येरेमियाह 2:31-37
“इस पीढ़ी के लोगो, याहवेह के वचन पर ध्यान दो:
“क्या इस्राएल के लिए मैं निर्जन प्रदेश सदृश रहा हूं
अथवा गहन अंधकार के क्षेत्र सदृश?
क्या कारण है कि मेरी प्रजा यह कहती है, ‘हम ध्यान करने के लिए स्वतंत्र हैं;
क्या आवश्यकता है कि हम आपकी शरण में आएं’?
क्या कोई नवयुवती अपने आभूषणों की उपेक्षा कर सकती है,
अथवा क्या किसी वधू के लिए उसका श्रृंगार महत्वहीन होता है?
फिर भी मेरी प्रजा ने मुझे भूलना पसंद कर दिया है,
वह भी दीर्घ काल से.
अपने प्रिय बर्तन तक पहुंचने के लिए तुम कैसी कुशलतापूर्वक युक्ति कर लेते हो!
तब तुमने तो बुरी स्त्रियों को भी अपनी युक्तियां सिखा दी हैं.
तुम्हारे वस्त्र पर तो
निर्दोष गरीब का जीवन देनेवाला रक्त पाया गया है,
तुम्हें तो पता ही न चला कि वे कब तुम्हारे आवास में घुस आए.
यह सब होने पर भी तुमने दावा किया, ‘मैं निस्सहाय हूं;
निश्चय उनका क्रोध मुझ पर से टल चुका है.’
किंतु यह समझ लो कि मैं तुम्हारा न्याय कर रहा हूं
क्योंकि तुमने दावा किया है, ‘मैं निस्सहाय हूं.’
तुम अपनी नीतियां परिवर्तित क्यों करते रहते हो,
यह भी स्मरण रखना?
तुम जिस प्रकार अश्शूर के समक्ष लज्जित हुए थे
उसी प्रकार ही तुम्हें मिस्र के समक्ष भी लज्जित होना पड़ेगा.
इस स्थान से भी तुम्हें निराश होना होगा.
उस समय तुम्हारे हाथ तुम्हारे सिर पर होंगे,
क्योंकि जिन पर तुम्हारा भरोसा था उन्हें याहवेह ने अस्वीकृत कर दिया है;
उनके साथ तुम्हारी समृद्धि संभव नहीं है.
येरेमियाह 3:1-25
“यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री से तलाक कर लेता है
और वह उसे त्याग कर चली जाती है और वह किसी अन्य पुरुष के साथ रहने लगती है,
क्या वह पहला पुरुष फिर भी उसके पास लौटेगा?
क्या वह देश पूर्णतः अशुद्ध नहीं हो जाएगा?
किंतु तुम वह व्यभिचारी हो जिसके बर्तन अनेक हैं—
यह होने पर भी तुम अब मेरे पास लौट आए हो?”
यह याहवेह की वाणी है.
“अपनी दृष्टि वनस्पतिहीन पर्वतों की ओर उठाओ और देखो.
कौन सा ऐसा स्थान है जहां तुम्हारे साथ कुकर्म नहीं हुआ है?
मरुभूमि में चलवासी3:2 चलवासी मूल भाषा में अरबी के सदृश,
तुम मार्ग के किनारे उनकी प्रतीक्षा करती रही.
अपनी दुर्वृत्ति से तथा अपने स्वच्छंद कुकर्म के द्वारा
तुमने देश को अशुद्ध कर दिया है.
तब वृष्टि अशुद्ध रखी गई है,
वसन्त काल में वृष्टि हुई नहीं.
फिर भी तुम्हारा माथा व्यभिचारी सदृश झलकता रहा;
तुमने लज्जा को स्थान ही न दिया.
क्या तुमने अभी-अभी मुझे इस प्रकार संबोधित नहीं किया:
‘मेरे पिता; आप तो बचपन से मेरे साथी रहे हैं,
क्या आप मुझसे सदैव ही नाराज बने रहेंगे?
क्या यह आक्रोश चिरस्थायी बना रहेगा?’
स्मरण रहे, यह तुम्हारा वचन है और तुमने कुकर्म भी किए हैं,
तुमने जितनी चाही उतनी मनमानी कर ली है.”
