यशायाह 44:24-28, यशायाह 45:1-25, यशायाह 46:1-13 HCV

यशायाह 44:24-28

येरूशलेम नगर फिर बसाया जाएगा

“याहवेह तुम्हें उद्धार देनेवाले हैं,

जिन्होंने गर्भ में ही तुम्हें रूप दिया था, वह यों कहता है:

“मैं ही वह याहवेह हूं,

सबको बनानेवाला,

मैंने आकाश को बनाया,

तथा मैंने ही पृथ्वी को अपनी शक्ति से फैलाया,

मैं झूठे लोगों की बात को व्यर्थ कर देता हूं

और भविष्य कहने वालों को खोखला कर देता हूं,

बुद्धिमान को पीछे हटा देता

और पंडितों को मूर्ख बनाता हूं.

इस प्रकार याहवेह अपने दास के वचन को पूरा करता हैं,

तथा अपने दूतों की युक्ति को सफल करता है वह मैं ही था,

“जिसने येरूशलेम के विषय में यह कहा था कि, ‘येरूशलेम नगर फिर बसाया जाएगा,’

तथा यहूदिया के नगरों के लिए, ‘उनका निर्माण फिर किया जाएगा,’

मैं उनके खंडहरों को ठीक करूंगा,

मैं ही हूं, जो सागर की गहराई को आज्ञा देता हूं, ‘सूख जाओ,

मैं तुम्हारी नदियों को सूखा दूंगा,’

मैं ही हूं वह, जिसने कोरेश के बारे में कहा था कि,

‘वह मेरा ठहराया हुआ चरवाहा है जो मेरी इच्छा पूरी करेगा;

येरूशलेम के बारे में उसने कहा, “उसको फिर से बसाया जायेगा,”

मंदिर के बारे में यह आश्वासन देगा, “तुम्हारी नींव डाली जाएगी.” ’ ”

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यशायाह 45:1-25

“परमेश्वर के अभिषिक्त कोरेश को याहवेह ने कहा,

मैंने उसका दायां हाथ थाम रखा है

कि मैं उसके सामने जनताओं को उसके अधीन कर दूं

और राजाओं की कमर ढीली कर दूं,

कि इसके लिए फाटक खोल दूं

ताकि फाटक बंद ही न हो सकें:

मैं तेरे आगे-आगे चलूंगा

ऊंची-ऊंची भूमि को सीधा बना दूंगा;

मैं कांस्य के दरवाजों को चूर-चूर कर दूंगा

लोहे के जंजीर को काटता हुआ निकल जाऊंगा.

मैं तुम्हें अंधकार से छिपा हुआ,

और गुप्‍त स्थानों में गढ़ा हुआ धन दूंगा,

कि तुम्हें यह मालूम हो जाये कि यह मैं ही वह याहवेह,

इस्राएल का परमेश्वर हूं, जो तुम्हें तुम्हारा नाम लेकर बुलाता है.

मेरे सेवक याकोब के हित में,

तथा मेरे चुने हुए इस्राएल के हित में,

तुम्हारा नाम लेकर

मैंने बुलाया है, मैंने तुम्हें ऊंचा पद दिया है,

परंतु तुम तो मुझे जानते भी न थे.

मैं ही वह याहवेह हूं और कोई नहीं;

मेरे सिवाय परमेश्वर कोई नहीं.

मैं तुम्हें विषमता के लिए सुसज्जित कर दूंगा,

परंतु तुम मुझे जानते ही नहीं थे तो भी मैं तुम्हारी कमर कसूंगा,

यह इसलिये कि पूर्व से

पश्चिम तक

सभी को यह मालूम हो जाए, कि मेरे सिवाय कोई भी नहीं है.

याहवेह मैं ही हूं, दूसरा और कोई नहीं.

मैं वह हूं जो उजियाला और अंधियारे का सृजन करता हूं,

मैं सुख-शांति का दाता और विपत्ति को भी रचता हूं;

मैं वह याहवेह हूं, जो इन सबका नाश करता हूं.

“हे आकाश, अपनी ऊंचाई से धार्मिकता बरसा

और बादल से धार्मिकता की बारिश हो.

