येरेमियाह 29:24-32
शेमायाह के लिए संदेश
नेहेलामी शेमायाह से तुम्हें कहना होगा, “इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: इसलिये कि तुमने स्वयं अपने ही नाम में येरूशलेम में निवास कर रहे लोगों को, मआसेइयाह के पुत्र पुरोहित ज़ेफनियाह को तथा अन्य सभी पुरोहितों को पत्र प्रगट किए हैं, जिनमें यह लिखा गया था, ‘याहवेह ने आपको पुरोहित यहोइयादा के स्थान पर पुरोहित नियुक्त किया है, कि आप याहवेह के भवन में भविष्यवाणी कर रहे हर एक विक्षिप्त व्यक्ति पर पर्यवेक्षक हो जाएं; कि उसे बेड़ी में तथा उसके गले को लौह गली में जकड़ दिया जाए. इसलिये आपने अनाथोथवासी येरेमियाह को फटकार क्यों नहीं लगाई, जो आपके समक्ष भविष्यवाणी करता रहता है? क्योंकि उसी ने तो हमें बाबेल में यह संदेश भेजा किया था: दीर्घकालीन होगी यह बंधुआई; अपने लिए आवास निर्मित करो और उनमें निवास करो, वाटिकाएं रोपित करो तथा उनके उत्पाद का उपभोग करो.’ ”
पुरोहित ज़ेफनियाह ने यह पत्र भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को पढ़ सुनाया. यह होते ही येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्राप्त हुआ: “सभी बंदियों को यह संदेश प्रगट कर दो: ‘नेहेलामी शेमायाह के विषय में याहवेह का संदेश यह है: इसलिये कि शेमायाह ने तुम्हारे समक्ष भविष्यवाणी की है यद्यपि उसे मैंने प्रगट किया ही न था तथा उसने तुम्हें असत्य पर विश्वास करने के लिए उकसा दिया, इसलिये याहवेह का संदेश यह है: यह देखना कि मैं नेहेलामी शेमायाह तथा उसके वंशजों को दंड देने पर हूं. इन लोगों के मध्य में उसका कोई भी शेष न रह जाएगा, वह उस हित को देख न सकेगा, जो मैं अपनी प्रजा के निमित्त करने पर हूं, यह याहवेह की वाणी है, क्योंकि उसने याहवेह के विरुद्ध विद्रोह करना सिखाया था.’ ”
येरेमियाह 30:1-24
इस्राएल की पुनःस्थापना
वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया: “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का आदेश यह है: ‘एक पुस्तक में तुमसे की गई मेरी संपूर्ण बात को लिख लो. क्योंकि यह देख लेना, ऐसे दिन आ रहे हैं,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘जब मैं अपने लोग इस्राएल तथा यहूदिया की समृद्धि लौटा दूंगा,’ याहवेह की यह वाणी है, ‘मैं उन्हें उस देश में लौटा ले आऊंगा, जो मैंने उनके पूर्वजों को प्रदान किया था और वे उस पर अधिकार कर लेंगे.’ ”
इस्राएल एवं यहूदिया से संबंधित याहवेह का वचन यह है: “याहवेह का संदेश यह है:
“ ‘मैंने एक भय की पुकार सुनी है—
आतंक की ध्वनि, शांति है ही नहीं.
ज्ञात करो, विचार करो:
क्या पुरुष के लिए प्रसव संभव है?
तब कारण क्या है कि हर एक पुरुष अपने कमर पर हाथ रखे हुए है,
प्रसूता के सदृश और उनका मुखमंडल विवर्ण क्यों हो गया है?
हाय! क्योंकि भयंकर होगा वह दिन!
ऐसा कभी देखा ही नहीं गया.
यह याकोब की वेदना का समय होगा,
किंतु याकोब इसमें से पार निकल जाएगा.
“ ‘उस दिन ऐसा होगा,’ यह सेनाओं के याहवेह की वाणी है,
‘मैं उसकी गर्दन पर पड़ा हुआ जूआ तोड़ डालूंगा
तथा उनके बंधन तोड़ डालूंगा;
तब इसके बाद अपरिचित आकर उन्हें दास नहीं बनाएंगे.
तब वे याहवेह अपने परमेश्वर
तथा दावीद अपने राजा के अधीन रहेंगे,
जिसका मैं उनके लिए उद्भव करूंगा.
“ ‘याकोब, मेरे सेवक, भयभीत न होओ;
और इस्राएल, हताश न हो जाओ,’
यह याहवेह का आदेश है.
‘क्योंकि तुम यह देखोगे कि तुम चाहे कितनी भी दूर क्यों न रहो,
मैं तुम्हारे वंशजों का उद्धार उनके बंधुआई के देश में से करूंगा.
