एज़्रा 1:1-11
कोरेश की राजाज्ञा
फारस के राजा कोरेश के शासन के पहले साल में येरेमियाह द्वारा कही गई याहवेह की भविष्यवाणी पूरी करने के उद्देश्य से याहवेह ने फारस के राजा की आत्मा को उभारा. फलस्वरूप उसने सभी राज्य में यह लिखित घोषणा करवा दी:
“फारस के राजा कोरेश का आदेश यह है:
“ ‘याहवेह ने, जो स्वर्ग के परमेश्वर हैं, मुझे सारी पृथ्वी के राज्यों पर अधिकार दिया है, उन्होंने ही मुझे येरूशलेम नगर में, जो यहूदिया प्रदेश में है, उनके लिए एक भवन बनाने के लिए चुना है. आप लोगों में से जो कोई याहवेह की प्रजा में से है, आपके परमेश्वर आपके साथ रहे! आप यहूदिया प्रदेश के येरूशलेम को जाएं तथा याहवेह इस्राएल के परमेश्वर के लिए इस भवन को दोबारा बनाएं. यह वही परमेश्वर हैं, जो येरूशलेम में हैं. किसी भी स्थान पर, परमेश्वर के किसी भी जन को, यदि वह अब तक जीवित है, उस स्थान के नागरिक चांदी, सोना, अन्य वस्तुएं, पशु एवं स्वेच्छा से भेंटे देकर येरूशलेम में परमेश्वर के भवन को बनाने के लिए उसकी सहायता करें.’ ”
तब यहूदाह एवं बिन्यामिन के कुलों के प्रधान, पुरोहित तथा लेवी तैयार हो गए, हर एक वह, जिस किसी के हृदय को परमेश्वर ने उकसाया कि येरूशलेम में याहवेह के भवन को दोबारा से बनाएं. उनके पड़ोसियों ने उन्हें चांदी, सोना, अन्य सामग्री; कीमती वस्तुएं, पशु देकर प्रोत्साहित किया तथा इनके अलावा उन्होंने इन्हें अपनी इच्छा से भेंटे भी दे दी.
साथ ही राजा कोरेश याहवेह के भवन की वस्तुएं भी निकाल लाया, जो नबूकदनेज्ज़र येरूशलेम से ले आया था और अपने देवताओं के भवन में रख दिया था. फारस के राजा कोरेश के खजांची मिथरेदाथ के द्वारा इन बर्तनों को मंगवाया तथा यहूदिया के शासक शेशबाज्ज़र के सामने इनकी गिनती कर दी.
इन बर्तनों की संख्या इस प्रकार थी:
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सोने की चिलमचियां | 30 | |
चांदी की चिलमचियां | 1,000 | |
दूसरे कटोरे | 29 | |
सोने की कटोरियां | 30 | |
समान चांदी की कटोरियां | 410 | |
अलग-अलग बर्तन | 1,000 | सोने और चांदी के कुल बर्तनों की संख्या 5,400 थी.
शेशबाज्ज़र इन सभी को उन बंदियों के साथ बाबेल से येरूशलेम ले आया.
एज़्रा 2:1-67
लौट रहे निर्वासितों की सूची
इस प्रदेश के लोग, जो बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा बंधुआई में ले जाए गए थे और जो बंधुआई से यहूदिया और येरूशलेम, अपने-अपने नगर को लौट आए थे, वे इस प्रकार है ये वे हैं, जो ज़ेरुब्बाबेल के साथ आए थे: येशुआ, नेहेमियाह, सेराइयाह, रीलाइयाह, मोरदकय, बिलषान, मिसपार, बिगवाई, रेहुम और बाअनाह.
