यशायाह 49:8-26
इस्राएल का पुनरुद्धार
याहवेह ने कहा:
“एक अनुकूल अवसर पर मैं तुम्हें उत्तर दूंगा,
तथा उद्धार करने के दिन मैं तुम्हारी सहायता करूंगा;
मैं तुम्हें सुरक्षित रखकर
लोगों के लिए एक वाचा ठहराऊंगा,
ताकि देश को स्थिर करे
और उजड़े हुए मीरास को ठीक कर सके,
और जो बंधुवाई में हैं, ‘उन्हें छुड़ा सके,’
जो अंधकार में हैं, ‘उन्हें कहा जाए कि अपने आपको दिखाओ!’
“रास्ते पर चलते हुए भी उन्हें भोजन मिलेगा,
सूखी पहाड़ियों पर भी उन्हें चराई मिलेगी.
न वे भूखे होंगे और न प्यासे,
न तो लू और न सूर्य उन्हें कष्ट पहुंचा सकेंगे.
क्योंकि, जिनकी दया उन पर है,
वही उनकी अगुवाई करते हुए उन्हें पानी के सोतों तक ले जाएंगे.
मैं अपने सब पर्वतों को मार्ग बना दूंगा,
तथा मेरे राजमार्ग ऊंचे किए जायेंगे.
देखो, ये लोग दूर देशों से
कुछ उत्तर से, कुछ पश्चिम से
तथा कुछ सीनीम देश से आएंगे.”
हे आकाश, जय जयकार करो;
हे पृथ्वी, आनंदित होओ;
हे पर्वतो, आनंद से जय जयकार करो!
क्योंकि याहवेह ने अपनी प्रजा को शांति दी है
और दीन लोगों पर दया की है.
परंतु ज़ियोन ने कहा, “याहवेह ने मुझे छोड़ दिया है,
प्रभु मुझे भूल चुके हैं.”
“क्या यह हो सकता है कि माता अपने बच्चे को भूल जाए
और जन्माए हुए बच्चे पर दया न करे?
हां, वह तो भूल सकती है,
परंतु मैं नहीं भूल सकता!
देख, मैंने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है;
तेरी शहरपनाह सदैव मेरे सामने बनी रहती है.
तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं,
और उजाड़नेवाले तेरे बीच में से निकल रहे हैं.
अपनी आंख उठाकर अपने आस-पास देखो;
वे सभी तुम्हारे पास आ रहे हैं.”
याहवेह ने कहा “शपथ मेरे जीवन की,
तुम उन सबको गहने के समान पहन लोगे;
दुल्हन के समान अपने शरीर में सबको बांध लोगे.
“जो जगह सुनसान, उजड़ी,
और जो देश खंडहर हैं,
उनमें अब कोई नहीं रहेगा,
और तुम्हें नष्ट करनेवाले अब दूर हो जायेंगे.
वे बालक जो तुझसे ले लिये गये
वे फिर तुम्हारे कानों में कहेंगे,
‘मेरे लिए यह जगह छोटी है;
मेरे लिये बड़ी जगह तैयार कीजिए की मैं उसमें रह सकूं.’
तब तुम अपने मन में कहोगे,
‘कौन है जिसने इन्हें मेरे लिए जन्म दिया है?
क्योंकि मेरे बालक तो मर गये हैं;
बांझ थी मैं, यहां वहां घूमती रही.
फिर इनका पालन पोषण किसने किया है?
मुझे तो अकेला छोड़ दिया गया था,
ये कहां से आए हैं?’ ”
प्रभु याहवेह ने कहा:
“मैं अपना हाथ जाति-जाति के लोगों की ओर बढ़ाऊंगा,
और उनके सामने अपना झंडा खड़ा करूंगा;
वे तुम्हारे पुत्र व पुत्रियों को
अपनी गोद में उठाएंगे.
राजा तेरे बच्चों का सेवक
तथा उनकी रानियां दाईयां होंगी.
वे झुककर तुम्हें दंडवत करेंगी;
फिर तुम यह जान जाओगे कि मैं ही याहवेह हूं;
मेरी बाट जोहने वाले कभी लज्जित न होंगे.”
क्या वीर के हाथ से शिकार छीना जा सकता है,
अथवा क्या कोई अत्याचारी से किसी बंदी को छुड़ा सकता है?
