होशेआ 10:1-15, होशेआ 11:1-12 HCV

होशेआ 10:1-15

इस्राएल एक बढ़ने वाली अंगूर की लता थी;

वह अपने लिये फल देती थी.

जैसे जैसे उसके फल बढ़ते गये,

उसने और ज्यादा वेदियां बनाई;

जैसे जैसे उसका देश समृद्ध होता गया,

उसने अपने पवित्र पत्थरों को सजाया.

उनका हृदय धोखेबाज है,

और अब वे ज़रूर दंड भोगेंगे.

याहवेह उनकी वेदियों को ढहा देंगे

और उनके पवित्र पत्थरों को नष्ट कर देंगे.

तब वे कहेंगे, “हमारा कोई राजा नहीं है

क्योंकि हमने याहवेह का आदर नहीं किया.

पर यदि हमारा कोई राजा होता भी,

तो वह हमारे लिये क्या करता?”

वे बहुत सी प्रतिज्ञाएं करते हैं,

झूठी शपथ खाते हैं

और सहमति बनाते हैं;

इसलिये हल चलाये गये खेत में उगे

जहरीले घास-पात के समान मुकदमे होने लगते हैं.

जो लोग शमरिया में रहते हैं

वे बेथ-आवेन10:5 बेथ-आवेन अर्थ दुष्टता का घर के बछड़े के कारण डरते हैं.

इसके लोग इस पर विलाप करेंगे,

और ऐसा ही इसके मूर्तिपूजक पुरोहित भी करेंगे,

जो पहले इसके वैभव पर आनंदित हुआ करते थे,

क्योंकि इसे उनसे छीनकर बंधुआई में ले लिया गया है.

इसे बड़े राजा को भेंट स्वरूप देने के लिये

अश्शूर ले जाया जाएगा.

एफ्राईम लज्जित किया जाएगा;

इस्राएल भी बाहरी लोगों से नाता के कारण लज्जित होगा.

शमरिया के राजा को ऐसे नष्ट किया जाएगा,

जैसे एक छोटी शाखा पानी के बहाव में बहकर नष्ट हो जाती है.

बुराई के ऊंचे स्थान नष्ट किए जाएंगे—

यह इस्राएल का पाप है.

उनकी इन वेदियों पर

कंटीले पौधे और झाड़ियां उगकर

उनकी वेदियों को ढांप लेंगी.

तब वे पर्वतों से कहेंगे, “हमें ढांप लो!”

और पहाड़ियों से कहेंगे, “हम पर आ गिरो!”

“हे इस्राएल, तुम गिबियाह के समय से पाप करते आये हो,

और तुम अब भी उसी में बने हुए हो.

क्या बुरे काम करनेवाले गिबियाह में

फिर से युद्ध में नहीं फंसेंगे?

जब मेरी इच्छा होगी, मैं उन्हें दंड दूंगा;

अन्य जातियां उनके दो गुने पाप के कारण,

उन्हें बंधन में डालने के लिये उनके विरुद्ध इकट्ठा होंगी.

एफ्राईम एक प्रशिक्षित बछिया है

जिसे अन्‍न दांवना अच्छा लगता है;

इसलिये मैं उसके सुंदर गर्दन पर

एक जूआ रखूंगा.

मैं एफ्राईम को हांकूंगा,

यहूदाह को हल चलाना ज़रूरी है,

और याकोब को मिट्टी तोड़ना ज़रूरी है.

अपने लिए धर्मीपन का बीज बोओ,

निश्छल प्रेम की फसल काटो,

और न जूते हुए भूमि की मिट्टी को तोड़ो;

क्योंकि यह समय है कि याहवेह की खोज करो,

जब तक कि वह आकर

तुम पर धर्मीपन की वर्षा न करें.

पर तुमने दुष्टता का रोपण किया है,

और बुराई का फसल काटा है,

तुमने छल-प्रपंच का फल खाया है.

