यशायाह 5:8-30, यशायाह 6:1-13, यशायाह 7:1-25, यशायाह 8:1-10 HCV

यशायाह 5:8-30

दुर्वृत्तों पर धिक्कार

हाय उन पर जो घर से घर

और खेत से खेत

जोड़ देते हैं कि

और किसी को खाली जगह नहीं मिलती कि वे रहने लगें.

सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा;

“निश्चय बड़े,

और सुंदर घर सुनसान हो जाएंगे.

दस एकड़ के दाख की बारी से सिर्फ एक बत5:10 बत करीब 22 लीटर दाखरस ही मिलेगा;

और होमेर5:10 होमेर लगभग 160 किलोग्राम भर बीज से एक एफा5:10 एफा करीब 16 किलो उपज होगी.”

हाय उन पर जो सुबह जल्दी उठकर शराब खोजते हैं, और शाम तक

दाखमधु पीकर नशा करते हैं.

उनके उत्सवों में वीणा, सारंगी,

खंजरी, बांसुरी और दाखरस होता है,

किंतु वे न तो याहवेह के कामों पर ध्यान देते हैं,

और न ही उनके हाथ के कामों को सोचते हैं.

यही कारण है कि मेरी प्रजा समझ की कमी से

उन्हें बंदी बना दी गई;

उनके प्रतिष्ठित लोग भूखे रह जाते हैं

और साधारण लोग प्यासे रह जाते हैं.

इसलिये अधोलोक ने,

अपना गला खोल दिया है;

ताकि येरूशलेम का वैभव, उसका जनसमूह

उसके शत्रु और लेनदेन करनेवाले सब उसमें उतर जाएंगे.

तब साधारण मनुष्य तो दबाएं जाते हैं

और बड़े लोग नीचे किए जाते हैं,

और घमंडी की आंखें झुका दी जाएंगी.

किंतु सर्वशक्तिमान याहवेह ही न्याय करेंगे,

और पवित्र परमेश्वर अपनी धार्मिकता में स्वयं को पवित्र प्रकट करेंगे.

तब मेमने खेत में चरेंगे;

तथा अमीरों की खाली जगहों पर परदेशियों को चराई के लिये जगह मिलेगी.

हाय उन पर जो अनर्थ को अधर्म से,

तथा पाप को गाड़ी के रस्सियों से खींचते हैं,

जो कहते हैं, “इस्राएल के पवित्र परमेश्वर गति को बढ़ायें;

और अपने कामों को जल्दी पूरा करें,

ताकि हम उनकी इच्छा को जान सकें.”

हाय उन पर जो गलत को सही

और सही को गलत कहते हैं,

और अंधकार को ज्योति

और ज्योति को अंधकार से,

और कड़वे को मीठा

तथा मीठे को कड़वा कहते हैं.

हाय उन पर जो अपने आपको ज्ञानी

और बुद्धिमान कहते हैं.

हाय उन पर जो दाखमधु पीने में वीर

और बनाने में बहादुर हैं,

जो रिश्वत लेकर अपराधी को बचा लेते हैं,

और निर्दोष को दोषी बना देते हैं.

इस कारण, जैसे आग खूंटी को जला देती है

और सूखी घास जलकर राख हो जाती है,

और उनकी जड़ें सड़ जाएगी

और फल हवा में उड़ जाएंगे;

क्योंकि उन्होंने सर्वशक्तिमान याहवेह की व्यवस्था को ठुकरा दिया है

और इस्राएल के पवित्र वचन को तुच्छ समझा है.

इसलिये याहवेह ने क्रोधित होकर

उनको मारा तब पर्वत हिलने लगा

और शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे फिर भी वे शांत न हुए,

और उनका हाथ अब तक उठा हुआ है.

वे दूर देश के लिए झंडा खड़ा करेंगे,

और पृथ्वी के चारों ओर से लोगों को बुलाएंगे

और सब तुरंत वहां आएंगे.

और उनमें न कोई थका हुआ होगा न ही कोई बलहीन होगा,

न कोई ऊंघता है और न कोई सोता;

न तो कोई बंधन खोलता है,

और न कोई बांधता है.

उनके तीर तेज,

और धनुष चढ़ाए हुए हैं;

उनके घोड़ों के खुर वज्र के समान,

और उनके रथों के पहिए चक्रवात के समान हैं.

उनकी दहाड़ सिंह के समान,

हां, जो गुर्राते हुए शिकार पर झपटते हैं;

और उसे उठाकर ले जाते हैं

और उसका छुड़ाने वाला कोई नहीं होता.

उस दिन वे समुद्र में

उठती लहरों के समान गरजेंगे.

और सब जगह अंधकार और संकट दिखाई देगा,

यहां तक कि रोशनी भी बादल में छिप जाएगी.

