निर्गमन 9:1-35, निर्गमन 10:1-29 HCV

निर्गमन 9:1-35

मिस्र के पशुओं की मृत्यु

फिर परमेश्वर ने मोशेह से कहा, “जाकर फ़रोह को यह बता दो, ‘इब्रियों के परमेश्वर याहवेह ने यह कहा है, “मेरी प्रजा को यहां से जाने दो, ताकि वे मेरी वंदना कर सकें.” यदि तुम उन्हें जाने नहीं दोगे तो याहवेह का हाथ तुम्हारे पशुओं, घोड़ों, गधों, ऊंटों, गायों एवं भेड़-बकरियों पर बढ़ेगा और बड़ी महामारी फैल जायेगी. याहवेह मिस्रियों के पशुओं में महामारी फैलायेंगे, लेकिन इस्राएल के पशुओं को कुछ नहीं होगा—जिसके कारण इस्राएल वंश के एक भी पशु की मृत्यु न होगी.’ ”

याहवेह ने एक समय ठहराकर यह कह दिया: “अगले दिन याहवेह इस देश में महामारी फैलायेंगे.” तब याहवेह ने अगले दिन वही किया—मिस्र देश के सभी पशु मर गए; किंतु इस्राएल वंश में एक भी पशु नहीं मरा. फ़रोह ने सच्चाई जानने के लिए सेवक को भेजा. तब उन्होंने देखा कि इस्राएल में एक भी पशु की मृत्यु नहीं हुई थी. यह देख फ़रोह का मन और कठोर हो गया, उसने प्रजा को जाने नहीं दिया.

फोड़ों की विपत्ति

फिर याहवेह ने मोशेह और अहरोन से कहा, “अपने-अपने हाथों में मुट्ठी भरके राख लेना, और उस राख को फ़रोह के सामने आकाश की ओर फेंकना. यह राख पूरे देश पर रेत में बदल जाएगी, जिससे पूरे मिस्रवासियों एवं पशुओं के शरीर पर फोड़े फुंसी हो जायेंगे.”

इसलिये मोशेह तथा अहरोन ने भट्ठे से राख उठाई और फ़रोह के सामने गए. मोशेह ने राख को आकाश की ओर उछाला, जिसके कारण मनुष्यों और पशुओं के शरीर पर फोड़े निकल आए. इन फोड़ों के कारण जादूगर मोशेह के सामने खड़े न रह सके, क्योंकि फोड़े न केवल मिस्रवासियों की देह पर निकल आए थे किंतु जादूगरों के शरीर भी फोड़े से भर गये थे! याहवेह ने फ़रोह के मन को कठोर बना दिया, और फ़रोह ने मोशेह की बात नहीं मानी; यह बात याहवेह ने मोशेह से पहले ही कह दी थी.

ओलों की विपत्ति

तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “सुबह जल्दी उठकर फ़रोह के पास जाकर यह कहना, ‘याहवेह, इब्रियों के परमेश्वर की यह आज्ञा है कि मेरी प्रजा को यहां से जाने दो, ताकि वे मेरी वंदना कर सकें. क्योंकि इस बार मैं और ज्यादा परेशानियां तुम पर, तुम्हारे सेवकों पर तथा तुम्हारी प्रजा पर डाल दूंगा, जिससे तुम्हें यह मालूम हो जाए कि पूरे पृथ्वी पर मेरे तुल्य कोई भी नहीं है. क्योंकि अब तक मैं अपना हाथ बढ़ाकर तुम और तुम्हारी प्रजा पर बहुत बड़ी विपत्तियां डालकर तुम्हें मिटा देता. तुम्हारी उत्पत्ति के पीछे मेरा एकमात्र उद्देश्य था कि तुमको मेरे प्रताप का प्रदर्शन करूं, और सारी पृथ्वी में मेरे नाम का प्रचार हो. लेकिन तुमने मेरी प्रजा को यहां से जाने की अनुमति न देकर अपने आपको महान समझा है! अब देखना, कल इसी समय मैं बड़े-बड़े ओले बरसाऊंगा—ऐसा मिस्र देश में आज तक नहीं देखा गया है, इसलिये अब सबको बता दो कि मैदानों से अपने पशुओं को तथा जो कुछ इस समय खेतों में रखा हुआ है, सुरक्षित स्थान पर ले जाएं. अगर कोई मनुष्य या पशु, ओले गिरने से पहले अपने घरों में न पहुंचें, वे अवश्य मर जायेंगे.’ ”

तब फ़रोह के उन सेवकों ने, जिन्होंने याहवेह की बात पर ध्यान दिया वे सब जल्दी अपने-अपने लोगों एवं पशुओं को लेकर घर चले गये और जिन्होंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया, वे सेवक एवं उनके पशु मैदान में ही रह गए.

