यशायाह 24:1-23, यशायाह 25:1-12, यशायाह 26:1-21 HCV

यशायाह 24:1-23

समस्त पृथ्वी पर न्याय-दंड

सुनो, याहवेह पृथ्वी को सुनसान

और निर्जन कर देने पर हैं;

वह इसकी सतह को उलट देंगे

और इसके निवासियों को तितर-बितर कर देंगे—

प्रजा पुरोहित के समान,

सेवक अपने स्वामी के समान,

सेविका अपनी स्वामिनी के समान,

खरीदने और बेचनेवाले के समान,

साहूकार ऋणी के समान

और वह जो उधार देता है,

और जो उधार लेता है सब एक समान हो जायेंगे.

पृथ्वी पूरी तरह निर्जन हो जाएगी

और लूट ली जाएगी.

क्योंकि यह याहवेह की घोषणा है.

पृथ्वी रो रही है और थक गई है,

संसार रो रहा है और थक गया है,

और आकाश भी पृथ्वी के साथ रो रहे है.

पृथ्वी अपने रहनेवालों के कारण दूषित कर दी गई;

क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की व्यवस्था

और आज्ञाओं को नहीं माना

तथा सनातन वाचा को तोड़ दिया.

इसलिये शाप पृथ्वी को निगल लेगा;

और जो इसमें रहते हैं वे दोषी होंगे.

इसलिये पृथ्वी के निवासियों को जला दिया जाता है,

और बहुत कम बचे हैं.

नया दाखरस रो रहा है और खराब हो गया है;

वे जो खुश थे अब दुःखी होगें.

डफ की हर्ष रूपी आवाज खत्म हो चुकी है,

आनंदित लोगों का कोलाहल शांत हो गया है,

वीणा का सुखदायी शब्द थम गया है.

लोग गीत गाते हुए दाखमधु पान नहीं करते;

दाखमधु उनके लिए कड़वी हो गई है.

निर्जन नगर को गिरा दिया गया है;

हर घर के द्वार बंद कर दिए गए हैं कि कोई उनमें जा न सके.

दाखरस की कमी के कारण गलियों में हल्ला हो रहा है;

सब खुशी दुःख में बदल गई है;

पृथ्वी पर से खुशी मिट गई है.

नगर सुनसान पड़ा,

और सब कुछ नष्ट कर दिया गया है.

जिस प्रकार जैतून वृक्ष को झड़ाया जाता

और दाख की उपज के बाद उसको जमा करने पर कुछ बच जाता है,

उसी प्रकार पृथ्वी पर

लोगों के बीच वैसा ही होगा.

लोग आनंदित होकर ऊंची आवाज में गाते हैं;

वे याहवेह के वैभव के लिए पश्चिम दिशा से जय जयकार करते हैं.

तब पूर्व दिशा में याहवेह की प्रशंसा करो;

समुद्रतटों में,

याहवेह इस्राएल के परमेश्वर की महिमा करो.

पृथ्वी के छोर से हमें सुनाई दे रहा है:

“धर्मी की महिमा और प्रशंसा हो.”

परंतु, “मेरे लिए तो कोई आशा ही नहीं है!

हाय है मुझ पर!

विश्वासघाती विश्वासघात करते हैं!

और उनका विश्वासघात कष्टदायक होता जा रहा है!”

हे पृथ्वी के लोगों, डरो,

गड्ढे और जाल से तुम्हारा सामना होगा.

तब जो कोई डर से भागेगा

वह गड्ढे में गिरेगा;

और गड्ढे से निकला हुआ

जाल में फंस जायेगा.

क्योंकि आकाश के झरोखे खोल दिये गये हैं,

और पृथ्वी की नींव हिल गई है.

पृथ्वी टुकड़े-टुकड़े होकर,

फट गई है

और हिला दी गई है.

