यहोशू 21:20-45, यहोशू 22:1-34 HCV

यहोशू 21:20-45

तब कोहाथ वंश को, जो लेवी थे, तथा कोहाथ के बचे हुए पुरोहितों को एफ्राईम गोत्र से नगर दिये:

उन्होंने इन्हें एफ्राईम के पर्वतीय प्रदेश से

शेकेम (जो मनुष्य के हत्यारे के लिए ठहराए शरण शहर) और गेज़ेर किबज़यिम तथा बेथ-होरोन और इसके चराइयों के साथ; चार नगर दिये.

दान के गोत्र से:

एलतके, गिब्बथोन, अय्जालोन गथ-रिम्मोन; उनके चराइयों के साथ चार नगर दिये.

मनश्शेह के आधे गोत्र में से:

उन्होंने उन्हें तानख और गथ-रिम्मोन; उनके चराइयों के साथ, दो नगर दिये.

कोहाथ वंश के बचे हुए परिवारों को दस नगर चराइयों सहित दिए गए.

गेरशोन वंश को, जो लेवी गोत्र से थे:

मनश्शेह के आधे गोत्र में से

बाशान का गोलान (जो हत्यारे के लिए निश्चित शरण शहर था) और उसके चराइयों सहित, बएशतरा उसके चराइयों सहित, दो नगर दिए.

इस्साखार के गोत्र में से:

किशयोन, दाबरथ, यरमूथ और एन-गन्‍नीम उसके चराइयों सहित; चार नगर दिये.

आशेर के गोत्र से:

मिशआल, अबदोन, हेलकथ तथा रेहोब उनके चराइयों सहित चार नगर दिए;

नफताली गोत्र से:

उन्होंने उन्हें गलील में केदेश (जो हत्यारे के लिए निश्चित शरण शहर था), हम्मोथ-दोर तथा करतान; उनके चराइयों सहित तीन नगर दिये.

उनके परिवारों के अनुसार गेरशोन वंश को कुल तेरह नगर, उनके चराइयों सहित दिये.

मेरारी वंश के परिवारों को, जो लेवी गोत्र से बचे हुए थे:

उन्होंने ज़ेबुलून के गोत्र से:

योकनआम, करता, दिमना तथा नहलाल, सबको चराइयों सहित; चार नगर दे दिए.

रियूबेन के गोत्र से:

उन्होंने उन्हें बेज़र, यहत्स, केदेमोथ तथा मेफाअथ उनके चराइयों सहित चार नगर दिए;

गाद के गोत्र से:

उन्होंने उन्हें रामोथ-गिलआद (जो हत्यारे के लिए निश्चित शरण शहर था) उसके चराई के सहित, माहानाईम, हेशबोन तथा याज़र; उनके चराइयों सहित कुल चार नगर दिए.

ये सभी नगर उनके परिवारों के अनुसार मेरारी वंश, और बचे हुए लेवियों के हो गए. उनके हिस्से में कुल बारह नगर आए.

इस्राएल वंश के मध्य लेवियों के हिस्से में उनके चराइयों सहित अड़तालीस नगर आए. इन सभी नगरों के चारों और हरियाली थी; यह इन सभी नगरों के लिए सच था.

याहवेह ने इस्राएल को वह पूरा देश दे दिया, जिसकी शपथ उन्होंने उनके पूर्वजों से की थी. उन्होंने इस देश पर अपना अधिकार कर लिया और वे इसमें रहने लगे. याहवेह द्वारा उन्हें चारों ओर से शान्तिपूर्ण वातावरण मिला—जैसी शपथ याहवेह ने उनके पूर्वजों से की थी. कोई भी शत्रु उनके सामने ठहर न सका—याहवेह ने सभी शत्रु उनके अधीन कर दिए. इस्राएल वंश से याहवेह द्वारा किया गया एक भी वायदा पूरा हुए बिना न रहा. सब वायदे याहवेह ने पूरे किए.

