उत्पत्ति 36:1-43, उत्पत्ति 37:1-36 HCV

उत्पत्ति 36:1-43

एसाव के वंशज

एसाव (अर्थात् एदोम) के वंशज इस प्रकार है:

एसाव ने कनान देश की ही कन्याओं से विवाह कर लिया. हित्ती एलोन की पुत्री अदाह, अनाह की पुत्री तथा हिव्वी ज़िबेओन की पौत्री ओहोलिबामाह थे. इसके अलावा उन्होंने इशमाएल की पुत्री नेबाइयोथ की बहन बसेमाथ से भी विवाह किया था.

एसाव से अदाह ने एलिफाज़ को जन्म दिया तथा बसेमाथ ने रियुएल को जन्म दिया, ओहोलिबामाह ने योउश, यालम तथा कोराह को जन्म दिया. कनान देश में ही एसाव के ये पुत्र पैदा हुए.

इसके बाद एसाव अपनी पत्नियों, पुत्र-पुत्रियों, अपने संपूर्ण घर-परिवार, अपने पशु, तथा अपनी समस्त संपत्ति को लेकर, जो उसने कनान देश में पाई थी, अपने भाई याकोब से दूर देश में जाकर रहा. उन दोनों की संपत्ति इतनी अधिक थी कि दोनों का एक साथ रहना मुश्किल था; वह भूमि दोनों परिवारों के पोषण के लिए काफ़ी नहीं थी. उनके पास अत्यधिक पशु थे. इसलिये एसाव (अर्थात् एदोम) सेईर के पर्वतीय क्षेत्र में रहने लगे.

सेईर के पर्वतीय क्षेत्र में बसे हुए एदोमियों के वंश एसाव की पीढ़ियां इस प्रकार हैं.

एसाव के पुत्र थे:

एसाव की पत्नी अदाह से जन्मे एलिफाज़, एसाव दूसरी की पत्नी बसेमाथ का पुत्र रियुएल.

एलिफाज़ के पुत्र:

तेमान, ओमर, ज़ेफो, गाताम तथा केनाज़ थे. एसाव के पुत्र एलिफाज़ की दासी का नाम तिम्ना था, जिसने एलिफाज़ से अमालेक को जन्म दिया. ये एसाव की पत्नी अदाह की संतान हैं.

रियुएल के पुत्र थे:

नाहाथ, ज़ेराह, शम्माह तथा मिज्जाह. ये एसाव की पत्नी बसेमाथ द्वारा पैदा हुए थे.

अनाह की पुत्री, ज़िबेओन की पौत्री, एसाव की पत्नी ओहोलिबामाह के पुत्र

योउश, यालम तथा कोराह थे.

एसाव के पुत्रों में प्रमुख ये थे:

एसाव के बड़े बेटे एलिफाज़ के पुत्र:

तेमान, ओमर, ज़ेफो, केनाज़, कोराह, गाताम, अमालेक. एदोम देश में एलिफाज़ के ये पुत्र थे; ये सभी अदाह वंश के थे.

एसाव के पुत्र रियुएल के पुत्र:

नाहाथ, ज़ेराह, शम्माह, मिज्जाह. ये वे प्रधान हैं, जो एदोम देश में रियुएल द्वारा जन्मे थे—ये वे हैं, जो एसाव की पत्नी बसेमाथ से पैदा हुए थे.

एसाव की पत्नी ओहोलिबामाह से पुत्र हैं:

योउश, यालम, कोराह. ये एसाव की पत्नी अनाह की पुत्री ओहोलिबामाह के द्वारा जन्मे हैं.

ये एसाव (अर्थात् एदोम) के पुत्र तथा उनके प्रधान हैं.

ये उस देश के होरी सेईर के पुत्र हैं:

लोतन, शोबल, ज़िबेओन, अनाह, दिशोन, एज़र तथा दिशान. ये सभी एदोम देश के वे प्रधान हैं. जो होरियों के वंश के सेईर के पुत्र हैं.

लोतन के पुत्र:

होरी तथा होमाम36:22 इसे होमाम भी बुलाता था. 1 इति 1:39 देखें, तथा तिम्ना लोतन की बहन थी.

शोबल के पुत्र थे:

अलवान, मानाहाथ, एबल, शेफो तथा ओनम.

ज़िबेओन के पुत्र ये है:

अइयाह तथा अनाह (यह वही अनाह है, जिसने निर्जन देश में, अपने पिता ज़िबेओन के गधों को चराते हुए गर्म पानी के झरने की खोज की थी.)

अनाह की संतान हैं:

दिशोन तथा ओहोलिबामाह, जो अनाह की पुत्री थी.

दिशोन के पुत्र:

हेमदान, एशबान, इथरान तथा चेरन.

एज़र के पुत्र:

बिलहान, त्सावन और आकन.

दिशान के पुत्र:

उज़ और अरान.

वे प्रधान, जो होरियों वंश के, ये है:

लोतन, शोबल, ज़िबेओन, अनाह, दिशोन, एज़र तथा दिशान.

सेईर देश में होरी जाति के लोग प्रधान बने.

