मत्तियाह 21:1-17 HCV

मत्तियाह 21:1-17

विजय की खुशी में येरूशलेम प्रवेश

जब वे येरूशलेम नगर के पास पहुंचे और ज़ैतून पर्वत पर बैथफ़गे नामक स्थान पर आए, येशु ने दो चेलों को इस आज्ञा के साथ आगे भेजा, “सामने गांव में जाओ. वहां पहुंचते ही तुम्हें एक गधी बंधी हुई दिखाई देगी. उसके साथ उसका बच्चा भी होगा. उन्हें खोलकर मेरे पास ले आओ. यदि कोई तुमसे इस विषय में प्रश्न करे तो तुम उसे यह उत्तर देना, ‘प्रभु को इनकी ज़रूरत है.’ वह व्यक्ति तुम्हें आज्ञा दे देगा.”

यह घटना भविष्यवक्ता द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी:

ज़ियोन की बेटी21:5 ज़कर 9:9 को यह सूचना दो:

तुम्हारे पास तुम्हारा राजा आ रहा है;

वह नम्र है और वह गधे पर बैठा हुआ है,

हां, गधे के बच्‍चे पर, बोझ ढोनेवाले के बच्‍चे पर.

शिष्यों ने येशु की आज्ञा का पूरी तरह पालन किया और वे गधी और उसके बच्‍चे को ले आए, उन पर अपने बाहरी कपड़े बिछा दिए और येशु उन कपड़ो पर बैठ गए. भीड़ में से अधिकांश ने मार्ग पर अपने बाहरी कपड़े बिछा दिए. कुछ अन्यों ने पेड़ों की टहनियां काटकर मार्ग पर बिछा दीं. येशु के आगे-आगे जाती हुई तथा पीछे-पीछे आती हुई भीड़ ये नारे लगा रही थी

“दावीद के पुत्र की होशान्‍ना21:9 होशान्‍ना इब्री भाषा के इस शब्द का आशय होता है बचाइए जो यहां जयघोष के रूप में प्रयुक्त किया गया है!”

“धन्य है, वह जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं.”

“सबसे ऊंचे स्थान में होशान्‍ना!”

जब येशु ने येरूशलेम नगर में प्रवेश किया, पूरे नगर में हलचल मच गई. उनके आश्चर्य का विषय था: “कौन है यह?”

भीड़ उन्हें उत्तर दे रही थी, “यही तो हैं वह भविष्यद्वक्ता—गलील के नाज़रेथ के येशु.”

दूसरी बार-येशु द्वारा मंदिर की शुद्धि

येशु ने मंदिर में प्रवेश किया और उन सभी को मंदिर से बाहर निकाल दिया, जो वहां लेनदेन कर रहे थे. साथ ही येशु ने साहूकारों की चौकियां उलट दीं और कबूतर बेचने वालों के आसनों को पलट दिया. येशु ने उन्हें फटकारते हुए कहा, “पवित्र शास्त्र का लेख है: मेरा मंदिर प्रार्थना का घर कहलाएगा किंतु तुम इसे डाकुओं की खोह बना रहे हो.”21:13 यशा 56:7 येरे 7:11

मंदिर में ही, येशु के पास अंधे और लंगड़े आए और येशु ने उन्हें स्वस्थ किया. जब प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों ने देखा कि येशु ने अद्भुत काम किए हैं और बच्‍चे मंदिर में, “दावीद की संतान की होशान्‍ना” के नारे लगा रहे हैं, तो वे अत्यंत गुस्सा हुए.

और येशु से बोले, “तुम सुन रहे हो न, ये बच्‍चे क्या नारे लगा रहे हैं?”

येशु ने उन्हें उत्तर दिया,

“हां, क्या आपने पवित्र शास्त्र में कभी नहीं पढ़ा,

बालकों और दूध पीते शिशुओं के मुख से

आपने अपने लिए अपार स्तुति का प्रबंध किया है?”21:16 स्तोत्र 8:2

येशु उन्हें छोड़कर नगर के बाहर चले गए तथा आराम के लिए बैथनियाह नामक गांव में ठहर गए.

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