तब याकोब लौट आएगा, वह सुरक्षित रहेगा तथा सुख-शांति की स्थिति में निवास करेगा,
कोई भी उसे भयभीत न करेगा.
क्योंकि मैं तुम्हारे साथ रहूंगा, कि तुम्हें विमुक्त कर दूं,’
यह याहवेह की वाणी है.
‘मैं उन सभी जनताओं का सर्वनाश कर दूंगा,
जहां मैंने तुम्हें बिखरा दिया था,
किंतु मैं तुम्हें पूर्णतः नष्ट नहीं करूंगा.
मैं तुम्हारी न्यायोचित प्रताड़ना अवश्य करूंगा;
किसी भी स्थिति में मैं तुम्हें अदण्डित न छोडूंगा.’
“क्योंकि याहवेह का स्पष्टीकरण यह है:
“ ‘असाध्य है तुम्हारा घाव,
तथा गंभीर है तुम्हें लगी हुई चोट.
तुम्हारा समर्थन करनेवाला कोई भी नहीं है,
न तो तुम्हारे घाव भरेंगे,
और न ही तुम्हें स्वास्थ्य पुनः प्राप्त होगा.
जिन्हें तुमसे प्रेम था, उन्होंने तुम्हें भूलना पसंद कर दिया है;
उन्हें तुम्हारी कोई चिंता नहीं.
मैंने तुम्हें वह घाव दिया है, जो एक शत्रु ही दे सकता है,
एक ऐसा दंड, जो निर्मम शत्रु दिया करता है,
क्योंकि घोर है तुम्हारा अपराध
तथा असंख्य हैं तुम्हारे पाप.
अपने घावों पर विलाप क्यों कर रहे हो,
तुम्हारी पीड़ा असाध्य है?
इसलिये कि तुम्हारी पापिष्ठता जघन्य है
तथा असंख्य हैं तुम्हारे पाप. मैंने ही तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार किया है.
“ ‘इसलिये वे सभी, जो तुम्हें निगल रहे हैं, स्वयं निगल लिए जाएंगे;
तुम्हारे सब शत्रु बंधुआई में चले जाएंगे.
वे, जो तुम्हें लूट रहे हैं, स्वयं लूट लिए जाएंगे.
वे, जो तुम्हें शिकार बना रहे हैं, मैं उन्हें शिकार होने के लिए सौंप दूंगा.
क्योंकि मैं तुम्हारा स्वास्थ्य पुनःस्थापित करूंगा,
तथा तुम्हारे घावों को भर दूंगा,’
यह याहवेह की वाणी है,
‘क्योंकि उन्होंने तुम्हें गृहवंचित घोषित कर दिया है,
उन्होंने कहा है, यह ज़ियोन है; उन्हें तुम्हारी कोई चिंता नहीं.’
“यह याहवेह की वाणी है:
“ ‘तुम देखना मैं याकोब के शिविर की समृद्धि को लौटाकर दूंगा,
मैं ध्वस्त आवासों के प्रति अनुकम्पा प्रदर्शित करूंगा;
उसके खंडहरों पर ही नगर का पुनर्निर्माण होगा,
तथा महल अपने यथास्थान पर प्रतिष्ठित किया जाएगा.
उनसे धन्यवाद तथा हर्षोल्लास का
स्वर आता रहेगा.
मैं उनकी संख्या में वृद्धि करूंगा,
उनकी संख्या कम न होगी;
मैं उन्हें सम्मान्य बना दूंगा,
वे नगण्य न रहेंगे.
उनकी संतान भी पूर्ववत समृद्ध हो जाएगी,
मेरे समक्ष सारा राष्ट्र प्रतिष्ठित हो जाएगा;
तथा मैं उन्हें दंड दूंगा, जिन्होंने उन पर अत्याचार किया था.
उन्हीं का अपना स्वजन उनका उच्चाधिकारी हो जाएगा;
उन्हीं के मध्य से उनके उच्चाधिकारी का उद्भव होगा.
मेरे आमंत्रण पर वह मेरे निकट आएगा
अन्यथा कैसे मेरे निकट आकर
अपने प्राण को जोखिम में डालेगा?’
यह याहवेह की वाणी है.
‘तब तुम मेरी प्रजा हो जाओगे,
तथा मैं तुम्हारा परमेश्वर.’ ”
देख लो, याहवेह के बवंडर को,
उनका कोप क्रोध हो चुका है,
यह बवंडर सब कुछ उड़ा ले जाएगा
ये बुराइयां सिर पर टूट पड़ेंगी.
याहवेह का प्रचंड कोप तब तक अलग न होगा,
जब तक वह अपने हृदय की बातों को पूर्ण नहीं कर लेते,
जब तक वह इसका निष्पादन नहीं कर लेते.