विश्वासघाती इस्राएल
तत्पश्चात राजा योशियाह के राज्य-काल में, याहवेह ने मुझसे बात की, “देखा तुमने, विश्वासहीन इस्राएल ने क्या किया है? उसने हर एक उच्च पर्वत पर तथा हर एक हरे वृक्ष के नीचे वेश्या-सदृश मेरे साथ विश्वासघात किया है. मेरा विचार था यह सब करने के बाद इस्राएली प्रजा मेरे पास लौट आएगी किंतु वह नहीं लौटी, उसकी विश्वासघाती बहन यहूदिया यह सब देख रही थी. मैं देख रहा था कि विश्वासहीन इस्राएल के सारे स्वच्छंद कुकर्म के कारण मैंने उसे निराश कर तलाक पत्र भी दे दिया था. फिर भी उसकी विश्वासघाती बहन यहूदिया भयभीत न हुई; बल्कि वह भी व्यभिचारी बन गई. इसलिये कि उसकी दृष्टि में यह स्वच्छंद कुकर्म कोई गंभीर विषय न था, उसने सारे देश को अशुद्ध कर दिया और पत्थरों एवं वृक्षों के साथ व्यभिचार किया. यह सब होने पर भी, यह घोर विश्वासघाती बहन यहूदिया अपने संपूर्ण हृदय से मेरे पास नहीं लौटी, वह मात्र कपट ही करती रही,” यह याहवेह की वाणी है.
याहवेह ने मुझसे कहा, “विश्वासहीन इस्राएल ने स्वयं को विश्वासघाती यहूदिया से अधिक कम दोषी प्रमाणित कर दिया है. जाओ, उत्तर दिशा की ओर यह संदेश वाणी घोषित करो:
“ ‘विश्वासहीन इस्राएल, लौट आओ,’ यह याहवेह की वाणी है,
‘मैं तुम पर क्रोधपूर्ण दृष्टि नहीं डालूंगा,
क्योंकि मैं कृपालु हूं,’ यह याहवेह की वाणी है,
‘मैं सर्वदा क्रोधी नहीं रहूंगा.
तुम मात्र इतना ही करो: अपना अधर्म स्वीकार कर लो—
कि तुमने याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति अतिक्रमण का अपराध किया है,
तुम हर एक हरे वृक्ष के नीचे
अपरिचितों को प्रसन्न करती रही हो,
यह भी, कि तुमने मेरे आदेश की अवज्ञा की है,’ ”
यह याहवेह की वाणी है.
“विश्वासहीनो, लौट आओ,” यह याहवेह का आदेश है, “क्योंकि तुम्हारे प्रति मैं एक स्वामी हूं. तब मैं तुम्हें, नगर में से एक को तथा परिवार में से दो को ज़ियोन में ले आऊंगा. तब मैं तुम्हें ऐसे चरवाहे प्रदान करूंगा जो मेरे हृदय के अनुरूप होंगे, जो तुम्हें ज्ञान और समझ से प्रेषित करेंगे. यह उस समय होगा, जब तुम उस देश में असंख्य और समृद्ध हो जाओगे,” यह याहवेह की वाणी है, “तब वे यह कहना छोड़ देंगे, ‘याहवेह की वाचा का संदूक.’ तब उनके हृदय में न तो इसका विचार आएगा न वे इसका स्मरण करेंगे; यहां तक कि उन्हें इसकी आवश्यकता तक न होगी, वे एक और संदूक का निर्माण भी नहीं करेंगे. उस समय वे येरूशलेम को याहवेह का सिंहासन नाम देंगे, सभी जनता यहां एकत्र होंगे. वे याहवेह की प्रतिष्ठा के लिए येरूशलेम में एकत्र होंगे तब वे अपने बुरे हृदय की कठोरता के अनुरूप आचरण नहीं करेंगे. उन दिनों में यहूदाह गोत्रज इस्राएल वंशज के साथ संयुक्त हो जाएगा, वे एक साथ उत्तर के देश से उस देश में आ जाएंगे जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को निज भाग स्वरूप में प्रदान किया है.
“तब मैंने कहा,
“ ‘मेरी अभिलाषा रही कि मैं तुम्हें अपनी सन्तति पुत्रों में सम्मिलित करूं
और तुम्हें एक सुखद देश प्रदान करूं,
राष्ट्रों में सबसे अधिक मनोहर यह निज भाग.’
और मैंने यह भी कहा तुम मुझे ‘मेरे पिता’
कहकर संबोधित करोगे, और मेरा अनुसरण करना न छोड़ोगे.
