येरेमियाह 9:17-26
यह सेनाओं के याहवेह का आदेश है:
“विचार करके उन स्त्रियों को बुला लो, जिनका व्यवसाय ही है विलाप करना, कि वे यहां आ जाएं;
उन स्त्रियों को, जो विलाप करने में निपुण हैं,
कि वे यहां तुरंत आएं
तथा हमारे लिए विलाप करें
कि हमारे नेत्रों से आंसू उमड़ने लगे,
कि हमारी पलकों से आंसू बहने लगे.
क्योंकि ज़ियोन से यह विलाप सुनाई दे रहा है:
‘कैसे हो गया है हमारा विनाश!
हम पर घोर लज्जा आ पड़ी है!
क्योंकि हमने अपने देश को छोड़ दिया है
क्योंकि उन्होंने हमारे आवासों को ढाह दिया है.’ ”
स्त्रियों, अब तुम याहवेह का संदेश सुनो;
तुम्हारे कान उनके मुख के वचन सुनें.
अपनी पुत्रियों को विलाप करना सिखा दो;
तथा हर एक अपने-अपने पड़ोसी को शोक गीत सिखाए.
क्योंकि मृत्यु का प्रवेश हमारी खिड़कियों से हुआ है
यह हमारे महलों में प्रविष्ट हो चुका है;
कि गलियों में बालक नष्ट किए जा सकें
तथा नगर चौकों में से जवान.
यह वाणी करो, “याहवेह की ओर से यह संदेश है:
“ ‘मनुष्यों के शव खुले मैदान में
विष्ठा सदृश पड़े हुए दिखाई देंगे,
तथा फसल काटनेवाले द्वारा छोड़ी गई पूली सदृश,
किंतु कोई भी इन्हें एकत्र नहीं करेगा.’ ”
याहवेह की ओर से यह आदेश है:
“न तो बुद्धिमान अपनी बुद्धि का अहंकार करे
न शक्तिवान अपने पौरुष का
न धनाढ्य अपनी धन संपदा का,
जो गर्व करे इस बात पर गर्व करे:
कि उसे मेरे संबंध में यह समझ एवं ज्ञान है,
कि मैं याहवेह हूं जो पृथ्वी पर निर्जर प्रेम,
न्याय एवं धार्मिकता को प्रयोग करता हूं,
क्योंकि ये ही मेरे आनंद का विषय है,”
यह याहवेह की वाणी है.
“यह ध्यान रहे कि ऐसे दिन आ रहे हैं,” याहवेह यह वाणी दे रहे हैं, “जब मैं उन सभी को दंड दूंगा, जो ख़तनित होने पर भी अख़तनित ही हैं— मिस्र, यहूदिया, एदोम, अम्मोन वंशज, मोआब तथा वे सभी, जिनका निवास मरुभूमि में है, जो अपनी कनपटी के केश क़तर डालते हैं. ये सभी जनता अख़तनित हैं, तथा इस्राएल के सारे वंशज वस्तुतः हृदय में अख़तनित ही हैं.”
येरेमियाह 10:1-25
मूर्ति पूजा एवं सच्चा स्तवन
इस्राएल वंशजों, तुम्हें संबोधित बात सुनो. याहवेह कह रहे हैं:
“अन्य जनताओं के आचार-व्यवहार परिपाटी एवं प्रथाओं को सीखने का प्रयास न करो
और न ही आकाश में घटित हो रहे असाधारण लक्षणों से विचलित हो जाओ,
यद्यपि अन्य राष्ट्र, निःसंदेह, इनसे विचलित हो जाते हैं.
क्योंकि लोगों की प्रथाएं मात्र भ्रम हैं,
कारण यह वन से काटकर लाया गया काठ ही तो है,
काष्ठ शिल्पी द्वारा उसके छेनी से बनाया गया है.
वे ही इन्हें स्वर्ण और चांदी से सजाते है;
इन्हें कीलों द्वारा हथौड़ों के प्रहार से जोड़ा जाता है
कि ये अपने स्थान पर स्थिर रहें.
उनकी प्रतिमाएं ककड़ी के खेत में खड़े किए गए बिजूखा10:5 बिजूखा पक्षियों को डराने का पुतला सदृश हैं,
जो बात नहीं कर सकतीं;
उन्हें तो उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है
क्योंकि वे तो चल ही नहीं सकतीं.
मत डरो उनसे;
वे कोई हानि नहीं कर सकतीं
वस्तुतः वे तो कोई कल्याण भी नहीं कर सकतीं.”
याहवेह, कोई भी नहीं है आपके सदृश;
आप महान हैं,
और सामर्थ्य में असाधारण हैं आपकी प्रतिष्ठा.
राष्ट्रों का राजा,
कौन हो सकता है वह
जिसमें आपके प्रति श्रद्धा न होगी?
