार गया.

तत्क्षण वह उसके साथ चला गया. यह वैसा ही दृश्य था

जैसे वध के लिए ले जाया जा रहा बैल,

अथवा जैसे कोई मूर्ख फंदे में फंस गया हो.

तब बाण उसके कलेजे को बेधता हुआ निकल जाता है,

जैसे पक्षी जाल में जा उलझा हो. उसे तो यह बोध ही नहीं होता,

कि यह उसके प्राण लेने के लिए किया जा रहा है.

और अब, मेरे पुत्रो, ध्यान से सुनो;

और मेरे मुख से निकले शब्दों के प्रति सावधान रहो.

तुम्हारा हृदय कभी भी ऐसी स्त्री के मार्ग की ओर न फिरे,

उसके आचार-व्यवहार देखकर बहक न जाना,

उसने ऐसे अनेक-अनेक व्यक्तियों को फंसाया है;

और बड़ी संख्या है उसके द्वारा संहार किए गए शक्तिशाली व्यक्तियों की.

उसका घर अधोलोक का द्वार है,

जो सीधे मृत्यु के कक्ष में ले जाकर छोड़ता है.

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