होशेआ 1:1-11
याहवेह का वह संदेश, जो बएरी के पुत्र होशिया के पास यहूदिया के राजा उज्जियाह, योथाम, आहाज़ और हिज़किय्याह के शासनकाल में, और इस्राएल के राजा यहोआश के पुत्र यरोबोअम के शासनकाल में आया:
होशिया की पत्नी और बच्चे
अपनी बात को शुरू करते हुए याहवेह ने होशिया से यह कहा, “जाओ, और किसी वेश्या से शादी कर लो और उससे बच्चे पैदा करो, क्योंकि एक व्यभिचारी पत्नी की तरह यह देश याहवेह से विश्वासघात करने का अपराधी है.” अतः होशेआ ने दिबलायिम की बेटी गोमर से शादी की, और वह गर्भवती हुई और उसने एक पुत्र को जन्म दिया.
तब याहवेह ने होशेआ से कहा, “उसका नाम येज़्रील रखो, क्योंकि शीघ्र ही येज़्रील में किए नरसंहार के लिये, मैं येहू के घराने को दंड दूंगा, और मैं इस्राएल के राज्य का अंत कर दूंगा. उस दिन मैं येज़्रील के घाटी में इस्राएल की सैन्य-शक्ति का अंत कर दूंगा.”
गोमेर फिर गर्भवती हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया. तब याहवेह ने होशेआ को कहा, “तुम उसका नाम लो-रुहामाह1:6 लो-रुहामाह मतलब अप्रिय रखो, क्योंकि अब मैं इस्राएल के प्रति कोई प्रेम नहीं दिखाऊंगा, और उन्हें किसी प्रकार से क्षमा नहीं करूंगा. किंतु मैं यहूदिया पर अपना प्रेम दिखाऊंगा; और उन्हें बचाऊंगा—यह बचाव न तो धनुष, तलवार या युद्ध के द्वारा, या घोड़ों और घुड़सवारों के द्वारा होगा, पर मैं, याहवेह उनका परमेश्वर उनको बचाऊंगा.”
गोमेर ने लो-रुहामाह का दूध छुड़ाने के बाद एक और बेटे को जन्म दिया. तब याहवेह ने कहा, “उसका नाम लो-अम्मी1:9 लो-अम्मी जिसका मतलब होता है मेरे लोग नहीं रखो, क्योंकि तुम मेरे लोग नहीं हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर नहीं हूं.
“फिर भी इस्राएलियों की संख्या समुद्रतट के बालू के जैसे होगी, जिन्हें न तो नापा जा सकता है और न ही गिना जा सकता है. जिस स्थान पर उनसे यह कहा गया था, ‘तुम मेरी प्रजा नहीं हो,’ उसी स्थान पर वे ‘जीवित परमेश्वर की संतान’ घोषित किए जाएंगे. यहूदिया के लोग और इस्राएल के लोग एक साथ इकट्ठा होंगे; वे मिलकर अपने लिए एक नेता ठहराएंगे और वे देश से निकल आएंगे, क्योंकि येज़्रील का वह दिन एक महान दिन होगा.
होशेआ 2:1-23
“अपने भाइयों से कहो, ‘मेरे लोग,’ और अपनी बहनों से कहो, ‘मेरे प्रिय लोग.’
इस्राएल का दंड और पुनःस्थापना
“अपनी माता को डांटो, उसे डांटो,
क्योंकि वह मेरी पत्नी नहीं है,
और मैं उसका पति नहीं हूं.
वह अपने चेहरे से व्यभिचारी भावना
और अपने स्तनों के बीच से विश्वासघात को दूर करे.
अन्यथा मैं उसके कपड़े उतारकर उसे ऐसी नंगी कर दूंगा
जैसे वह अपने जन्म के समय थी;
मैं उसे मरुस्थल के समान बना दूंगा,
उसे एक सूखी भूमि में बदल दूंगा,
और उसे प्यास से मारूंगा.
मैं उसके बच्चों के प्रति प्रेम नहीं दिखाऊंगा,
क्योंकि वे व्यभिचार से पैदा हुए बच्चे हैं.
उनकी माता ने विश्वासघात किया है
और वे कलंक से उसके गर्भ में पड़े.
उसने कहा, ‘मैं अपने प्रेमियों के पीछे जाऊंगी,
जो मुझे मेरा भोजन-पानी, मेरा ऊनी और सन के कपड़े,
मेरा जैतून तेल और मेरा दाखमधु देते हैं.’
इसलिये मैं उसके रास्ते को कंटीली झाड़ियों से बंद कर दूंगा;
मैं उसके आगे दीवार खड़ी कर दूंगा, जिससे उसे उसका रास्ता नहीं मिलेगा.
