यशायाह 43:1-28, यशायाह 44:1-23 HCV

यशायाह 43:1-28

इस्राएल का एकमात्र छुड़ाने वाला

हे इस्राएल तेरा रचनेवाला और हे याकोब, तुम्हारे सृजनहार याहवेह—

जिन्होंने तुम्हारी रचना की है,

वह याहवेह यों कहते हैं:

“मत डर, क्योंकि मैंने तुम्हें छुड़ा लिया है;

मैंने नाम लेकर तुम्हें बुलाया है; अब तुम मेरे हो गए हो.

जब तुम गहरे जल से होकर चलोगे,

तुम मुझे अपने पास पाओगे;

जब तुम नदियों से होकर आगे बढ़ोगे,

वे तुम्हें डूबा न सकेंगी.

जब तुम आग में से होकर निकलोगे,

आग तुम्हें झुलसा न सकेगी;

न ही लौ तुम्हें भस्म कर सकेगी.

क्योंकि मैं ही याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं,

तुम्हारा छुड़ाने वाला, इस्राएल का पवित्र परमेश्वर हूं;

मैंने मिस्र देश से तुम्हें छुड़ाया है,

कूश एवं सेबा को तुम्हारी संती दी है.

इसलिये कि तुम मेरी दृष्टि में अनमोल तथा प्रतिष्ठित

और मेरे प्रिय हो,

इस कारण मैं तेरी संती मनुष्यों को,

और तेरे प्राण के बदले में राज्य-राज्य के लोगों को दे दूंगा.

मत डर, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूं;

मैं तुम्हारे वंश को पूर्व से ले आऊंगा

तथा तुम्हें पश्चिम में इकट्ठा करूंगा.

और उत्तर से कहूंगा, ‘वे मुझे दे दो!’

और दक्षिण से की, ‘मत रोके रहो उन्हें.’

दूर से मेरे पुत्रों

और पुत्रियों को ले आओ—

उन सभी को जो मेरे नाम से जाने जाते हैं,

जिन्हें मैंने अपनी महिमा के लिए सृजा है,

जिसकी रचना मैंने की है.”

उन्हें बाहर लाओ जिनकी आंखें हैं, लेकिन अंधे हैं,

और कान होते हुए भी बहरे हैं.

जाति-जाति के लोग एक साथ हो,

और राज्य-राज्य के लोग इकट्ठा हो.

किसी भी मिथ्या देवता ने कभी इन बातों के बारे में कुछ कहा है

और भूतकाल में यह बताया था कि आगे क्या कुछ होगा

तो उन्हें अपने गवाह लाने दो

और उन मिथ्या देवताओं को प्रामाणिक सिद्ध करने दो.

उन्हें सत्य बताने दो और उन्हें सुनो.

इनमें से कौन बीती हुई बातों को बता सकता और सुनकर कहे कि यह सच है?

याहवेह ने कहा, “तुम मेरे गवाह बनो,”

और वे सेवक जिनको मैंने चुना है,

ताकि तुम मुझे पहचानो, मुझमें विश्वास करो

तथा समझ पाओ कि मैं ही परमेश्वर हूं.

न मुझसे पहले कोई था,

न बाद में कोई हुआ.

मैं ही याहवेह हूं,

मुझे छोड़ कोई और नहीं है.

मैं ही हूं जिसने समाचार दिया और उद्धार किया—

तथा वर्णन भी किया, तुम्हारे बीच कोई और देवता नहीं था.

“इसलिये तुम ही मेरे गवाह हो, यह याहवेह की वाणी है.

मैं ही परमेश्वर हूं तथा आगे भी मैं वही हूं.

कोई और नहीं है जो मेरे हाथों से किसी को छीनकर छुड़ा ले.

कौन है, जो मेरे द्वारा किए गए काम को पलट सके?”

परमेश्वर की करुणा और इस्राएल के अविश्वास

इस्राएल के पवित्र परमेश्वर याहवेह, जो तुम्हारे उद्धारकर्ता हैं,

उनकी वाणी यह है:

“तुम्हारे कारण मैंने बाबेल पर हमला किया

मैं उन सभी को बंधक बना दूंगा,

और उन्हीं के जहाज़ पर चढ़ाकर ले आऊंगा.

मैं याहवेह तुम्हारा पवित्र परमेश्वर,

इस्राएल का रचनेवाला, तुम्हारा राजा हूं.”

याहवेह ने कहा है—

जिन्होंने समुद्र में से मार्ग तैयार किया,

और गहरे जल में से पथ निकालता है.

