उत्पत्ति 2:18-25, उत्पत्ति 3:1-24, उत्पत्ति 4:1-16 HCV

उत्पत्ति 2:18-25

इसके बाद याहवेह परमेश्वर ने कहा, “आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं है. मैं उसके लिए एक सुयोग्य साथी बनाऊंगा.”

याहवेह परमेश्वर ने पृथ्वी में पशुओं तथा पक्षियों को बनाया और उन सभी को मनुष्य के पास ले आए, ताकि वह उनका नाम रखे; आदम ने जो भी नाम रखा, वही उस प्राणी का नाम हो गया. आदम ने सब जंतुओं का नाम रख दिया.

किंतु आदम के लिए कोई साथी नहीं था, जो उसके साथ रह सके. इसलिये याहवेह परमेश्वर ने आदम को गहरी नींद में डाला; जब वह सो गया, याहवेह परमेश्वर ने उसकी एक पसली निकाली और उस जगह को मांस से भर दिया. फिर याहवेह परमेश्वर ने उस पसली से एक स्त्री बना दी और उसे आदम के पास ले गए.

आदम ने कहा,

“अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी

और मेरे मांस में का मांस है;

उसे ‘नारी’2:23 नारी मूल में ईशा अर्थात् स्त्री और नर मूल में ईश अर्थात् पुरुष नाम दिया जायेगा,

क्योंकि यह ‘नर’ से निकाली गई थी.”

इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा तथा वे दोनों एक देह होंगे.

आदम एवं उसकी पत्नी नग्न तो थे पर लजाते न थे.

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उत्पत्ति 3:1-24

मानव का पतन

याहवेह परमेश्वर के बनाये सब जंतुओं में सांप सबसे ज्यादा चालाक था. उसने स्त्री से कहा, “क्या सच में परमेश्वर ने तुमसे कहा, ‘तुम इस बगीचे के किसी भी पेड़ का फल न खाना’?”

तब स्त्री ने उत्तर दिया, “हम बगीचे के वृक्षों के फलों को खा सकते हैं, लेकिन बगीचे के बीच में जो पेड़ है, उसके बारे में परमेश्वर ने कहा है ‘न तो तुम उसका फल खाना और न ही उसको छूना, नहीं तो तुम मर जाओगे.’ ”

सांप ने स्त्री से कहा, “निश्चय तुम नहीं मरोगे! परमेश्वर यह जानते हैं कि जिस दिन तुम इसमें से खाओगे, तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी तथा तुम्हें भले और बुरे का ज्ञान हो जाएगा और तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे.”

जब स्त्री ने उस पेड़ के फल की ओर देखा कि वह खाने में अच्छा तथा देखने में सुंदर और बुद्धि देनेवाला है, तब उसने उस पेड़ के फलों में से एक लेकर खाया. और उसने यह फल अपने पति को भी दिया, जो उसके पास ही था. उसने भी उसे खाया. तब उन दोनों की आंखें खुल गईं और उन्हें महसूस हुआ कि वे नंगे हैं. इसलिये उन्होंने अंजीर की पत्तियां जोड़कर कपड़े बनाए और अपने नंगेपन को ढक दिया.

जब आदम और स्त्री ने दिन के ठण्डे समय में याहवेह परमेश्वर के आने की आवाज बगीचे में सुनी, तब आदम और उसकी पत्नी पेड़ों के बीच में छिप गये. किंतु याहवेह परमेश्वर ने आदम को बुलाया और पूछा, “तुम कहां हो?”

आदम ने उत्तर दिया, “आपके आने का शब्द सुनकर हम डर गये और हम छिप गये क्योंकि हम नंगे हैं.”

याहवेह ने कहा, “किसने तुमसे कहा कि तुम नंगे हो? कहीं ऐसा तो नहीं, कि तुमने उस पेड़ का फल खा लिया हो, जिसको खाने के लिए मैंने मना किया था?”

आदम ने कहा, “साथ में रहने के लिए जो स्त्री आपने मुझे दी है, उसी ने मुझे उस पेड़ से वह फल दिया, जिसे मैंने खाया.”

यह सुन याहवेह परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, “यह क्या किया तुमने?”

स्त्री ने उत्तर दिया, “सांप ने मुझे बहकाया, इसलिये मैंने वह फल खा लिया.”

याहवेह परमेश्वर ने सांप से कहा, तूने ऐसा करके गलत किया,

“इसलिये तू सभी पालतू पशुओं से

तथा सभी वन्य पशुओं से अधिक शापित है!

तू पेट के बल चला करेगा

और जीवन भर

मिट्टी चाटता रहेगा.

मैं तेरे तथा स्त्री के बीच,

तेरी संतान तथा स्त्री की संतान के बीच

बैर पैदा करूंगा;

वह तेरे सिर को कुचलेगा,

तथा तू उसकी एड़ी को डसेगा.”

स्त्री से परमेश्वर ने कहा,

“मैं तुम्हारी गर्भावस्था के दर्द को बहुत बढ़ाऊंगा;

तुम दर्द के साथ संतान को जन्म दोगी.

