येरेमियाह 11:18-23, येरेमियाह 12:1-17, येरेमियाह 13:1-27 HCV

येरेमियाह 11:18-23

येरेमियाह के विरुद्ध षड़यंत्र

इसके सिवा याहवेह ने मुझ पर यह प्रकट किया, इसलिये मुझे इसका ज्ञान मिल गया, तब याहवेह आपने मुझ पर उनके कृत्य प्रकाशित किए. मुझे यह बोध ही न था कि वे मेरे विरुद्ध षड़्‍यंत्र रच रहें हैं; मेरी स्थिति वैसी ही थी जैसी वध के लिए ले जाए जा रहे मेमने की होती है, वे परस्पर परामर्श कर रहे हैं,

“चलो, हम इस वृक्ष को इसके फलों सहित नष्ट कर दें;

हम इसे जीव-लोक से ही मिटा दें,

कि उसके नाम का ही उल्लेख पुनः न हो सके.”

सेनाओं के याहवेह, आप वह हैं, जो नीतिपूर्ण निर्णय देते हैं

आप जो भावनाओं तथा हृदय को परखते रहते हैं,

मुझे उन पर आपके बदले को देखने का सुअवसर प्रदान कीजिए,

क्योंकि अपनी समस्या मैंने आप ही को सौंप दी है.

इसलिये अनाथोथ के उन व्यक्तियों के संबंध में जो तुम्हारे प्राण लेने को तैयार हैं, जिन्होंने तुम्हें यह धमकी दी है, “याहवेह के नाम में कोई भविष्यवाणी न करना, कि तुम हमारे द्वारा वध किए न जाओ”— इसलिये सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: “यह देखना कि मैं उन्हें दंड देने पर हूं! जवान पुरुष तलवार से घात किए जाएंगे, उनकी संतान की मृत्यु लड़ाई में हो जाएगी. उनके कोई भी लोग न रहेंगे, क्योंकि मैं अनाथोथ की प्रजा पर विनाश लेकर आ रहा हूं, यह उनके लिए दंड का वर्ष होगा.”

Read More of येरेमियाह 11

येरेमियाह 12:1-17

येरेमियाह की प्रार्थना

याहवेह, जब भी मैं आपके समक्ष अपना मुकदमा प्रस्तुत करता हूं,

आप सदैव ही युक्त प्रमाणित होते हैं.

निःसंदेह मैं आपके ही साथ न्याय संबंधी विषयों पर विचार-विमर्श करूंगा:

क्यों बुराइयों का जीवन समृद्ध होता गया है?

क्यों वे सब जो विश्वासघात के व्यापार में लिप्‍त हैं निश्चिंत जीवन जी रहे हैं?

आपने उन्हें रोपित किया है, अब तो उन्होंने जड़ भी पकड़ ली है;

वे विकास कर रहे हैं और अब तो वे फल भी उत्पन्‍न कर रहे हैं.

उनके होंठों पर तो आपका नाम बना रहता है

किंतु अपने मन से उन्होंने आपको दूर ही दूर रखा है.

किंतु याहवेह, आप मुझे जानते हैं;

मैं आपकी दृष्टि में बना रहता हूं; आप मेरे हृदय की परीक्षा करते रहते हैं.

उन्हें इस प्रकार खींचकर अलग कर लीजिए, जिस प्रकार वध के लिए भेड़ें अलग की जाती हैं!

उन्हें नरसंहार के दिन के लिए तैयार कर लीजिए!

हमारा देश और कितने दिन विलाप करता रहेगा

तथा कब तक मैदान में घास मुरझाती रहेगी?

क्योंकि देशवासियों की बुराई के कारण,

पशु-पक्षी सहसा वहां से हटा दिए गए हैं.

क्योंकि, वे मनुष्य अपने मन में विचार कर रहे हैं,

“परमेश्वर को हमारे द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम दिखाई न देगा.”