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यहोशू 22:1-34

यरदन के पूर्व के कुल

तब यहोशू ने रियूबेन और गाद के गोत्र तथा मनश्शेह के आधे गोत्र को बुलवाया और उनसे कहा, “याहवेह के सेवक मोशेह ने जो आज्ञाएं तुम्हें दी थीं, तुमने उन सबका पालन किया, तथा मेरी भी सब बातों को माना है. तुमने बीते दिनों से आज तक अपने भाई-बंधुओं की बुराई नहीं की, परंतु तुमने याहवेह, अपने परमेश्वर द्वारा दिए गए आदेशों को माना है. और अब, उनसे की गई अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारे भाई-बंधुओं को शान्तिपूर्ण और आरामदायक वातावरण दिया. अब तुम अपने तंबू में जाओ, जिसका अधिकार तुम्हें दिया गया है, जो तुम्हें यरदन के पार याहवेह के सेवक मोशेह द्वारा मिला है. तुम मोशेह द्वारा दिये आदेशों व नियमों को सावधानी से मानते रहना, और याहवेह अपने परमेश्वर से प्रेम करना, उनकी विधियों को मानना, उनके प्रति एक मन होकर रहना, तथा उनकी सेवा पूरे हृदय से करते रहना.”

यह कहते हुए यहोशू ने उन्हें आशीष देकर विदा किया और वे सब अपने-अपने तंबू में चले गए. मोशेह ने मनश्शेह के आधे गोत्र को बाशान में संपत्ति दी थी, किंतु अन्य आधे गोत्र को यहोशू ने यरदन के पश्चिम में उनके बंधुओं के साथ भूमि दी थी. यहोशू ने उन्हें उनके तंबू में जाने को कहा और यहोशू ने उन्हें आशीष देकर विदा किया. यहोशू ने कहा, “अपने-अपने तंबू में से संपत्ति एवं पशु, चांदी, सोना, कांसा, लोहा तथा वस्त्र को लेकर आओ, और अपने भाई-बंधुओं के साथ शत्रुओं से लूटी गई सामग्री बांट लो.”

तब रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र अपने-अपने घर को चले गये और कनान देश में शीलो पर जाकर इस्राएल वंश से अलग हो गए, और गिलआद देश की ओर बढ़ गए, जहां उनकी संपत्ति थी, जिसे उन्होंने मोशेह के द्वारा याहवेह से पाया था.

जब वे यरदन पहुंचे, जो कनान देश में है, रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र के लोगों ने यरदन के तट पर एक वेदी बनाई, जो बहुत बड़ी थी. जब इस्राएलियों को यह पता चला, तो वे कहने लगे, “देखो, रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र ने कनान देश के द्वार पर एक वेदी बनाई है, जो यरदन में उस ओर है, जो इस्राएल के वंश की संपत्ति है.” जब इस्राएल वंश ने यह सुना तब पूरा इस्राएल शीलो में उनसे युद्ध करने के इच्छा से जमा हुआ.

तब इस्राएल वंश ने एलिएज़र के पुत्र फिनिहास को गिलआद देश में रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र से मिलने के लिए भेजा. उसके साथ उन्होंने दस प्रधान भी भेजे जो इस्राएल के हर गोत्र के परिवार की ओर से एक-एक था. उनमें से हर एक इस्राएल के पूर्वजों के घरानों का प्रधान था.

इन सबने गिलआद में रियूबेन, गाद गोत्र तथा मनश्शेह के आधे गोत्र से मिलकर उनसे कहा, “याहवेह की पूरी प्रजा की ओर से यह संदेश है: ‘इस्राएल के परमेश्वर के प्रति तुमने गलत काम क्यों किया? तुमने उनके वचन पर चलना छोड़ दिया और तुमने अपने लिए एक वेदी बनाई है. तुमने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है! क्या पेओर का अपराध कम था, जिससे हम अब तक बाहर न आ सके, जिसके कारण याहवेह के लोगों में महामारी फैल गई थी; क्या, तुम्हें भी याहवेह के पीछे चलना छोड़ना पड़ रहा है?

“ ‘यदि आज तुम लोग याहवेह के विरुद्ध विद्रोह करोगे तो वह इस्राएल की सारी प्रजा से रुठ जाएंगे. फिर भी, यदि तुम्हारा यह देश अशुद्ध है, तो इस देश से चले जाओ, जो याहवेह के अधीन है, जहां याहवेह की उपस्थिति है और हमारे मध्य आकर बस जाओ. बस, याहवेह हमारे परमेश्वर की वेदी के बदले अपने लिए वेदी बनाकर याहवेह तथा हमारे विरुद्ध विद्रोह मत करो. क्या, तुम्हें याद नहीं कि ज़ेराह के पुत्र आखान ने भेंट की हुई वस्तुओं के संबंध में छल किया, और पूरे इस्राएल पर दंड आया? उसकी गलती के कारण केवल उसकी ही मृत्यु नहीं हुई.’ ”

