सूक्ति संग्रह 13:10-19 HCV

सूक्ति संग्रह 13:10-19

अहंकार और कुछ नहीं, कलह को ही जन्म देता है,

किंतु वे, जो परामर्श का चालचलन करते हैं, बुद्धिमान प्रमाणित होते हैं.

बेईमानी का धन शीघ्र ही समाप्‍त भी हो जाता है,

किंतु परिश्रम से प्राप्‍त किया धन बढ़ता जाता है.

आशा की वस्तु उपलब्ध न होने पर हृदय खिन्‍न हो जाता है,

किंतु अभिलाषा की पूर्ति जीवन वृक्ष प्रमाणित होती है.

वह, जो शिक्षा को तुच्छ दृष्टि से देखता है, स्वयं अपना विनाश आमंत्रित करता है,

किंतु वह, जो आदेश का सम्मान करता है, उत्कृष्ट प्रतिफल प्राप्‍त करता है.

बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है,

कि इससे मृत्यु के फन्दों से बचा जा सके.

सौहार्दपूर्ण संबंध सहज सुबुद्धि द्वारा स्थापित किए जाते हैं,

किंतु विश्वासघाती की नीति उसी के विनाश का कारक होती है.

चतुर व्यक्ति के हर एक कार्य में ज्ञान झलकता है,

किंतु मूर्ख अपनी मूर्खता ही उछालता रहता है.

कुटिल संदेशवाहक विपत्ति में जा पड़ता है,

किंतु विश्वासयोग्य संदेशवाहक मेल-मिलाप करवा देता है.

निर्धनता और लज्जा, उसी के हाथ लगती हैं, जो शिक्षा की उपेक्षा करता है,

किंतु सम्मानित वह होता है, जो ताड़ना स्वीकार करता है.

अभिलाषा की पूर्ति प्राणों में मधुरता का संचार करती है,

किंतु बुराई का परित्याग मूर्ख को अप्रिय लगता है.

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