एदोम के शासक

इसके पहले कि इस्राएल पर किसी राजा का शासन होता, एदोम देश पर राज्य करनेवाले राजा ये थे:

बेओर का पुत्र बेला एदोम का राजा बना, तथा उसके द्वारा शासित नगर का नाम था दिनहाबाह.

बेला के मरने के बाद, उसके स्थान पर बोज़राहवासी ज़ेराह का पुत्र योबाब राजा बना.

योबाब के मरने के बाद, उसके स्थान पर तेमानियों के देश का व्यक्ति हुशम राजा बना.

हुशम के मरने के बाद, उसके स्थान पर बेदद का पुत्र हदद राजा बना. उसने मोआब देश में मिदियानी सेना को हरा दिया. उसके द्वारा शासित नगर का नाम था आविथ.

हदद के मरने के बाद, उसके स्थान पर मसरेकाह का सामलाह राजा बना.

सामलाह के मरने के बाद, फरात नदी पर बसे रेहोबोथ का निवासी शाऊल उनके स्थान पर राजा बना.

शाऊल के मरने के बाद, उसके स्थान पर अखबोर का पुत्र बाल-हनन राजा बना.

अखबोर के पुत्र बाल-हनन के मरने के बाद, उसके स्थान पर हदद36:39 कुछ पाण्डुलिपियों में हदर राजा बना. उस नगर का नाम पाऊ था तथा उसकी पत्नी का नाम मेहेताबेल था. वह मातरेद की पुत्री, और मातरेद मेत्साहब की पुत्री थी.

एसाव के वंश में जो प्रधान थे उनके नाम:

तिम्ना, अलवाह, यथेथ,

ओहोलिबामाह, एलाह, पिनोन,

केनाज़, तेमान, मिबज़ार,

मगदिएल, इराम.

ये सभी एदोम देश के प्रधान हुए. एक प्रदेश में जो रहा, उस प्रदेश का नाम भी वही था जो उनका पारिवारिक नाम था.

यह एसाव, जो एदोमियों का गोत्रपिता था, उसका परिवार है.

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उत्पत्ति 37:1-36

योसेफ़ का स्वप्न

याकोब कनान देश में रहते थे. वहीं तो उनके पिता परदेशी होकर रहे थे.

यह है याकोब के परिवार का इतिहास.

याकोब के वंश में योसेफ़ जब सत्रह वर्ष के थे वह अपने भाइयों के साथ भेड़-बकरियों को चराते थे, उनके पिता की पत्नियों बिलहाह तथा ज़िलपाह के पुत्र भी उनके साथ ही थे. योसेफ़ अपने पिता को अपने भाइयों की गलत आदतों के बारे में बताया करते थे.

इस्राएल अपने सभी बच्चों से ज्यादा योसेफ़ को प्यार करते थे; क्योंकि वह उनके बुढ़ापे की संतान थी. याकोब ने योसेफ़ के लिए रंग बिरंगा वस्त्र बनवाया था. योसेफ़ के भाइयों ने देखा कि उनके पिता उनसे ज्यादा योसेफ़ को प्यार करते हैं; इसलिये वे योसेफ़ से नफ़रत करने लगे.

योसेफ़ ने एक स्वप्न देखा था, जिसे उसने अपने भाइयों को बताया. योसेफ़ के भाई योसेफ़ से ज्यादा नफ़रत करने लगे. योसेफ़ ने अपने भाइयों से कहा, “कृपया मेरा स्वप्न सुनिए. हम सब खेत में पूला बांध रहे थे. मैंने देखा कि मेरा पूला उठकर सीधा खड़ा हो गया. और आपके पूले मेरे पूले के आस-पास एकत्र हो गये और मेरे पूले को प्रणाम करने लगे.”

यह सुन उनके भाई कह उठे, “तो क्या तुम हम पर अधिकार करने का विचार कर रहे हो? क्या तुम सच में हम पर अधिकार कर लोगे?” इसके बाद वे योसेफ़ से और ज्यादा नफ़रत करने लगे.

फिर योसेफ़ ने दूसरा सपना देखा. योसेफ़ ने कहा, “मैंने दूसरा सपना देखा है; मैंने सूरज, चांद और ग्यारह नक्षत्रों को मुझे प्रणाम करते देखा.”

यह स्वप्न योसेफ़ ने अपने पिता एवं भाइयों को बताया, जिसे सुन उनके पिता ने उसे डांटते हुए कहा, “यह कैसा स्वप्न देखते हो तुम! क्या यह वास्तव में संभव है कि मैं, तुम्हारी माता एवं तुम्हारे भाई तुम्हारे पास आएंगे और तुम्हें प्रणाम करेंगे?” योसेफ़ के भाई उससे लगातार ईर्ष्या करते रहे. किंतु योसेफ़ के पिता ने इन सभी बातों को अपने मन में रखा.

भाइयों द्वारा योसेफ़ बेचा जाता हैं

योसेफ़ के भाई अपने पिता की भेड़-बकरियों को चराने के लिए शेकेम गए थे. इस्राएल ने योसेफ़ से कहा, “तुम्हारे भाई शेकेम में भेड़-बकरी चरा रहे हैं न? मैं तुम्हें उनके पास भेजना चाहता हूं.”

