सूक्ति संग्रह 22:7-16
निर्धन पर धनाढ्य अधिकार कर लेता है,
तथा ऋणी महाजन का दास होकर रह जाता है.
जो कोई अन्याय का बीजारोपण करता है, विपत्ति की उपज एकत्र करता है,
तब उसके क्रोध की लाठी भी विफल सिद्ध होती है.
उदार व्यक्ति धन्य रहेगा,
क्योंकि वह निर्धन को अपने भोजन में सहभागी कर लेता है.
यदि छिछोरे और ठट्ठा करनेवाले को सभा से बाहर कर दिया जाए;
तो विवाद, कलह और परनिंदा सभी समाप्त हो जाएंगे.
जिन्हें निर्मल हृदय की महत्ता ज्ञात है, जिनकी बातें मधुर हैं,
वे राजा के प्रिय पात्र हो जाएंगे.
याहवेह की दृष्टि ज्ञान की रक्षा करती है,
किंतु वह कृतघ्न और विश्वासघाती के वक्तव्य को मिटा देते हैं.
आलसी कहता है, “बाहर सिंह है!
बाहर सड़क पर जाने पर मेरी मृत्यु निश्चित है!”
चरित्रहीन स्त्री का मुख गहरे गड्ढे-समान है;
याहवेह द्वारा शापित व्यक्ति ही इसमें जा गिरता है.
बालक की प्रकृति में ही मूर्खता बंधी रहती है,
अनुशासन की छड़ी से ही यह उससे दूर की जाती है.
जो अपनी संपत्ति में वृद्धि पाने के उद्देश्य से निर्धन पर अंधेर करने,
तथा धनाढ्य को उपहार देने का परिणाम होता है; निर्धनता!