येरेमियाह 31:15-40, येरेमियाह 32:1-25 HCV

येरेमियाह 31:15-40

याहवेह की बात यह है:

“रामाह नगर में एक शब्द सुना गया,

रोना तथा घोर विलाप!

राहेल अपने बालकों के लिए रो रही है.

धीरज उसे स्वीकार नहीं

क्योंकि अब वे हैं ही नहीं.”

याहवेह का आदेश है:

“अपने रुदन स्वर को नियंत्रित करो

तथा अपनी अश्रुधारा को प्रतिबद्ध करो,

क्योंकि तुम्हारे श्रम को पुरस्कृत किया जाएगा,”

यह याहवेह की वाणी है.

“वे शत्रु के देश से लौट आएंगे.

तुम्हारा सुखद भविष्य संभव है,”

यह याहवेह की वाणी है.

“तुम्हारे वंशज निज भूमि में लौट आएंगे.

“वस्तुस्थिति यह है कि मैंने एफ्राईम का विलाप करना सुना है:

‘जिस प्रकार उद्दंड बछड़े को प्रताड़ित किया जाता है उसी प्रकार आपने मुझे भी प्रताड़ित किया है,

और मैंने इससे शिक्षा ग्रहण की है.

मुझे अपनी उपस्थिति में ले आइए, कि मैं पूर्ववत हो जाऊं,

क्योंकि याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं.

जब मैं आपसे दूर हो गया था,

तब मैंने लौटकर पश्चात्ताप किया;

जब मेरी समझ में आ गया,

तब मैंने अपनी छाती पीटी; मुझे लज्जित होना पड़ा.

तथा मेरी प्रतिष्ठा भी भंग हो गई

क्योंकि मैं अपनी जवानी की लांछना लिए हुए चल रहा था.’

क्या एफ्राईम मेरा प्रिय पुत्र है,

क्या वह सुखदायक संतान है?

वस्तुतः जब-जब मैंने उसके विरोध में कुछ कहा,

मैंने उसे प्रेम के साथ ही स्मरण किया.

इसलिये मेरा हृदय उसकी लालसा करता रहता है;

इसमें कोई संदेह नहीं कि मैं उस पर अनुकम्पा करूंगा,”

यह याहवेह की वाणी है.

“अब अपने लिए मार्ग निर्देश नियत कर लो;

अपने लिए तोड़ सूचक खड़े कर लो.

तुम्हारा ध्यान राजपथ की ओर लगा रहे,

उसी मार्ग पर, जिससे तुम गए थे.

कुंवारी इस्राएल, लौट आओ,

लौट आओ अपने इन्हीं नगरों में.

हे भटकने वाली कन्या,

कब तक तुम यहां वहां भटकती रहोगी?

याहवेह ने पृथ्वी पर एक अपूर्व परिपाटी प्रचलित कर दी है—

अब पुरुष के लिए स्त्री सुरक्षा घेरा बनेगी.”

इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की यह वाणी है: “जब मैं उनकी समृद्धि लौटा दूंगा, तब यहूदिया देश में तथा उसके नगरों में पुनः ‘उनके मुख से ये वचन निकलेंगे, पवित्र पर्वत, पूर्वजों के आश्रय, याहवेह तुम्हें आशीष दें.’ यहूदिया के सभी नगरों के निवासी, किसान तथा चरवाहे अपने पशुओं सहित वहां एक साथ निवास करेंगे. क्योंकि मैं थके हुए व्यक्ति में संतोष, तथा हताश व्यक्ति में उत्साह का पुनःसंचार करता हूं.”

यह सुन मैं जाग पड़ा. उस समय मुझे यह बोध हुआ कि मेरी निद्रा मेरे लिए सुखद अनुभूति छोड़ गई है.

“यह देखना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं इस्राएल के परिवार में तथा यहूदिया के परिवार में मनुष्य का तथा पशु का बीज रोपित करूंगा. जिस प्रकार मैं उनके उखाड़ने में, उनके तोड़ने में, उनके पराभव करने में, उनके नष्ट करने में तथा उन पर सर्वनाश लाने में मैं उन पर नजर रखता आया, उसी प्रकार मैं उनका परिरक्षण भी करता रहूंगा, जब वे निर्माण करेंगे तथा रोपण करेंगे,” यह याहवेह की वाणी है. “उन दिनों में उनके मुख से ये शब्द पुनः सुने नहीं जाएंगे,

“ ‘खट्टे अंगूर तो पूर्वजों ने खाए थे,

किंतु दांत खट्टे हुए वंशजों के.’

किंतु हर एक की मृत्यु का कारण होगा स्वयं उसी की पापिष्ठता; हर एक व्यक्ति, जो खट्टे अंगूर खाएगा, दांत उसी के खट्टे होंगे.

“यह देख लेना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है,

“जब मैं इस्राएल वंश के साथ

तथा यहूदिया वंश के साथ

एक नयी वाचा स्थापित करूंगा.