पृथ्वी खुल जाए,

जिससे उद्धार हो,

और नीति भी उसके साथ उगे;

मैं, याहवेह ने ही इसकी सृष्टि की है.

“हाय उस व्यक्ति पर जो अपने रचनेवाले से झगड़ता है,

वह तो मिट्टी के बर्तनों के बीच मिट्टी का एक बर्तन है.

क्या मिट्टी कुम्हार से कहेगी कि,

‘यह क्या कर रहे हो तुम मेरे साथ?’

क्या कारीगर की बनाई हुई वस्तु यह कहेगी कि,

‘उसके तो हाथ ही नहीं हैं’?

हाय उस व्यक्ति पर जो अपने पिता से पूछे,

‘किसे जन्म दे रहे हैं आप?’

और अपनी माता से पूछे,

‘तू किसकी माता है?’

“याहवेह जो इस्राएल का पवित्र और उसका बनानेवाला है,

वे यों कहते हैं:

क्या तुम होनेवाली घटनाओं के बारे में मुझसे पूछोगे,

क्या मेरे पुत्रों और मेरे कामों के लिए मुझसे कहोगे?

मैं ही हूं वह जिसने पृथ्वी को बनाया

तथा मनुष्य की रचना की.

अपने ही हाथों से मैंने आकाश को फैलाया;

और उसके सारे तारों को आज्ञा दी है.

मैंने उसे धार्मिकता में जगाया:

तथा अब मैं उसका मार्ग सीधा बनाऊंगा.

वह मेरे नगरों को बसायेगा

तथा मेरे बंधक को,

बिना किसी दाम अथवा बदला लिये छुड़ा लेगा,

यह सर्वशक्तिमान याहवेह की घोषणा है.”

याहवेह का संदेश है:

“मिस्र देश की कमाई तथा कूश देश के व्यापार की

लाभ सामग्री

तथा सीबा के लोग स्वयं तुमसे मिलने आएंगे

तथा तुम्हारे अधीन हो जाएंगे;

वे झुककर दंडवत करेंगे,

वे तुमसे विनती करेंगे और कहेंगे.

‘परमेश्वर आपके साथ हैं, और दूसरा कोई नहीं उसके सिवाय;

कोई और परमेश्वर नहीं.’ ”

हे इस्राएल के परमेश्वर, हे उद्धारकर्ता,

सच तो यह है कि आप अपरंपार परमेश्वर हैं, जो स्वयं को अदृश्य कर लेते हैं.

वे लज्जित किए जाएंगे यहां तक कि वे अपमानित हो जाएंगे, वे सभी;

वे जो मूर्तियों को बनानेवाले सब लज्जित और अपमानित किए जाएंगे.

इस्राएल याहवेह द्वारा छुड़ा दिया गया है,

उनका यह छुटकारा सदा तक स्थिर रहेगा;

फिर न तो वे लज्जित किए जाएंगे,

और न ही अपमानित होंगे.

आकाश का रचनेवाला याहवेह,

वही परमेश्वर;

जिन्होंने पृथ्वी की रचना कर उसे रूप दिया,

और उन्होंने इसे स्थिर किया;

तथा इसमें एक भी स्थान ऐसा नहीं जो बसाया गया न हो,

लेकिन इसको इसलिये बनाया कि इसे बसाया जाये—

वह यों कहता है:

“मैं ही वह याहवेह हूं,

अन्य कोई भी नहीं.

मैंने जो कुछ कहा है वह गुप्‍त में नहीं कहा है,

न ही अंधकार में;

मैंने याकोब के वंश को यह नहीं कहा कि,

‘मेरी खोज व्यर्थ में करो.’

मैं, याहवेह, सत्य ही कहता हूं;

मैं सही बातें ही बताता आया हूं.

“हे अन्यजातियों में से बचे हुए लोगो, एक साथ पास आओ;

वे जो लकड़ी की खुदी हुई मूर्ति लेकर फिरते हैं.

जिससे उद्धार नहीं हो सकता,

वे अनजान है इसलिये प्रार्थना करते हैं.

प्रचार करके उनको लाओ,

कि वे आपस में मिलें, किसने पहले ये बताया और सब प्रकट किया.

क्या मैं याहवेह ही ने यह सब नहीं किया?