पृथ्वी झूमती है और लड़खड़ाती है,

और एक झोपड़ी समान डोलती है;

और इतना अपराध बढ़ गया है,

कि पाप के बोझ से दब गई और फिर कभी भी उठ न पाएगी.

उस दिन याहवेह आकाश में सेना को

तथा पृथ्वी पर राजाओं को दंड देंगे.

उन सभी को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया जाएगा;

और बहुत दिनों तक उन्हें दंड दिया जाएगा.

तब चंद्रमा

और सूर्य लज्जित होगा,

क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह

ज़ियोन पर्वत से येरूशलेम में शासन करेंगे,

और उनका वैभव उनके धर्मवृद्धों पर प्रकट होगा.

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यशायाह 25:1-12

परमेश्वर के लिए स्तवन गीत

याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं;

मैं आपकी प्रशंसा करूंगा और आपके नाम की महिमा करूंगा,

क्योंकि आपने बड़े अद्भुत काम किए हैं,

और उन सनातन योजनाओं को

पूरी विश्वस्तता एवं सच्चाई से आपने पूरा किया है.

आपने नगरों को गिरा दिया,

और खंडहर कर दिया,

परदेशियों का अब कोई नगर नहीं;

और न ही उन्हें फिर बसाया जाएगा.

इसलिये बलवंत प्रजा आपकी महिमा करेगी;

और निर्दयी आपका भय मानेंगे.

दीनों के लिए आप शरणस्थान,

और विपत्ति के समय आप उनके लिए ढाल होंगे,

दरिद्रों के लिये

उनके शरण और रक्षक होंगे.

जैसे निर्जल देश में बादल से ठंडक होती है;

वैसे ही परदेशियों का कोलाहल,

और निर्दयी लोगों का जय जयकार शांत हो जाएगा.

इसी पर्वत पर सर्वशक्तिमान याहवेह

सब लोगों को भोजन खिलाएंगे,

जिसमें पुराना दाखरस—

और उत्तम से उत्तम चिकना भोजन जो अच्छा और स्वादिष्ट होगा.

इस पर्वत पर आकर सब जातियों

और देशों के बीच जो पर्दा,

और दीवार है तोड़ देगा;

वह सदा-सर्वदा के लिए मृत्यु को नाश करेंगे.

और प्रभु याहवेह सभी के चेहरों से

आंसुओं को पोंछ देंगे;

वह अपने लोगों की निंदा को

दूर कर देंगे.

याहवेह का यह संदेश है.

उस दिन लोग यह कहेंगे,

“कि, यही हैं हमारे परमेश्वर;

यही हैं वह याहवेह जिनका हमने इंतजार किया.

आओ, हम उनके उद्धार में आनंद मनाएं

और प्रसन्‍न रहेंगे.”

क्योंकि याहवेह का हाथ सदा बना रहेगा;

मोआब उनके द्वारा रौंद दिया जाएगा

जिस प्रकार गोबर-कुण्ड में एक तिनके को रौंद दिया जाता है.

जिस प्रकार एक तैराक अपने हाथों को फैलाता है,

उसी प्रकार मोआब भी अपने हाथों को फैलाएगा.

किंतु याहवेह उसके घमंड को चूर-चूर

और उसके हाथों की कुशलता को कमजोर कर देंगे.

याहवेह उसकी दृढ़ शहरपनाह को गिरा देंगे

वह उन्हें भूमि पर फेंक देंगे;

उन्हें मिट्टी में मिला देंगे.

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यशायाह 26:1-21

एक स्तुति गीत

उस समय यहूदिया देश में यह गीत गाया जाएगा कि:

हमारा एक दृढ़ नगर है;

याहवेह ने हमारी रक्षा के लिए चारों

ओर शहरपनाह और गढ़ को बनाया है.

नगर के फाटकों को खोल दो

कि वहां सच्चाई से,

जीनेवाली एक धर्मी जाति आ सके.

जो परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं

उनके मन को पूर्ण शांति मिलती है,

और याहवेह उनकी रक्षा करते हैं.