निःसंदेह, याहवेह यों कहते हैं:
“बलात्कारी का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा,
तथा निष्ठुर लोगों से लूट का समान वापस ले लिये जायेंगे;
क्योंकि मैं उनसे मुकदमा लड़ूंगा जो तुमसे लड़ेगा,
और मैं तुम्हारे पुत्रों को सुरक्षित रखूंगा.
जो तुमसे लड़ते हैं उन्हें मैं उन्हीं का मांस खिला दूंगा;
वे अपना ही खून पीकर मतवाले हो जाएंगे.
तब सब जान जायेंगे
कि याहवेह ही तुम्हारा उद्धारकर्ता है,
तेरा छुड़ाने वाला, याकोब का सर्वशक्तिमान परमेश्वर मैं ही हूं.”
यशायाह 50:1-11
इस्राएल के पाप और सेवक की आज्ञाकारिता
याहवेह यों कहता है:
“कहां है वह तलाक पत्र जो मैंने तुम्हारी माता से अलग होने पर दिया था
या किसी व्यापारी को बेचा था?
देखो तुम्हारे ही अधर्म के कारण
तुम बेचे गये?
और तुम्हारे ही पापों के कारण;
तुम दूर किए गये.
मेरे यहां पहुंचने पर, यहां कोई पुरुष क्यों न था?
मेरे पुकारने पर, जवाब देने के लिये यहां कोई क्यों न था?
क्या मेरा हाथ ऐसा कमजोर हो गया कि छुड़ा नहीं सकता?
या मुझमें उद्धार करने की शक्ति नहीं?
देखो, मैं अपनी डांट से ही सागर को सूखा देता हूं,
और नदियों को मरुस्थल में बदल देता हूं;
जल न होने के कारण वहां की मछलियां मर जाती हैं
और बदबू आने लगती है.
मैं ही आकाश को दुःख का काला कपड़ा पहना देता हूं
ओर टाट को उनका आवरण बना देता हूं.”
परमेश्वर याहवेह ने मुझे सिखाने वालों की जीभ दी है,
ताकि मैं थके हुओं को अपने शब्दों से संभाल सकूं.
सुबह वह मुझे जगाता है,
और मेरे कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं.
वह जो प्रभु याहवेह हैं, उन्होंने मेरे कान खोल दिए हैं;
मैंने न तो विरोध किया,
और न पीछे हटा.
मैंने विरोधियों को अपनी पीठ दिखा दी,
तथा अपने गाल उनके सामने किए, कि वे मेरी दाढ़ी के बाल नोच लें;
मैंने अपने मुंह को थूकने
तथा मुझे लज्जित करने से बचने के लिये नहीं छिपाया.
क्योंकि वह, जो प्रभु याहवेह हैं, मेरी सहायता करते हैं,
तब मुझे लज्जित नहीं होना पड़ा.
और मैंने अपना मुंह चमका लिया है,
और मैं जानता हूं कि मुझे लज्जित होना नहीं पड़ेगा.
मेरे निकट वह है, जो मुझे निर्दोष साबित करता है.
कौन मुझसे लड़ेगा?
चलो, हम आमने-सामने खड़े होंगे!
कौन मुझ पर दोष लगाएगा?
वह मेरे सामने आए!
सुनो, वह जो प्रभु याहवेह हैं, मेरी सहायता करते हैं.
कौन मुझे दंड की आज्ञा देगा?
देखो, वे सभी वस्त्र समान पुराने हो जाएंगे;
उन्हें कीड़े खा जाएंगे.
तुम्हारे बीच ऐसा कौन है जो याहवेह का भय मानता है,
जो उनके सेवक की बातों को मानता है?
जो अंधकार में चलता है,
जिसके पास रोशनी नहीं,
वह याहवेह पर भरोसा रखे
तथा अपने परमेश्वर पर आशा लगाये रहे.
तुम सभी, जो आग जलाते
और अपने आस-पास आग का तीर रखे हुए हो,
तुम अपने द्वारा जलाई हुई आग में जलते रहो,
जो तुमने जला रखे हैं.
मेरी ओर से यही होगा:
तुम यातना में पड़े रहोगे.
यशायाह 51:1-16
सिय्योन के लिए अनंत उद्धार
“हे धर्म पर चलने वालो, ध्यान से मेरी सुनो,
तुम, जो याहवेह के खोजी हो:
उस चट्टान पर विचार करो जिसमें से तुम्हें काटा गया है
तथा उस खान पर जिसमें से तुम्हें खोदकर निकाला गया है;
अपने पूर्वज अब्राहाम
और साराह पर ध्यान दो.
