यशायाह 33:1-24
संकट और सहायता
हाय! तुम पर,
जिनको नाश नहीं किया गया!
और हाय! तुम विश्वासघातियों पर,
जिनके साथ विश्वासघात नहीं किया गया!
जब तुम नाश करोगे,
तब तुम नाश किए जाओगे;
और जब तुम विश्वासघात कर लोगे,
तब तुम्हारे साथ विश्वासघात किया जायेगा.
हे याहवेह, हम पर दया कीजिए;
हम आप ही की ओर देखते हैं.
प्रति भोर आप हमारा बल
तथा विपत्ति में हमारा सहायक बनिये.
शोर सुनते ही लोग भागने लगते हैं;
जब आप उठते तब, लोग बिखरने लगते हैं.
जैसे टिड्डियां खेत को नष्ट करती हैं;
उसी प्रकार लूटकर लाई गई चीज़ों को नष्ट कर दिया गया है, मनुष्य उस पर लपकते हैं.
याहवेह महान हैं, वह ऊंचे पर रहते हैं;
उन्होंने ज़ियोन को न्याय तथा धर्म से भर दिया है.
याहवेह तुम्हारे समय के लिए निश्चित आधार होगा! उद्धार, बुद्धि और ज्ञान तुम्हारा हक होगा;
और याहवेह का भय उसका धन होगा.
देख, उनके सैनिक गलियों में रो रहे हैं;
शांति के राजदूत फूट-फूटकर रो रहे हैं.
मार्ग सुनसान पड़े हैं,
और सब वायदों को तोड़ दिया गया है.
उसे नगरों33:8 नगरों कुछ हस्तलेखों में गवाहों से घृणा हो चुकी है,
मनुष्य के प्रति उसमें कोई सम्मान नहीं है.
देश रो रहा है, और परेशान है,
लबानोन लज्जित होकर मुरझा रहा है;
शारोन मरुभूमि के मैदान के समान हो गया है,
बाशान तथा कर्मेल की हरियाली खत्म हो चुकी हैं.
याहवेह ने कहा, “अब मैं उठूंगा,
अब मैं अपना प्रताप दिखाऊंगा;
और महान बनाऊंगा.
तुम्हें सूखी घास का गर्भ रहेगा,
और भूसी उत्पन्न होगी;
तुम्हारी श्वास ही तुम्हें भस्म कर देगी.
जो लोग भस्म होंगे वे चुने के समान हो जाएंगे;
उन कंटीली झाड़ियों को आग में भस्म कर दिया जायेगा.”
हे दूर-दूर के लोगों, सुनो कि मैंने क्या-क्या किया है;
और तुम, जो पास हो, मेरे सामर्थ्य को देखो!
ज़ियोन के पापी डर गये;
श्रद्धाहीन कांपने लगे:
“हममें से कौन इस आग में जीवित रहेगा?
जो कभी नहीं बुझेगी.”
वही जो धर्म से चलता है
तथा सीधी बातें बोलता,
जो गलत काम से नफरत करता है
जो घूस नहीं लेता,
जो खून की बात सुनना नहीं चाहता
और बुराई देखना नहीं चाहता—
वही ऊंचे स्थान में रहेगा,
व चट्टानों में शरण पायेगा.
उसे रोटी,
और पानी की कमी नहीं होगी.
तुम स्वयं अपनी ही आंखों से राजा को देखोगे
और लंबे चौड़े देश पर ध्यान दोगे.
तुम्हारा हृदय भय के दिनों को याद करेगा:
“हिसाब लेनेवाला और
कर तौलकर लेनेवाला कहां रहा?
गुम्मटों का लेखा लेनेवाला कहां रहा?”
उन निर्दयी लोगों को तू दोबारा न देखेगा,
जिनकी भाषा कठिन है और जो हकलाते हैं,
तथा उनकी बातें किसी को समझ नहीं आती.
