लूका 15 – NCA & TNCV

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

लूका 15:1-32

गंवाय मेढ़ा के पटं‍तर

(मत्ती 18:12-14)

1एक बार जम्मो लगान लेवइया अऊ पापी मनखेमन यीसू करा जूरत रिहिन कि ओमन ओकर बात ला सुनंय। 2पर फरीसी अऊ कानून के गुरू मन ए कहिके कुड़कुड़ाय लगिन, “ए मनखे ह पापीमन के सुवागत करथे अऊ ओमन के संग खाथे।”

3एकरसेति यीसू ह ओमन ला ए पटं‍तर कहिस, 4“मान लव, तुमन ले एक झन करा एक सौ भेड़ हवंय अऊ ओम ले एक ठन गंवा जाथे, त का ओह ओ निनान्‍बे भेड़मन ला मैदान म छोंड़के ओ गंवाय भेड़ ला तब तक नइं खोजही, जब तक कि ओह मिल नइं जावय? 5अऊ जब ओला भेड़ ह मिल जाथे, त ओह ओला खुसी के मारे अपन कंधा म उठा लेथे, 6अऊ अपन घर जाथे। अऊ तब ओह अपन संगवारी अऊ पड़ोसी मन ला बलाथे अऊ कहिथे, ‘मोर संग आनंद मनावव, काबरकि मोर गंवाय भेड़ ह मोला मिल गीस।’ 7मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओही किसम ले एक पापी मनखे के पछताप करे ले स्‍वरग म बहुंत आनंद मनाय जाथे, जतेक कि निनान्‍बे धरमी मनखेमन बर नइं मनाय जावय, जऊन मन ला पछताप करे के जरूरत नइं ए।”

गंवाय सिक्‍का के पटं‍तर

8“या मान लव, एक माईलोगन करा दस ठन चांदी के सिक्‍का हवय अऊ ओम ले एक ठन गंवा जाथे, त का ओह दीया बारके घर ला नइं बहारे अऊ मन लगाके खोजय जब तक कि ओह मिल न जावय। 9अऊ जब ओला सिक्‍का ह मिल जाथे, त ओह अपन संगवारी अऊ पड़ोसी मन ला बलाथे अऊ कहिथे, ‘मोर संग आनंद मनावव, काबरकि मोर गंवाय सिक्‍का ह मोला मिल गे हवय।’ 10मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओही किसम ले, जब एक पापी मनखे पछताप करथे, त उहां स्‍वरग म परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म आनंद मनाय जाथे।”

गंवाय बेटा के पटं‍तर

11यीसू ह ए घलो कहिस, “एक मनखे के दू झन बेटा रिहिन। 12छोटे बेटा ह अपन ददा ला कहिस, ‘ददा! मोर बांटा के संपत्ति ला मोला देय दे।’ अऊ ओ मनखे ह अपन दूनों बेटा के बीच म संपत्ति के बंटवारा कर दीस।

13कुछू दिन के बाद, छोटे बेटा ह अपन बांटा के संपत्ति ला बेंच दीस अऊ पईसा ला लेके घर छोंड़के चल दीस। ओह बहुंत दूरिहा एक देस म गीस, जिहां ओह फालतू काम म अपन पईसा ला उड़ा दीस। 14जब ओह जम्मो ला खरचा कर डारिस, त उहां ओ जम्मो देस म एक भयंकर अकाल पड़िस, अऊ ओकर करा कुछू नइं बचिस। 15एकरसेति ओह ओ देस के रहइया एक मनखे करा काम करे बर गीस, जऊन ह ओला अपन खेत म, सुरामन ला चराय बर पठोईस। 16ओकर ईछा होवय कि ओह ओ फली ले अपन पेट भरय, जऊन ला सुरामन खावत रहंय, पर कोनो ओला खाय बर कुछू नइं देवंय।