परमेश्वर का जवाब

“यदि तुम धावकों के साथ दौड़ रहे थे

और तुम इससे थक चुके हो,

तो तुम घोड़ों से स्पर्धा कैसे कर सकोगे?

यदि तुम अनुकूल क्षेत्र में ही लड़खड़ा गए तो,

यरदन क्षेत्र के बंजर भूमि में तुम्हारा क्या होगा?

क्योंकि यहां तक कि तुम्हारे भाई-बंधुओं तथा तुम्हारे पिता के ही परिवार ने—

तुम्हारे साथ विश्वासघात किया है;

वे चिल्ला-चिल्लाकर तुम्हारा विरोध कर रहे हैं.

यदि वे तुमसे तुम्हारे विषय में अनुकूल शब्द भी कहें,

फिर भी उनका विश्वास न करना.

“मैंने अपने परिवार का परित्याग कर दिया है,

मैंने अपनी इस निज भाग को भी छोड़ दिया है;

मैंने अपनी प्राणप्रिया को

उसके शत्रुओं के हाथों में सौंप दिया है.

मेरे लिए तो अब मेरा यह निज भाग

वन के सिंह सदृश हो गया है.

उसने मुझ पर गर्जना की है;

इसलिये अब मुझे उससे घृणा हो गई है.

क्या मेरे लिए यह निज भाग

चित्तिवाले शिकारी पक्षी सदृश है?

क्या वह चारों ओर से शिकारी पक्षी से घिर चुकी है?

जाओ, मैदान के सारे पशुओं को एकत्र करो;

कि वे आकर इन्हें निगल कर जाएं.

अनेक हैं वे चरवाहे जिन्होंने मेरा द्राक्षाउद्यान नष्ट कर दिया है,

उन्होंने मेरे अंश को रौंद डाला है;

जिन्होंने मेरे मनोहर खेत को

निर्जन एवं उजाड़ कर छोड़ा है.

इसे उजाड़ बना दिया गया है,

अपनी उजाड़ स्थिति में देश मेरे समक्ष विलाप कर रहा है;

सारा देश ही ध्वस्त किया जा चुका है;

क्योंकि किसी को इसकी हितचिंता ही नहीं है.

निर्जन प्रदेश में वनस्पतिहीन पहाड़ियों पर

विनाशक सेना आ पहुंची है,

क्योंकि देश के एक ओर से दूसरी ओर तक

याहवेह की घातक तलवार तैयार हो चुकी है;

इस तलवार से सुरक्षित कोई भी नहीं है.

उन्होंने रोपण तो किया गेहूं को किंतु उपज काटी कांटों की;

उन्होंने परिश्रम तो किया किंतु लाभ कुछ भी अर्जित न हुआ.

उपयुक्त है कि ऐसी उपज के लिए तुम लज्जित होओ

क्योंकि इसके पीछे याहवेह का प्रचंड कोप क्रियाशील है.”

अपने बुरे पड़ोसियों के विषय में जिन्होंने मेरी प्रजा इस्राएल के इस निज भाग पर आक्रमण किया है, याहवेह का यह कहना है: “यह देख लेना, मैं उन्हें उनके देश में से अलग करने पर हूं और उनके मध्य से मैं यहूदाह के वंश को अलग कर दूंगा. और तब जब मैं उन्हें अलग कर दूंगा, मैं उन पर पुनः अपनी करुणा प्रदर्शित करूंगा; तब मैं उनमें से हर एक को उसके इस निज भाग में लौटा ले आऊंगा; हर एक को उसके देश में लौटा लाऊंगा. तब यदि वे मेरी प्रजा की नीतियां सीख लेंगे और बाल के जीवन की शपथ कहने के स्थान पर कहेंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ,’ तब वे मेरी प्रजा के मध्य ही समृद्ध होते चले जाएंगे. किंतु यदि वे मेरे आदेश की अवहेलना करेंगे, तब मैं उस राष्ट्र को अलग कर दूंगा; अलग कर उसे नष्ट कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.