ज़ियोन के नगर पर ध्यान दो, जो उत्सवों का नगर है;
येरूशलेम को तुम एक शांत ज़ियोन के रूप में देखोगे,
एक ऐसे शिविर, जिसे लपेटा नहीं जाएगा;
जिसके खूंटों को उखाड़ा न जाएगा,
न ही जिसकी रस्सियों को काटा जाएगा.
किंतु वही याहवेह जो पराक्रमी परमेश्वर हैं हमारे पक्ष में है.
वह बड़ी-बड़ी नदियों एवं नहरों का स्थान है.
उन पर वह नाव नहीं जा सकती जिसमें पतवार लगते हैं,
इस पर बड़े जहाज़ नहीं जा सकते.
क्योंकि याहवेह हमारे न्यायी हैं,
याहवेह हमारे हाकिम,
याहवेह हमारे राजा हैं;
वही हमें उद्धार देंगे.
तुम्हारी रस्सियां ढीली पड़ी हुई हैं:
वे जहाज़ को स्थिर न रख सकतीं,
न पाल को तान सके.
तब लूटी हुई चीज़ों को बांटकर
विकलांग ले जाएंगे.
कोई भी व्यक्ति यह नहीं कहेगा, “मैं बीमार हूं”;
वहां के लोगों के अधर्म को क्षमा कर दिया जायेगा.
यशायाह 34:1-17
राष्ट्रों के विरोध न्याय
हे राज्य,
राज्य के लोगो, सुनो!
सारी पृथ्वी के लोगो,
और जो कुछ इसमें है ध्यान से सुनो!
क्योंकि याहवेह का क्रोध सब जातियों पर
तथा उनके शत्रुओं पर है.
उन्होंने तो इन शत्रुओं को पूरा नष्ट कर दिया है,
उन्होंने इन शत्रुओं को वध के लिए छोड़ दिया है.
जो मर गये हैं उन्हें बाहर फेंक दिया जाएगा,
उनके शव सड़ जायेंगे;
तथा पर्वत उनके रक्त से गल जाएंगे.
आकाश के सभी तारे छिप जाएंगे
तथा आकाश कागज़ की नाई लपेट दिया जाएगा;
आकाश के तारे मुरझाई हुई
पत्तियों के समान गिर जायेंगे.
क्योंकि स्वर्ग में मेरी तलवार पीकर तृप्त हो चुकी है;
अब न्याय के लिए एदोम पर बरसेगी,
उन लोगों पर जिन्हें मैंने नाश के लिए अलग कर दिया है.
याहवेह की तलवार लहू से भरी है,
यह मेमनों तथा बकरों के रक्त
तथा चर्बी से तृप्त हो चुकी है.
क्योंकि याहवेह ने बोज़राह में यज्ञ बलि अर्पण आयोजित किया है
तथा एदोम देश में एक विशाल संहार.
जंगली बैलों का भी उन्हीं के साथ संहार हो जाएगा,
तथा पुष्ट सांड़ बछड़े के साथ वध हो जाएंगे.
इस प्रकार उनका देश रक्त से गल जाएगा,
तथा वहां की धूल वसायुक्त हो जाएगी.
क्योंकि याहवेह द्वारा बदला लेने का दिन तय किया गया है,
यह ज़ियोन के हित में प्रतिफल का वर्ष होगा.
एदोम की नदियां झरने बन जायेंगी,
तथा इसकी मिट्टी गंधक;
तथा देश प्रज्वलित झरने हो जाएंगे!
न तो यह दिन में बुझेगी, न रात्रि में;
इसका धुआं सदा ऊपर उठता रहेगा.
पीढ़ी से पीढ़ी तक यह सुनसान पड़ा रहेगा;
कोई भी इसके बाद यहां से होकर नहीं जाएगा.
हवासिल तथा साही इस पर अपना अधिकार कर लेंगे;
यह उल्लू तथा कौवों का घर हो जाएगा.
याहवेह इसके ऊपर निर्जनता की सीमा-निर्धारण डोर तान देंगे
तथा रिक्तता का साहुल भी.
