येरेमियाह 1:1-19, येरेमियाह 2:1-30 HCV

येरेमियाह 1:1-19

पुरोहितों में से बिन्यामिन प्रदेश के अनाथोथवासी हिलकियाह के पुत्र येरेमियाह का वचन. जिन्हें यहूदिया के राजा अमोन के पुत्र योशियाह के राज्य-काल के तेरहवें वर्ष में याहवेह का संदेश प्रगट किया गया, उन्हें याहवेह का संदेश यहूदिया के राजा योशियाह के पुत्र यहोइयाकिम के राज्य-काल से लेकर, यहूदिया के राजा योशियाह के पुत्र सीदकियाहू के राज्य-काल के ग्यारहवें वर्ष के अंत तक, पांचवें माह में येरूशलेम के निवासी तक भी प्रगट किया जाता रहा.

येरेमियाह का आह्वान एवं आयोग

मुझे याहवेह का संदेश प्राप्‍त हुआ,

“गर्भ में तुम्हें कोई स्वरूप देने के पूर्व मैं तुम्हें जानता था,

तुम्हारे जन्म के पूर्व ही मैं तुम्हें नियुक्त कर चुका था;

मैंने तुम्हें राष्ट्रों के लिए भविष्यद्वक्ता नियुक्त किया है.”

यह सुन मैंने कहा, “ओह, प्रभु याहवेह, बात करना तो मुझे आता ही नहीं; क्योंकि मैं तो निरा लड़का ही हूं.”

किंतु याहवेह ने मुझसे कहा, “मत कहो, ‘मैं तो निरा लड़का ही हूं.’ क्योंकि मैं तुम्हें जहां कहीं भेजा करूं तुम वहां जाओगे. तब उनसे भयभीत मत होना, क्योंकि तुम्हें छुड़ाने के लिए मैं तुम्हारे साथ हूं,” यह याहवेह की वाणी है.

तब याहवेह ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुख को स्पर्श किया और याहवेह ने मुझसे कहा, “देखो, मैंने तुम्हारे मुख में अपने शब्द स्थापित कर दिए हैं. यह समझ लो कि आज मैंने तुम्हें उन राष्ट्रों तथा राज्यों पर इसलिये नियुक्त किया है कि तुम तोड़ो तथा चूर-चूर करो, नष्ट करो तथा सत्ता पलट दो, निर्माण करो तथा रोपित करो.”

मुझे याहवेह का यह संदेश प्रगट किया गया: “येरेमियाह, तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?”

“मैंने उत्तर दिया, मुझे बादाम के वृक्ष की एक छड़ी दिखाई दे रही है.”

याहवेह ने मुझसे कहा, “तुम्हारा देखना सही है, इसका आशय यह है कि मैं यह देखने के लिए जागृत हूं कि मेरा वचन पूरा हो!”

याहवेह का संदेश पुनः मुझे प्रगट किया गया: “तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?”

मैंने उत्तर दिया, “मुझे भोजन पकाने का एक बर्तन दिखाई दे रहा है, उत्तर दिशा से हमारी ओर झुका दिया गया है.”

तब याहवेह ने मुझ पर प्रकट किया, “इस देश के निवासियों पर उत्तर दिशा से संकट टूट पड़ेगा. क्योंकि देख लेना, मैं उत्तरी राज्यों के सारे परिवारों को आह्वान कर रहा हूं,” यह याहवेह की वाणी है.

“वे आएंगे तथा उनमें से हर एक येरूशलेम के प्रवेश द्वार पर, इसकी सभी शहरपनाह के चारों

ओर तथा यहूदिया के सभी नगरों पर अपना अपना सिंहासन स्थापित कर लेंगे.

मैं अपने न्याय-दंड की घोषणा करूंगा, उनकी सभी बुराइयों पर

जिनके अंतर्गत उन्होंने मेरा परित्याग कर दिया,

पराये देवताओं को बलि अर्पित किया

तथा स्वयं अपने द्वारा निर्मित मूर्तियों की उपासना की है.

“अब उठो! तैयार हो जाओ और उन सभी से बात करो जिनके विषय में मैं तुम्हें आदेश दे रहा हूं. उनके समक्ष जाकर निराश न हो जाना, अन्यथा मैं तुम्हें उनके समक्ष निराश कर दूंगा. अब यह समझ लो आज मैंने तुम्हें सारे देश के लिए, यहूदिया के राजाओं के लिए, इसके उच्चाधिकारियों के लिए, इसके पुरोहितों के लिए तथा देशवासियों के लिए एक गढ़नगर, एक लौह स्तंभ तथा कांस्य दीवारों सदृश बना दिया है. वे तुम पर आक्रमण तो करेंगे किंतु तुम्हें पराजित नहीं कर सकेंगे, क्योंकि तुम्हारा बचाने वाला मैं तुम्हारे साथ हूं,” यह याहवेह की वाणी है.