Read More of येरेमियाह 12

येरेमियाह 13:1-27

नष्ट कमरबंध

याहवेह ने मुझे यह आदेश दिया: “जाकर अपने लिए सन के सूत का बना एक कमरबंध ले आओ और उससे अपनी कमर कस लो, किंतु उसे जल में न डुबोना.” याहवेह के आदेश के अनुसार मैंने एक कमरबंध मोल लिया, और उससे अपनी कमर कस ली.

तब दूसरी बार मेरे लिए याहवेह का यह आदेश प्राप्‍त किया गया: “तुमने जो कमरबंध मोल लिया है जिससे तुमने अपनी कमर कसी हुई है, उसे लेकर फरात नदी के तट पर जाओ और उसे चट्टान के छिद्र में छिपा दो.” इसलिये मैं फरात नदी के तट पर गया, जैसा याहवेह का आदेश था और उस कमरबंध को वहां छिपा दिया.

अनेक दिन व्यतीत हो जाने पर याहवेह ने मुझे आदेश दिया, “उठो, फरात तट पर जाओ और उस कमरबंध को उस स्थान से निकालो जहां मैंने तुम्हें उसे छिपाने का आदेश दिया था.” मैं फरात नदी के तट पर गया और उस स्थान को खोदा, जहां मैंने उस कमरबंध को छिपाया था. जब मैंने उस कमरबंध को वहां से निकाला तो मैंने देखा कि वह कमरबंध नष्ट हो चुका था. अब वह किसी योग्य न रह गया था.

तब मुझे याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ था: “याहवेह का यह कहना है: ‘ठीक इसी प्रकार मैं यहूदिया का अहंकार नष्ट कर दूंगा तथा येरूशलेम का उच्चतर अहंकार भी. इन बुरे लोगों की नियति भी वही हो जाए, जो इस कमरबंध की हुई है, जो अब पूर्णतः अयोग्य हो चुका है. इन लोगों ने मेरे आदेश की अवहेलना की है, वे अपने हठी हृदय के अनुरूप आचरण करते हैं, वे परकीय देवताओं का अनुसरण करते हुए उनकी उपासना करते हैं तथा उन्हीं के समक्ष नतमस्तक होते हैं. क्योंकि जिस प्रकार कमरबंध मनुष्य की कमर से बंधा हुआ रहता है, ठीक उसी प्रकार मैंने सारे इस्राएल वंश तथा सारे यहूदाह गोत्र को स्वयं से बांधे रखा,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘वे मेरी कीर्ति, स्तवन तथा गौरव के लिए मेरी प्रजा हो जाएं; किंतु उन्होंने इसे महत्व ही न दिया.’

द्राक्षारस मश्कों का रूपक

“इसलिये तुम्हें उनसे यह कहना होगा: ‘याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का, यह आदेश है: हर एक मश्कों में द्राक्षारस भरा जाए.’ जब वे तुमसे यह पूछें, ‘क्या हमें यह ज्ञात नहीं कि हर एक मश्कों को द्राक्षारस से भरा जाना अपेक्षित है?’ तब तुम उन्हें उत्तर देना, ‘याहवेह का संदेश यह है: यह देखना कि मैं इस देश के हर एक नागरिक को कोपरूपी दाखमधु से भरने पर हूं, राजा जो दावीद के सिंहासन पर विराजमान है, पुरोहित, भविष्यद्वक्ता एवं येरूशलेम के सभी निवासी. मैं उन्हें एक दूसरे से टकराऊंगा; पिताओं को पुत्रों से तथा पुत्रों को पिताओं से, यह याहवेह की वाणी है. उन्हें नष्ट करते हुए न तो मुझे उन पर दया आएगी न खेद होगा और न ही उन पर तरस आएगा.’ ”

बंधुआई की धमकी

सुनो और ध्यान दो,

अहंकारी न बनो,

क्योंकि याहवेह का आदेश प्रसारित हो चुका है.