17जब ओह अपन होस म आईस, त कहन लगिस, ‘मोर ददा के घर बनी-भूती करइयामन करा जरूरत ले जादा खाय बर हवय, अऊ इहां मेंह भूखन मरथंव। 18मेंह उठके अपन ददा करा वापिस जाहूं अऊ ओला ए कहिहूं, “हे ददा, मेंह परमेसर के बिरोध अऊ तोर बिरोध म पाप करे हवंव। 19मेंह तोर बेटा कहाय के लइक नो हंव; मोला अपन एक बनिहार मनखे सहीं रख ले।” ’ 20अऊ ओह उठिस अऊ अपन ददा करा चल पड़िस।

पर जब ओह अभी दूरिहाच म ही रिहिस, त ओकर ददा ह ओला देख डारिस, अऊ ओकर हिरदय ह दया ले भर गे। ओह अपन बेटा करा दऊड़के गीस अऊ ओला अपन बाहां म पोटार के चूमिस।

21बेटा ह ओला कहिस, ‘हे ददा, मेंह परमेसर के बिरोध अऊ तोर बिरोध म पाप करे हवंव। मेंह तोर बेटा कहाय के लइक नो हंव।’

22पर ददा ह अपन सेवकमन ला बलाके कहिस, ‘जल्दी करव। सबले बढ़िया कपड़ा लानव अऊ एला पहिरावव। एकर अंगरी म मुंदी अऊ एकर गोड़ म पनही पहिरावव। 23मोटा-ताजा पसु लानके काटव, ताकि हमन खावन अऊ खुसी मनावन। 24काबरकि मोर ए बेटा ह मर गे रिहिस, पर अब जी गे हवय; एह गंवा गे रिहिस, पर अब मिल गे हवय।’ अऊ ओमन खुसी मनाय लगिन।

25ओही बेरा म ओकर बड़े बेटा ह खेत म रिहिस। जब ओह लहुंटत रिहिस अऊ घर के लकठा म आईस, त ओह गाय-बजाय अऊ नाचे के अवाज सुनिस। 26ओह एक सेवक ला बलाईस अऊ ओकर ले पुछिस, ‘का होवत हवय?’ 27ओ सेवक ह कहिस, ‘तोर भाई ह आय हवय, अऊ तोर ददा ह मोटा-ताजा पसु कटवाय हवय, काबरकि ओह ओला सही-सलामत पाय हवय।’

28एला सुनके बड़े भाई ह गुस्सा करिस अऊ घर के भीतर जाय नइं चाहिस। एकरसेति ओकर ददा ह बाहिर आईस अऊ भीतर आय बर ओकर ले बिनती करे लगिस। 29पर ओह अपन ददा ला जबाब दीस, ‘देख, अतेक साल तक मेंह तोर गुलाम के सहीं काम करे हवंव अऊ मेंह तोर हुकूम ला कभू नइं टारेंव। तभो ले तेंह मोला एक छेरी के पीला तक कभू नइं देय कि मेंह अपन संगवारीमन संग आनंद मना सकंव। 30पर जब तोर ए बेटा ह घर आईस, जऊन ह कि तोर संपत्ति ला बेस्‍यामन संग उड़ा दे हवय, त तेंह ओकर बर मोटा-ताजा पसु कटवाय हवस।’

31तब ददा ह ओला कहिस, ‘मोर बेटा! तेंह सदा मोर संग हवस, अऊ जऊन कुछू मोर करा हवय, ओ जम्मो तोर ए। 32पर हमन ला आनंद मनाना अऊ खुस होना चाही, काबरकि तोर ए भाई ह मर गे रिहिस, पर अब जी उठे हवय; एह गंवा गे रिहिस, पर अब मिल गे हवय।’ ”

Thai New Contemporary Bible

ลูกา 15:1-32

คำอุปมาเรื่องแกะหลงหาย

(มธ.18:12-14)