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येरेमियाह 2:1-30

यहूदिया का विश्वासघात

तब मुझे याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ: “जाओ, येरूशलेम की प्रजा के कानों में वाणी करो:

“यह याहवेह का संदेश है:

“ ‘तुम्हारे विषय में मुझे स्मरण है: जवानी की तुम्हारी निष्ठा,

दुल्हिन सा तुम्हारा प्रेम

और निर्जन प्रदेश में तुम्हारे द्वारा मेरा अनुसरण,

ऐसे देश में, जहां बीज बोया नहीं जाता था.

इस्राएल याहवेह के लिए पवित्र किया हुआ था,

याहवेह की पहली उपज;

जिस किसी ने इस उपज का उपभोग किया,

वे दोषी हो गए; वे संकट से ग्रसित हो गए,’ ”

यह याहवेह की वाणी है.

याकोब के वंशजों, याहवेह का संदेश सुनो, इस्राएल के सारे गोत्रों,

तुम भी.

याहवेह का संदेश यह है:

“तुम्हारे पूर्वजों ने मुझमें कौन सा अन्याय पाया,

कि वे मुझसे दूर हो गए?

निकम्मी वस्तुओं के पीछे होकर

वे स्वयं निकम्मे बन गए.

उन्होंने यह प्रश्न ही न किया, ‘कहां हैं याहवेह,

जिन्होंने हमें मिस्र देश से मुक्त किया

और जो हमें निर्जन प्रदेश में होकर यहां लाया. मरुभूमि

तथा गड्ढों की भूमि में से,

उस भूमि में से, जहां निर्जल तथा अंधकार व्याप्‍त था,

उस भूमि में से जिसके पार कोई नहीं गया था, जिसमें कोई निवास नहीं करता था?’

मैं तुम्हें उपजाऊ भूमि पर ले आया

कि तुम इसकी उपज का सेवन करो और इसकी उत्तम वस्तुओं का उपयोग करो.

किंतु तुमने आकर मेरी भूमि को अशुद्ध कर दिया

और तुमने मेरे इस निज भाग को घृणास्पद बना दिया.

पुरोहितों ने यह समझने का प्रयास कभी नहीं किया,

‘याहवेह कहां हैं?’

आचार्य तो मुझे जानते ही न थे;

उच्च अधिकारी ने मेरे विरोध में विद्रोह किया.

भविष्यवक्ताओं ने बाल के द्वारा भविष्यवाणी की,

तथा उस उपक्रम में लग गए जो निरर्थक है.

“तब मैं पुनः तुम्हारे समक्ष अपना सहायक प्रस्तुत करूंगा,”

यह याहवेह की वाणी है.

“मैं तुम्हारी संतान की संतान के समक्ष अपना सहायक प्रस्तुत करूंगा.

सागर पार कर कित्तिम के तटवर्ती क्षेत्रों में देखो,

किसी को केदार देश भेजकर सूक्ष्म अवलोकन करो;

और ज्ञात करो कि कभी ऐसा हुआ है:

क्या किसी राष्ट्र ने अपने देवता परिवर्तित किए हैं?

(जबकि देवता कुछ भी नहीं हुआ करते.)

किंतु मेरी प्रजा ने अपने गौरव का विनिमय उससे कर लिया है

जो सर्वथा निरर्थक है.

आकाश, इस पर अपना भय अभिव्यक्त करो,

कांप जाओ और अत्यंत सुनसान हो जाओ,”

यह याहवेह की वाणी है.

“मेरी प्रजा ने दो बुराइयां की हैं:

उन्होंने मुझ जीवन्त स्रोत का

परित्याग कर दिया है,

उन्होंने ऐसे हौद बना लिए हैं,

जो टूटे हुए हैं, जो पानी को रोक नहीं सकते.

क्या इस्राएल दास है, अथवा घर में ही जन्मा सेवक?

तब उसका शिकार क्यों किया जा रहा है?

जवान सिंह उस पर दहाड़ते रहे हैं;

अत्यंत सशक्त रही है उनकी दहाड़.

उन्होंने उसके देश को उजाड़ बना दिया है;

उसके नगरों को नष्ट कर दिया है और उसके नगर निर्जन रह गए हैं.

मैमफिस तथा ताहपनहेस के लोगों ने

तुम्हारी उपज की बालें नोच डाली हैं.

क्या यह स्वयं तुम्हारे ही द्वारा लाई हुई स्थिति नहीं है,

जब याहवेह तुम्हें लेकर आ रहे थे,

तुमने याहवेह अपने परमेश्वर का परित्याग कर दिया?