यह सुन रियूबेन तथा गाद गोत्र और मनश्शेह के आधे गोत्र ने इस्राएल के परिवारों के प्रधानों को उत्तर दिया, “सर्वशक्तिमान हैं परमेश्वर याहवेह! सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं, याहवेह! वह सर्वज्ञानी हैं, और इस्राएल को भी यह मालूम हो जाए, कि यदि यह विद्रोह के उद्देश्य से किया गया है, और यदि यह याहवेह के प्रति धोखा है तो, आज आप हमें न छोड़ें! यदि हमने इस वेदी को याहवेह से अलग होने के लिए किया है, या इसलिये कि इस पर होमबलि अन्‍नबलि अथवा मेल बलि चढ़ाएं तो, स्वयं याहवेह हमसे इसका हिसाब लें.

“यह करने के पीछे हमारी यह इच्छा थी: भविष्य में कहीं वह समय न आ जाए, जब आपके बच्‍चे हमारे बच्चों से कहें, ‘इस्राएल के परमेश्वर याहवेह से तुम्हारा क्या लेना देना है? क्योंकि याहवेह ने तुम्हारे तथा हमारे बीच में यरदन को एक सीमा बना दिया है. तुम, जो रियूबेन तथा गाद वंश के हो; याहवेह में तुम्हारा कोई भाग नहीं है.’ ऐसा कहकर आपकी संतान हमारी संतान को याहवेह के प्रति जो भय और आदर के योग्य है उससे दूर कर देगी तो?

“इसलिये हमने सोचा है, ‘हम एक वेदी बनाये जो होमबलि और मेल बलि के लिए नहीं,’ परंतु इसलिये कि यह आपके तथा हमारे और हमारी आनेवाली पीढ़ियों के बीच गवाह हो, कि हम अपनी होमबलियों, तथा मेल बलियों के द्वारा याहवेह के समक्ष उनकी सेवा-आराधना करेंगे, और आपकी संतान हमारी संतान से कभी यह न कहे, ‘तुम्हारे याहवेह से हमारा कोई लेना देना नहीं है.’

“तब हमने यह विचार भी किया, कि हो सकता है कि भविष्य में यदि वे हमसे अथवा हमारी पीढ़ी के लोगों से यह पूछे, तब उनके लिए हमारा उत्तर होगा, ‘हमारे पूर्वजों द्वारा बनाया याहवेह की वेदी देख लो, जो न तो होमबलि के लिए है और न ही मेल बलि के लिए, परंतु यह हमारे और तुम्हारे बीच एक गवाह बनने के लिए है.’

“कभी ऐसा न हो कि हम याहवेह हमारे परमेश्वर की वेदी को छोड़कर होमबलि, अन्‍नबलि तथा मेल बलि चढ़ाने के लिए दूसरी वेदी बनाकर याहवेह से दूर हो जायें, उनके पीछे चलना छोड़ दें.”

जब पुरोहित फिनिहास, सभा के नेताओं तथा इस्राएल के परिवारों के प्रधानों ने, जो उस समय वहां थे, रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के वंश से जब यह सब सुना, तब वे खुश हो गये. एलिएज़र के पुत्र फिनिहास ने रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह वंश को बताया, “आज हमें विश्वास हो गया हैं कि याहवेह हमारे साथ है, क्योंकि तुमने याहवेह की दृष्टि में कोई बुरा नहीं किया हैं. तुमने इस्राएल वंश को याहवेह के द्वारा सजा पाने से बचा लिया है.”

तब एलिएज़र के पुत्र पुरोहित फिनिहास तथा सभी प्रधान, रियूबेन तथा गाद वंश के देश गिलआद से इस्राएल वंश के देश कनान को लौट गए और उन्हें सब बात बता दी. सब बात सुनकर इस्राएल वंशी खुश हो गए. उन्होंने परमेश्वर की महिमा की. और उन्होंने उस देश को, जिसमें रियूबेन तथा गाद वंश के लोग रह रहे थे, नष्ट करने के उद्देश्य से उनसे युद्ध करने का विचार छोड़ दिया.

रियूबेन एवं गाद वंश ने उस वेदी को एद अर्थात् स्मारक नाम दिया, क्योंकि यह वेदी याहवेह परमेश्वर तथा उनके मध्य एक यादगार थी.

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