गणना 23:27-30
बिलआम की तीसरी नबूवत
तब बालाक ने बिलआम से विनती की, “कृपा कर आइए, मैं आपको एक दूसरी जगह पर ले चलूंगा. हो सकता है यह परमेश्वर को ठीक लगे और आप मेरी ओर से उन्हें शाप दे दें.” फिर बालाक बिलआम को पेओर की चोटी पर ले गया, जहां से उजाड़ क्षेत्र दिखाई देता है.
बिलआम ने बालाक को उत्तर दिया, “अब आप यहां मेरे लिए सात वेदियां बना दीजिए तथा मेरे लिए यहां सात बछड़े एवं सात मेढ़े तैयार कीजिए.” बालाक ने ठीक वैसा ही किया, जैसा बिलआम ने विनती की थी. उसने हर एक वेदी पर एक-एक मेढ़ा चढ़ाया.
गणना 24:1-25
जब बिलआम ने यह ध्यान दिया कि इस्राएल को आशीर्वाद देने पर याहवेह प्रसन्न होते हैं, उसने पूर्व अवसरों के समान शकुन ज्ञात करने का प्रयास नहीं किया. उसने निर्जन प्रदेश की ओर अपना मुख स्थिर किया. जब बिलआम ने दृष्टि की, तो उसे गोत्र के अनुसार व्यवस्थित इस्राएली डेरे डाले हुए दिखाई दिए. परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा. उसने अपना वचन शुरू कर दिया:
“बेओर के पुत्र बिलआम की वाणी,
उस व्यक्ति की वाणी, जिसे दृष्टि दी गई है,
यह उसकी वाणी है, जो परमेश्वर के वचन सुनता है,
जो सर्वशक्तिमान का दर्शन देखा करता है,
वह भूमि पर दंडवत पड़ा है, उसकी दृष्टि खुली है:
“याकोब कैसे सुंदर लग रहे हैं, तुम्हारे शिविर,
इस्राएल, तुम्हारे डेरे!
“जो फैली हुई घाटी के समान है,
जो नदी तट के बगीचे के समान है,
जो याहवेह द्वारा रोपित अगरू पौधे के समान,
जो जल के निकट के देवदार वृक्ष के समान है.
जल उसके जल पात्रों से हमेशा बहता रहेगा,
उसका बीज जल भरे खेतों के निकट होगा.
“उसका राजा, अगाग से भी अधिक महान होगा,
उसका राज्य बढ़ता जाएगा.
“परमेश्वर उसे मिस्र देश से निकाल लाए;
उसके लिए परमेश्वर जंगली सांड़ के सींग के समान हैं,
वह उन राष्ट्रों को चट कर जाएगा,
जो उसके विरुद्ध हैं, उनकी हड्डियां चूर-चूर हो जाएंगी,
वह अपने बाणों से उन्हें नाश कर देगा.
वह शेर के समान लेटता तथा विश्राम करता है,
किसमें साहस है कि इस शेर को छेड़ें?
“सराहनीय हैं वे सब, जो उसे आशीर्वाद देते हैं,
शापित हैं, वे सब जो उसे शाप देते हैं!”
बिलआम के प्रति बालाक का क्रोध भड़क उठा, अपने हाथ पीटते हुए बिलआम से कहा, “मैंने तुम्हें अपने शत्रुओं को शाप देने के उद्देश्य से यहां बुलाया था और अब देख लो, तुमने उन्हें तीनों बार आशीष ही देने की हठ की है. इसलिये अब भाग जाओ यहां से अपने देश को. मैंने चाहा था, तुम्हें बहुत ही सम्मानित करूंगा; किंतु देख लो, याहवेह ने यह सम्मान भी तुमसे दूर ही रखा है.”
बिलआम ने बालाक को उत्तर दिया, “क्या, मैंने आपके द्वारा भेजे गए दूतों के सामने यह स्पष्ट न किया था, ‘चाहे बालाक मेरे घर को चांदी-सोने से भर दे, मेरे लिए याहवेह के आदेश के विरुद्ध अपनी ओर से अच्छाई या बुराई करना असंभव होगा. मैं तो वही कहूंगा, जो याहवेह मुझसे कहेंगे’? फिर अब यह सुन लीजिए: मैं अपने लोगों के बीच में लौट रहा हूं, मैं आपको चेतावनी दूंगा कि भविष्य में ये लोग आपकी प्रजा के साथ क्या-क्या करने पर हैं.”
बिलआम की चौथी नबूवत
उसने अपना वचन इस प्रकार शुरू किया:
“बेओर के पुत्र बिलआम की वाणी,
उस व्यक्ति की वाणी, जिसे दृष्टि प्रदान कर दी गई है,
उस व्यक्ति की वाणी, जो परमेश्वर का वचन सुनता है,
जिसे उन परम प्रधान के ज्ञान की जानकारी है,
जो सर्वशक्तिमान के दिव्य दर्शन देखता है,
वह है तो भूमि पर दंडवत, किंतु उसकी आंखें खुली हैं:
“मैं उन्हें देख अवश्य रहा हूं, किंतु इस समय नहीं;
मैं उनकी ओर दृष्टि तो कर रहा हूं, किंतु वह निकट नहीं है.
याकोब से एक तारा उदय होगा;
इस्राएल से एक राजदंड उभरेगा,
जो मोआब के मुंह को कुचल देगा,
वह शेत के सभी वंशजों को फाड़ देगा.