वहां ऐसा कोई भी नहीं जिसे वे राजा घोषित करें, वहां के ऊंचे पद वाले
तथा उसके सब शासक किसी के योग्य नहीं हैं.
गढ़नगर के महलों पर कंटीली झाड़ियां उग जाएंगी,
इसके नगरों में बिच्छू, पौधे तथा झाड़ बढ़ जायेंगे.
यहां सियारों का बसेरा हो जाएगा,
जहां शुतुरमुर्ग घर करेंगे.
वहां मरुभूमि के प्राणियों,
तथा भेड़ियों का सम्मेलन हुआ करेगा;
जंगली बकरे एक दूसरे को पुकारेंगे
तथा वहां रात के जीव लेट जाएंगे.
वहां उल्लू अपना घोंसला बनाएगा तथा वहीं वह अंडे देगा,
वहां चूज़े पैदा होंगे तथा वह उन्हें अपने पंखों की छाया में ले लेगा;
तब वहां बाज़ भी एकत्र होंगे.
याहवेह की पुस्तक से खोज करते हुए पढ़ो:
इनमें से एक भी न हटेगा,
न किसी जोड़े को साथी का अभाव होगा.
क्योंकि स्वयं याहवेह ने कहा है,
तथा उनके आत्मा ने उन्हें एक किया है.
याहवेह ने उनके लिए पासे फेंके हैं;
स्वयं उन्होंने डोरी द्वारा बांट दिया हैं.
इस पर उनका हक सर्वदा बना रहेगा
एक से दूसरी पीढ़ी तक वे इसमें निवास करते रहेंगे.
यशायाह 35:1-10
मुक्ति पाये हुओं का आनंद
वह निर्जन स्थान
तथा वह मरुस्थल भूमि खुश होंगे,
मरुस्थल आनंदित होकर केसर समान खिल उठेंगे.
वह अत्यंत आनंदित होगी
तथा जय जयकार और उसे लबानोन का शौर्य दिया जायेगा
उसकी समृद्धि कर्मेल तथा शारोन के समान हो जाएगी,
वे याहवेह की महिमा, परमेश्वर के प्रताप को देखेंगे.
जो उदास है उन्हें उत्साहित करो,
तथा जो निर्बल हैं उन्हें दृढ़ करो;
घबराने वाले व्यक्तियों से कहो,
“साहस बनाए रखो, भयभीत न हो;
स्मरण रखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने
और प्रतिफल देने आ रहा है.”
तब अंधों की आंखें खोली जायेंगी
तथा बहरों के कान खोल दिये जायेंगे.
तब लंगड़ा हिरण के समान उछलेगा,
गूंगे अपनी जीभ से जय जयकार करेंगे.
सुनसान जगह पर सोता फूट निकलेगा
तथा मरुस्थल में नदियां बहेंगी.
सूखी हुई भूमि पोखर सोते में बदल जायेगी,
तथा धारा झरनों में बदलेगी.
तथा तृषित धरा झरनों में; जिस जगह पर कभी सियारों का बसेरा था,
वहां हरियाली हो जायेगी.
वहां एक मार्ग होगा;
उसका नाम पवित्र मार्ग होगा.
अशुद्ध उस पर न चल पाएंगे;
निर्धारित लोग (परमेश्वर के पवित्र लोग) ही उस पर चला करेंगे;
न ही मूर्ख वहां आएंगे.
उस मार्ग पर सिंह नहीं होगा,
न ही कोई जंगली पशु वहां आयेगा;
इनमें से कोई भी उस मार्ग पर नहीं चलेगा.
इसलिये वे जो याहवेह द्वारा छुड़ाए गए हैं,
जय जयकार के साथ ज़ियोन में आएंगे;
उनके सिर पर आनंद के मुकुट होंगे
और उनका दुःख तथा उनके आंसुओं का अंत हो जायेगा,
तब वे सुख तथा खुशी के अधिकारी हो जाएंगे.