इस्राएली प्रजा के पुरुषों की संख्या अपने-अपने कुलों के अनुसार निम्न लिखित है:
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पारोश | 2,172 | |
शेपाथियाह | 372 | |
आराह | 775 | |
पाहाथ-मोआब के वंशजों में से येशुआ एवं योआब के वंशज | 2,812 | |
एलाम | 1,254 | |
ज़त्तू | 945 | |
ज़क्काई | 760 | |
बानी | 642 | |
बेबाइ | 623 | |
अजगाद | 1,222 | |
अदोनिकम | 666 | |
बिगवाई | 2,056 | |
आदिन | 454 | |
हिज़किय्याह की ओर से अतेर के वंशज | 98 | |
बेज़ाइ के वंशज | 323 | |
यारोह के वंशज | 112 | |
हाषूम | 223 | |
गिब्बर | 95 | |
बेथलेहेम के निवासी | 123 | |
नेतोपाह के निवासी | 56 | |
अनाथोथ के निवासी | 128 | |
अज़मावेथ के निवासी | 42 | |
किरयथ-यआरीम के कफीराह तथा बएरोथ के निवासी | 743 | |
रामाह तथा गेबा के निवासी | 621 | |
मिकमाश के निवासी | 122 | |
बेथेल तथा अय के निवासी | 223 | |
नेबो के निवासी | 52 | |
मकबिष के निवासी | 156 | |
उस अन्य एलाम के वंशज | 1,254 | |
हारिम के वंशज | 320 | |
लोद, हदिद तथा ओनो | 725 | |
येरीख़ो के निवासी | 345 | |
सेनाआह | 3,630 | पुरोहित:
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येशुआ के परिवार से येदाइयाह के वंशज | 973 | |
इम्मर | 1,052 | |
पशहूर | 1,247 | |
हारिम | 1,017 | लेवी:
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होदवियाह के वंशजों में से कदमिएल तथा येशुआ, होदवियाह के वंशज | 74 | गायक:
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आसफ के वंशज | 128 | द्वारपाल:
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शल्लूम, अतेर, तालमोन, | |
अक्कूब, हतिता और शेबाई | 139 | मंदिर सेवक इनके वंशज थे:
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ज़ीहा, हासुफ़ा, तब्बओथ, | |
केरोस, सियाहा, पदोन, | |
लेबानाह, हागाबाह, अक्कूब, | |
हागाब, शामलाई, हनान, | |
गिद्देल, गाहर, रेआइयाह, | |
रेज़िन, नेकोदा, गज्ज़ाम, | |
उज्जा, पासेह, बेसाई, | |
आसनाह, मिऊनी, नेफिसिम, | |
बकबुक, हकूफा, हरहूर, | |
बाज़लुथ, मेहिदा, हरषा, | |
बारकोस, सीसरा, तेमाह, | |
नेज़ीयाह, हातिफा. | शलोमोन के सेवकों के वंशज:
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हसोफेरेथ, पेरुदा, सोताई, | |
याला, दारकोन, गिद्देल, | |
शेपाथियाह, हत्तील, पोचेरेथ-हज्ज़ेबाइम, आमि. | |
मंदिर के सेवक और शलोमोन के सेवकों की कुल गिनती: | 392 | ये वे हैं, जो तेल-मेलाह, तेल-हरषा, करूब, अद्दान तथा इम्मर से आए, तथा इनके पास अपनी वंशावली के सबूत नहीं थे, कि वे इस्राएल के वंशज थे भी या नहीं:
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देलाइयाह के वंशज, तोबियाह के वंशज तथा नेकोदा के वंशज | 652 | पुरोहितों में:
होबाइयाह के वंशज,
हक्कोज़ के वंशज तथा बारज़िल्लाई, जिसने गिलआदवासी बारज़िल्लाई की पुत्रियों में से एक के साथ विवाह किया था और उसने उन्हीं का नाम रख लिया.
इन्होंने अपने पुरखों के पंजीकरण की खोज की, किंतु इन्हें सच्चाई मालूम न हो सकी; तब इन्हें सांस्कृतिक रूप से अपवित्र माना गया तथा इन्हें पुरोहित जवाबदारी से दूर रखा गया. अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें.
सारी सभा की पूरी संख्या हुई 42,360. इनके अलावा 7,337 दास-दासियां तथा 200 गायक-गायिकाएं भी थी. उनके 736 घोड़े, 245 खच्चर, 435 ऊंट तथा 6,720 गधे थे.