सूक्ति संग्रह 22:28-29
पांचवां सूत्र
अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित
सीमा-चिन्हों को तुम कभी न हटाना.
छठा सूत्र
क्या आप किसी को अपने काम में कुशल दिखते हैं?
उस व्यक्ति का स्थान राजा की उपस्थिति में है;
वे नीचे श्रेणी के अधिकारियों के सामने सेवा नहीं करेंगे.
सूक्ति संग्रह 23:1-9
सातवां सूत्र
जब तुम किसी अधिकारी के साथ भोजन के लिए बैठो,
जो कुछ तुम्हारे समक्ष है, सावधानीपूर्वक उसका ध्यान करो.
उपयुक्त होगा कि तुम अपनी भूख पर
नियंत्रण रख भोजन की मात्रा कम ही रखो.
उसके उत्कृष्ट व्यंजनों की लालसा न करना,
क्योंकि वे सभी धोखे के भोजन हैं.
आठवां सूत्र
धनाढ्य हो जाने की अभिलाषा में स्वयं को
अतिश्रम के बोझ के नीचे दबा न डालो.
जैसे ही तुम्हारी दृष्टि इस पर जा ठहरती है, यह अदृश्य हो जाती है,
मानो इसके पंख निकल आए हों,
और यह गरुड़ के समान आकाश में उड़ जाता है.
नौवां सूत्र
भोजन के लिए किसी कंजूस के घर न जाना,
और न उसके उत्कृष्ट व्यंजनों की लालसा करना;
क्योंकि वह उस व्यक्ति के समान है,
जो कहता तो है, “और खाइए न!”
किंतु मन ही मन वह भोजन के मूल्य का हिसाब लगाता रहता है.
वस्तुतः उसकी वह इच्छा नहीं होती, जो वह कहता है.
तुमने जो कुछ अल्प खाया है, वह तुम उगल दोगे,
और तुम्हारे अभिनंदन, प्रशंसा और सम्मान के मधुर उद्गार भी व्यर्थ सिद्ध होंगे.
दसवां सूत्र
जब मूर्ख आपकी बातें सुन रहा हो तब कुछ न कहना.
क्योंकि तुम्हारी ज्ञान की बातें उसके लिए तुच्छ होंगी.