वह जो रथों तथा अश्वों,

और सेना को निकाल लाता है,

और शूर योद्धा गिरा दिये जायेंगे,

और फिर उठ न सकेंगे:

“न तो पुरानी बातों को याद करो;

और न ही अतीत पर विचार करो.

देखो, मैं एक नई बात करता हूं!

जो अभी प्रकट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे?

मैं बंजर भूमि में एक मार्ग बनाऊंगा

और निर्जल देश में नदियां बहाऊंगा.

मैदान के पशु सियार

तथा शुतुरमुर्ग मेरी महिमा करेंगे,

क्योंकि निर्जन स्थान में नदियां

तथा मरुस्थल में लोगों को पीने के लिए जल मिलेगा,

वे लोग, जिन्हें मैंने इस उद्देश्य से बनाया है,

कि वे मेरी प्रशंसा करें.

“याकोब, यह सब होने पर भी तुमने मेरी महिमा नहीं की,

इस्राएल, तुम तो मुझसे थक गए हो.

होमबलि के लिए अलग की गई भेड़ को तुम मेरे पास नहीं लाए,

अपनी बलि के द्वारा तुमने मेरा आदर नहीं किया.

बलि चढ़ाने के लिए मैंने नहीं कहा

न ही धूप चढ़ाने के लिए मेरी इच्छा तुम पर बोझ बढ़ाने के लिए थी.

तुमने मेरे लिए सुगंध सामग्री मोल नहीं लिया,

और न तुमने मुझे बलियों की चर्बी चढ़ाई.

इसके बदले तुमने मुझ पर अपने पापों का बोझ ही डाल दिया है

और अधर्म के कामों से मुझे थका दिया है.

“मैं ही हूं, जो अपने नाम के निमित्त

तुम्हारे पापों को मिटा देता हूं,

तुम्हारे पापों को मैं याद नहीं रखूंगा.

मुझे याद दिलाओ,

कि हम आपस में बातचीत करें;

तुम अपनी सच्चाई को बताओ जिससे तुम निर्दोष ठहरे.

तुम्हारे पूर्वजों ने पाप किया;

और जो मेरे और तुम्हारे बीच आए उन्होंने मुझसे बदला लिया.

इस कारण मैं पवित्र स्थान के शासकों को अपवित्र कर दूंगा;

मैं याकोब को सर्वनाश के लिए

तथा इस्राएल को निंदा के लिए छोड़ दूंगा.

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यशायाह 44:1-23

इस्राएल—याहवेह के चुने हुए

“परंतु अब हे मेरे दास याकोब,

हे मेरे चुने हुए इस्राएल, सुन लो.

याहवेह, जो तुम्हारे सहायक हैं,

जिन्होंने गर्भ में ही तुम्हारी रचना कर दी थी,

वे यों कहते हैं:

हे मेरे दास याकोब, हे मेरे चुने हुए यशुरून44:2 यशुरून अर्थ धर्मी अर्थात् इस्राएल मत डर,

तुम भी, जो मेरे मनोनीत हो.

क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल,

तथा सूखी भूमि पर नदियां बहाऊंगा;

मैं अपना आत्मा तथा अपनी आशीषें,

तुम्हारी संतान पर उंडेल दूंगा.

वे घास के बीच अंकुरित होने लगेंगे,

और बहती जलधारा के किनारे लगाए गए वृक्ष के समान होंगे.

कोई कहेगा, ‘मैं तो याहवेह का हूं’;

और याकोब के नाम की दोहाई देगा;

और कोई अपनी हथेली पर, ‘मैं याहवेह का’ लिख लेगा,

वह इस्राएल का नाम अपना लेगा.

प्रतिमा पूजन की मूर्खता

“वह जो याहवेह हैं,

सर्वशक्तिमान44:6 सर्वशक्तिमान मूल में सेनाओं का याहवेह इस्राएल के राजा, अर्थात् उसको छुड़ाने वाला है:

वह यों कहता है, मैं ही पहला हूं और मैं ही अंत तक रहूंगा;

मेरे सिवाय कोई और परमेश्वर है ही नहीं.

मेरे समान है कौन? जब से मैंने मनुष्यों को ठहराया

तब से किसने मेरे समान प्रचार किया?

या वह बताये, मेरी बातों को पहले ही से प्रकट करें.

तुम डरो मत, क्या मैंने बहुत पहले बता न दिया था.

क्या मैंने उसकी घोषणा न कर दी थी?

याद रखो, तुम मेरे गवाह हो. क्या मेरे सिवाय कोई और परमेश्वर है?

