सूक्ति संग्रह 6:12-19 HCV

सूक्ति संग्रह 6:12-19

बुरा व्यक्ति निकम्मा ही सिद्ध होता है,

उसकी बातों में हेरा-फेरी होती है,

वह पलकें झपका कर,

अपने पैरों के द्वारा

तथा उंगली से इशारे करता है,

वह अपने कपटी हृदय से बुरी युक्तियां सोचता

तथा निरंतर ही कलह को उत्पन्‍न करता रहता है.

परिणामस्वरूप विपत्ति उस पर एकाएक आ पड़ेगी;

क्षण मात्र में उस पर असाध्य रोग का प्रहार हो जाएगा.

छः वस्तुएं याहवेह को अप्रिय हैं,

सात से उन्हें घृणा है:

घमंड से भरी आंखें,

झूठ बोलने वाली जीभ,

वे हाथ, जो निर्दोष की हत्या करते हैं,

वह मस्तिष्क, जो बुरी योजनाएं सोचता रहता है,

बुराई के लिए तत्पर पांव,

झूठ पर झूठ उगलता हुआ साक्षी तथा वह व्यक्ति,

जो भाइयों के मध्य कलह निर्माण करता है.

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