यशायाह 51:17-23
याहवेह के क्रोध का कटोरा
हे येरूशलेम,
जाग उठो!
तुमने तो याहवेह ही के हाथों से
उनके क्रोध के कटोरे में से पिया है. तुमने कटोरे का लड़खड़ा देनेवाला मधु पूरा पी लिया है.
उससे जन्मे पुत्रों में से
ऐसा कोई भी नहीं है, जो उनकी अगुवाई करे;
न कोई है जो उनका हाथ थामे.
तुम्हारे साथ यह दो भयावह घटनाएं घटी हैं—
अब तुम्हारे लिए कौन रोएगा?
उजाड़ और विनाश, अकाल तथा तलवार आई है—
उससे कौन तुम्हें शांति देगा?
तुम्हारे पुत्र मूर्छित होकर
गली के छोर पर,
जाल में फंसे पड़े हैं.
याहवेह के क्रोध और परमेश्वर की डांट से
वे भर गये हैं.
इस कारण, हे पीड़ित सुनो,
तुम जो मतवाले तो हो, किंतु दाखमधु से नहीं.
प्रभु अपने लोगों की ओर से युद्ध करते हैं,
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने कहा हैं:
“देखो, मैंने तुम्हारे हाथों से
वह कटोरा ले लिया है;
जो लड़खड़ा रहा है और, मेरे क्रोध का घूंट,
अब तुम इसे कभी न पियोगे.
इसे मैं तुम्हें दुःख देने वालो के हाथ में दे दूंगा,
जिन्होंने तुमसे कहा था,
‘भूमि पर लेटो, कि हम तुम पर से होकर चल सकें.’
तुमने अपनी पीठ भूमि पर करके मार्ग बनाया,
ताकि वे उस पर चलें.”
यशायाह 52:1-15
हे ज़ियोन, जागो,
और अपना बल पाओ!
हे पवित्र नगर येरूशलेम,
अपने सुंदर वस्त्र पहन लो.
क्योंकि अब न तो खतना-रहित
और न ही अशुद्ध व्यक्ति आएंगे.
हे येरूशलेम, तुम जो बंदी हो,
अपने ऊपर से धूल झाड़ कर उठ जाओ.
ज़ियोन की बंदी पुत्री,
अपने गले में पड़ी हुई जंजीर को उतार दो.
क्योंकि याहवेह यों कहते हैं:
“तुम तो बिना किसी मूल्य के बिक गए थे,
तथा बिना मूल्य चुकाए छुड़ाए भी जाओगे.”
क्योंकि प्रभु याहवेह यों कहते हैं:
“पहले मेरे लोग मिस्र देश इसलिये गए थे, कि वे वहां परदेशी होकर रहें;
अश्शूरियों ने उन्हें बिना कारण दुःख दिये.”
याहवेह ने कहा है:
“बिना किसी कारण मेरे लोग बंधक बना लिए गए,
अब मेरे पास क्या रह गया है,”
याहवेह यों कहते हैं.
“वे जो उन पर शासन कर रहे हैं, उनको सता रहे हैं,
वे पूरे दिन मेरे नाम की निंदा करते हैं.
इस कारण अब मेरी प्रजा मेरे नाम को पहचानेगी;
और उन्हें यह मालूम हो जाएगा कि मैं ही हूं,
कि मैं ही हूं जो यह कह रहा है.
हां, मैं यहां हूं.”
पर्वतों पर से आते हुए उनके पैर कैसे शुभ हैं,
जो शुभ संदेश ला रहे हैं,
जो शांति,
और भलाई की बात सुनाते हैं,
जो उद्धार की घोषणा करते हैं,
तथा ज़ियोन से कहते हैं,
“राज्य तुम्हारे परमेश्वर का है!”
सुनो! तुम्हारे पहरा देनेवाले ऊंचे शब्द से पुकार रहे हैं;
वे सभी मिलकर जय जयकार कर रहे हैं.
क्योंकि वे देखेंगे,
कि याहवेह ज़ियोन को वापस बनाएंगे.
हे येरूशलेम के उजड़े स्थानो,
तुम उच्च स्वर से जय जयकार करो,
क्योंकि याहवेह ने अपने लोगों को शांति दी है,
उन्होंने येरूशलेम को छुड़ा दिया है.
याहवेह ने अपना पवित्र हाथ
सभी देशों को दिखा दिया है,
कि पृथ्वी के दूर-दूर देश के सब लोग
हमारे परमेश्वर के द्वारा किए गये उद्धार को देखेंगे.
