यशायाह 1:1-31, यशायाह 2:1-22 HCV

यशायाह 1:1-31

यहूदिया तथा येरूशलेम के विषय में आमोज़ के पुत्र यशायाह का दर्शन, जो उन्हें यहूदिया के राजा उज्जियाह, योथाम, आहाज़, और हिज़किय्याह के शासनकाल में प्राप्‍त हुआ.

परमेश्वर की प्रजा का विद्रोह

हे आकाश! और पृथ्वी सुनो!

क्योंकि यह याहवेह की आज्ञा है:

“कि मैंने अपने बच्चों का पालन पोषण किया और उन्हें बढ़ाया,

किंतु उन्होंने मुझसे नफरत की.

बैल अपने स्वामी को जानता है,

और गधा अपने स्वामी की चरनी को,

किंतु इस्राएल,

मेरी प्रजा को इसकी समझ नहीं.”

हाय है तुम लोगों पर,

जो पाप और अधर्म से भरे हो,

जिनमें सच्चाई नहीं,

और जिनका स्वभाव बुरा है!

जिसने याहवेह को छोड़ दिया है;

और जिसने इस्राएल के पवित्र स्वामी का अपमान किया

और जो याहवेह से दूर हो गया है!

तुम क्यों बुरा बनना चाहते हो?

विद्रोह करते हो?

तुम्हारे सिर में घाव है,

और तुम्हारा मन दुःखी है.

सिर से पांव तक घाव और शरीर में

खरोंच चोट है जिन्हें न तो पोंछा गया,

न ही पट्टी बांधी गई और कोमल बनाने के लिए

न ही उन पर तेल लगाया गया.

तुम्हारा देश उजड़ गया,

नगर आग से भस्म कर दिए गए;

लोगों ने तुम्हारे खेतों को ले लिया.

ज़ियोन की पुत्री

अंगूर के बगीचे में छोड़ दी गई,

ककड़ी के खेत में आश्रय के जैसे,

या पिछड़े हुए नगर में अकेली खड़ी है.

यदि सर्वशक्तिमान याहवेह ने

हमें न बचाया होता,

तो हम भी सोदोम

और अमोराह के समान हो जाते.

सोदोम के शासको,

याहवेह का वचन सुनो;

अमोराह के लोगों!

हमारे परमेश्वर के व्यवस्था-विधान पर ध्यान दो.

याहवेह कहता है,

“तुम्हारे बहुत से मेल बलि मेरे किस काम के?

तुम्हारे मेढ़ों की अग्निबलियां

और पशुओं की चर्बी;

और बैलों, मेमनों और बकरों के

रक्त से मैं खुश नहीं होता.

जब तुम मेरे सामने आते हो,

तो तुम किस अधिकार से,

मेरे आंगनों में चलते हो?

अब मुझे अन्‍नबलि न चढ़ाना

और धूप से नये चांद.

विश्राम दिन1:13 विश्राम दिन शब्बाथ सातवां दिन जो विश्राम का पवित्र दिन है और सभाओं का आयोजन

मुझे अच्छा नहीं लगता.

नफरत है मुझे

तुम्हारे नये चांद पर्वों तथा वार्षिक उत्सवों से.

बोझ बन गए हैं ये मेरे लिए;

थक गया हूं मैं इन्हें सहते सहते.

तब जब तुम प्रार्थना में मेरी ओर अपने हाथ फैलाओगे,

मैं तुमसे अपना मुंह छिपा लूंगा;

चाहे तुम कितनी भी प्रार्थनाएं करते रहो,

मैं उन्हें नहीं सुनूंगा.

“क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं!

“तुम अपने आपको शुद्ध करो.

और मेरे सामने से अपने बुरे कामों को हटा दो;

बुराई करना छोड़ दो.

अच्छा काम करना सीखो;

दुखियों की सहायता करो.

अनाथों की रक्षा करो;

और विधवाओं को न्याय दिलवाओ.”

याहवेह यों कहते हैं, “अब आओ, हम मिलकर इसका निष्कर्ष निकालें,

चाहे तुम्हारे पाप लाल रंग के हों,

वे हिम समान श्वेत हो जाएंगे;

चाहे वे बैंगनी रंग के हों,

तो भी वे ऊन के समान सफेद हो जाएंगे.

यदि सच्चाई से मेरी बात मानोगे,

तो इस देश की उत्तम से उत्तम चीज़ें खा पाओगे;

और यदि तुम विरोध करो और बात न मानोगे,

तो तलवार से मार दिये जाओगे.”

यह याहवेह का यही वचन है!

वह नगर जिसमें सत्य, न्याय और धार्मिकता पाई जाती है,

उसमें व्यभिचार कैसे बढ़ गया!

तुम्हारी चांदी में मिलावट है,

और तुम्हारे दाखरस में पानी मिला दिया गया है.

राज्य करनेवाले विद्रोही,

और चोरों के मित्र हैं;

सब घूस लेते हैं

और लालची हैं.

वे अनाथों की रक्षा नहीं करते;

और न विधवाओं को न्याय दिलाते हैं.

अतः इस्राएल के सर्वशक्तिमान,

प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह कहते हैं:

“मैं अपने बैरियों से बदला लूंगा.