वस्तुतः आप ही हैं इसके योग्य
क्योंकि राष्ट्रों के सारे बुद्धिमानों के मध्य,
तथा राष्ट्रों के सारे राज्यों में कोई भी नहीं है आपके तुल्य.
किंतु वे पूर्णतः निर्बुद्धि एवं मूर्ख हैं;
उनकी शिक्षाएं धोखे के सिवा और कुछ नहीं.
तरशीश से पीटी हुई चांदी
तथा उपहाज़ से स्वर्ण लाया जाता है.
शिल्पी एवं स्वर्णकार की हस्तकला हैं
वे नीले और बैंगनी वस्त्र उन्हें पहनाए जाते हैं—
ये सभी दक्ष शिल्पियों की कलाकृति-मात्र हैं.
किंतु याहवेह सत्य परमेश्वर हैं;
वे अनंत काल के राजा हैं.
उनके कोप के समक्ष पृथ्वी कांप उठती है;
तथा राष्ट्रों के लिए उनका आक्रोश असह्य हो जाता है.
“उनसे तुम्हें यह कहना होगा: ‘वे देवता, जिन्होंने न तो आकाश की और न पृथ्वी की सृष्टि की है, वे पृथ्वी पर से तथा आकाश के नीचे से नष्ट कर दिए जाएंगे.’ ”
याहवेह ही हैं जिन्होंने अपने सामर्थ्य से पृथ्वी की सृष्टि की;
जिन्होंने विश्व को अपनी बुद्धि द्वारा प्रतिष्ठित किया है,
अपनी सूझ-बूझ से उन्होंने आकाश को विस्तीर्ण कर दिया.
उनके स्वर उच्चारण से आकाश के जल में हलचल मच जाती है;
वही हैं जो चारों ओर से मेघों का आरोहण बनाया करते हैं.
वह वृष्टि के लिए बिजली को अधीन करते हैं
तथा अपने भण्डारगृह से पवन को चलाते हैं.
हर एक मनुष्य मूर्ख है—ज्ञानहीन;
हर एक स्वर्णशिल्पी अपनी ही कृति प्रतिमा द्वारा लज्जित किया जाता है.
क्योंकि उसके द्वारा ढाली गई प्रतिमाएं धोखा हैं;
उनमें जीवन-श्वास तो है ही नहीं.
ये प्रतिमाएं सर्वथा व्यर्थ हैं, ये हास्यपद कृति हैं;
जब उन पर दंड का अवसर आएगा, वे नष्ट हो जाएंगी.
याहवेह जो याकोब की निधि हैं इनके सदृश नहीं हैं,
क्योंकि वे सभी के सृष्टिकर्ता हैं,
इस्राएल उन्हीं के इस निज भाग का कुल है—
उनका नाम है सेनाओं का याहवेह.
आनेवाला विनाश
तुम, जो शत्रु द्वारा घिरे हुए जिए जा रहे हो,
भूमि पर से अपनी गठरी उठा लो.
क्योंकि याहवेह का संदेश यह है:
“यह देख लेना कि मैं इस देश के निवासियों को
इस समय प्रक्षेपित करने पर हूं;
मैं उन पर विपत्तियां ले आऊंगा
कि उन्हें वस्तुस्थिति का बोध हो जाए.”
धिक्कार है मुझ पर! मैं निराश हो चुका हूं!
असाध्य है मेरा घाव!
किंतु मैंने विचार किया,
“निश्चयतः यह एक रोग है, यह तो मुझे सहना ही होगा.”
मेरा तंबू नष्ट हो चुका है;
रस्सियां टूट चुकी हैं.
मेरे पुत्र मुझे छोड़ चुके हैं, कोई भी न रहा;
जो पुनः मेरे तंबू को खड़ा करे ऐसा कोई भी नहीं,
जो इसमें पर्दे लटकाए.
कारण यह है कि चरवाहे मूर्ख हैं
और उन्होंने याहवेह की बातें ज्ञात करना आवश्यक न समझा;
इसलिये वे समृद्ध न हो सके
और उनके सभी पशु इधर-उधर बिखर गए हैं.
समाचार यह आ रहा है, कि वे आ रहे हैं—
उत्तर दिशा के देश से घोर अशांति की आवाज!
कि यहूदिया के नगरों को निर्जन
तथा सियारों का बसेरा बना दिया जाए.
येरेमियाह की प्रार्थना
याहवेह, मैं उत्तम रीति से इस बात से अवगत हूं कि मनुष्य अपनी गतिविधियों को स्वयं नियंत्रित नहीं करता;
न ही मनुष्य अपने कदम स्वयं संचालित कर सकता है.
याहवेह मुझे अनुशासित करिये किंतु सही तरीके से—
यह अपने क्रोध में न कीजिए,
अन्यथा मैं तो मिट ही जाऊंगा.
अपना कोप उन जनताओं पर उंडेल दीजिए
जो आपको नहीं जानते तथा उन परिवारों पर भी,
जो आपसे गिड़गिड़ाने नहीं देते.
