1 कोरिंथ 2:6-16 HCV

1 कोरिंथ 2:6-16

पवित्र आत्मा द्वारा दिया गया ज्ञान

फिर भी मैं उन्हें, जो मजबूत हैं, ज्ञान भरा संदेश देता हूं परंतु यह ज्ञान न इस युग का है और न इस युग के शासकों का, जिनका नाश होना तय है. हम परमेश्वर के ज्ञान का—उस रहस्यमय भेद का—जो गुप्‍त रखा गया है, प्रकट करते हैं, जिसे परमेश्वर ने युगों से पहले हमारी महिमा के लिए तय किया था. इस ज्ञान को इस युग के किसी भी राजा ने न पहचाना. यदि वे इसे पहचान लेते, वे ज्योतिर्मय प्रभु को क्रूसित न करते. किंतु, ठीक जैसा पवित्र शास्त्र का लेख है:

“जो कभी आंखों से दिखाई नहीं दिया,

जो कभी कानों से सुना नहीं गया,

और जो मनुष्य के हृदय में नहीं उतरा”

वह सब परमेश्वर ने उनके लिए जो उनसे प्रेम करते हैं, तैयार किया है.

यह सब परमेश्वर ने हम पर आत्मा के माध्यम से प्रकट किया.

आत्मा सब की, यहां तक कि परमेश्वर की गूढ़ बातों की भी खोज करते हैं. मनुष्यों में मनुष्य की अंतरात्मा के अतिरिक्त अन्य कोई भी उनके मन की बातों को नहीं जानता. हमें संसार की आत्मा नहीं परंतु वह आत्मा प्राप्‍त हुई है, जो परमेश्वर की ओर से हैं कि हम वह सब जान सकें, जो परमेश्वर ने हमें उदारतापूर्वक प्रदान किया है. हम उनके लिए, जो आत्मिक हैं, आत्मिक बातों का वर्णन मनुष्य के ज्ञान के शब्दों के द्वारा नहीं परंतु आत्मिक शब्दों में करते हैं. बिना आत्मा का व्यक्ति परमेश्वर के आत्मा के विषय की बातों को स्वीकार नहीं करता क्योंकि इन्हें वह मूर्खता मानता है, ये सब उसकी समझ से परे हैं क्योंकि इनकी विवेचना पवित्र आत्मा द्वारा की जाती है. किंतु वह, जो आत्मिक है, प्रत्येक बात की जांच करता है किंतु स्वयं उसकी जांच कोई नहीं करता, क्योंकि,

“कौन है वह, जिसने प्रभु के मन को जान लिया है

कि वह उन्हें निर्देश दे सके?”2:16 यशा 40:13

किंतु हम वे हैं, जिनमें मसीह का मन मौजूद है.

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