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यशायाह 6:1-13

यशायाह का आयोग

यशायाह का दर्शन है उस वर्ष जब राजा उज्जियाह की मृत्यु हुई, उस वर्ष मैंने प्रभु को ऊंचे सिंहासन पर बैठे देखा, उनके वस्त्र से मंदिर ढंक गया है. और उनके ऊपर स्वर्गदूत दिखाई दिए जिनके छः-छः पंख थे: सबने दो पंखों से अपना मुंह ढंक रखा था, दो से अपने पैर और दो से उड़ रहे थे. वे एक दूसरे से इस प्रकार कह रहे थे:

“पवित्र, पवित्र, पवित्र हैं सर्वशक्तिमान याहवेह;

सारी पृथ्वी उनके तेज से भरी है.”

उनकी आवाज से द्वार के कक्ष हिल गए और भवन धुएं से भरा हुआ हो गया.

तब मैंने कहा, “हाय मुझ पर! क्योंकि मैं नष्ट हो गया हूं! मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं, जिसके होंठ अशुद्ध हैं और मैं उन व्यक्तियों के बीच रहता हूं जिनके होंठ अशुद्ध हैं; क्योंकि मैंने अपनी आंखों से महाराजाधिराज, सर्वशक्तिमान याहवेह को देख लिया है.”

तब एक स्वर्गदूत उड़कर मेरी ओर आया और उसके हाथ में अंगारा था, जिसे उसने चिमटे से वेदी पर से उठाया था. उसने इस अंगारे से मेरे मुंह पर छूते हुए कहा, “देखो, तुम्हारे होंठों से अधर्म दूर कर दिया और तुम्हारे पापों को क्षमा कर दिया गया है.”

तब मैंने प्रभु को यह कहते हुए सुना, “मैं किसे भेजूं और कौन जाएगा हमारे लिए?”

तब मैंने कहा, “मैं यहां हूं. मुझे भेजिए!”

प्रभु ने कहा, “जाओ और इन लोगों से कहो:

“ ‘सुनते रहो किंतु समझो मत;

देखते रहो किंतु ग्रहण मत करो.’

इन लोगों के हृदय कठोर;

कान बहरे

और आंख से अंधे हैं.

कहीं ऐसा न हो कि वे अपनी आंखों से देखकर,

अपने कानों से सुनकर,

और मन फिराकर मेरे पास आएं,

और चंगे हो जाएं.”

तब मैंने पूछा, “कब तक, प्रभु, कब तक?”

प्रभु ने कहा:

“जब तक नगर सूना न हो जाए

और कोई न बचे,

और पूरा देश सुनसान न हो जाएं,

याहवेह लोगों को दूर ले जाएं

और देश में कई जगह निर्जन हो जाएं.

फिर इसमें लोगों का दसवां भाग रह जाए,

तो उसे भी नष्ट किया जाएगा.

जैसे बांझ वृक्ष को काटने के बाद भी ठूंठ बच जाता है,

उसी प्रकार सब नष्ट होने के बाद,

जो ठूंठ समान बच जाएगा, वह पवित्र बीज होगा.”

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यशायाह 7:1-25

इम्मानुएल का चिन्ह

यह उल्लेख उस समय का है, जब उज्जियाह का पोता, योथाम के पुत्र यहूदिया के राजा आहाज़, अराम के राजा रेज़िन और रेमालियाह के पुत्र इस्राएल के राजा पेकाह ने येरूशलेम पर हमला किया, और हार गये.

जब दावीद के घराने को यह पता चला कि अराम और एफ्राईम एकजुट हो गए है; तो उनके लोग आंधी से हिलते हुए वन वृक्षों के समान डर से कांपने लगे.

तब याहवेह ने यशायाह से कहा, “तुम्हें और तुम्हारे पुत्र शआर-याशूब को आहाज़ से मिलने राजमार्ग से लगे धोबी खेत में ऊपरी कुंड के पास पहुंचना है. और उनसे कहना कि, ‘अराम के राजा, रेज़िन तथा रेमालियाह के पुत्र के क्रोध के कारण जो जलता हुआ धुआं दिखाई दे रहा है, सावधान और शांत बने रहना, भयभीत न होना और न ही घबराना. क्योंकि अराम के राजा, रेमालियाह के पुत्र तथा एफ्राईम ने तुम्हारे विरुद्ध यह कहते हुए नई चाल चली है, “आओ, हम यहूदाह पर आक्रमण कर उसे मार दें, और ताबील के पुत्र को उसका राजा बना दें.” इसलिये प्रभु याहवेह ने कहा:

“ ‘उनकी यह चाल सफल न होगी,

यह कदापि सफल न होगी.

क्योंकि अराम का सिर दमेशेक है,

और दमेशेक का रेज़िन.

आगामी पैंसठ वर्षों के अंदर में एफ्राईम ऐसा नष्ट कर दिया जाएगा.

एफ्राईम का शीर्ष शोमरोन

और शोमरोन का शीर्ष रेमालियाह का पुत्र है.

यदि तुम विश्वास नहीं करोगे

तो स्थिर भी नहीं रहोगे.’ ”

तब याहवेह ने आहाज़ से कहा, “तुम याहवेह अपने परमेश्वर से अपने लिए एक चिन्ह मांगो, चाहे वह गहरे सागर का हो या आकाश का.”