उस वाचा के सदृश नहीं,

जो मैंने उस समय उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी,

जब मैंने उनका हाथ पकड़कर

उन्हें मिस्र देश से उनका निकास किया था,

यद्यपि मैं उनके लिए पति-सदृश था,

उन्होंने मेरी वाचा भंग कर दी,”

यह याहवेह की वाणी है.

“किंतु उन दिनों के बाद इस्राएल वंश के साथ मैं

इस वाचा की स्थापना करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.

“उनके अंतर्मन में मैं अपना व्यवस्था-विधान संस्थापित कर दूंगा

तथा उनके हृदय पर मैं इसे लिख दूंगा.

मैं उनका परमेश्वर हो जाऊंगा,

तथा वे मेरी प्रजा.

तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः

यह कहते हुए यह शिक्षा नहीं देने लगेगा, ‘याहवेह को जान लो,’

क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे,

छोटे से बड़े तक,”

यह याहवेह की वाणी है.

“क्योंकि मैं उनकी पापिष्ठता क्षमा कर दूंगा

तथा इसके बाद उनका पाप मैं पुनः स्मरण ही न करूंगा.”

यह याहवेह की वाणी है,

जिन्होंने दिन को प्रकाशित करने के लिए

सूर्य को स्थित किया है,

जिन्होंने चंद्रमा तथा तारों के क्रम को

रात्रि के प्रकाश के लिए निर्धारित कर दिया,

जो समुद्र को हिलाते हैं

कि उसकी लहरों में गर्जन आए—

उनका नाम है सेनाओं के याहवेह:

“यदि यह व्यवस्थित विन्यास मेरे समक्ष से विघटित होता है,”

यह याहवेह की वाणी है,

“तब एक राष्ट्र के रूप में इस्राएल के वंशजों का अस्तित्व भी

मेरे समक्ष से सदा-सर्वदा के लिए समाप्‍त हो जाएगा.”

यह याहवेह की वाणी है:

“यदि हमारे ऊपर विस्तीर्ण आकाशमंडल का मापा जाना संभव हो जाए

तथा भूतल में पृथ्वी की नीवों की खोज निकालना संभव हो जाए,

तो मैं भी इस्राएल द्वारा किए गए उन सारे कार्यों के कारण

इस्राएल के सभी वंशजों का परित्याग कर दूंगा,”

यह याहवेह की वाणी है.

देखना, “वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब हनानेल स्तंभ से लेकर कोने के प्रवेश द्वार तक याहवेह के लिए नगर को पुनर्निर्माण किया जाएगा. मापक डोर आगे बढ़ती हुई सीधी गारेब पर्वत तक पहुंच जाएगी, तत्पश्चात वह और आगे बढ़कर गोआह की ओर मुड़ जाएगी. शवों तथा भस्म से आच्छादित संपूर्ण घाटी तथा किद्रोन सरिता तक विस्तृत खेत, पूर्व तोड़ के घोड़े-द्वार के कोण तक का क्षेत्र याहवेह के निमित्त पवित्र ठहरेगा. यह क्षेत्र तब सदा-सर्वदा के लिए न तो उखाड़ा जाएगा और न ही ध्वस्त किया जाएगा.”

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येरेमियाह 32:1-25

येरेमियाह एक खेत खरीदता है

यहूदिया के राजा सीदकियाहू के राज्य-काल के दसवें वर्ष में, जो नबूकदनेज्ज़र के राज्य-काल का अठारहवां वर्ष था, याहवेह का संदेश येरेमियाह को भेजा गया. इस समय बाबेल के राजा की सेना येरूशलेम को घेरे हुए थी तथा भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को यहूदिया के राजा के महलों के पहरे के आंगन में बंदी बनाकर रखा गया था.

क्योंकि यहूदिया के राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह को यह कहते हुए बंदी बना रखा था, “तुम यह कहते हुए भविष्यवाणी क्यों करते हो? ‘यह याहवेह का संदेश है, यह देखना, मैं इस नगर को बाबेल के राजा के हाथों में सौंपने पर हूं, और वह इसे प्राप्‍त कर लेगा. तथा यहूदिया का राजा सीदकियाहू के अधिकार से विमुक्त नहीं हो सकेगा, बल्कि वह निश्चयतः बाबेल के राजा के हाथों में सौंप दिया जाएगा. तब वह आमने-सामने उससे वार्तालाप करेगा तथा वे एक दूसरे को अपने-अपने नेत्रों से देख सकेंगे. बाबेल का राजा सीदकियाहू को अपने साथ बाबेल ले जाएगा और वह वहां उस समय तक रखा जाएगा, जब तक मैं उससे भेंट करने वहां न पहुंचूं, यह याहवेह की वाणी है. यदि तुम कसदियों पर आक्रमण भी करो, तुम्हें सफलता प्राप्‍त न होगी.’ ”

येरेमियाह ने यह सूचना दी, “मुझे याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ: यह देखना, तुम्हारे चाचा शल्लूम का पुत्र हनामेल तुमसे भेंट करने आ रहा है. वह तुमसे कहेगा, ‘अनाथोथ का मेरा खेत तुम मोल ले लो, क्योंकि विधान के अंतर्गत यह तुम्हारा ही अधिकार है.’

