सूक्ति संग्रह 3:11-20
मेरे पुत्र, याहवेह के अनुशासन का तिरस्कार न करना,
और न उनकी डांट पर बुरा मानना,
क्योंकि याहवेह उसे ही डांटते हैं, जिससे उन्हें प्रेम होता है,
उसी पुत्र के जैसे, जिससे पिता प्रेम करता है.
धन्य है वह, जिसने ज्ञान प्राप्त कर ली है,
और वह, जिसने समझ को अपना लिया है,
क्योंकि इससे प्राप्त बुद्धि, चांदी से प्राप्त बुद्धि से सर्वोत्तम होती है
और उससे प्राप्त लाभ विशुद्ध स्वर्ण से उत्तम.
ज्ञान रत्नों से कहीं अधिक मूल्यवान है;
आपकी लालसा की किसी भी वस्तु से उसकी तुलना नहीं की जा सकती.
अपने दायें हाथ में वह दीर्घायु थामे हुए है;
और बायें हाथ में समृद्धि और प्रतिष्ठा.
उसके मार्ग आनन्द-दायक मार्ग हैं,
और उसके सभी मार्गों में शांति है.
जो उसे अपना लेते हैं, उनके लिए वह जीवन वृक्ष प्रमाणित होता है;
जो उसे छोड़ते नहीं, वे धन्य होते हैं.
याहवेह द्वारा ज्ञान में पृथ्वी की नींव रखी गई,
बड़ी समझ के साथ उन्होंने आकाशमंडल की स्थापना की है;
उनके ज्ञान के द्वारा ही महासागर में गहरे सोते फूट पड़े,
और मेघों ने ओस वृष्टि प्रारंभ की.