गलातिया 2:11-21, गलातिया 3:1-9 HCV

गलातिया 2:11-21

पेतरॉस के प्रति पौलॉस का विरोध

जब कैफ़स अंतियोख़ नगर आए, मैंने उनके मुख पर उनका विरोध किया क्योंकि उनकी गलती साफ़-साफ़ थी. याकोब की ओर से कुछ लोगों के आने से पहले तो वह गैर-यहूदियों के साथ खान-पान में सम्मिलित होते थे किंतु याकोब के लोगों के यहां आने पर वह ख़तनितों के समूह के भय से अलग होकर गैर-यहूदियों से दूरी रखने लगे. बाकी यहूदी भी उनके साथ इस कपट में शामिल हो गए, यहां तक कि बारनबास भी.

जब मैंने यह देखा कि उनका स्वभाव ईश्वरीय सुसमाचार के भेद के अनुसार नहीं है, मैंने सबके सामने कैफ़स से कहा, “यदि स्वयं यहूदी, होकर आपका स्वभाव यहूदियों के समान नहीं परंतु गैर-यहूदियों के समान है, तो आप गैर-यहूदियों को यहूदियों जैसे स्वभाव के लिए बाध्य कैसे कर सकते हो?

“आप और मैं जन्म से यहूदी हैं—गैर-यहूदियों के पापी वंशज नहीं. फिर भी हम यह जानते हैं कि परमेश्वर की दृष्टि में मनुष्य मात्र मसीह येशु में विश्वास करने के द्वारा ही धर्मी ठहरता है, न कि व्यवस्था का पालन करने के द्वारा, इसलिये हमने भी मसीह येशु में विश्वास किया कि हम मसीह में विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहराए जाएं, न कि व्यवस्था का पालन करने के द्वारा—क्योंकि व्यवस्था का पालन करने से कोई भी मनुष्य धर्मी ठहराया नहीं जाता.

“किंतु, यदि हम मसीह में धर्मी ठहराए जाने के लिए प्रयास करने पर भी पापी ही पाए जाते हैं, तो क्या मसीह पाप के पालन पोषण करनेवाले हैं? बिलकुल नहीं! यदि मैं उसी को दोबारा बनाता हूं, जिसे मैंने गिरा दिया था, तो मैं स्वयं को ही अपराधी साबित करता हूं.

“क्योंकि व्यवस्था के द्वारा मैं व्यवस्था के लिए मर गया कि मैं परमेश्वर के लिए जीऊं. मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया जा चुका हूं. अब से वह, जो जीवित है, मैं नहीं परंतु मसीह हैं, जो मुझमें जीवित हैं. अब वह जीवन, जो मैं शरीर में जी रहा हूं, परमेश्वर के पुत्र में विश्वास करते हुए जी रहा हूं, जिन्होंने मुझसे प्रेम किया और स्वयं को मेरे लिए बलिदान कर दिया. मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं कर रहा, क्योंकि यदि व्यवस्था धार्मिकता का कारण होता, तब मसीह का प्राण त्यागना व्यर्थ हो जाता!”

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गलातिया 3:1-9

विश्वास जनित धार्मिकता

निर्बुद्धि गलातियो! किसने तुम्हें सम्मोहित कर दिया? तुम्हारे सामने तो मसीह येशु को साफ़-साफ़ क्रूस पर दिखाया गया था. मैं तुमसे सिर्फ यह जानना चाहता हूं: पवित्र आत्मा तुमने व्यवस्था के नियम-पालन द्वारा प्राप्‍त किया या ईश्वरीय सुसमाचार को सुनने और उसमें विश्वास करने के द्वारा? क्या तुम इतने निर्बुद्धि हो? जो पवित्र आत्मा द्वारा शुरू किया गया था क्या वह मनुष्य के कार्यों से सिद्ध बनाया जा रहा है? तुमने इतने दुःख उठाए तो क्या वे वास्तव में व्यर्थ थे? परमेश्वर, जो तुम्हें अपना आत्मा प्रदान करते तथा तुम्हारे बीच चमत्कार करते हैं, क्या यह वह व्यवस्था का पालन करने के द्वारा करते हैं या विश्वास के साथ सुनने के द्वारा? जैसे अब्राहाम ने “परमेश्वर में विश्वास किया, और यह उनके लिए धार्मिकता माना गया.”3:6 उत्प 15:6

इसलिये अब यह भली-भांति समझ लो कि जिन्होंने विश्वास किया है वे ही अब्राहाम की संतान हैं. पवित्र शास्त्र ने पहले से जानकर कि परमेश्वर गैर-यहूदियों को विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराएंगे, पहले ही अब्राहाम को यह शुभ संदेश देते हुए कहा था: “सभी राष्ट्र तुममें आशीषित होंगे.”3:8 उत्प 12:3; 18:18; 22:18 इसलिये वे सभी, जो विश्वास करते हैं, अब्राहाम—विश्वास पुरुष—के साथ, जो स्वयं विश्वासी थे, आशीषित किए जाते हैं.

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