यशायाह 8:11-22
और याहवेह का मजबूत हाथ मेरे ऊपर था, और उन लोगों के समान न बनने के लिए याहवेह ने कहा:
“जिससे ये सब लोग नफरत करे
तुम उससे नफरत न करना;
और जिससे वे डरे हैं,
तुम उससे डरो मत.
सर्वशक्तिमान याहवेह ही पवित्र परमेश्वर हैं,
उन्ही का भय मानना,
और उन्ही से डरना.
तब वे तुम्हारे शरणस्थान होंगे;
लेकिन इस्राएल के दोनों परिवारों के लिए
वे ठोकर का पत्थर
और लड़खड़ाने की चट्टान.
तथा येरूशलेम वासियों के लिए वे एक जाल
और एक फंदा होंगे.
कई लोग उनसे ठोकर खाकर गिरेंगे;
और टूट जाएंगे,
वे फंदे में फंसेंगे और पकड़े जाएंगे.”
इस चेतावनी को बंद कर दो
और मेरे चेलों के सामने इस व्यवस्था पर छाप लगा दो.
मैं याहवेह की प्रतीक्षा करता रहूंगा,
जो याकोब वंश से अपना मुख छिपाए हुए हैं.
मैं उन्हीं पर आशा लगाए रहूंगा.
देख: मैं यहां हूं, और याहवेह ने जो संतान मुझे दिये हैं! ज़ियोन पर्वत पर रहनेवाला जो सर्वशक्तिमान याहवेह हैं, उनकी ओर से हम चिन्ह और चमत्कार होंगे.
अंधेरा ज्योति में बदल जाता है
जब वे तुमसे कहें कि, बुदबुदानेवाले और गुनगुनानेवाले तंत्र मंत्र करनेवालों से पूछो, तो क्या वे जीवित परमेश्वर से नहीं पूछ सकते, क्या जीवित लोग मरे हुओं से पूछेंगे? परमेश्वर की शिक्षा और उनकी चेतावनी से पूछताछ करें. यदि वे लोग सच्चाई की बातों को नहीं मानते तो उनके लिए सुबह का नया दिन नहीं. वे इस देश से बहुत दुःखी और भूखे होकर निकलेंगे और जब वे भूखे होंगे वे क्रोधित हो जाएंगे, वे क्रोध में अपना मुंह आकाश की ओर उठाकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को शाप देंगे. तब वे पृथ्वी की ओर देखेंगे और उन्हें धुंधलापन संकट, और अंधकार दिखाई देगा और वे घोर अंधकार में फेंक दिए जाएंगे.
यशायाह 9:1-21
यद्यपि दुःख का समय हटेगा. पहले उसने ज़ेबुलून और नफताली से घृणा की थी, किंतु भविष्य में वह समुद्र के रास्ते यरदन के उस पार, अन्यजातियों का गलील प्रदेश सम्मानित किया जायेगा—
अंधकार में चल रहे लोगों ने
एक बड़ी ज्योति को देखा;
गहन अंधकार के निवासियों पर
ज्योति चमकी.
जैसे फसल कटनी के समय
आनंदित होती है,
और जैसे लोग लूट बांटने के समय
मगन होते हैं;
वैसे तूने जाति को बढ़ाया
और आनंदित किया.
क्योंकि परमेश्वर ने उनके जूए
और भारी बोझ को दूर किया,
जो मिदियान के द्वारा दिया गया था.
युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के जूते
और खून से भरे हुए कपड़े जला दिए जाएंगे.
क्योंकि हमारे लिए एक पुत्र का जन्म हुआ है,
प्रभुता उनके कंधों पर स्थित होगी,
और उनका नाम होगा
अद्भुत युक्ति करनेवाला, पराक्रमी,
अनंत काल का पिता, और शांति का राजकुमार होगा.
दावीद के सिंहासन और उनके राज्य पर उनके अधिकार
तथा उनकी शांति का अंत न होगा.
इसलिये दावीद की राजगद्दी हमेशा न्याय
और धर्म के साथ स्थिर रहेगी. सेनाओं के याहवेह का जोश इसे पूरा करेगा.
इस्राएल के खिलाफ याहवेह का गुस्सा
याहवेह ने याकोब के पास एक संदेश भेजा;
जो इस्राएल पर पूरा हुआ.
यह एफ्राईम और शमरिया के
सभी लोगों को मालूम हो जाएगा—
जो घमंड
और कठोरता से बोलते हैं,
“ईंटें तो गिर गई हैं,
लेकिन हम गिरे हुए पत्थरों से घर बनाएंगे,
गूलर-वृक्ष तो काट दिए गए हैं,
तब हम उनके स्थान पर देवदार उगाएंगे.”
तब याहवेह रेज़िन की ओर से उसके विरुद्ध शत्रु खड़े करेंगे
और उसके अन्य शत्रुओं को उकसाएंगे.
पूर्व से अरामी और पश्चिम से फिलिस्तीनी
जो मुंह खोलकर इस्राएल को निगल जाएंगे.
यह सब होने पर भी उनका क्रोध शांत न होगा,
और उनका हाथ उठा रहेगा.
फिर भी लोग उनकी ओर नहीं फिरे,
और न ही उन्होंने सर्वशक्तिमान याहवेह की ओर ध्यान दिया.
इसलिये याहवेह एक ही दिन में इस्राएल से सिर और पूंछ,
तथा खजूर के सरकंडे को काट डालेंगे;
सिर तो वह प्रतिष्ठित और बुज़ुर्ग व्यक्ति है,
और पूंछ वह भविष्यद्वक्ता जो झूठी बात सिखाता है.