इसी लिये मुझे छोड़ और कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है,

धर्मी और उद्धारकर्ता;

परमेश्वर मैं ही हूं.

“हे सारी पृथ्वी के लोगो,

मेरी ओर फिरो;

क्योंकि परमेश्वर मैं ही हूं, कोई नहीं है मेरे सिवाय.

मैंने अपनी ही शपथ ली है,

धर्म के अनुसार मेरे मुंह से यह वचन निकला है

यह नहीं बदलेगा:

हर एक घुटना मेरे सामने झुकेगा;

और मुंह से मेरी शपथ खाई जाएगी.

मेरे विषय में लोग कहेंगे कि, ‘केवल याहवेह में ही

नीति और शक्ति है.’ ”

मनुष्य उनकी ओर चले आएंगे,

वे सभी जिन्होंने उन पर क्रोध किया वे लज्जित किए जाएंगे.

इस्राएल के सारे लोग

याहवेह ही के कारण धर्मी ठहरेंगे

और उसकी महिमा करेंगे.

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यशायाह 46:1-13

बाबेल की मूर्ति और देवताएं

बाबेल की मूर्ति बेल और नेबो देवता झुक गए हैं;

उनकी मूर्तियों को पशुओं पर रखकर ले जाया जा रहा है.

जिन वस्तुओं को वे उठाए फिरते थे,

वे अब बोझ बन गई है.

वे दोनों देवता ही झुक गए हैं;

वे इन मूर्तियों के बोझ को उठा न सके,

वे तो स्वयं ही बंधुवाई में चले गए हैं.

“हे याकोब के घराने, मेरी सुनो,

इस्राएल के बचे हुए लोग,

तुम भी सुनो! तुम तो जन्म ही से,

मेरी देखरेख में रहे हो.

तुम्हारे बुढ़ापे तक भी मैं ऐसा ही रहूंगा,

तुम्हारे बाल पकने तक मैं तुम्हें साथ लेकर चलूंगा.

मैंने तुम्हें बनाया है और मैं तुम्हें साथ साथ लेकर चलूंगा;

इस प्रकार ले जाते हुए मैं तुम्हें विमुक्ति तक पहुंचा दूंगा.

“तुम मेरी उपमा किससे दोगे तथा मुझे किसके समान बताओगे,

कि हम दोनों एक समान हो जाएं?

वे जो अपनी थैली से सोना

उण्डेलते या कांटे से चांदी तौलते हैं;

जो सुनार को मजदूरी देकर देवता बनाते हैं,

फिर उसको प्रणाम और दंडवत करते हैं.

वे इस मूर्ति को अपने कंधे पर लेकर जाते हैं;

और उसे उसके स्थान पर रख देते हैं और वह वहीं खड़ी रहती है.

वह मूर्ति अपनी जगह से हिलती तक नहीं.

कोई भी उसके पास खड़ा होकर कितना भी रोए, उसमें उत्तर देने की ताकत नहीं;

उसकी पीड़ा से उसे बचाने की ताकत उसमें नहीं है!

“यह स्मरण रखकर दृढ़ बने रहो,

हे अपराधियो, इसे मन में याद करते रहो.

उन बातों को याद रखो, जो बहुत पहले हो चुकी हैं;

क्योंकि परमेश्वर मैं हूं, मेरे समान और कोई नहीं.

मैं अंत की बातें पहले से ही बताता आया हूं,

प्राचीन काल से जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं.

जब मैं किसी बात की कोई योजना बनाता हूं,

तो वह घटती है;

मैं वही करता हूं जो मैं करना चाहता हूं

मैं पूर्व दिशा से उकाब को;

अर्थात् दूर देश से मेरी इच्छा पूरी करनेवाले पुरुष को बुलाता हूं.

मैंने ही यह बात कही;

और यह पूरी होकर रहेगी.

हे कठोर मनवालो,

तुम जो धर्म से दूर हो, मेरी सुनो.

मैं अपनी धार्मिकता को पास ला रहा हूं,

यह दूर नहीं है;

मेरे द्वारा उद्धार करने में देर न हो.

मैं इस्राएल के लिए अपनी महिमा,

और ज़ियोन का उद्धार करूंगा.”

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