या क्या कोई और चट्टान है? नहीं, मैं किसी और को नहीं जानता.”

वे सभी जो मूर्तियां बनाते हैं वे व्यर्थ हैं,

उनसे कोई लाभ नहीं.

उनके साक्षी न कुछ देखते न कुछ जानते हैं;

उन्हें लज्जित होना पड़ेगा.

कौन है ऐसा निर्बुद्धि जिसने ऐसे देवता की रचना की या ऐसी मूर्ति बनाई,

जो निर्जीव और निष्फल है?

देख उसके सभी साथियों को लज्जा का सामना करना पड़ेगा;

क्योंकि शिल्पकार स्वयं मनुष्य है.

अच्छा होगा कि वे सभी एक साथ खड़े हो जाएं तो डर जाएंगे;

वे सभी एक साथ लज्जित किए जाएं.

लोहार लोहे को अंगारों से गर्म करके

हथौड़ों से मारकर कोई रूप देता है;

अपने हाथों के बल से उस मूर्ति को बनाता है,

फिर वह भूखा हो जाता है, उसकी ताकत कम हो जाती है;

वह थक जाता है, वह पानी नहीं पीता और कमजोर होने लगता है.

एक और शिल्पकार वह काठ को रूप देता है

वह माप का प्रयोग करके काठ पर निशान लगाता है;

वह काठ पर रन्दे चलाता है

तथा परकार से रेखा खींचता है,

तथा उसे एक सुंदर व्यक्ति का रूप देता है.

वह देवदार वृक्षों को अपने लिए काटता है,

वह जंगलों से सनौवर तथा बांज को भी बढ़ाता है.

वह देवदार पौधा उगाता है,

और बारिश उसे बढ़ाती है.

फिर इसे मनुष्य आग जलाने के लिए काम में लेता है;

आग से वह अपने लिए रोटी भी बनाता है,

और उसी से वह अपने लिए एक देवता भी गढ़ लेता है.

वह इसके काठ को गढ़ते हुए उसे मूर्ति का रूप देता है;

और फिर इसी के समक्ष दंडवत भी करता है.

इसका आधा तो जला देता है;

जिस आधे पर उसने अपना भोजन बनाया,

मांस को पकाता, जिससे उसकी भूख मिटाये.

“इसी आग से उसने अपने लिए गर्मी भी पायी.”

बचे हुए काठ से वह एक देवता का निर्माण कर लेता है, उस देवता की गढ़ी गई मूर्ति;

वह इसी के समक्ष दंडवत करता है.

और प्रार्थना करके कहता है,

“मेरी रक्षा कीजिए! आप तो मेरे देवता हैं!”

वे न तो कुछ जानते हैं और न ही कुछ समझते हैं;

क्योंकि परमेश्वर ने उनकी आंखों को अंधा कर दिया है,

तथा उनके हृदय से समझने की शक्ति छीन ली है.

उनमें से किसी को भी यह बात उदास नहीं करती,

न कोई समझता है,

“मैंने आधे वृक्ष को तो जला दिया है;

उसी के कोयलों पर मैंने भोजन तैयार किया,

अपना मांस को भूंजता,

अब उसके बचे हुए से गलत काम किया.”

उसने तो राख को अपना भोजन बना लिया है; उसे एक ऐसे दिल ने बहका दिया है, जो स्वयं भटक चुका है;

स्वयं को तो वह मुक्त कर नहीं सकता,

“जो वस्तु मैंने अपने दाएं हाथ में पकड़ रखी है, क्या वह सच नहीं?”

“हे याकोब, हे इस्राएल, इन सब बातों को याद कर,

क्योंकि तुम तो मेरे सेवक हो.

मैंने तुम्हारी रचना की है;

हे इस्राएल, यह हो नहीं सकता कि मैं तुम्हें भूल जाऊं.

तुम्हारे अपराधों को मैंने मिटा दिया है जैसे आकाश से बादल,

तथा तुम्हारे पापों को गहरे कोहरे के समान दूर कर दिया है.

तुम मेरे पास आ जाओ,

क्योंकि मैंने तुम्हें छुड़ा लिया है.”

हे आकाश, आनंदित हो, क्योंकि याहवेह ने यह कर दिखाया है;

हे अधोलोक के पाताल भी खुश हो.

हे पहाड़ों,

आनंद से गाओ,

क्योंकि याहवेह ने याकोब को छुड़ा लिया है,

तथा इस्राएल में उन्होंने अपनी महिमा प्रकट की है.

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