सदा याहवेह पर भरोसा रखो,

क्योंकि याह, याहवेह ही, हमारी सनातन चट्टान हैं.

क्योंकि उन्होंने पर्वत पर

बसे दृढ़ नगर के निवासियों को गिरा दिया है;

उन्होंने इसे गिराकर

धूल में मिला दिया है.

दुखियों और दरिद्रों के

पांव इन्हें कुचल देंगे.

धर्मी का मार्ग सीधा होता है;

आप धर्मी के मार्ग को समतल बनाते हैं.

हे याहवेह, आपके न्याय के मार्ग पर हम आपकी प्रतीक्षा करते हैं;

आपका स्मरण हमारे प्राणों का अभिलाषी है.

रात के समय मेरा प्राण आपकी लालसा करता है;

मेरा मन अंदर ही अंदर आपको खोजता रहता है.

क्योंकि जब पृथ्वी पर आपके न्याय का काम होता है,

तब लोग धर्म को सीखते हैं.

यद्यपि दुष्ट पर दया की जाए,

फिर भी वह धर्म नहीं सीखता.

दुष्ट चाहे भले लोगों के बीच में रहे,

लेकिन वह तब भी बुरे कर्म करता रहेगा.

वह दुष्ट कभी भी याहवेह की महानता नहीं देख पायेगा

याहवेह का हाथ उठा हुआ है,

फिर भी वे इसे नहीं देखते.

अपनी प्रजा के लिए आपके प्यार और लगन को देखकर वे लज्जित हुए हैं;

आग आपके शत्रुओं को निगल लेगी.

याहवेह हमें शांति देंगे;

क्योंकि आपने हमारे सब कामों को सफल किया है.

हे याहवेह हमारे परमेश्वर आपके अलावा और स्वामियों ने भी हम पर शासन किया है,

किंतु हम तो आपके ही नाम का स्मरण करते हैं.

वे मर गये हैं, वे जीवित नहीं होंगे;

वे तो छाया-समान हैं, वे नहीं उठेंगे.

आपने उन्हें दंड दिया और उनका नाश कर दिया;

आपने उनकी याद तक मिटा डाली.

हे याहवेह, आपने जाति को बढ़ाया;

और आप महान हुए.

आपने देश की सब सीमाओं को बढ़ाया.

हे याहवेह, कष्ट में उन्होंने आपको पुकारा;

जब आपकी ताड़ना उन पर हुई,

वे प्रार्थना ही कर सके.

जिस प्रकार जन्म देने के समय

प्रसूता प्रसव पीड़ा में चिल्लाती और छटपटाती है,

उसी प्रकार याहवेह आपके सामने हमारी स्थिति भी ऐसी ही है.

हम गर्भवती समान थे, हम प्रसव पीड़ा में छटपटा रहे थे,

ऐसा प्रतीत होता है मानो हमने वायु प्रसव की.

हमने अपने देश के लिए कोई विजय प्राप्‍त न की,

और न ही संसार के निवासियों का पतन हुआ.

इस्राएली जो मरे हैं वे जीवित हो जाएंगे;

और उनके शव उठ खड़े होंगे,

तुम जो धूल में लेटे हुए हो

जागो और आनंदित हो.

क्योंकि तुम्हारी ओस भोर की ओस के समान है;

और मरे हुए पृथ्वी से जीवित हो जाएंगे.

मेरी प्रजा, आओ और अपनी कोठरी में जाकर

द्वार बंद कर लो;

थोड़ी देर के लिए अपने आपको छिपा लो

जब तक क्रोध शांत न हो जाए.

देखो, याहवेह अपने निवास स्थान से

पृथ्वी के लोगों को उनके अपराधों के लिए दंड देने पर हैं.

पृथ्वी अपना खून प्रकट कर देगी;

और हत्या किए हुओं को अब और ज्यादा छिपा न सकेगी.

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