“तब मेरे चाचा का पुत्र हनामेल, याहवेह के संदेश के अनुरूप, पहरे के आंगन में मुझसे भेंट करने आया और मुझसे कहा, ‘बिन्यामिन प्रदेश के अनाथोथ में मेरा जो खेत है, उसे तुम मोल ले लो. क्योंकि उसके स्वामित्व को तथा उसके निष्क्रय का अधिकार तुम्हारा ही है, तुम्हीं इसे मोल ले लो.’

“तब मुझे यह निश्चय हो गया कि यह याहवेह ही का संदेश था; मैंने अपने चाचा के पुत्र हनामेल से अनाथोथ का खेत मोल ले लिया, इसके लिए मैंने दो सौ ग्राम चांदी उसके लिए तौल दी. मैंने बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर किए तथा उस पर मोहर लगा दी, तब मैंने गवाहों को आमंत्रित किया और तुलामान पर चांदी तौल दी. तब मैंने क्रय-बन्धक पत्र लिए—दोनों ही वह, जिस पर मोहर लगी हुई थी, जिसमें नियम तथा शर्तें निहित थी तथा वह, जो खुली हुई प्रति थी— मैंने क्रय-बन्धक पत्र अपने चाचा के पुत्र हनामेल ही के समक्ष तथा उन साक्ष्यों के समक्ष, जिन्होंने बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे तथा पहरे के आंगन में उस समय बैठे हुए यहूदियों के समक्ष, माहसेइयाह के पौत्र, नेरियाह के पुत्र बारूख को सौंप दिया.

“तब मैंने बारूख को उन्हीं की उपस्थिति में सूचित किया: ‘इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का आदेश है: इन बंधक पत्रों को मोहर लगे क्रय-बन्धक पत्र को तथा इस खुले बंधक-पत्र को लेकर एक मिट्टी के बर्तन में संजो दो, कि ये दीर्घ काल तक सुरक्षित बने रहें. क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: आवास, खेत तथा द्राक्षाउद्यान इस देश में पुनः मोल लिए जाएंगे.’

“जब मैं नेरियाह के पुत्र बारूख को क्रय-बन्धक पत्र सौंप चुका, तब मैंने याहवेह से यह बिनती की:

“प्रभु याहवेह, आपने, मैं जानता हूं आपने अपने विलक्षण सामर्थ्य तथा विस्तीर्ण भुजा के द्वारा आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की है. असंभव तो आपके समक्ष कुछ भी नहीं है. सहस्रों पर आप निर्जर प्रेम अभिव्यक्त करते हैं, किंतु इसके विपरीत आप माता-पिता अथवा पूर्वजों की पापिष्ठता का प्रतिफल उनकी संतान की गोद में डाल देते हैं, आपका नाम सेनाओं के याहवेह है, महान हैं आपके संकल्प और पराक्रमी आपके कर्म! आपकी दृष्टि मानव की हर एक गतिविधि पर लगी रहती है; आप हर एक को उसके आचरण एवं उसके कार्यों के परिणाम के अनुरूप प्रतिफल देते हैं. आपने मिस्र देश में चिन्हों एवं विलक्षण कृत्यों का प्रदर्शन किया तथा आप इस्राएल में तथा सारे मानव जाति दोनों ही के मध्य आज भी कर रहे हैं, तथा आपने अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर ली है, जो आज भी स्थापित है. आपने अपनी प्रजा इस्राएल का मिस्र देश से चिन्हों एवं विलक्षण कार्यों तथा सशक्त बाहुबल, विस्तीर्ण भुजा के सिवा घोर आतंक के साथ निकास किया. तब आपने उन्हें यह देश दे दिया, जिसे देने की शपथ आपने उनके पूर्वजों से की थी, वह देश जिसमें दुग्ध एवं मधु का बहाव है. उन्होंने आकर इस पर अधिकार तो कर लिया, किंतु उन्होंने न तो आपके आदेशों का पालन ही किया और न ही आपके व्यवस्था-विधान का अनुकरण; आपके द्वारा उन्हें जो सारे आदेश दिए गए थे, उन्होंने उनमें से किसी का भी अनुकरण नहीं किया है. यही कारण है, कि आपने उन पर यह विपत्ति आने दी है.

“यह भी देखिए कि नगर अभिग्रहण के लक्ष्य से निर्मित घेराबंदी की ढलान नगर तक पहुंच चुकी है. तलवार, अकाल तथा महामारी के कारण नगर कसदियों के अधिकार में जा चुका है, जिन्होंने इस पर आक्रमण किया है. वस्तुतः इसलिये कि यह आप ही की पूर्वोक्ति है जो कृतार्थ हो रही है, और अब आप ही देख रहे हैं, कि ऐसा ही हो रहा है. प्रभु याहवेह, आपने ही मुझे आदेश दिया था, अपने लिए मूल्य चुका कर खेत क्रय कर लो तथा गवाहों को बुला लो, जबकि नगर कसदियों को सौंपा जा चुका है.”

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