चले जाओ यहां से!
किसी भी अशुद्ध वस्तु को हाथ न लगाओ!
तुम जो याहवेह के पात्रों को उठानेवाले हो,
नगर के बीच से निकलकर बाहर चले जाओ तथा अपने आपको शुद्ध करो.
फिर भी तुम बाहर जाने में उतावली न करना
न ही तुम ऐसे जाना मानो तुम चल रहे हो;
क्योंकि याहवेह तुम्हारे आगे-आगे चलेंगे,
तथा इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे पीछे भी रक्षा करते चलेंगे.
सेवक की पीड़ा और महिमा
देखों, मेरा सेवक बढ़ता जाएगा;
वह ऊंचा महान और अति महान हो जाएगा.
मेरे लोग जिस प्रकार तुम्हें देखकर चकित हुए—
क्योंकि उसका रूप व्यक्ति से
तथा उसका डीलडौल मनुष्यों से अधिक बिगड़ चुका था—
वैसे ही वह बहुत सी जातियों को छिड़केगा,52:15 छिड़केगा अर्थात् पवित्र करेगा
राजा शांत रहेंगे क्योंकि जो बातें नहीं कही गई थी.
वे उनके सामने आएंगी,
और जो कुछ उन्होंने नहीं सुना था, उन्हें समझ आ जाएगा.
यशायाह 53:1-12
किसने हमारी बातों पर विश्वास किया
और याहवेह के हाथ किस पर प्रकट हुए हैं?
क्योंकि वह जो उनके सामने अंकुर के समान
और ऐसे उगा जैसे सूखी भूमि से निकला हो.
उसका रूप न तो सुंदर था न प्रभावशाली कि हमें अच्छा लगे,
न ही ऐसा रूप कि हम उसकी ओर देखते.
वह तो मनुष्यों द्वारा तुच्छ जाना जाता तथा त्यागा हुआ था,
वह दुःखी पुरुष था, रोगों से परिचित था.
उसे देखकर लोग अपना मुंह छिपा लेते हैं
वह तुच्छ जाना गया, और हमने उसके महत्व को न जाना.
उसने हमारे रोगों को सह लिया और उठा लिया
उसने हमारे ही दुखों को अपने ऊपर ले लिया,
स्वयं हमने उसे परमेश्वर द्वारा मारा कूटा
और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा.
हमारे पापों के कारण ही उसे रौंदा गया,
हमारे अधर्म के कामों के कारण वह कुचला गया;
उसके कोड़े खाने से,
हम चंगे हुए.
हम सभी भेड़ों के समान भटक गए थे,
हममें से हर एक ने अपना मनचाहा मार्ग अपना लिया;
किंतु याहवेह ने हम सभी के अधर्म का
बोझ उसी पर लाद दिया.
वह सताया गया और,
फिर भी कुछ न कहा;
वध के लिए ले जाए जा रहे मेमने के समान उसको ले जाया गया,
तथा जैसे ऊन कतरनेवाले के सामने मेमना शांत रहता है,
वैसे ही उसने भी अपना मुख न खोला.
अत्याचार करके और दोष लगाकर
उसे दंड दिया गया.
वह जीवितों के बीच में से उठा लिया गया;
मेरे ही लोगों के पापों के कारण उसे मार पड़ी.
उसकी कब्र दुष्ट व्यक्तियों के साथ रखी गई,
फिर भी अपनी मृत्यु में वह एक धनी व्यक्ति के साथ था,
क्योंकि न तो उससे कोई हिंसा हुई थी,
और न उसके मुंह से कोई छल की बात निकली.
तो भी याहवेह को यही अच्छा लगा की उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया,
ताकि वह अपने आपको पाप बलिदान के रूप में अर्पित करें,
तब वह अपने वंश को देख पायेंगे और वह बहुत दिन जीवित रहेंगे,
तथा इससे याहवेह की इच्छा पूरी होगी.
और अपने प्राणों का दुःख उठाकर
उसे देखेंगे और संतोष पायेंगे;
अपने ज्ञान के द्वारा वह जो धर्मी व्यक्ति है मेरा सेवक अनेकों को धर्मी बनाएगा,
क्योंकि वही उनके पाप का बोझ उठाएगा.
अतः मैं उसे महान लोगों के साथ एक भाग दूंगा,
वह लूटी हुई चीज़ों को सामर्थ्यी व्यक्तियों में बांट देगा,
उसने अपने प्राणों को मृत्यु में ढाल दिया,
उसकी गिनती अपराधियों में की गई.