इस्राएल वंशजों निश्चय तुमने मुझसे वैसे ही विश्वासघात किया है,
जैसे स्त्री अपने बर्तन से विश्वासघात कर अलग हो जाती है,”
यह याहवेह की वाणी है.
वनस्पतिहीन उच्च पर्वतों पर एक स्वर सुनाई दे रहा है,
इस्राएल वंशजों का विलाप एवं उनके गिड़गिड़ाने का,
वे अपने विश्वासमत से दूर हो चुके हैं
और उन्होंने याहवेह अपने परमेश्वर को भूलना पसंद किया है.
“विश्वासविहीन वंशजों, लौट आओ;
तुम्हारी विश्वासहीनता का उपचार मैं करूंगा.”
“देखिए, हम आपके निकट आ रहे हैं,
क्योंकि आप याहवेह हमारे परमेश्वर हैं.
यह सुनिश्चित है कि पहाड़ियों पर छल है
और पर्वतों पर उपद्रव है;
निःसंदेह याहवेह
हमारे परमेश्वर में ही इस्राएल की सुरक्षा है.
हमारे बचपन से इस लज्जास्पद आचरण ने
हमारे पूर्वजों के उपक्रम को—
उनके पशुओं को तथा
उनकी संतान को निगल कर रखा है.
उपयुक्त होगा कि हमारी लज्जा में समावेश हो जाएं,
कि हमारी लज्जा हमें ढांप ले.
क्योंकि हमने अपने बाल्यकाल से
आज तक याहवेह हमारे परमेश्वर के विरुद्ध पाप ही किया है;
हमने याहवेह,
हमारे परमेश्वर की अवज्ञा की है.”
येरेमियाह 4:1-9
याहवेह की यह वाणी है,
“इस्राएल, यदि तुम लौटो, तो तुम्हारा मेरे पास लौट आना उपयुक्त होगा,
यदि तुम वे घृणास्पद वस्तुएं मेरे समक्ष से दूर कर दो
और यदि तुम अपने संकल्प से विचलित न हो,
और तुम पूर्ण निष्ठा में, न्यायपूर्णता में तथा पूर्वजों में यह शपथ लो,
‘जीवित याहवेह की शपथ,’
तब जनता स्वयं ही याहवेह द्वारा आशीषित की जाएंगी
तथा याहवेह में उनका गौरव हो जाएगा.”
यहूदिया एवं येरूशलेम के निवासियों के लिए याहवेह का आदेश है:
“उस भूमि पर हल चला दो,
कंटीली भूमि में बीजारोपण न करो.
यहूदिया तथा येरूशलेम के वासियो,
याहवेह के लिए अपना ख़तना करो,
ख़तना अपने हृदय की खाल का करो,
अन्यथा मेरा कोप अग्नि-समान भड़क उठेगा और यह ज्वाला ऐसी होगी,
जिसे अलग करना किसी के लिए संभव न होगा—
क्योंकि यह तुम्हारे दुष्कर्मों का परिणाम है.
उत्तर दिशा से आनेवाली आपत्ति
“यहूदिया में प्रचार करो और येरूशलेम में यह वाणी कहो:
‘सारे देश में नरसिंगा का नाद करो!’
उच्च स्वर में यह कहा जाए:
‘सब एकत्र हों!
तथा हम सब गढ़ नगरों में शरण ले लें!’
ज़ियोन की ओर झंडा ऊंचा किया जाए!
चुपचाप खड़े न रहो, आश्रय की खोज करो!
क्योंकि मैं उत्तर दिशा से महा संकट ला रहा हूं,
यह पूरा विनाश होगा.”
झाड़ियों में छिपा सिंह बाहर निकल आया है;
राष्ट्रों का विनाशक प्रस्थित हो चुका है.
वह अपने आवास से बाहर आ चुका है
कि वह तुम्हारे देश को निर्जन बना दे.
तुम्हारे नगर खंडहर रह जाएंगे
उनमें कोई भी निवासी न रह जाएगा.
तब साधारण वस्त्र धारण करो,
रोओ और विलाप करो,
क्योंकि याहवेह का प्रचंड क्रोध हमसे
दूर नहीं हटा है.
“उस दिन ऐसा होगा,” यह याहवेह की वाणी है,
“राजा का तथा उच्चाधिकारी का साहस शून्य हो जाएगा,
तब पुरोहित भयभीत एवं,
भविष्यद्वक्ता अचंभित रह जाएंगे.”