अंतिम दिनों में
तुम्हारे समक्ष यह सब स्पष्ट हो जाएगा.
येरेमियाह 31:1-14
“उस समय,” यह याहवेह की वाणी है, “मैं इस्राएल के सारे परिवारों का परमेश्वर हो जाऊंगा तथा वे मेरी प्रजा ठहरेंगी.”
यह याहवेह की वाणी है:
“वे लोग, जो तलवार प्रहार से उत्तरजीवित रह गए,
जब इस्राएल ने चैन की खोज की;
उन्हें निर्जन क्षेत्र में आश्रय प्राप्त हो गया.”
सुदूर देश में याहवेह उसके समक्ष प्रकट हुए, याहवेह ने उससे यह बात की:
“मैंने तुम्हें, मेरे लोगों को, अनश्वर प्रेम से प्रेम किया है,
इसलिये मैंने तुम्हें अत्यंत प्रेमपूर्वक अपनी ओर आकर्षित किया है.
तब मैं पुनः तुम्हारा निर्माण करूंगा,
और तुम निर्मित हो जाओगी, कुंवारी इस्राएल तुम पुनः
खंजरी उठाओगी तथा उनमें सम्मिलित हो जाओगी,
जो आनन्दमग्न हो रहे होंगे.
शमरिया की पहाड़ियों पर पुनः
द्राक्षालता रोपण प्रारंभ हो जाएगा;
रोपक इन्हें रोपेंगे
ओर उनका सेवन करेंगे.
क्योंकि एक दिन ऐसा भी आएगा
जब एफ्राईम के पर्वतों से प्रहरी पुकारेंगे,
‘चलो-चलो, हमें याहवेह हमारे परमेश्वर के समक्ष
ज़ियोन को जाना है.’ ”
क्योंकि अब याहवेह का यह आदेश है:
“हर्षोल्लास में याकोब के लिए गायन किया जाए;
तथा राष्ट्रों के प्रमुख के लिए जयघोष किया जाए.
स्तवन के साथ यह वाणी की जाए,
‘याहवेह, अपनी प्रजा को उद्धार प्रदान कीजिए,
उनको, जो इस्राएल के बचे हुए लोग हैं.’
यह देखना, कि मैं उन्हें उत्तरी देश से लेकर आऊंगा,
मैं उन्हें पृथ्वी के दूर क्षेत्रों से एकत्र करूंगा.
उनमें ये सभी होंगे: नेत्रहीन, अपंग,
गर्भवती स्त्री तथा वह जो प्रसूता है;
एक साथ यह विशाल जनसमूह होगा, जो यहां लौट आएगा.
वे रोते हुए लौटेंगे;
तथा वे प्रार्थना करेंगे और मैं उनका मार्गदर्शन करूंगा.
मैं उन्हें जलधाराओं के निकट से लेकर आऊंगा,
उनका मार्ग सीधा समतल होगा, जिस पर उन्हें ठोकर नहीं लगेगी,
क्योंकि मैं इस्राएल के लिए पिता हूं,
तथा एफ्राईम मेरा पहलौठा पुत्र है.
“राष्ट्रों, याहवेह का संदेश सुनो, दूर तटवर्ती क्षेत्रों में घोषणा करो;
जिसने इस्राएल को छिन्न-भिन्न कर दिया है:
वही उन्हें एकत्र भी करेगा, वह उन्हें इस प्रकार सहेजेगा,
जिस प्रकार चरवाहा अपनी भेड़-बकरियों को.
क्योंकि याहवेह ने मूल्य चुका कर याकोब को छुड़ा लिया है
तथा उसे उसके बंधन से विमुक्त कर दिया है, जो उससे सशक्त था.
वे लौटेंगे तथा ज़ियोन की ऊंचाइयों पर आकर हर्षोल्लास करेंगे;
याहवेह की कृपादृष्टि के कारण वे आनंदित हो जाएंगे—
अन्न, नई दाखमधु तथा प्रचूर तेल के कारण,
भेड़ों एवं पशुओं के बच्चों के कारण.
उनका जीवन सिंचित उद्यान सदृश होगा,
वे पुनः अंत न होंगे.
तब कुंवारी कन्या का हर्ष नृत्य में फूट पड़ेगा इसमें जवान एवं प्रौढ़,
दोनों ही सम्मिलित हो जाएंगे.
क्योंकि मैं उनकी छाया को उल्लास में परिवर्तित कर दूंगा;
मैं उनके शोक को आनंद में ढाल कर उन्हें सांत्वना प्रदान करूंगा.
मेजवानी ऐसी होगी कि पुरोहितों के प्राण तृप्त हो जाएंगे,
तथा मेरी प्रजा मेरे द्वारा किए गए कल्याण पर संतुष्ट हो जाएगी,”
यह याहवेह की वाणी है.