किंतु अब तुम मिस्र की ओर क्यों देखते हो?

नील नदी के जल पीना तुम्हारा लक्ष्य है?

अथवा तुम अश्शूर के मार्ग पर क्या कर रहे हो?

क्या तुम्हारा लक्ष्य है, फरात नदी के जल का सेवन करना?

तुम्हारी अपनी बुराई ही तुम्हें सुधारेगी;

याहवेह के प्रति श्रद्धा से तुम्हारा भटक जाना ही तुम्हें प्रताड़ित करेगा.

तब यह समझ लो

तथा यह बात पहचान लो

याहवेह अपने परमेश्वर का परित्याग करना हानिकर एवं पीड़ादायी है,

तुममें मेरे प्रति भय-भाव है ही नहीं,”

यह सेनाओं के प्रभु परमेश्वर की वाणी है.

“वर्षों पूर्व मैंने तुम्हारा जूआ भंग कर दिया

तथा तुम्हारे बंधन तोड़ डाले;

किंतु तुमने कह दिया, ‘सेवा मैं नहीं करूंगा!’

क्योंकि, हर एक उच्च पर्वत पर

और हर एक हरे वृक्ष के नीचे

तुमने वेश्या-सदृश मेरे साथ विश्वासघात किया है.

फिर भी मैंने तुम्हें एक उत्कृष्ट द्राक्षलता सदृश, पूर्णतः,

विशुद्ध बीज सदृश रोपित किया.

तब ऐसा क्या हो गया जो तुम विकृत हो गए

और वन्य लता के निकृष्ट अंकुर में, परिवर्तित हो गए?

यद्यपि तुम साबुन के साथ स्वयं को स्वच्छ करते हो

तथा भरपूरी से साबुन का प्रयोग करते हो,

फिर भी तुम्हारा अधर्म मेरे समक्ष बना हुआ है,”

यह प्रभु याहवेह की वाणी है.

“तुम यह दावा कैसे कर सकते हो, ‘मैं अशुद्ध नहीं हुआ हूं;

मैं बाल देवताओं के प्रति निष्ठ नहीं हुआ हूं’?

उस घाटी में अपने आचार-व्यवहार को स्मरण करो;

यह पहचानो कि तुम क्या कर बैठे हो.

तुम तो उस ऊंटनी सदृश हो जो दिशाहीन लक्ष्य की

ओर तीव्र गति से दौड़ती हुई उत्तरोत्तर उलझती जा रही है,

तुम वनों में पली-बढ़ी उस वन्य गधी के सदृश हो,

जो अपनी लालसा में वायु की गंध लेती रहती है—

उत्तेजना के समय में कौन उसे नियंत्रित कर सकता है?

वे सब जो उसे खोजते हैं व्यर्थ न हों;

उसकी उस समागम ऋतु में वे उसे पा ही लेंगे.

तुम्हारे पांव जूते-विहीन न रहें

और न तुम्हारा गला प्यास से सूखने पाए.

किंतु तुमने कहा, ‘निरर्थक होगा यह प्रयास! नहीं!

मैंने अपरिचितों से प्रेम किया है,

मैं तो उन्हीं के पास जाऊंगी.’

“जैसे चोर चोरी पकड़े जाने पर लज्जित हो जाता है,

वैसे ही इस्राएल वंशज लज्जित हुए हैं—

वे, उनके राजा, उनके उच्च अधिकारी,

उनके पुरोहित और उनके भविष्यद्वक्ता.

वे वृक्ष से कहते हैं, ‘तुम मेरे पिता हो,’

तथा पत्थर से, ‘तुमने मुझे जन्म दिया है.’

यह इसलिये कि उन्होंने अपनी पीठ मेरी ओर कर दी है

अपना मुख नहीं;

किंतु अपने संकट के समय, वे कहेंगे,

‘उठिए और हमारी रक्षा कीजिए!’

किंतु वे देवता जो तुमने अपने लिए निर्मित किए हैं, कहां हैं?

यदि उनमें तुम्हारी रक्षा करने की क्षमता है

तो वे तुम्हारे संकट के समय तैयार हो जाएं!

क्योंकि यहूदिया, जितनी संख्या तुम्हारे नगरों की है

उतने ही हैं तुम्हारे देवता.

“तुम मुझसे वाद-विवाद क्यों कर रहे हो?

तुम सभी ने मेरे विरुद्ध बलवा किया है,”

यह याहवेह की वाणी है.

“व्यर्थ हुई मेरे द्वारा तुम्हारी संतान की ताड़ना;

उन्होंने इसे स्वीकार ही नहीं किया.

हिंसक सिंह सदृश

तुम्हारी ही तलवार तुम्हारे भविष्यवक्ताओं को निगल कर गई.

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