यह होने पर भी तुम्हारी इच्छा तुम्हारे पति की ओर होगी,

और पति तुम पर अधिकार करेगा.”

फिर आदम से परमेश्वर ने कहा, “तुमने अपनी पत्नी की बात सुनकर उस पेड़ से फल खाया, ‘जिसे खाने के लिये मैंने तुम्हें मना किया था,’

“इस कारण यह पृथ्वी जिस पर तुम रह रहे हो, श्रापित हो गई है;

तुम जीवन भर

कड़ी मेहनत करके जीवन चलाओगे.

तुम खेती करोगे लेकिन उसमें कांटे और जंगली पेड़ उगेंगे,

और तुम खेत की उपज खाओगे.

तुम अपने पसीने ही की

रोटी खाया करोगे और अंततः

मिट्टी में मिल जाओगे क्योंकि

तुम मिट्टी ही हो, मिट्टी से ही बने हो.”

आदम ने अपनी पत्नी को हव्वा3:20 हव्वा संभावित अर्थ जीवित. नाम दिया, क्योंकि वही सबसे पहली माता थी.

आदम तथा उसकी पत्नी के लिए याहवेह परमेश्वर ने चमड़े के वस्त्र बनाकर उन्हें पहना दिये. फिर याहवेह परमेश्वर ने सोचा, “आदम और हव्वा ने भले और बुरे के ज्ञान का फल तो खा लिया, अब वे जीवन के पेड़ से फल खाकर सदा जीवित न रह जाएं.” इस कारण याहवेह परमेश्वर ने उन्हें एदेन के बगीचे से बाहर कर दिया, ताकि वे भूमि पर खेती करें, और फल उपजायें. तब उन्होंने आदम को एदेन के बगीचे से बाहर कर दिया तथा एदेन के बगीचे की निगरानी के लिए करूबों को और चारों ओर घूमनेवाली ज्वालामय तलवार को रख दिया ताकि कोई जीवन के वृक्ष को छू न सके.

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उत्पत्ति 4:1-16

कयीन तथा हाबिल

जब आदम ने अपनी पत्नी हव्वा के साथ दाम्पतिक संबंध में प्रवेश किया, तब हव्वा गर्भवती हुई तथा उसने कयीन4:1 कयीन अर्थात्: पाया हुआ को जन्म दिया. हव्वा ने कहा, “याहवेह की सहायता से मैंने एक पुरुष को जन्म दिया है.” फिर हव्वा ने कयीन के भाई हाबिल को जन्म दिया.

हाबिल भेड़-बकरियों का चरवाहा था, किंतु कयीन खेती करता था. कुछ दिनों बाद याहवेह को भेंट चढ़ाने के उद्देश्य से कयीन अपनी खेती से कुछ फल ले आया. और हाबिल ने अपने भेड़-बकरियों में से पहला बच्चा भेंट चढ़ाया तथा चर्बी भी भेंट चढ़ाई. याहवेह ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया, परंतु कयीन और उसकी भेंट को याहवेह ने ग्रहण नहीं किया. इससे कयीन बहुत क्रोधित हुआ तथा उसके मुख पर उदासी छा गई.

इस पर याहवेह ने कयीन से पूछा, “तू क्यों क्रोधित हुआ? क्यों तू उदास हुआ? अगर तू परमेश्वर के योग्य भेंट चढ़ाता तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न होती? और यदि तू सही न करे, तो पाप द्वार पर है, और उसकी लालसा तेरी ओर रहेगी. पर तू उस पर प्रभुता करना.”

हाबिल अपने भाई कयीन के खेत में गया तब कयीन ने हाबिल से कुछ कहा और कयीन ने हाबिल को मार दिया.

तब याहवेह ने कयीन से पूछा, “तेरा भाई हाबिल कहां है?”

उसने उत्तर दिया, “पता नहीं. क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?”

याहवेह ने कहा, “तूने यह क्या किया? भूमि से तेरे भाई का रक्त मुझे पुकार रहा है. अब तू उस भूमि की ओर से शापित है, क्योंकि इस खेत में तेरे भाई का खून गिरा है. जब तू खेती करेगा, तुझे इसकी पूरी उपज नहीं मिलेगी; तू अब पृथ्वी पर अकेला और बेसहारा होगा.”

कयीन ने याहवेह से कहा, “मेरा दंड मेरी सहन से बाहर है. आपने आज मुझे यहां से निकाल दिया है, मैं आपके सामने से छिप जाऊंगा; मैं अकेला और बेसहारा होकर घुमूंगा तो मैं जिस किसी के सामने जाऊंगा, वे मुझे मार देंगे.”

यह सुन याहवेह ने उससे कहा, “यदि ऐसा हुआ, तो जो कोई कयीन की हत्या करेगा, उससे सात गुणा बदला लिया जाएगा.” याहवेह ने कयीन के लिए एक विशेष चिन्ह ठहराया, ताकि कोई उसकी हत्या न कर दे. इसके बाद कयीन याहवेह के पास से चला गया और नोद4:16 नोद अर्थात् आवारा देश में बस गया, जो एदेन बगीचे के पूर्व में है.

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