क्योंकि इन राष्ट्रों ने याकोब को समाप्त कर दिया है;
उन्होंने याकोब को निगल कर उसे पूर्णतः
नष्ट कर दिया है तथा उसके आवास को उजाड़ बना दिया है.
येरेमियाह 11:1-17
भंग की गई वाचा
वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया: “इस वाचा के वचन पर ध्यान दो, और फिर जाकर यहूदिया तथा येरूशलेम के निवासियों के समक्ष इसकी बात करो. उनसे कहना, याहवेह इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: ‘श्रापित है वह व्यक्ति जो इस वाचा की विषय-वस्तु की ओर ध्यान नहीं देता; जिसका आदेश मैंने तुम्हारे पूर्वजों को उस समय दिया था, जब मैंने उन्हें मिस्र देश से लौह-भट्टी से यह कहते हुए निराश किया था. मेरे आदेश का पालन करो तथा मेरे आदेशों का आचरण करो, कि तुम मेरी प्रजा हो जाओ तथा मैं तुम्हारा परमेश्वर. कि मैं तुम्हारे पूर्वजों को एक देश प्रदान करने की शपथ पूर्ण करूं, जिस देश में दुग्ध एवं मधु धारा-सदृश विपुलता में प्रवाहित होते रहते हैं,’ जैसा कि यह वर्तमान में भी है.”
यह सुन मैं कह उठा, “याहवेह, ऐसा ही होने दीजिए.”
याहवेह ने मुझे उत्तर दिया, “यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में इस वचन की वाणी करो: ‘इस वाचा के वचन को सुनो तथा उसका अनुकरण करो. क्योंकि मैंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर लाते समय उन्हें गंभीर चेतावनी दी थी, आज भी मैं उन्हें आग्रही चेतावनी दे रहा हूं, “मेरे आदेश सुनो.” फिर भी न तो उन्होंने मेरे आदेश का पालन किया और न ही उन पर ध्यान देना उपयुक्त समझा; बल्कि, उनमें से हर एक अपने कुटिल हृदय की हठीली उत्प्रेरणा में मनमानी करता रहा. जब उन्होंने मेरे इन आदेशों का पालन नहीं किया, मैंने वाचा में बताए सारे शाप उन पर अधीन कर दिए.’ ”
तब याहवेह ने मुझ पर प्रकट किया, “यहूदिया की प्रजा में तथा येरूशलेम वासियों में एक षड़्यंत्र का भेद खुला है. वे अपने उन्हीं पूर्वजों के अधर्म में लौट चुके हैं, जिन्होंने मेरे आदेशों का पालन करना अस्वीकार कर दिया था और वे परकीय देवताओं की उपासना करने लगे. इस्राएल वंशज तथा यहूदाह गोत्रजों ने मेरी वह वाचा भंग कर दी है, जो मैंने उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी. इसलिये यह याहवेह की वाणी है: ‘यह देखना कि मैं उन पर ऐसी विपत्ति लाने पर हूं जिससे उनका बच निकलना असंभव होगा, यद्यपि वे मेरी ओर गिड़गिड़ाने लगें. जिनकी उपासना में वे धूप जलाया करते हैं, किंतु उनकी विपत्ति के समय वे निश्चयतः उनकी रक्षा न कर सकेंगे. क्योंकि यहूदिया, तुम्हारे इन देवताओं की संख्या उतनी ही है; जितनी तुम्हारे नगरों की तथा उस घृणित कार्य के लिए उतनी ही वेदियां हैं—वे वेदियां जिन पर तुम बाल के लिए धूप जलाते हो—जितनी येरूशलेम की गलियां.’
“इसलिये इन लोगों के लिए प्रार्थना मत करो और न उनके लिए मध्यस्थ होकर बिनती करो, क्योंकि जब वे अपने संकट के अवसर पर मेरे पास गिड़गिड़ाने लगे फिर भी मैं उनकी न सुनूंगा.
“अब मेरी प्रिया का मेरे परिवार में क्या स्थान रह गया है
जब वह अनेक कुकर्म कर चुकी है?
क्या तुम्हारे द्वारा अर्पित की गई बलि तुमसे तुम्हारी विपत्ति दूर कर देगी,
कि तुम आनंद मना सको?”
याहवेह ने तुम्हें नाम दिया था
सुंदर आकार तथा मनोरम फल से युक्त हरा जैतून वृक्ष.
किंतु अशांति की उच्च ध्वनि के साथ
याहवेह ने इसमें आग लगा दी है,
अब इसकी शाखाएं किसी योग्य न रहीं.
सेनाओं के याहवेह ने, जिन्होंने तुम्हें रोपित किया, इस्राएल वंश तथा यहूदाह के वंश के द्वारा किए गए संकट के कारण तुम पर संकट का उच्चारण किया है. यह उन्होंने बाल को धूप जलाने के द्वारा मेरे कोप को भड़काने के लिए यह किया है.