यशायाह 63:1-19
बदला और उद्धार का दिन
कौन है वह जो एदोम के बोज़राह से चला आ रहा है,
जो बैंगनी रंग के कपड़े पहने हुए हैं?
जो बलवान और बहुत
भड़कीला वस्त्र पहने हुए आ रहा है?
“मैं वही हूं, जो नीति से बोलता,
और उद्धार करने की शक्ति रखता हूं.”
तुम्हारे वस्त्र लाल क्यों है,
तुम्हारे वस्त्र हौद में दाख रौंदने वाले के समान क्यों है?
“मैंने अकेले ही दाख को रौंदा;
जनताओं से कोई भी मेरे साथ न था.
अपने क्रोध में ही मैंने दाख रौंदा
और उन्हें कुचल दिया था;
उनके लहू का छींटा मेरे वस्त्रों पर पड़ा,
और मेरे वस्त्र में दाग लग गया.
मेरे मन में बदला लेने का दिन निश्चय था;
मेरी छुड़ाई हुई प्रजा का वर्ष आ गया है.
मैंने ढूंढ़ा, तब कोई नहीं मिला सहायता के लिए,
कोई संभालने वाला भी;
तब मैंने अपने ही हाथों से उद्धार किया,
और मेरी जलजलाहट ने ही मुझे संभाला.
मैंने अपने क्रोध में जनताओं को कुचल डाला;
तथा अपने गुस्से में उन्हें मतवाला कर दिया
और उनके लहू को भूमि पर बहा दिया.”
स्तुति और प्रार्थना
जितनी दया याहवेह ने हम पर की,
अर्थात् इस्राएल के घराने पर,
दया और अत्यंत करुणा करके जितनी भलाई हम पर दिखाई—
उन सबके कारण मैं याहवेह के करुणामय कामों का वर्णन
और उसका गुण गाऊंगा.
क्योंकि याहवेह ही ने उनसे कहा, “वे मेरी प्रजा हैं,
वे धोखा न देंगे”;
और वह उनका उद्धारकर्ता हो गए.
उनके संकट में उसने भी कष्ट उठाया,
उनकी उपस्थिति के स्वर्गदूत ने ही उनका उद्धार किया.
अपने प्रेम एवं अपनी कृपा से उन्होंने उन्हें छुड़ाया;
और पहले से उन्हें उठाए रखा.
तो भी उन्होंने विद्रोह किया
और पवित्रात्मा को दुःखी किया.
इस कारण वे उनके शत्रु हो गए
और खुद उनसे लड़ने लगे.
तब उनकी प्रजा को बीते दिन,
अर्थात् मोशेह के दिन याद आए: कहां हैं वह,
जिन्होंने उन्हें सागर पार करवाया था,
जो उनकी भेड़ों को चरवाहे समेत पार करवाया?
कहां हैं वह जिन्होंने अपना पवित्रात्मा उनके बीच में डाला,
जिन्होंने अपने प्रतापी हाथों को
मोशेह के दाएं हाथ में कर दिया,
जिन्होंने सागर को दो भाग कर दिया,
और अपना नाम सदा का कर दिया,
जो उन्हें सागर तल की गहराई पर से दूसरे पार ले गए?
वे बिलकुल भी नहीं घबराए,
जिस प्रकार मरुस्थल में घोड़े हैं;
याहवेह के आत्मा ने उन्हें इस प्रकार शांति दी,
जिस प्रकार पशु घाटी से उतरते हैं.
आपने इस प्रकार अपनी प्रजा की अगुवाई की
कि आपकी महिमा हो क्योंकि आप हमारे पिता हैं.
स्वर्ग से अपने पवित्र एवं
वैभवशाली उन्नत निवास स्थान से नीचे देखिए.
कहां है आपकी वह खुशी तथा आपके पराक्रम के काम?
आपके दिल का उत्साह तथा आपकी कृपा मेरे प्रति अब नहीं रह गई.
आप हमारे पिता हैं,
यद्यपि अब्राहाम हमें नहीं जानता
और इस्राएल भी हमें ग्रहण नहीं करता;
तो भी, हे याहवेह, आप ही हमारे पिता हैं,
हमारा छुड़ानेवाले हैं, प्राचीन काल से यही आपका नाम है.
