उत्पत्ति 9:18-29, उत्पत्ति 10:1-32, उत्पत्ति 11:1-9 HCV

उत्पत्ति 9:18-29

नोहा के बेटे

जहाज़ से नोहा के साथ उनके पुत्र शेम, हाम तथा याफेत बाहर आये. (हाम कनान का पिता था.) ये नोहा के तीन पुत्र थे तथा इन्हीं के द्वारा फिर से पृथ्वी मनुष्य से भर गई.

नोहा खेती करना शुरू किए, उन्होंने एक दाख की बारी लगाई. एक दिन नोहा दाखमधु पीकर नशे में हो गये और अपने तंबू में नंगे पड़े थे. कनान के पिता हाम ने अपने पिता को इस हालत में देखकर अपने दोनों भाइयों को बुलाया. शेम तथा याफेत ने एक वस्त्र लिया, और दोनों ने उल्टे पांव चलते हुए अपने पिता के नंगे देह को ढक दिया. इस समय उनके मुख विपरीत दिशा में थे, इसलिये उन्होंने अपने पिता के नंगेपन को न देखा.

जब नोहा का नशा उतर गया तब उन्हें पता चला कि उनके छोटे बेटे ने उनके साथ क्या किया है. और नोहा ने कहा,

“शापित है कनान!

वह अपने भाइयों के

दासों का भी दास होगा.”

नोहा ने यह भी कहा,

“धन्य हैं याहवेह, शेम के परमेश्वर!

कनान शेम का ही दास हो जाए.

परमेश्वर याफेत9:27 याफेत अर्थात् विस्तृत के वंश को विस्तृत करे;

वह शेम के तंबुओं में रहे,

और कनान उसका दास हो जाए.”

जलप्रलय के बाद नोहा 350 वर्ष और जीवित रहे. जब नोहा कुल 950 साल जीवित रहे, तब उनकी मृत्यु हो गई.

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उत्पत्ति 10:1-32

नोहा के वंशज

शेम, हाम और याफेत नोहा के पुत्र थे, जलप्रलय के बाद इनकी संतान पैदा हुईं.

याफेत

याफेत के पुत्र:10:2 पुत्र ये उनके वंशज भी हो सकते हैं. वचन 3, 4, 6, 7, 20–23, 29 तथा 31 में भी.

गोमर, मागोग, मेदिया, यावन, तूबल, मेशेख तथा तिरास थे.

गोमर के पुत्र:

अश्केनाज, रिफात तथा तोगरमाह थे.

यावन के पुत्र:

एलिशाह, तरशीश, कित्तिम तथा दोदानिम10:4 दोदानिम अन्य पाण्डुलिपियों मेंरोदानीम थे. (और उनके वंशज मल्लाह बनकर प्रत्येक की अपनी भाषा, गोत्र और राष्ट्र होकर विभिन्‍न देशों में बंट गये.)

हाम

हाम के पुत्र:

कूश, मिस्र, पूट तथा कनान हुए.

कूश के पुत्र:

सेबा, हाविलाह, सबताह, रामाह और सबतेका.

रामाह के पुत्र:

शीबा और देदान.

कूश उस निमरोद का पिता था जो पृथ्वी पर पहले वीर व्यक्ति के रूप में मशहूर हुआ. वह याहवेह की दृष्टि में पराक्रमी, शिकारी था, और ऐसा कहा जाने लगा, “निमरोद के समान याहवेह की दृष्टि में पराक्रमी शिकारी!” उसके राज्य की शुरुआत शीनार देश में, बाबेल, एरेख, अक्काद तथा कालनेह से हुई. वहां से वे अश्शूर में गये, वहां उन्होंने नीनवेह, रेहोबोथ-इर तथा कलाह नगर बनाए. तथा रेसेन नगर को बनाए, जो नीनवेह तथा कलाह के बीच का एक बड़ा नगर है.