याहवेह ने मोशेह को आदेश दिया, “अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाओ, ताकि पूरे मिस्र देश पर, मनुष्य एवं पशु, और मैदान के हर एक वृक्ष पर ओले गिरना शुरू हो जाएं.” मोशेह ने अपनी लाठी आकाश की ओर बढ़ाई, और याहवेह ने आकाश से बादल गरजाये और ओले बरसाए और ओलों के साथ बिजली भी पृथ्वी पर गिरने लगी. ओलों के साथ बिजली भी गिर रही थी; ऐसी दशा मिस्र देश में इससे पहले कभी नहीं हुई थी. ओले उन सब पर गिरे, जो मैदानों में थे—ओले पौधे तथा वृक्ष पर भी गिरे जो पूरे नष्ट हो गये. केवल गोशेन प्रदेश में जहां इस्राएली रहते थे, ओले नहीं गिरे.

तब फ़रोह ने मोशेह एवं अहरोन को बुलवाया और उनके सामने मान लिया: “मैंने पाप किया है, याहवेह ही महान परमेश्वर हैं, मैं तथा मेरी प्रजा अधर्मी है. तुम याहवेह से बिनती करो! बहुत हो चुका गरजना और ओले बरसना. मैं तुमको यहां से जाने दूंगा, तुम यहां मत रुको.”

मोशेह ने फ़रोह को उत्तर दिया, “जैसे ही मैं नगर से बाहर निकलूंगा, मैं अपनी भुजाएं याहवेह की ओर उठाऊंगा; तब आग तथा ओले गिरना रुक जाएंगे, तब तुमको मालूम हो जाएगा कि पृथ्वी पर याहवेह का ही अधिकार है. लेकिन तुम तथा तुम्हारे सेवकों के विषय में मुझे मालूम है कि अब भी तुममें याहवेह परमेश्वर के प्रति भक्ति नहीं है.”

(इस समय सन एवं जौ की फसल नष्ट हो चुकी थी, क्योंकि जौ की बालें आ चुकी थीं तथा सन में कलियां खिल रही थीं; लेकिन गेहूं नष्ट नहीं हुआ था, क्योंकि उसका उपज देर से होता है.)

तब मोशेह फ़रोह के पास से निकलकर नगर के बाहर चले गए और उन्होंने याहवेह की ओर अपने हाथ उठाए; और तुरंत बादल गरजना एवं ओला गिरना रुक गया, भूमि पर हो रही वर्षा भी रुक गई. जैसे ही फ़रोह ने देखा कि ओले गिरना तथा बादल गरजना रुक गया, उन्होंने पाप किया और उसने और उसके सेवकों ने अपना मन कठोर कर लिया. कठोर मन से फ़रोह ने इस्राएलियों को जाने नहीं दिया—मोशेह को याहवेह ने पहले ही बता दिया था कि फ़रोह किस प्रकार अपने मन को फिर कठोर करेंगे.

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निर्गमन 10:1-29

आठवीं विपत्ति—टिड्डियां

फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, “फ़रोह के पास जाओ. मैंने ही उसका तथा उसके सेवकों का मन कठोर कर दिया है, ताकि मैं उनके बीच में अपने चिन्ह को दिखांऊ, कि तुम खुद अपने पुत्र एवं पोतों से कह सको कि मैंने किस तरह से मिस्रवासियों को अपमानित करते हुए उनके बीच अपने चिन्ह दिखाए ताकि तुम लोग सुरक्षित मिस्र से निकल सको और समझ सको कि मैं ही याहवेह हूं.”

मोशेह एवं अहरोन ने फ़रोह के पास जाकर उससे यह कहा, “याहवेह, जो इब्रियों के परमेश्वर हैं, तुमसे कहते हैं, ‘तुम कब तक परमेश्वर के सामने अपने आपको नम्र नहीं करोगे? मेरी प्रजा को यहां से जाने दो, ताकि वे मेरी आराधना कर सकें. और यदि तुम मेरी प्रजा को जाने नहीं दोगे तो, कल मैं तुम्हारे देश में टिड्डियां ले आऊंगा. वे देश में ऐसे भर जाएंगी कि किसी को भी भूमि दिखाई न देगी. ये टिड्डियां वह सब नष्ट कर देंगी, जो कुछ ओलों के गिरने से बचा हुआ है और मैदान में लगे हर पेड़ को भी सूखा देंगी. फिर तुम्हारे तथा तुम्हारे सेवकों तथा पूरे मिस्रवासियों के घरों में टिड्डियां भर जाएंगी. ऐसा तो तुम्हारे पिता ने और उनके पूर्वजों ने जन्म से लेकर अब तक कभी नहीं देखा होगा.’ ” यह कहने के बाद मोशेह फ़रोह के पास से चले गए.

फ़रोह के मंत्रियों ने फ़रोह से पूछा, “और कब तक यह व्यक्ति हमारे लिए परेशानी का कारण बनेगा? इन्हें जाने दो ताकि वे याहवेह, अपने परमेश्वर की आराधना कर सकें. क्या आपको नहीं मालूम कि मिस्र देश नष्ट हो चुका है?”