क्योंकि तुम अपने स्वयं के बल

और अपने योद्धाओं की बड़ी संख्या पर निर्भर रहे हो,

तुम्हारे लोगों के विरुद्ध युद्ध की ललकार होगी,

ताकि तुम्हारे सब गढ़ों को नष्ट कर दिया जाए—

जैसा कि युद्ध के समय में शलमन ने बेथ-आरबेल को नष्ट किया था,

जब माताओं को उनके बच्चों सहित भूमि पर पटक कर मार डाला गया था.

हे बेथेल तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा,

क्योंकि तुम्हारी दुष्टता बहुत बड़ी है.

जब उस दिन बड़ी सुबह

इस्राएल के राजा को पूरी तरह नाश कर दिया जाएगा.

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होशेआ 11:1-12

इस्राएल के प्रति परमेश्वर का प्रेम

“जब इस्राएल बालक था, मैंने उससे प्रेम किया,

और मिस्र देश से मैंने अपने पुत्र को बुलाया.

पर जितना ज्यादा उनको बुलाया गया,

उतना ज्यादा वे मुझसे दूर होते गये.

वे बाल देवताओं के लिये बलि चढ़ाते थे

और उन्होंने मूर्तियों के आगे धूप जलाया है.

वह मैं ही था, जिसने एफ्राईम को

हाथ पकड़कर चलना सिखाया;

परंतु उन्होंने इस बात को न जाना

कि वह मैं ही था, जिसने उन्हें चंगा किया.

मैंने मानवीय दया की डोरी,

और प्रेम के बंधन से उनकी अगुवाई की.

उनके लिये मैं वैसा था जैसे

कोई छोटे बच्‍चे को गाल तक उठाता है,

और मैं झुककर उन्हें खाना खिलाता था.

“क्या वे मिस्र देश नहीं लौटेंगे

और अश्शूर का राजा उन पर शासन नहीं करेगा

क्योंकि वे प्रायश्चित करना नहीं चाहते?

उनके शहरों में एक तलवार चमकेगी;

वह उनके झूठे भविष्यवक्ताओं को मार डालेगी

और उनकी योजनाओं का अंत कर देगी.

मेरे लोग मुझसे दूर जाने का ठान लिये हैं.

यद्यपि वे मुझे सर्वोच्च परमेश्वर कहते हैं,

मैं उनकी किसी भी प्रकार से प्रशंसा नहीं करूंगा.

“हे एफ्राईम, मैं तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं?

हे इस्राएल, मैं तुम्हें किसी और को सौंप दूं?

मैं तुम्हारे साथ अदमाह के जैसे व्यवहार कैसे कर सकता हूं?

मैं तुम्हें ज़ेबोईम के समान कैसे बना सकता हूं?

मेरा हृदय मेरे भीतर बदल गया है;

मेरी सारी करुणा जागृत होती है.

मैं अपने भयंकर क्रोध के अनुसार नहीं करूंगा,

न ही मैं एफ्राईम को फिर से नाश करूंगा.

क्योंकि मैं परमेश्वर हूं, मनुष्य नहीं—

तुम्हारे बीच एक पवित्र जन.

मैं उनके शहरों के विरुद्ध नहीं आऊंगा.

वे याहवेह के पीछे चलेंगे;

याहवेह एक-एक सिंह के समान गरजेंगे.

जब वह गरजेंगे,

तो उनकी संतान कांपती हुई पश्चिम दिशा से आएंगी.

वे मिस्र देश से,

गौरेया पक्षी की तरह कांपती हुई,

और अश्शूर देश से पंड़की की तरह पंख फड़फड़ाते हुए आएंगी.

मैं उन्हें उनके घरों में बसाऊंगा,”

याहवेह घोषणा करते हैं.

इस्राएल का पाप

एफ्राईम ने मेरे चारों ओर झूठ का,

और इस्राएल ने छल का ढेर लगा दिया है.

और यहूदाह उद्दंडता से परमेश्वर के विरुद्ध है,

और तो और वह विश्वासयोग्य पवित्र जन के विरुद्ध है.

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