याहवेह, अपने परमेश्वर को सम्मान दो

इसके पूर्व कि वह अंधकार प्रभावी कर दें,

और इसके पूर्व कि अंधकारमय पर्वतों पर

तुम्हारे कदम लड़खड़ा जाएं.

इसके पूर्व कि जब तुम प्रकाश का कल्याण कर रहे हो,

वह इसे और भी अधिक गहन अंधकार बना दें

तथा यह छाया में परिवर्तित हो जाए.

किंतु यदि तुम मेरे आदेश की अवहेलना करो,

तुम्हारे इस अहंकार के कारण

मेरा प्राण भीतर ही भीतर विलाप करता रहेगा;

मेरे नेत्र घोर रुदन करेंगे,

मानो वे अश्रुओं के साथ ही बह जाएंगे,

क्योंकि याहवेह की भेड़-बकरियों को बंदी बना लिया गया है.

राजा तथा राजमाता से अनुरोध करो,

“सिंहासन छोड़ नीचे बैठ जाइए,

क्योंकि आपका वैभवपूर्ण मुकुट

आपके सिर से उतार लिया गया है.”

नेगेव क्षेत्र के नगर अब घेर लिए गये हैं,

कोई उनमें प्रवेश नहीं कर सकता.

संपूर्ण यहूदिया को निर्वासन में ले जाया गया है,

पूरा यहूदिया ही बंदी हो चुका है.

अपने नेत्र ऊंचे उठाकर उन्हें देखो

जो उत्तर दिशा से आ रहे हैं.

वे भेड़-बकरियां कहां हैं, जो तुम्हें दी गई थी,

वे पुष्ट भेड़ें?

क्या प्रतिक्रिया होगी तुम्हारी जब याहवेह तुम्हारे ऊपर उन्हें अधिकारी नियुक्त कर देंगे,

जिन्हें स्वयं तुमने अपने साथी होने के लिए शिक्षित किया था?

क्या इससे तुम्हें पीड़ा न होगी

वैसी ही जैसी प्रसूता को होती है?

यदि तुम अपने हृदय में यह विचार करो,

“क्या कारण है कि मेरे साथ यह सब घटित हुआ है?”

तुम्हारी पापिष्ठता के परिमाण के फलस्वरूप तुम्हें निर्वस्त्र कर दिया गया

तथा तुम्हारे अंग अनावृत कर दिए गए.

क्या कूश देशवासी अपनी त्वचा के रंग को परिवर्तित कर सकता है,

अथवा क्या चीता अपनी चित्तियां परिवर्तित कर सकता है?

यदि हां तो तुम भी जो दुष्टता करने के अभ्यस्त हो चुके हो,

हितकार्य कर सकते हो.

“इसलिये मैं उन्हें इस प्रकार बिखरा दूंगा,

जैसे पवन द्वारा भूसी मरुभूमि में उड़ा दी जाती है.

यही तुम्हारे लिए ठहराया अंश है,

जो माप कर मेरे द्वारा दिया गया है,”

यह याहवेह की वाणी है,

“क्योंकि तुम मुझे भूल चुके हो

और झूठे देवताओं पर भरोसा करते हो.

इसलिये स्वयं मैंने ही तुम्हें निर्वस्त्र किया है

कि तुम्हारी निर्लज्जता सर्वज्ञात हो जाए.

धिक्कार है तुम पर येरूशलेम! मैं तुम्हारे घृणास्पद कार्य,

तुम्हारे द्वारा किए गए व्यभिचार, तुम्हारी कामोत्तेजना,

अनैतिक कुकर्म में कामुकतापूर्ण कार्य,

जो तुम पर्वतों एवं खेतों में करते रहे हो देखता रहा हूं.

येरूशलेम, धिक्कार है तुम पर!

तुम कब तक अशुद्ध बने रहोगे?”

Read More of येरेमियाह 13