क्योंकि वे ही, उनको मार्ग बताकर भटका देते थे,
और जो उनकी अगुवाई करते थे नाश हो गये.
इसलिये प्रभु उनके जवानों से खुश नहीं थे,
और उनके अनाथ और विधवाओं पर कोई दया नहीं करता,
क्योंकि सब श्रद्धाहीन और कुकर्मी थे,
उनमें सब की बातें मूर्खता की होती थी.
इतना सब होने पर भी उनका क्रोध शांत न हुआ,
और उनका हाथ उठा रहा.
दुष्ट आग के समान जलता है;
जो ऊंटकटारों तथा कंटीली झाड़ियों को जला देती है,
वन के झुरमुट को जला देती है,
और उसका धुआं ऊपर उठता है.
सर्वशक्तिमान याहवेह के क्रोध से
देश झुलस गया है
और प्रजा आग में जल गई है;
भाई ने भाई को नहीं छोड़ा.
वे दायीं ओर से छीन झपटकर खाने पर भी भूखे ही रहते हैं,
और वह भी खा जाते हैं;
जो बाएं ओर होता है,
फिर भी तृप्त नहीं होते.
उनमें से हर एक अपनी ही बांह के मांस को खा जाता है:
एफ्राईम मनश्शेह को खाता है और मनश्शेह एफ्राईम को;
वे एक साथ होकर यहूदाह के विरुद्ध हो गए हैं.
इतना सब होने पर भी उनका क्रोध शांत न होगा,
और उनका हाथ उठा रहेगा.
यशायाह 10:1-19
हाय उन पर जो गलत न्याय करते
और उन पर दबाव डालने की आज्ञा लिख देते हैं,
कि वे कंगालों को न्याय से दूर कर दें
और गरीबों के अधिकारों को छीन लें,
जिससे वे विधवाओं को लूट सकें
और अनाथों को अपना शिकार बना सकें.
क्या करोगे तुम दंड और विनाश के दिन पर,
जो दूर से आएगा?
तब सहायता के लिए तुम दौड़कर किसके पास जाओगे?
और कहां छिपाओगे अपने आपको?
बंदियों के बीच चापलूसी और मरे हुओं के बीच छिपने के सिवा
कोई भी रास्ता नहीं रह जाएगा.
इतना सब होने पर भी, उनका क्रोध नहीं हटेगा,
और उनका हाथ उठा रहेगा.
अश्शूर पर दण्डाज्ञा
“अश्शूर पर हाय,
जो मेरे क्रोध का सोंटा तथा लाठी है!
मैं उसको एक श्रद्धाहीन जाति के विरुद्ध भेजूंगा,
और उन लोगों के विरुद्ध जिनसे मैं क्रोधित हूं,
उसे आज्ञा दे रहा हूं कि वह इसे उजाड़ दे,
लूट ले और गलियों के कीचड़-समान रौंद डाले.
किंतु फिर भी उसकी इच्छा यह नहीं
और न ही उसके हृदय में ऐसी कोई युक्ति है;
परंतु उसका यह उद्देश्य है,
कि वह अनेक देशों को नष्ट करे और मिटा डाले.
क्योंकि वह यह कहता है, ‘क्या मेरे सब हाकिम राजा नहीं?
क्या कलनो कर्कमीश व हामाथ अरपाद के
और शमरिया दमेशेक के समान नहीं है?
इसलिये कि मेरा हाथ मूर्तियों के राज्य में पहुंच गया है,
जिनकी गढ़ी हुई मूर्ति येरूशलेम और शमरिया से अधिक थी—
क्या मैं येरूशलेम और उसकी मूर्तियों के साथ वही करूंगा
जैसा मैंने शमरिया और उसकी मूर्तियों के साथ किया था?’ ”
तब अब ऐसा होगा जब प्रभु ज़ियोन पर्वत और येरूशलेम में अपना सब काम पूरा कर चुके होंगे, तब वे अश्शूर के राजा को उसके विचारों और घमंड को तोड़ देंगे. क्योंकि उनका यह मानना था:
“ ‘अपनी ही समझ और बल से राज्य की सीमाओं को मैंने हटाया
और उनके धन को लूट लिया.
देश के लोगों की धन-संपत्ति इस प्रकार कब्जे में की,
जिस प्रकार चिड़िया घोंसलों को
और बचे हुए अण्डों को इकट्ठा करती है.’ ”
क्या कुल्हाड़ी अपनी प्रशंसा करेगी,
या आरी स्वयं को जो उसे खींचता है अच्छा होने का दावा करेगी?
यह तो उसी प्रकार है जैसे लाठी उसे उठाए जो काठ है ही नहीं,
या मुगदर अपने प्रयोक्ता को चलाए!
तब सर्वशक्तिमान याहवेह,
उनके बलवान योद्धाओं को कमजोर कर देंगे;
और उनके ऐश्वर्य के नीचे आग की
सी जलन होगी.
इस्राएल की ज्योति आग
और पवित्र ज्वाला होगी;
और उसके झाड़ आग में जल जाएंगे.
वे उसके वन और फलदायक उद्यान के वैभव को ऐसे नष्ट कर देंगे, जैसे एक रोगी की देह
और प्राण कमजोर होते हैं.
उसके वन में शेष रह गए वृक्षों की संख्या इतनी अल्प हो जाएगी
कि कोई बालक भी इसकी गणना कर लेगा.