किंतु आहाज़ ने कहा, “नहीं, मैं न तो मांगूंगा और न ही याहवेह को परखूंगा.”

इस पर यशायाह ने कहा, “हे दावीद के घराने सुनो! क्या तुम्हारे लिए लोगों के धैर्य की परीक्षा लेना काफ़ी न था, कि अब तुम मेरे परमेश्वर के धैर्य को भी परखोगे?” तब प्रभु स्वयं तुम्हें एक चिन्ह देंगे: सुनो, एक कन्या गर्भधारण करेगी, वह एक पुत्र को जन्म देगी और उसे इम्मानुएल7:14 इम्मानुएल अर्थ परमेश्वर हमारे साथ नाम से पुकारेगी. बुरे को अस्वीकार करने तथा भले को अपनाने की समझ होने तक वह मक्खन और शहद खाएगा, क्योंकि बालक को बुरे को अस्वीकार करने तथा भले को अपनाने की समझ होने से पहले, जिन दो राजाओं से तुम डर रहे हो उनके राज्य निर्जन कर दिए जाएंगे. याहवेह तुम पर, तुम्हारी प्रजा और तुम्हारे पूर्वजों के वंश पर ऐसा समय लाएंगे जैसा उस समय से, जब अश्शूर के राजा के समय में एफ्राईम यहूदिया से अलग हुआ था, अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ था.

यहूदाह की भावी विपत्तियां

उस दिन याहवेह सीटी की आवाज से मिस्र देश की नदियों के छोर से मक्खियों को तथा अश्शूर देश से मधुमक्खियों को बुलाएंगे. और वे सभी आकर ढलवां घाटियों, चट्टानों की दरारों में, कंटीली झाड़ियों और जलधाराओं के निकट में बस जाएंगी. उस दिन प्रभु फ़रात नदी के पार के क्षेत्र से भाड़े पर लिए हुए छुरे से अश्शूर के राजा के सिर तथा पूरे शरीर के बाल और दाढ़ी को काट डालेंगे. उस समय, मनुष्य केवल एक कलोर और भेड़ों के जोड़े को पालेगा. दूध की बहुतायत के कारण दही उसका भोजन होगा क्योंकि देश में जीवित रह गए हर व्यक्ति का भोजन दही और मधु ही होगा. उस समय, जहां हजार टुकड़े चांदी की हजार दाख लताएं होती थी, वहां अब कंटीली झाड़ियां तथा ऊंटकटारे उगेंगे. लोग वहां धनुष और तीर लेकर जाएंगे क्योंकि पूरा देश कंटीली झाड़ियों से भरा होगा. जिन पहाड़ियों पर कुदाली से खेती की जाती थी, अब तुम कंटीली झाड़ियों तथा ऊंटकटारों के कारण वहां नहीं जा पाओगे. मवेशी, भेड़, और बकरियां वहां चरेंगी.

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यशायाह 8:1-10

यशायाह के पुत्र चिन्ह जैसे

याहवेह ने मुझसे कहा, “एक बड़ी पटिया में बड़े-बड़े अक्षरों में यह लिखो: महेर-शालाल-हाश-बाज़ अर्थात् त्वरित लूट, द्रुत डाका.” मैं पुरोहित उरियाह और यबेरेकयाह के पुत्र ज़करयाह को अपने साथ दो विश्वासयोग्य गवाह के रूप में रखूंगा. तब मैं नबिया के पास गया और उसने गर्भवती होकर एक पुत्र को जन्म दिया. तब याहवेह ने मुझसे कहा, “उसका नाम महेर-शालाल-हाश-बाज़ रखो. और इससे पहले कि वह पिता और माता बुलाए, दमेशेक की संपत्ति और शमरिया की लूट अश्शूर के राजा के द्वारा ले जाई जाएगी.”

फिर याहवेह ने मुझसे कहा:

“इसलिये कि इस प्रजा ने

शिलोह के धीरे धीरे बहने वाले सोते को छोड़ दिया

और रेमालियाह के पुत्र

और वे रेज़िन से मिलकर खुश हैं,

इसलिये अब प्रभु उन पर अर्थात् अश्शूर के राजा

और उसके समस्त वैभव पर फरात का कष्ट लाने पर हैं.

उसका जल उसकी समस्त नहरों,

और तटों पर से उमड़ पड़ेगा.

तब पानी यहूदिया पर भी चढ़ जाएगा

और बढ़ता जाएगा.

और इम्मानुएल का पूरा देश

उसके पंखों से ढंक जाएगा!”

हे दूर-दूर देश के सब लोगों,

चिल्लाओ अपनी-अपनी कमर कसो.

परंतु तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े किए जाएंगे

और तुम नाश किए जाओगे!

तुम चाहे कुछ भी करो, कोई फायदा नहीं;

और तुम्हारी सब बात झूठी होगी,

क्योंकि परमेश्वर तो हमारे साथ हैं.

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