एदोम अधीनता में जा पड़ेगा;
सेईर भी, जो इसके शत्रु हैं,
अधीन हो जाएंगे.
याकोब के घराने में से एक महान अधिकारी हो जाएगा,
वही इस नगर के बचे हुए भाग को नाश कर देगा.”
बिलआम की पांचवी नबूवत
उसने अमालेकियों की ओर दृष्टि की और यह वचन शुरू किया:
“अमालेक उन राष्ट्रों में आगे था,
किंतु उसका अंत विनाश ही है.”
बिलआम की छठी नबूवत
इसके बाद बिलआम ने केनियों की ओर अपनी दृष्टि उठाई, तथा अपना वचन इस प्रकार ज़ारी रखा:
“तुम्हारा निवास तो अति दृढ़ है,
तुम्हारा बसेरा चट्टान की सुरक्षा में बसा है;
यह होने पर भी केनी उजड़ हो जाएगा;
अश्शूर तुम्हें कब तक बंदी रखेगा?”
बिलआम की सातवीं नबूवत
इसके बाद बिलआम ने अपने वचन में यह कहा:
“परमेश्वर द्वारा ठहराए गए के अलावा जीवित कौन रह सकता है?
किंतु जहाज़ कित्तिम तट से आते रहेंगे;
वे अश्शूर को ताड़ना देंगे, एबर को ताड़ना देंगे,
इस प्रकार उनका अंत भी नाश ही होगा.”
इसके बाद बिलआम अपने नगर को लौट गया तथा बालाक भी अपने स्थान पर लौट गया.
गणना 25:1-18
मोआब से इस्राएल को लुभाना
जब इस्राएली शित्तीम में डेरे डाले हुए थे, तब वे मोआब की उन युवतियों के साथ कुकर्म करने लगे, जिन्होंने उन्हें देवताओं के लिए बलि अर्पण-उत्सव में आमंत्रित करना शुरू कर दिया था. इस्राएलियों ने उनके देवताओं के सामने भोजन करना एवं दंडवत करना शुरू कर दिया था. इस प्रकार इस्राएलियों ने पेओर के बाल के साथ स्वयं को जोड़ लिया था. इससे याहवेह इस्राएल पर क्रोधित हो गए.
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “दिन के प्रकाश में याहवेह के सामने सारी प्रजा के प्रधानों को फांसी दे दो, ताकि इस्राएल पर से याहवेह का भड़का हुआ क्रोध शांत हो सके.”
फिर मोशेह ने इस्राएल के न्यायियों को आदेश दिया, “तुममें से हर एक अपने-अपने गोत्र के ऐसे हर एक व्यक्ति को मार डालें, जो पेओर के बाल का भक्त हो चुका है.”
उसी समय यह देखा गया: सारी इस्राएली प्रजा एवं मोशेह के देखते-देखते, जब वे सब मिलनवाले तंबू के द्वार के सामने रो रहे थे, तब एक इस्राएली व्यक्ति अपने संबंधियों के सामने एक मिदियानी स्त्री ले आया. जब पुरोहित अहरोन के पौत्र एलिएज़र के पुत्र फिनिहास ने यह देखा, तब वह सारी सभा के सामने उठा, अपने हाथ में एक बर्छी ली, उस शिविर के भीतर जाकर उस इस्राएली पुरुष तथा मिदियानी स्त्री, दोनों को बेध डाला, बर्छी दोनों ही की देह को बेध कर पार निकल गई. इससे इस्राएल पर आई यह महामारी थम गई; महामारी से मरने वालों की संख्या 24,000 पहुंच गई.
याहवेह ने मोशेह पर यह सत्य प्रकट किया, “पुरोहित अहरोन के पुत्र एलिएज़र के पुत्र फिनिहास ने इस्राएल के घराने पर भड़के मेरे क्रोध को शांत कर दिया है. उन लोगों के बीच वही था जिसमें वही जलन थी, जो मुझमें थी. इसलिए मैंने अपनी जलन में इस्राएल के घराने को नाश नहीं कर डाला. तुम उसे सूचित करो: यह समझ लो कि मैं उसके साथ अपनी शांति की वाचा स्थापित कर रहा हूं. इसका संबंध उससे तथा उसके वंशजों से है, यह सदा के लिए पुरोहित पद की वाचा है, क्योंकि उसमें उसके परमेश्वर के लिए जलन थी. उसने इस्राएल के घराने के लिए प्रायश्चित पूरा कर दिया है.”
उस इस्राएली व्यक्ति का नाम, जिसको उस मिदियानी स्त्री के साथ मारा गया था, ज़िमरी था, जिसका पिता सालू था, जो शिमओन के गोत्र से उनके घराने का प्रधान था. उस मारी गई मिदियानी स्त्री का नाम कोज़बी था, वह ज़ुर नामक व्यक्ति की पुत्री थी, जो मिदियानी प्रजा में घराने का प्रधान था.
इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “मिदियानियों के प्रति शत्रुता बनाए रखो तथा उनका नाश कर दो. क्योंकि वे तुम्हारे साथ छल करते हुए तुम्हारे शत्रु बने रहे हैं, इसी के विषय में उन्होंने पेओर की घटना में तुमसे छल किया तथा कोज़बी, मिदियानी प्रधान की पुत्री के संदर्भ में भी, जो उनकी जाति की थी, जिसको पेओर की घटना के कारण महामारी के दिन मारा गया था.”