मिस्र के पुत्र:

लूदिम, अनामिम, लेहाबिम, नाफतुहि, पथरूस, कस्लूह (जिनसे फिलिस्तीनी राष्ट्र निकले) और काफ़तोर

कनान का पहला पुत्र

सीदोन, फिर हित्ती, यबूसी, अमोरी, गिर्गाशी, हिव्वी, आरकी, सीनी, अरवादी, ज़ेमारी, हामाथी.

(बाद में कनानी परिवार भी बढ़ते गए. कनान के वंश की सीमा सीदोन से होकर गेरार से होती हुई अज्जाह तक थी तथा सोदोम, अमोराह, अदमाह तथा ज़ेबोईम से लाशा तक थी.)

ये सभी गोत्रों, भाषाओं, देशों तथा उनके राष्ट्रों के अनुसार हाम के वंश में से थे.

शेम

शेम याफेत के बड़े भाई थे; वे एबर के वंश के गोत्रपिता हुए.

शेम के पुत्र:

एलाम, अशहूर, अरफाक्साद, लूद तथा अराम थे.

अराम के पुत्र: उज़,

हूल, गेथर तथा माश10:23 माश अन्य पाण्डुलिपियों मेंमेशेख थे.

अरफाक्साद शेलाह का पिता था,

शेलाह एबर का.

एबर के दो पुत्र हुए:

एक का नाम पेलेग अर्थात् बांटना, क्योंकि उनके समय में पृथ्वी का बंटवारा हुआ. उनके भाई का नाम योकतान था.

योकतान के पुत्र:

अलमोदाद, शेलेफ, हासारमेबेथ, जेराह, हादरोम, उजाल, दिखलाह, ओबाल, अबीमाएल, शीबा, ओफीर, हाविलाह और योबाब. ये सभी योकतान के पुत्र थे.

(ये जहां रहते थे, वहां की सीमा मेषा से लेकर पूर्व के पहाड़ के सेफार तक थी.)

ये सभी अपने गोत्रों, भाषाओं, देशों तथा राष्ट्रों के अनुसार शेम वंश के थे.

अपनी-अपनी संतान और जाति के अनुसार, ये नोहा के बेटों के वंशज हैं. जलप्रलय के बाद, जाति-जाति के लोग इनसे निकलकर पृथ्वी में फैल गए.

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उत्पत्ति 11:1-9

बेबीलोन की मीनार और भाषाओं में गड़बड़ी

पूरी पृथ्वी पर एक ही भाषा तथा एक ही बोली थी. उस समय लोग पूर्व दिशा की ओर चलते हुए, शीनार देश में मैदान देखकर रुक गये और वहीं रहने लगे.

वे आपस में कहने लगे, “हम सब मिलकर अच्छी ईंट बनाकर आग में पकायें.” उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंटों का और चुने के स्थान पर मिट्टी के गारे को काम में लिया. और उन्होंने कहा, “आओ, हम अपने लिए एक नगर और मीनार बनाएं; मीनार इतनी ऊंची बनाएं कि आकाश तक जा पहुंचे, ताकि हम प्रसिद्ध हो जाएं. अन्यथा हम सारी पृथ्वी में इधर-उधर हो जायेंगे.”

याहवेह उस नगर तथा मीनार को देखने उतर आए, जिसे लोग बना रहे थे. याहवेह ने सोचा, “ये लोग एक झुंड हैं, इनकी एक ही भाषा है, और इन्होंने सोचकर काम करने की शुरुआत की है; अब आगे भी इस प्रकार और काम करेंगे, तो इनके लिए कोई काम मुश्किल नहीं होगा. आओ, हम उनकी भाषा में गड़बड़ी लाएं ताकि वे एक दूसरे की बात को समझ न सकें.”

इस प्रकार याहवेह ने उन्हें अलग कर दिया और वे पृथ्वी पर अलग-अलग जगह पर चले गये और नगर व मीनार का काम रुक गया. इसी कारण इस स्थान का नाम बाबेल11:9 बाबेल अर्थात् गड़बड़ या संभ्रम पड़ा, क्योंकि यहीं याहवेह ने भाषा में गड़बड़ी डाली थी तथा यहीं से याहवेह ने उन्हें पूरी पृथ्वी पर फैला दिया.

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