1ครั้งนั้นคนเก็บภาษีและ “คนบาป” มาชุมนุมกันเพื่อฟังพระเยซู 2แต่พวกฟาริสีและธรรมาจารย์บ่นพึมพำว่า “ชายคนนี้ต้อนรับคนบาปและร่วมรับประทานกับพวกเขา”

3พระเยซูจึงตรัสคำอุปมาให้พวกเขาฟังว่า 4“สมมุติว่าพวกท่านคนหนึ่งมีแกะหนึ่งร้อยตัวและตัวหนึ่งหายไป เขาจะไม่ละแกะทั้งเก้าสิบเก้าตัวไว้กลางทุ่ง แล้วไปตามหาแกะตัวที่หายไปนั้นจนกว่าจะพบหรือ? 5เมื่อเขาพบแล้วก็แบกแกะนั้นใส่บ่าด้วยความชื่นชมยินดี 6และกลับบ้าน จากนั้นเขาก็เรียกมิตรสหายและเพื่อนบ้านมาพร้อมกัน และกล่าวว่า ‘มาร่วมยินดีกับเราเถิด เรา ได้พบแกะตัวที่หายไปนั้นแล้ว’ 7เราบอกท่านว่าทำนองเดียวกัน ในสวรรค์จะมีความชื่นชมยินดีในคนบาปคนหนึ่งซึ่งกลับใจใหม่ มากยิ่งกว่าในคนชอบธรรมเก้าสิบเก้าคนซึ่งไม่ต้องการกลับใจใหม่”

คำอุปมาเรื่องเหรียญหาย

8“หรือสมมุติว่าหญิงคนหนึ่งมีเหรียญเงินสิบเหรียญ15:8 ภาษากรีกว่า10 แดรกมา(1 แดรกมามีค่าเท่ากับค่าแรง 1 วัน) และหายไปเหรียญหนึ่ง หญิงนั้นจะไม่จุดตะเกียงกวาดเรือนและค้นหาอย่างถี่ถ้วนจนกว่าจะพบหรือ? 9และเมื่อพบแล้ว นางก็เรียกมิตรสหายและเพื่อนบ้านมาพร้อมหน้ากันและกล่าวว่า ‘มาร่วมยินดีกับเราเถิด เราได้พบเหรียญที่หายไปนั้นแล้ว’ 10เราบอกท่านว่าในทำนองเดียวกัน จะมีความชื่นชมยินดีท่ามกลางเหล่าทูตสวรรค์ของพระเจ้าในคนบาปคนเดียวซึ่งกลับใจใหม่”

คำอุปมาเรื่องบุตรที่หลงหาย

11พระเยซูตรัสต่อไปว่า “ชายคนหนึ่งมีบุตรชายสองคน 12บุตรชายคนเล็กพูดกับบิดาว่า ‘บิดาเจ้าข้า ขอยกสมบัติส่วนของข้าพเจ้าให้ข้าพเจ้าเถิด’ ดังนั้นบิดาจึงแบ่งทรัพย์สมบัติของตนให้บุตรทั้งสอง

13“ต่อมาไม่นาน บุตรชายคนเล็กนี้ก็รวบรวมสมบัติทั้งหมดของตนแล้วไปเมืองไกล และผลาญทรัพย์ของตนด้วยการใช้ชีวิตเสเพล 14พอเขาหมดตัว ก็เกิดการกันดารอาหารอย่างหนักทั่วแถบนั้น และเขาเริ่มขัดสน 15ดังนั้นเขาจึงไปรับจ้างชาวเมืองคนหนึ่ง และคนนั้นใช้เขาออกไปเลี้ยงหมูในทุ่งนา 16เขาอยากจะอิ่มท้องด้วยฝักถั่วที่หมูกิน แต่ไม่มีใครให้อะไรเขากิน