मैं तुम्हारे विरुद्ध अपना हाथ उठाऊंगा;

मैं तुम्हारे धातु की गंदगी को दूर कर दूंगा

और उसमें जो मिलावट है उसे दूर करूंगा.

मैं फिर से न्यायी और मंत्री बनाऊंगा और उनको उनका पद दूंगा.

फिर इस नगर में कोई कमी नहीं होगी.”

ज़ियोन को न्याय से,

और जो अपने आपको बदलेगा वे धर्म से छुड़ा लिये जायेंगे.

लेकिन विद्रोहियों और पापियों को एक साथ नष्ट कर दिया जाएगा,

जिन्होंने याहवेह को त्याग दिया है.

“वे उन बांज वृक्षों से,

जिनकी तुम चाह रखते थे लज्जित हो जाएंगे;

और जिन क्यारियों में मेहनत करके खुश होते थे

अब उसी से लज्जित होना पड़ेगा.

तुम उस बांज वृक्ष के समान हो जाओगे जिसके पत्ते सूख गए हैं,

और सूखी क्यारियां जिसमें पानी नहीं पिलाया गया हो.

बलवान व्यक्ति आग

और उसका काम चिंगारी होगा;

और वे एक साथ जल जायेंगे,

और कोई उन्हें बचा नहीं पाएगा.”

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यशायाह 2:1-22

याहवेह का पर्वत

यहूदिया और येरूशलेम के विषय में आमोज़ के पुत्र यशायाह ने दर्शन देखा:

कि अंत के दिनों

में वह पर्वत और पहाड़

जिस पर याहवेह का भवन है;

उसे दृढ़ और ऊंचा किया जायेगा,

और सब जाति के लोग बहती हुई नदी के समान उस ओर आएंगे.

और कहेंगे,

“आओ, हम याहवेह के पर्वत,

याकोब के परमेश्वर के भवन को चलें.

कि वह हमें अपने नियम सिखाएं,

और हम उनके मार्गों पर चलें.”

क्योंकि ज़ियोन से व्यवस्था निकलेगी,

और येरूशलेम से याहवेह का वचन आएगा.

परमेश्वर राज्यों के बीच न्याय करेंगे

और लोगों की परेशानियां दूर करेंगे.

तब वे अपनी तलवारों को पीट-पीटकर हल के फाल

तथा अपने भालों को हंसिया बना लेंगे.

एक देश दूसरे के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा,

तथा उन्हें फिर कभी लड़ने के लिए तैयार नहीं किया जाएगा.

याकोब के लोग आओ,

हम याहवेह के प्रकाश में चलें.

याहवेह का दिन

याहवेह, ने तो अपनी प्रजा,

याकोब के वंश को छोड़ दिया है.

क्योंकि वे पूर्णतः पूर्वी लोगों के समान हो गये;

और फिलिस्तीनियों के समान उनकी सोच

और काम हो गया है.

उनका देश भी सोना और चांदी से भरा है;

और उनके पास धन की कमी नहीं.

और उनका देश घोड़ों

और रथों से भरा है.

उनका देश मूर्तियों से भरा है;

जो अपने हाथों से बनाया हुआ है.

और मनुष्य उसके सामने झुकते

और प्रणाम करते हैं,

इसलिये उन्हें माफ नहीं किया जाएगा.

याहवेह के डर तथा उनके प्रताप के तेज के कारण

चट्टान में चले जाओ और छिप जाओ!

मनुष्यों का घमंड नीचा करके;

याहवेह को ऊंचा किया जायेगा.

क्योंकि हर घमंडी एवं अहंकारी व्यक्ति के लिए सर्वशक्तिमान याहवेह ने दिन ठहराया है,

उस दिन उनका घमंड तोड़ दिया जाएगा,

और लबानोन के समस्त ऊंचे देवदारों,

तथा बाशान के सब बांज वृक्षों पर,

समस्त ऊंचे पहाडों

और ऊंची पहाड़ियों पर,

समस्त ऊंचे गुम्मटों

और सब शहरपनाहों पर और,

तरशीश के सब जहाजों

तथा सब सुंदर चित्रकारी पर.

जो मनुष्य का घमंड

और अहंकार है दूर किया जाएगा;

और केवल याहवेह ही ऊंचे पर विराजमान होगा,

सब मूर्तियां नष्ट कर दी जाएंगी.

जब याहवेह पृथ्वी को कंपित करने के लिए उठेंगे

तब उनके भय तथा प्रताप के तेज के कारण

मनुष्य चट्टानों की गुफाओं में

तथा भूमि के गड्ढों में जा छिपेंगे.

उस दिन मनुष्य अपनी सोने-चांदी की मूर्तियां जिन्हें उन्होंने बनाई थी,

उन्हें छछूंदरों और चमगादड़ों के सामने फेंक देंगे.

जब याहवेह पृथ्वी को कंपित करने के लिए उठेंगे

तब उनके भय तथा उनके प्रताप के तेज के कारण,

मनुष्य चट्टानों की गुफाओं में

तथा चट्टानों में जा छिपेंगे.

तुम मनुष्यों से दूर रहो,

जिनका सांस कुछ पल का है.

जिनका कोई महत्व नहीं.

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