सूक्ति संग्रह 16:18-27
सर्वनाश के पूर्व अहंकार,
तथा ठोकर के पूर्व घमंड प्रकट होता है.
निर्धनों के मध्य विनम्र भाव में रहना
दिन के साथ लूट की सामग्री में सम्मिलित होने से उत्तम है.
जो कोई शिक्षा को ध्यानपूर्वक सुनता है,
उत्तम प्रतिफल प्राप्त करता है और धन्य होता है वह, जिसने याहवेह पर भरोसा रखा है.
कुशाग्रबुद्धि के व्यक्ति अनुभवी व्यक्ति के रूप में प्रख्यात हो जाते हैं,
और मधुर बातों से अभिव्यक्ति ग्रहण योग्य हो जाती है.
बुद्धिमान व्यक्ति में समझ जीवन-प्रदायी सोता समान है,
किंतु मूर्ख को अपनी ही मूर्खता के द्वारा दंड प्राप्त हो जाता है.
बुद्धिमानों के मन उनके मुंह को समझदार बनाते हैं और उनके ओंठ ज्ञान प्रसार करते हैं,
और उसका वक्तव्य श्रोता स्वीकार भी कर लेते हैं.
सुहावने शब्द मधु के छत्ते-समान होते हैं,
जिनसे मन को शांति तथा देह को स्वास्थ्य प्राप्त होता है.
एक ऐसा मार्ग है, जो उपयुक्त जान पड़ता है,
किंतु इसका अंत है मृत्यु-द्वार.
श्रमिक के श्रम की प्रेरणा है उसकी भूख;
अपने उदर की सतत मांग पर ही वह श्रम करता जाता है.
अधर्मी व्यक्ति बुराई की योजना करता रहता है,
और जब वह बातें करता है, तो उसके शब्द भड़कती अग्नि-समान होते हैं.