17“เมื่อเขาคิดขึ้นได้จึงกล่าวว่า ‘บิดาของเรามีลูกจ้างหลายคน พวกเขามีอาหารเหลือเฟือ แต่นี่เรากำลังจะอดตาย! 18เราจะกลับไปหาบิดาของเราและกล่าวกับท่านว่า บิดาเจ้าข้า ข้าพเจ้าทำบาปต่อสวรรค์และต่อท่านด้วย 19ข้าพเจ้าไม่คู่ควรจะได้ชื่อว่าเป็นบุตรของท่านอีกต่อไป ให้ข้าพเจ้าเป็นเหมือนลูกจ้างคนหนึ่งของท่านเถิด’ 20ดังนั้นเขาจึงลุกขึ้น กลับไปหาบิดาของเขา

“แต่เมื่อเขายังอยู่แต่ไกล บิดาเห็นเขาก็สงสาร จึงวิ่งมาหาบุตรชายแล้วสวมกอดและจูบเขา

21“เขากล่าวกับบิดาว่า ‘บิดาเจ้าข้า ข้าพเจ้าทำบาปต่อสวรรค์และต่อท่านด้วย ข้าพเจ้าไม่คู่ควรจะได้ชื่อว่าเป็นบุตรของท่านอีกต่อไป15:21 สำเนาต้นฉบับเก่าแก่บางสำเนาว่าบุตรของท่านอีกต่อไป ให้ข้าพเจ้าเป็นเหมือนลูกจ้างคนหนึ่งของท่านเถิด

22“แต่บิดาสั่งคนรับใช้ว่า ‘เร็วเข้า! จงนำเสื้อผ้าที่ดีที่สุดมาให้เขาสวมใส่ เอาแหวนมาสวมนิ้วของเขา และเอารองเท้ามาสวมให้เขา 23จงนำลูกวัวขุนมาฆ่า ให้เราจัดงานเลี้ยงฉลอง 24เพราะบุตรชายคนนี้ของเราได้ตายไปแล้วและกลับเป็นขึ้นมาอีก เขาหายไปแล้วและได้พบกันอีก’ ดังนั้นเขาทั้งหลายจึงเริ่มเฉลิมฉลองกัน

25“ฝ่ายบุตรคนโตอยู่ที่ทุ่งนา เมื่อกลับมาใกล้ถึงบ้าน เขาได้ยินเสียงดนตรีและเสียงเต้นรำ 26ดังนั้นเขาจึงเรียกคนรับใช้คนหนึ่งมาถามว่ามีอะไร 27คนรับใช้ตอบว่า ‘น้องชายของท่านกลับมาแล้ว บิดาของท่านจึงให้ฆ่าลูกวัวขุน เพราะท่านได้เขากลับมาโดยสวัสดิภาพ’

28“บุตรคนโตก็โกรธและไม่ยอมเข้าบ้าน บิดาจึงออกมาขอร้องเขา 29แต่เขาตอบบิดาว่า ‘ดูเถิด! หลายปีมานี้ข้าพเจ้าตรากตรำรับใช้ท่าน และไม่เคยขัดคำสั่งของท่านเลย แต่ลูกแพะสักตัวท่านก็ยังไม่เคยยกให้ข้าพเจ้าเพื่อเลี้ยงฉลองกับเพื่อนๆ 30แต่เมื่อลูกคนนี้ของท่านกลับมาบ้านทั้งๆ ที่ได้ผลาญสมบัติของท่านหมดไปกับหญิงโสเภณี ท่านยังฆ่าลูกวัวขุนให้เขา!’

31“บิดากล่าวว่า ‘ลูกเอ๋ย เจ้าอยู่กับพ่อตลอดมา และทุกสิ่งที่พ่อมีก็เป็นของเจ้า 32แต่ที่เราต้องเฉลิมฉลองและยินดีกัน เพราะน้องคนนี้ของเจ้าได้ตายไปแล้วและกลับเป็นขึ้นมาอีก เขาหายไปแล้วและได้พบกันอีก’ ”