हे याहवेह आपने क्यों हमें आपके मार्गों से भटक जाने के लिए छोड़ दिया हैं,
आप क्यों हमारे दिल को कठोर हो जाने देते हैं कि हम आपका भय नहीं मानते?
अपने दास के लिए लौट आइए,
जो आप ही की निज प्रजा है.
आपका पवित्र स्थान आपके लोगों को कुछ समय के लिये ही मिला था,
लेकिन हमारे शत्रुओं ने इसे रौंद डाला.
अब तो हमारी स्थिति ऐसी हो गई है;
मानो हम पर कभी आपका अधिकार था ही नहीं,
और जो आपके नाम से कभी जाने ही नहीं गए थे.
यशायाह 64:1-12
भला हो कि आप आकाश को फाड़कर नीचे आ सकते,
कि पर्वत आपके सामने कांप उठे!
जिस प्रकार आग झाड़ को जला देती है
या जल को उबालती है,
वैसे ही आपके विरोधियों को आपकी प्रतिष्ठा का बोध हो जाता
कि आपकी उपस्थिति से राष्ट्र कांप उठते हैं!
जब आपने ऐसे भयानक काम किए थे,
तब आप उतर आए थे, पर्वत आपकी उपस्थिति में कांप उठे.
पूर्वकाल से न तो उन्होंने सुना है,
न ही देखा गया है,
आपके सिवाय हमारे लिए और कोई परमेश्वर नहीं हुआ है,
जो अपने भक्तों की ओर ध्यान दे.
आप उन्हीं से मिलते हैं जो आनंद से नीतियुक्त काम करते हैं,
जो आपको याद रखते हुए आपके मार्गों पर चलते हैं.
सच है कि आप हमारे पाप के कारण क्रोधित हुए,
और हमारी यह दशा बहुत समय से है.
क्या हमें छुटकारा मिल सकता है?
हम सभी अशुद्ध मनुष्य के समान हो गये है,
हमारे धर्म के काम मैले चिथडों के समान है;
हम सभी पत्तों के समान मुरझा जाते हैं,
हमारे अधर्म के काम हमें हवा में उड़ा ले जाते हैं.
ऐसा कोई भी नहीं जो आपके नाम की दोहाई देता है
और जो आपको थामे रहने का प्रयास यत्न से करता है;
क्योंकि आपने हमसे अपना मुंह छिपा लिया
है तथा हमें हमारी बुराइयों के हाथ कर दिया है.
किंतु अब, याहवेह, हमने आपको पिता समान स्वीकारा है.
हम तो मात्र मिट्टी हैं, आप हमारे कुम्हार;
हम सभी आपके हाथ की रचना हैं.
इसलिये हे याहवेह, क्रोधित न होईये;
और अनंत काल तक हमारे पापों को याद न रखिए.
हमारी ओर ध्यान दीजिए,
हम सभी आपके अपने ही हैं.
देखो आपका पवित्र नगर बंजर भूमि हो गया है;
ज़ियोन अब सुनसान है! येरूशलेम उजाड़ पड़ा है.
हमारा पवित्र एवं भव्य भवन, जहां हमारे पूर्वजों ने आपकी स्तुति की थी,
आग से जला दिया गया है,
हमारी सभी अमूल्य वस्तुएं नष्ट हो चुकी हैं.
यह सब होते हुए भी, याहवेह, क्या आप अपने आपको रोके रहेंगे?
क्या आप हमें इस दुर्दशा में रहने देंगे?
यशायाह 65:1-16
न्याय और उद्धार
“मैंने अपने आपको उन लोगों में प्रकट किया, जिन्होंने मेरे विषय में पूछताछ ही नहीं की;
मैंने अपने आपको उन लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया, जिन्होंने मुझे खोजने की कोशिश भी न की थी.
वह देश जिसने मेरे नाम की दोहाई ही न दी थी,
मैं उसका ध्यान इस प्रकार करता रहा, ‘देख मैं यहां हूं.’