फिर भी उसने अनेकों के पाप का बोझ उठाया,
और अपराधियों के लिए मध्यस्थता की!
यशायाह 54:1-17
येरूशलेम के भविष्य की महिमा
यह याहवेह की वाणी है,
“बांझ, तुम, जो संतान पैदा करने में असमर्थ हो, आनंदित हो.
तुम, जो प्रसव पीड़ा से अनजान हो,
जय जयकार करो,
क्योंकि त्यागी हुई की संतान,
सुहागन की संतान से अधिक है.
अपने तंबू के पर्दों को फैला दो,
इसमें हाथ मत रोको;
अपनी डोरियों को लंबा करो,
अपनी खूंटियों को दृढ़ करो.
क्योंकि अब तुम दाएं तथा बाएं दोनों ही ओर को बढ़ाओगे;
तुम्हारे वंश अनेक देशों के अधिकारी होंगे
और उजड़े हुए नगर को फिर से बसाएंगे.
“मत डर; क्योंकि तुम्हें लज्जित नहीं होना पड़ेगा.
मत घबरा; क्योंकि तू फिर लज्जित नहीं होगी.
तुम अपनी जवानी की लज्जा को भूल जाओगे
और अपने विधवापन की बदनामी को फिर याद न रखोगे.
क्योंकि तुम्हें रचनेवाला तुम्हारा पति है—
जिसका नाम है त्सबाओथ54:5 त्सबाओथ अर्थात् सेना के याहवेह—
तथा इस्राएल के पवित्र परमेश्वर हैं;
जिन्हें समस्त पृथ्वी पर परमेश्वर नाम से जाना जाता है.
क्योंकि याहवेह ने तुम्हें बुलाया है
तुम्हारी स्थिति उस पत्नी के समान थी—
जिसको छोड़ दिया गया हो,
और जिसका मन दुःखी था,” तेरे परमेश्वर का यही वचन है.
“कुछ पल के लिए ही मैंने तुझे छोड़ा था,
परंतु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूंगा.
कुछ ही क्षणों के लिए
क्रोध में आकर तुमसे मैंने अपना मुंह छिपा लिया था,
परंतु अब अनंत करुणा और प्रेम के साथ
मैं तुम पर दया करूंगा,”
तेरे छुड़ानेवाले याहवेह का यही वचन है.
“क्योंकि मेरी दृष्टि में तो यह सब नोहा के समय जैसा है,
जब मैंने यह शपथ ली थी कि नोहा के समय हुआ जैसा जलप्रलय अब मैं पृथ्वी पर कभी न करूंगा.
अतः अब मेरी यह शपथ है कि मैं फिर कभी तुम पर क्रोध नहीं करूंगा,
न ही तुम्हें कभी डाटूंगा.
चाहे पहाड़ हट जाएं
और पहाड़ियां टल जायें,
तो भी मेरा प्रेम कभी भी तुम पर से न हटेगा
तथा शांति की मेरी वाचा कभी न टलेगी,”
यह करुणामय याहवेह का वचन है.
“हे दुखियारी, तू जो आंधी से सताई है और जिसको शांति नहीं मिली,
अब मैं तुम्हारी कलश को अमूल्य पत्थरों से जड़ दूंगा,
तथा तुम्हारी नीवों को नीलमणि से बनाऊंगा.
और मैं तुम्हारे शिखरों को मूंगों से,
तथा तुम्हारे प्रवेश द्वारों को स्फटिक से निर्मित करूंगा.
वे याहवेह द्वारा सिखाए हुए होंगे,
और उनको बड़ी शांति मिलेगी.
तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर रहेगी:
अत्याचार तुम्हारे पास न आएगा;
तुम निडर बने रहना;
डर कभी तुम्हारे पास न आएगा.
यदि कोई तुम पर हमला करे, तो याद रखना वह मेरी ओर से न होगा;
और वह तुम्हारे द्वारा हराया जाएगा.
“सुन, लोहार कोयले की आग में
हथियार बनाता है, वह मैंने ही बनाया है
और बिगाड़ने के लिये भी मैंने एक को बनाया है.
कोई भी हथियार ऐसा नहीं बनाया गया, जो तुम्हें नुकसान पहुंचा सके,
तुम उस व्यक्ति को, जो तुम पर आरोप लगाता है, दंड दोगे.
याहवेह के सेवकों का भाग यही है,
तथा उनकी धार्मिकता मेरी ओर से है,”
याहवेह ही का यह वचन है.