जब मैंने उनको बुलाया तब वे अकेले थे,
तब मैंने उन्हें आशीष दी और बढ़ाया.
याहवेह ने ज़ियोन को शांति दी है
और सब उजाड़ स्थानों को भी शांति देंगे;
वह बंजर भूमि को एदेन वाटिका के समान बना देंगे,
तथा उसके मरुस्थल को याहवेह की वाटिका के समान बनाएंगे.
वह आनंद एवं खुशी से भरा होगा,
और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई देगा.
“हे मेरी प्रजा के लोगो, मेरी ओर ध्यान दो;
हे मेरे लोगो मेरी बात सुनो:
क्योंकि मैं एक नियम दूंगा;
जो देश-देश के लोगों के लिए ज्योति होगा.
मेरा छुटकारा निकट है,
मेरा उद्धार प्रकट हो चुका है,
मेरा हाथ लोगों को न्याय देगा.
द्वीप मेरी बाट जोहेंगे
और मेरे हाथों पर आशा रखेंगे.
आकाश की ओर देखो,
और पृथ्वी को देखो;
क्योंकि आकाश तो धुएं के समान छिप जाएगा,
तथा पृथ्वी पुराने वस्त्र के समान पुरानी हो जाएगी,
और पृथ्वी के लोग भी मक्खी जैसी मृत्यु में उड़ जाएंगे.
परंतु जो उद्धार मैं करूंगा वह सर्वदा स्थिर रहेगा,
और धर्म का अंत न होगा.
“तुम जो धर्म के माननेवाले हो, मेरी सुनो,
जिनके मन में मेरी व्यवस्था है:
वे मनुष्यों द्वारा की जा रही निंदा से न डरेंगे
और न उदास होंगे.
क्योंकि कीट उन्हें वस्त्र के समान नष्ट कर देंगे;
तथा कीड़ा उन्हें ऊन के समान खा जाएगा.
परंतु धर्म सदा तक,
और मेरा उद्धार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा.”
हे याहवेह, जाग,
और शक्ति को पहन ले!
जैसे पहले युग में,
पीढ़ियां जागी थी.
क्या तुम्हीं ने उस राहाब के टुकड़े न किए,
और मगरमच्छ को छेदा?
क्या आप ही न थे जिन्होंने सागर को सुखा दिया,
जो बहुत गहरा था,
और जिसने सागर को मार्ग में बदल दिया था
और छुड़ाए हुए लोग उससे पार हुए?
इसलिये वे जो याहवेह द्वारा छुड़ाए गए हैं.
वे जय जयकार के साथ ज़ियोन में आएंगे;
उनके सिर पर आनंद के मुकुट होंगे.
और उनका दुःख तथा उनके आंसुओं का अंत हो जायेगा,
तब वे सुख तथा खुशी के अधिकारी हो जाएंगे.
“मैं, हां! मैं ही तेरा, शान्तिदाता हूं.
कौन हो तुम जो मरने वाले मनुष्य और उनकी संतान से,
जो घास समान मुरझाते हैं, उनसे डरते हो,
तुम याहवेह अपने सृष्टिकर्ता को ही भूल गये,
जिन्होंने आकाश को फैलाया
और पृथ्वी की नींव डाली!
जब विरोधी नाश करने आते हैं
तब उनके क्रोध से तुम दिन भर कांपते हो,
द्रोही जलजलाहट करता रहता था.
किंतु आज वह क्रोध कहां है?
शीघ्र ही वे, जो बंधन में झुके हुए हैं, छोड़ दिए जाएंगे;
गड्ढे में उनकी मृत्यु न होगी,
और न ही उन्हें भोजन की कमी होगी.
क्योंकि मैं ही वह याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं,
जो सागर को उथल-पुथल करता जिससे लहरें गर्जन करने लगती हैं—
उनका नाम है याहवेह त्सबाओथ51:15 याहवेह त्सबाओथ सेनाओं का याहवेह
मैंने तुम्हारे मुंह में अपने वचन डाले हैं
तथा तुम्हें अपने हाथ की छाया से ढांप दिया है—
ताकि मैं आकाश को बनाऊं और,
पृथ्वी की नींव डालूं,
तथा ज़ियोन को यह आश्वासन दूं, ‘तुम मेरी प्रजा हो.’ ”