योसेफ़ ने कहा, “मैं चला जाता हूं.”

याकोब ने योसेफ़ से कहा, “तुम जाओ और अपने भाइयों का हाल पता करके आओ और मुझे बताओ.” योसेफ़ को याकोब ने हेब्रोन घाटी से रवाना किया.

और योसेफ़ शेकेम पहुंचे, जब योसेफ़ एक मैदान में इधर-उधर देख रहे थे, तब एक व्यक्ति उन्हें मिला, जिसने उससे पूछा, “क्या ढूंढ़ रहे हो तुम?”

योसेफ़ ने कहा, “मैं अपने भाइयों को ढूंढ़ रहा हूं. क्या आप कृपा कर मुझे बताएंगे वे अपनी भेड़-बकरियां कहां चरा रहे हैं?”

उस व्यक्ति ने कहा, “वे तो यहां से जा चुके हैं, क्योंकि मैंने उन्हें यह कहते सुना था, ‘चलो, अब दोथान जायें.’ ”

इसलिये योसेफ़ अपने भाइयों को ढूंढ़ते दोथान पहुंचे. जब भाइयों ने दूर से योसेफ़ को आते देखा, उसके नज़दीक आने के पहले ही उन्होंने उसको मार डालने का विचार किया.

उन्होंने कहा, “यह लो, आ गया स्वप्न देखनेवाला! चलो, उसकी हत्या कर यहां किसी गड्ढे में फेंक दें, और हम कह देंगे, कि उसे किसी जंगली जानवर ने खा लिया; फिर हम देखते हैं उसके स्वप्न का क्या होता है.”

किंतु रियूबेन योसेफ़ को बचाना चाहता था. इसलिये रियूबेन ने कहा “हम योसेफ़ को जान से नहीं मारेंगे; बल्कि हम उसे बंजर भूमि के किसी गड्ढे में डाल देते हैं,” रियूबेन ने ऐसा इसलिये कहा कि वह योसेफ़ को बचाकर पिता को सौंप देना चाहता था.

जैसे ही योसेफ़ अपने भाइयों के पास आये, उन्होंने योसेफ़ का रंग बिरंगा वस्त्र, जो वह पहने हुए थे उतार दिया, और योसेफ़ को एक सूखे गड्ढे में डाल दिया, गड्ढा खाली था; उसमें पानी नहीं था.

यह करके वे भोजन करने बैठे. तभी उन्होंने देखा कि गिलआद की ओर से इशमाएलियों का एक समूह आ रहा था. उनके ऊंटों पर सुगंध गोंद, बलसान तथा गन्धरस लदे हुए थे. यह सब वे मिस्र ले जा रहे थे.

यहूदाह ने अपने भाइयों से कहा, “अपने भाई की हत्या कर उसे छुपाने से हमें कुछ नहीं मिलेगा. हम इसे इन इशमाएलियों को बेच दें. हम इसकी हत्या न करें; अंततः वह हमारा भाई ही है, हमारा अपना खून.” भाइयों को यह बात ठीक लगी.

उसी समय कुछ मिदियानी37:28 मिदियानी हो सकता है कि यह यिशमाएलियों का ही एक झुंड का नाम है, या उनके साथी हैं. व्यापारी वहां से निकले, तब उन्होंने उनकी सहायता से योसेफ़ को गड्ढे से ऊपर खींच निकाला और उसे इशमाएलियों को बीस चांदी के सिक्कों में बेच दिया.

जब रियूबेन उस गड्ढे पर लौटा, तब उसने देखा कि योसेफ़ वहां नहीं हैं. यह देख उसने अपने वस्त्र फाड़ लिए. उसने अपने भाइयों के पास जाकर पूछा, “वह तो वहां नहीं हैं! मुझे समझ नहीं आ रहा, अब मैं क्या करूं?”

भाइयों ने एक बकरी को मारा और उसके खून में योसेफ़ के सुंदर अंगरखे को डुबो दिया और उस वस्त्र को अपने पिता के पास ले जाकर कहा, “हमें यह वस्त्र मिला; क्या यह आपके पुत्र का वस्त्र तो नहीं?”

याकोब ने वस्त्र देखकर कहा, “यह मेरे पुत्र का ही वस्त्र है. किसी जंगली पशु ने उसे खा लिया है.”

तब याकोब ने अपने वस्त्र फाड़े, टाट पहन लिए और कई दिनों तक अपने बेटे के लिए रोते रहे. सबने याकोब को दिलासा देने की कोशिश की, पर याकोब का दुःख कम न हुआ, और वे योसेफ़ के लिए रोते ही रहे. याकोब ने कहा, “मैं मरने के दिन तक (शीयोल तक) अपने पुत्र योसेफ़ के शोक में डूबा रहूंगा.”

वहां, मिदियानियों ने मिस्र पहुंचकर योसेफ़ को पोतिफर को बेच दिया, जो फ़रोह का एक अधिकारी, अंगरक्षकों का प्रधान था.

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