एक विद्रोही जाति के लिए
मैं सारे दिन अपने हाथ फैलाए रहा,
जो अपनी इच्छा से बुरे रास्तों पर
चलते हैं,
जो ईंटों पर धूप जलाकर तथा बागों में बलि चढ़ाकर,
मुझे क्रोधित करते हैं;
जो कब्रों के बीच बैठे रहते
तथा सुनसान जगहों पर रात बिताते हैं;
जो सूअर का मांस खाते,
और घृणित वस्तुओं का रस अपने बर्तनों में रखते हैं;
वे कहते हैं, ‘अपने आप काम करो; मत आओ हमारे पास,
तुमसे अधिक पवित्र मैं हूं!’
मेरे लिए तो यह मेरे नाक में धुएं व उस आग के समान है,
जो सारे दिन भर जलती रहती है.
“देखो, यह सब मेरे सामने लिखा है:
मैं चुप न रहूंगा, किंतु मैं बदला लूंगा;
वरन तुम्हारे और तुम्हारे पूर्वजों के भी अधर्म के कामों का बदला तुम्हारी गोद में भर दूंगा.
क्योंकि उन्होंने पर्वतों पर धूप जलाया है
और पहाड़ियों पर उन्होंने मेरी उपासना की है,
इसलिये मैं उनके द्वारा
पिछले कामों का बदला उन्हीं की झोली में डाल दूंगा.”
याहवेह कहते हैं,
“जिस प्रकार दाख के गुच्छे में ही नया दाखमधु भरा होता है
जिसके विषय में कहा जाता है, ‘इसे नष्ट न करो,
यही हमें लाभ करेगा,’
इसी प्रकार मैं भी अपने सेवकों के लिये काम करूंगा;
कि वे सबके सब नष्ट न हो जाएं.
मैं याकोब के वंश को जमा करूंगा,
और यहूदिया से मेरे पर्वतों का उत्तराधिकारी चुना जायेगा;
वे मेरे चुने हुए वारिस होंगे,
और वहां मेरे सेवक बस जायेंगे.
शारोन में उसकी भेड़-बकरियां चरेंगी,
और गाय-बैल आकोर घाटी में विश्राम करेंगे,
क्योंकि मेरी प्रजा मेरी खोज करने लगी है.
“परंतु तुम जिन्होंने याहवेह को छोड़ दिया हैं
और जो मेरे पवित्र पर्वत को भूल जाते हैं,
वे भाग्य देवता के लिए मेज़ पर खाना सजाते हैं
और भावी देवी के लिये मसाला मिला दाखमधु रखते हैं,
मैं तुम्हारे लिए तलवार लाऊंगा,
तुम सभी वध होने के लिए झुक जाओगे;
क्योंकि तुमने मेरे बुलाने पर उत्तर न दिया,
जब मैंने कहा तुमने न सुना.
तुमने वही किया, जो मेरी दृष्टि में गलत है
तथा वही करना चाहा जो मुझे नहीं भाता.”
तब प्रभु याहवेह ने कहा:
“देखो, मेरे सेवक तो भोजन करेंगे,
पर तुम भूखे रह जाओगे;
कि मेरे सेवक पिएंगे,
पर तुम प्यासे रह जाओगे;
मेरे सेवक आनंदित होंगे,
पर तुम लज्जित किए जाओगे.
मेरे सेवक आनंद से
जय जयकार करेंगे,
पर तुम दुःखी दिल से रोते
और तड़पते रहोगे.
मेरे चुने हुए लोग
तुम्हारा नाम लेकर शाप देंगे;
और प्रभु याहवेह तुमको नाश करेंगे,
परंतु अपने दासों का नया नाम रखेंगे.
क्योंकि वह जो पृथ्वी पर धन्य है
वह सत्य के परमेश्वर द्वारा आशीषित किया गया है;
वह जो पृथ्वी पर शपथ लेता है
वह सत्य के परमेश्वर की शपथ लेगा.
क्योंकि पुरानी विपत्तियां दूर हो जायेंगी,
वह मेरी आंखों से छिप गया है.