मोशेह तथा अहरोन को फ़रोह के पास लाया गया. फ़रोह ने उनसे कहा, “जाओ और याहवेह, अपने परमेश्वर की आराधना करो! कौन-कौन हैं, जो तुम्हारे साथ जाएंगे?”

मोशेह ने उत्तर दिया, “हमारे साथ हमारे बालक और हमारे वृद्ध, हमारे पुत्र-पुत्रियां, हमारे पशु एवं भेड़-बकरियां सब जायेंगे, क्योंकि हम याहवेह के सम्मान में उत्सव मनाएंगे.”

फ़रोह ने कहा, “याहवेह तुम्हारे साथ रहें, लेकिन मुझे लगता है कि तुम्हारे मन में कोई ओर योजना छिपी हुई है! केवल पुरुषों को ही लेकर याहवेह की वंदना करो, क्योंकि यही तुम्हारी इच्छा है.” ऐसा कहकर वहां से मोशेह तथा अहरोन को उनके सामने से निकाल दिया.

तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “मिस्र की ओर अपना हाथ बढ़ाओ कि टिड्डियां आकर मिस्र देश पर छा जाएं तथा हर पौधे को नष्ट कर दें.”

तब मोशेह ने अपनी लाठी मिस्र देश की ओर बढ़ाई तब याहवेह ने मिस्र देश में पूरा दिन और पूरी रात तेज हवा चलाई. और सुबह हवा के साथ टिड्डियां भी आईं. टिड्डियां पूरे मिस्र देश पर फैल गईं, वे असंख्य थीं. इससे पहले इतनी टिड्डियां कभी देखी नहीं गई थीं. और न ही इसके बाद ये ऐसी बड़ी संख्या में देखी जाएंगी. इन टिड्डियों ने पूरे देश की धरती को भर दिया था, जिससे देश में अंधेरा सा हो गया. इन्होंने देश के हर पौधे को तथा सभी वृक्षों के फलों को, जो ओलों से बचे थे नष्ट कर दिया. इस कारण पूरे मिस्र देश में वृक्षों तथा मैदान के पौधों में कोई भी फल फूल न बचे.

तब फ़रोह ने जल्दी से मोशेह तथा अहरोन को बुलवाया और उनसे कहा, “मैंने याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तथा तुम्हारे विरुद्ध पाप किया है. इसलिये कृपा कर मेरे पाप क्षमा कर दो और याहवेह, अपने परमेश्वर से विनती करो, कि वह इस मृत्यु को मुझसे दूर कर दें.”

मोशेह फ़रोह के पास से बाहर चले गए और उन्होंने याहवेह से विनती की, तब याहवेह ने हवा की दिशा को बदलकर, टिड्डियों को लाल सागर में डाल दिया—तब पूरे देश में एक भी टिड्डी नहीं बची. किंतु याहवेह ने फ़रोह के मन को कठोर बना दिया. उसने इस्राएलियों को जाने नहीं दिया.

देश पर अंधकार

तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाओ, ताकि पूरे मिस्र देश पर अंधेरा छा जाए—इतना गहरा अंधकार कि उसे स्पर्श कर सके.” तब मोशेह ने अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाया और पूरे मिस्र देश में तीन दिनों के लिए घोर अंधकार छाया रहा. कोई भी एक दूसरे को देख नहीं पाया और कोई भी अपनी जगह से तीन दिन तक नहीं हटा, लेकिन पूरे इस्राएलियों के घर में रोशनी थी.

फ़रोह ने मोशेह को बुलवाया और कहा, “जाओ, याहवेह की वंदना करो! लेकिन अपने पशुओं और भेड़-बकरी यहीं छोड़ जाना. तुम्हारे बालक भी तुम्हारे साथ जा सकते हैं.”

किंतु मोशेह ने उत्तर दिया, “हमें बलि तथा होमबलि के लिए पशु और भेड़-बकरी ले जाना ज़रूरी है ताकि हम याहवेह अपने परमेश्वर को बलि चढ़ा सकें. इसलिये हमारे पशु भी हमारे ही साथ जाएंगे; हम कुछ भी यहां नहीं छोड़ेंगे. जब तक हम अपनी जगह नहीं पहुंच जाते, हमें नहीं मालूम कि हमें याहवेह हमारे परमेश्वर की आराधना किस प्रकार करनी होगी.”

किंतु याहवेह ने फ़रोह का मन कठोर बना दिया. वह उन्हें जाने नहीं दे रहा था. फ़रोह ने उनसे कहा, “दूर हो जाओ मेरे सामने से! फिर मत आना मेरे सामने! जिस दिन तुम मेरा मुंह देखोगे, तुम अवश्य मर जाओगे!”

मोशेह ने जवाब दिया, “ठीक कहा तुमने! अब मैं तुम्हारा मुंह कभी न देखूंगा!”

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