वह अपने प्रेमियों का पीछा करेगी पर उन्हें पकड़ नहीं सकेगी;
वह उन्हें खोजेगी पर वे उसे नहीं मिलेंगे.
तब वह कहेगी,
‘मैं पहले के समान अपने पति के पास लौट जाऊंगी,
क्योंकि तब मेरी स्थिति अब की अपेक्षा बेहतर थी.’
उसने इस बात को नहीं माना है कि वह मैं ही था,
जिसने उसे अन्न, नई दाखमधु और तेल दिया था,
जिसने उस पर खुले हाथों से सोना-चांदी लुटाया था—
जिसका उपयोग उन्होंने बाल देवता के लिए किया.
“इसलिये मैं अपने अन्न को ले लूंगा जब वह पक जाएगा,
और अपनी नई दाखमधु को ले लूंगा जब वह तैयार हो जाएगा.
मैं अपने ऊन और सन के कपड़े वापस ले लूंगा,
जिसे मैंने उसे उसके नंगे तन को ढांपने के लिये दिये थे.
इसलिये अब मैं उसकी अश्लीलता को
उसके प्रेमियों के सामने प्रकट करूंगा;
कोई भी उसे मेरे हाथ से छुड़ा न सकेगा.
मैं उसके सब उत्सवों को बंद कर दूंगा:
उसके वार्षिक त्योहार, उसके नये चांद का उत्सव,
उसके शब्बाथ2:11 शब्बाथ सातवां दिन जो विश्राम का पवित्र दिन है का उत्सव—उसके सब निर्धारित त्योहारों को बंद कर दूंगा.
मैं उसके अंगूर की लताओं और अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दूंगा,
जिनके बारे में वह कहती है कि यह मेरी मजदूरी है जिसे मेरे प्रेमियों ने दिया था;
मैं उनको एक झाड़ी बना दूंगा,
और जंगली जानवर उन्हें खा जाएंगे.
मैं उसे उस बात के लिये दंड दूंगा
कि उसने बाल देवताओं के लिये धूप जलाया;
वह अपने आपको नथनी और गहनों से सजाती,
और अपने प्रेमियों के पीछे जाती थी,
पर मुझको वह भूल गई,” याहवेह की घोषणा है.
“इसलिये मैं उसे ललचाऊंगा;
मैं उसे निर्जन जगह में ले जाऊंगा
और उससे कोमलता से बात करूंगा.
वहां मैं उसे उसकी अंगूर की बारियां लौटा दूंगा,
और आकोर2:15 आकोर अर्थ मुसीबत घाटी को आशा का द्वार बना दूंगा.
वहां वह ऐसे जवाब देगी2:15 या वह गाएगी जैसे वह अपने जवानी के दिनों में दिया करती थी,
अर्थात् जैसे वह मिस्र देश से निकलकर आने के समय दिया करती थी.”
याहवेह घोषणा करते हैं,
“उस दिन, तुम मुझे ‘मेरा पति’ कहोगी;
तुम मुझे फिर कभी अपना मालिक नहीं कहोगी.
मैं उसके मुंह से बाल देवताओं का नाम मिटा दूंगा;
उनका नाम फिर कभी न लिया जाएगा.
उस दिन मैं उनके लिये
जंगली जानवरों, आकाश के पक्षियों
और भूमि पर रेंगनेवाले जंतुओं के साथ एक वाचा बांधूंगा.
धनुष और तलवार और युद्ध को
मैं देश से समाप्त कर दूंगा,
ताकि लोग निडर होकर आराम करें.
मैं तुम्हें सदा के लिए विवाह का वचन दूंगा;
मैं तुमको धर्मीपन और सच्चाई,
प्रेम और करुणा के साथ विवाह का वचन दूंगा.
मैं तुम्हें विश्वासयोग्यता के साथ विवाह का वचन दूंगा,
और तुम याहवेह को जान जाओगी.”
याहवेह की घोषणा है,
“उस दिन मैं जवाब दूंगा,
मैं आकाशमंडल को जवाब दूंगा,
और वे पृथ्वी को जवाब देंगे;
और पृथ्वी अन्न, नई दाखमधु
और जैतून तेल को जवाब देगी,
और वे येज़्रील2:22 येज़्रील अर्थ परमेश्वर रोपता है को जवाब देंगे.
तब मैं स्वयं उस देश में उसका रोपण करूंगा;
मैं उसे अपना प्रेम दिखाऊंगा, जिसे मैं अपना प्रिय नहीं कहता,
वे जो मेरे लोग नहीं कहे जाते, उन्हें मैं कहूंगा, ‘तुम मेरे लोग हो’;
और वे कहेंगे, ‘आप हमारे परमेश्वर हैं.’ ”