यूहन्ना 6 – NCA & CCBT

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

यूहन्ना 6:1-71

यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे

(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17)

1एकर बाद, यीसू ह गलील के झील के ओ पार गीस। (गलील के झील ला तिबिरियास के झील घलो कहिथें।) 2अऊ एक बड़े भीड़ ओकर पाछू हो लीस, काबरकि मनखेमन ओ अचरज के चिन्हांमन ला देखे रिहिन, जऊन ला ओह बेमरहामन ला बने करे के दुवारा देखाय रिहिस। 3तब यीसू ह पहाड़ी ऊपर गीस अऊ अपन चेलामन संग उहां बईठ गीस। 4यहूदीमन के फसह तिहार ह लकठा आवत रहय।

5जब यीसू ह आंखी उठाके देखिस, त मनखेमन के एक बड़े भीड़ ओकर कोति आवत रहय। तब ओह फिलिप्पुस ला कहिस, “ए मनखेमन ला खवाय बर हमन कहां ले रोटी बिसोबो?” 6यीसू ह ओला सिरिप परखे बर ए बात ला पुछिस, काबरकि ओह पहिली ले जानत रहय कि ओह का करइया रिहिस। 7फिलिप्पुस ह जबाब देके कहिस, “यदि दू सौ दीनार के रोटी बिसोथन, तभो ले एम ले हर एक मनखे ला मुसकुल से एक-एक कऊंरा मिलही6:7 “दीनार” – एक दीनार याने एक दिन के बनी।।”

8ओकर एक आने चेला, सिमोन पतरस के भाई अन्द्रियास ह ओला कहिस, 9“इहां एक झन छोकरा हवय, जेकर करा जवांर के पांच रोटी अऊ दू ठन मछरी हवय; पर अतेक झन बर एह कुछू नो हय?”

10यीसू ह कहिस, “मनखेमन ला बईठा देवव।” ओ जगह म अब्‍बड़ कांदी रहय। तब जम्मो मनखेमन बईठ गीन; उहां करीब पांच हजार आदमी (मरद) मन रिहिन। 11तब यीसू ह रोटी ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके उहां बईठे मनखेमन ला बांट दीस, अऊ वइसनेच ओह मछरीमन ला घलो बांट दीस। ओमन जतकी चाहिन, ओह ओमन ला ओतकी दीस। 12जब ओ जम्मो झन खाके अघा गीन, त यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “बांचे-खुचे टुकड़ामन ला संकेल लेवव, ताकि कुछू ह बरबाद झन होवय।” 13तब ओमन संकेलिन अऊ बारह ठन टुकना ओ पांच ठन जवांर के रोटी के टुकड़ा ले भर गीस, जऊन ला खवइयामन उहां छोंड़ दे रिहिन। 14जब मनखेमन यीसू के ओ अचरज के चिन्‍हां ला देखिन, त कहे लगिन, “एह सही म ओ अगमजानी अय, जऊन ह संसार म अवइया रिहिस।” 15ओमन आके यीसू ला जबरदस्‍ती राजा बनाय के इरादा करत रिहिन; ए बात ला जानके, यीसू ह फेर एके झन पहाड़ ऊपर चल दीस।

यीसू ह पानी ऊपर चलथे

(मत्ती 14:22-33; मरकुस 6:45-52)

16जब सांझ होईस, त यीसू के चेलामन उतरके झील के तीर म गीन, 17अऊ उहां झील के ओ पार कफरनहूम जाय बर, एक ठन डोंगा म बईठ गीन। जब ओमन जावत रिहिन, त अंधियार हो गे रहय, अऊ यीसू ह अभी तक ले ओमन करा नइं आय रहय। 18तब एक बड़े आंधी झील के ऊपर चले लगिस, जेकर कारन पानी के बड़े-बड़े लहरा उठिस। 19जब ओमन डोंगा ला खेवत-खेवत पांच-छै किलोमीटर चल दीन, त ओमन यीसू ला अपन डोंगा कोति आवत देखिन; ओह पानी ऊपर चलत रहय, अऊ ओमन डर्रा गीन। 20पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “एह में अंव, झन डर्रावव।” 21तब ओमन ओला डोंगा म चघाय बर चाहत रिहिन कि डोंगा ह ओ तीर म पहुंच गीस, जिहां ओमन जवइया रिहिन।

22दूसर दिन, ओ मनखेमन के भीड़, जऊन ह समुंदर के ओ पार तीर म रूके रहय, ए देखिस कि उहां सिरिप एक ठन डोंगा रिहिस, अऊ ओमन जानत रिहिन कि यीसू ह अपन चेलामन संग ओ डोंगा म नइं गे हवय, पर चेलामन यीसू के बिगर डोंगा म चल दे रिहिन। 23तब कुछू आने डोंगामन तिबिरियास ले ओ जगह के लकठा म आईन, जिहां परभू के धनबाद करे के बाद मनखेमन रोटी खाय रिहिन। 24जब भीड़ ह ए देखिस कि उहां न तो यीसू हवय अऊ न ही ओकर चेलामन, त ओमन डोंगामन म चघिन अऊ यीसू के खोज म कफरनहूम गीन।

यीसू ह जिनगी के रोटी

25जब ओ मनखेमन ला यीसू ह समुंदर के ओ पार मिलिस, त ओमन ओकर ले पुछिन, “हे गुरू! तेंह इहां कब आय?”

26यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव, तुमन मोला एकरसेति नइं खोजत हव कि तुमन अचरज के चिन्‍हां ला देखेव, पर एकरसेति कि तुमन छक के रोटी खाय रहेव। 27ओ भोजन बर मिहनत झन करव, जऊन ह नास हो जाथे, पर ओ भोजन बर मिहनत करव, जऊन ह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी तक ठहरथे, जऊन ला मनखे के बेटा ह तुमन ला दिही। काबरकि परमेसर ददा ह ओकर ऊपर अपन मंजूरी के मुहर लगाय हवय।”

28तब ओमन ओकर ले पुछिन, “परमेसर के काम करे बर, हमन का करन?”

29यीसू ह ए जबाब दीस, “परमेसर के काम ए अय कि जऊन ला ओह पठोय हवय, ओकर ऊपर बिसवास करव।”

30तब ओमन ओकर ले पुछिन, “तेंह हमन ला का अचरज के चिन्‍हां देखाबे कि हमन ओला देखके तोर ऊपर बिसवास करन? तेंह का काम करबे? 31हमर पुरखामन निरजन जगह म मन्ना खाय रिहिन; जइसने परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: ‘ओह ओमन ला खाय बर स्‍वरग ले रोटी दीस6:31 “मन्ना” – एक बिसेस किसम के खाय के चीज (अनाज) परमेसर ह दीस। निरगमन 16:4; भजन-संहिता 78:24।’ ”

32यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव कि मूसा ह तुमन ला स्‍वरग ले ओ रोटी नइं देय रिहिस, पर ओह मोर ददा ए, जऊन ह तुमन ला स्‍वरग ले सच्‍चई के रोटी देथे। 33काबरकि परमेसर के रोटी ओह अय, जऊन ह स्‍वरग ले उतरथे अऊ संसार ला जिनगी देथे।”

34ओमन कहिन, “हे महाराज, ओ रोटी हमन ला हमेसा देय कर।”

35तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जिनगी के रोटी मेंह अंव। जऊन ह मोर करा आथे, ओह कभू भूखन नइं होवय अऊ जऊन ह मोर ऊपर बिसवास करथे, ओह कभू पीयासन नइं होवय। 36पर जइसने मेंह तुमन ला कहेंव कि तुमन मोला देख घलो ले हवव, अऊ तभो ले तुमन बिसवास नइं करथव। 37जऊन कुछू ददा ह मोला देथे, ओ जम्मो ह मोर करा आही अऊ जऊन कोनो मोर करा आथे, मेंह ओला कभू नइं निकारंव। 38काबरकि मेंह अपन ईछा ला नइं, पर अपन पठोइया के ईछा ला पूरा करे बर स्‍वरग ले उतरे हवंव। 39अऊ मोर पठोइया के ईछा ए अय कि जऊन कुछू ओह मोला देय हवय, ओम ले कोनो ला घलो मेंह झन गंवावंव, पर आखिरी दिन म ओमन ला जियावंव। 40काबरकि मोर ददा के ईछा ए अय कि जऊन कोनो बेटा ला देखय अऊ ओकर ऊपर बिसवास करय, ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पावय, अऊ मेंह आखिरी दिन म ओला जीयाहूं।”

41तब यहूदीमन यीसू ऊपर बड़बड़ाय लगिन, काबरकि ओह ए कहे रिहिस, “मेंह ओ रोटी अंव, जऊन ह स्‍वरग ले उतरिस।” 42ओमन कहिन, “का एह यूसुफ के बेटा यीसू नो हय, जेकर दाई-ददा ला हमन जानथन? तब ओह कइसने कह सकथे कि ओह स्‍वरग ले उतरे हवय?”

43यीसू ह ओमन ला ए जबाब दीस, “आपस म बड़बड़ाय बर बंद करव। 44मोर करा कोनो नइं आ सकय, जब तक ददा जऊन ह मोला पठोय हवय, ओला मोर तरफ नइं खींचय; अऊ मेंह ओला आखिरी दिन म जीयाहूं। 45अगमजानीमन के किताब म ए लिखे हवय: ‘ओ जम्मो झन परमेसर के दुवारा सिखाय जाहीं।’6:45 यसायाह 54:13 जऊन कोनो ददा के सुनथे अऊ ओकर ले सिखथे, ओह मोर करा आथे। 46अइसने नो हय कि कोनो ददा ला देखे हवय, पर जऊन ह परमेसर के कोति ले आय हवय, सिरिप ओहीच ह ददा ला देखे हवय। 47मेंह तुमन ला सच कहथंव, जऊन ह बिसवास करथे, ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाथे। 48जिनगी के रोटी मेंह अंव। 49तुम्‍हर पुरखामन निरजन जगह म मन्ना खाईन, पर ओमन मर गीन। 50पर एह ओ रोटी अय, जऊन ह स्‍वरग ले उतरे हवय ताकि मनखे ह एला खावय अऊ झन मरय। 51मेंह ओ जीयत रोटी अंव, जऊन ह स्‍वरग ले उतरिस। यदि कोनो ए रोटी म ले खाही, त ओह सदाकाल तक जीयत रहिही। ओ रोटी जऊन ला मेंह संसार के जिनगी बर दूहूं, ओह मोर मांस ए।”

52एला सुनके यहूदीमन आपस म ए कहिके बहस करे लगिन, “ए मनखे ह हमन ला अपन मांस खाय बर कइसने दे सकथे?”

53यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव, जब तक तुमन मनखे के बेटा के मांस ला नइं खावव अऊ ओकर लहू ला नइं पीयव, तब तक तुमन म जिनगी नइं ए। 54जऊन कोनो मोर मांस खाथे अऊ मोर लहू पीथे ओकर करा परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी हवय, अऊ मेंह ओला आखिरी दिन म जीयाहूं। 55काबरकि मोर मांस ह सही भोजन अय अऊ मोर लहू ह सही म पीये के चीज अय। 56जऊन कोनो मोर मांस खाथे अऊ मोर लहू पीथे, ओह मोर म बने रहिथे, अऊ मेंह ओम बने रहिथंव। 57जइसने जीयत ददा ह मोला पठोईस अऊ ददा के कारन मेंह जीयत हवंव, ओहीच किसम ले जऊन ह मोला खाही, ओह मोर कारन जीयत रहिही। 58एह ओ रोटी ए, जऊन ह स्‍वरग ले उतरिस। हमर पुरखामन मन्ना खाईन अऊ मर गीन, पर जऊन ह ए रोटी ला खाही, ओह सदाकाल तक जीयत रहिही।” 59यीसू ह ए बातमन ला कफरनहूम के एक सभा घर म उपदेस देवत कहिस।

कतको चेलामन यीसू ला छोंड़ देथें

60एला सुनके, यीसू के कतको चेलामन कहिन, “ए उपदेस ला गरहन करई कठिन ए।” 61यीसू ह अपन मन म जान डारिस कि ओकर चेलामन कुड़कुड़ावत हवंय; एकरसेति ओह ओमन ला कहिस, “का ए बात ले तुमन ला ठेस लगथे? 62तब तुम्‍हर का होही, यदि तुमन मनखे के बेटा ला जिहां ओह पहिली रिहिस, उहां ऊपर जावत देखहू त? 63पबितर आतमा ह जिनगी देथे; मांस ले कोनो फायदा नइं होवय। जऊन बात मेंह तुमन ला कहे हवंव, ओमन आतमा अऊ जिनगी अंय। 64पर तुमन म कुछू मनखे हवंय, जऊन मन ए बातमन ला बिसवास नइं करंय।” काबरकि यीसू ह सुरू ले जानत रिहिस कि ओम ले कोन बिसवास नइं करंय अऊ कोन ह ओला धोखा दिही। 65यीसू ह ए घलो कहिस, “एकरे कारन मेंह तुमन ला कहेंव कि जब तक ददा कोति ले बरदान नइं मिलय, तब तक कोनो मोर करा नइं आ सकय।”

66एकर बाद, यीसू के कतको चेलामन ओला छोंड़के वापिस चल दीन अऊ ओकर पाछू नइं गीन।

67तब यीसू ह बारह चेलामन ले पुछिस, “का तुमन घलो मोला छोंड़के जाय चाहत हव?”

68सिमोन पतरस ह जबाब देके कहिस, “हे परभू, हमन काकर करा जाबो? परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी के बात तो तोर करा हवय। 69हमन बिसवास करथन अऊ जानत हवन कि तेंह परमेसर के पबितर बेटा अस।”

70तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “का मेंह तुमन बारहों झन ला नइं चुने हवंव? तभो ले तुमन ले एक झन सैतान ए?” 71(यीसू ह ए बात सिमोन इस्करियोती के बेटा यहूदा के बारे म कहिस, काबरकि ओ बारहों म ले ओ मनखे रहय, जऊन ह बाद म यीसू ला धोखा देवइया रिहिस।)

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

約翰福音 6:1-71

耶穌使五千人吃飽

1事後,耶穌渡過加利利湖,就是提比哩亞海。 2許多人因為見過耶穌治病的神蹟,就跟隨了祂。 3耶穌到了山上,與門徒一起坐下來。 4那時,猶太人的逾越節快到了。 5耶穌舉目看見一大群人向祂走來,就對腓力說:「我們到哪裡去買餅給他們吃呢?」 6祂這樣說是想試試腓力,其實祂知道應該怎麼做。

7腓力回答說:「就算買二百個銀幣6·7 一個銀幣相當於當時一天的工錢。的餅,也不夠他們每人一口啊!」

8另外一個門徒——西門·彼得的弟弟安得烈對耶穌說: 9「這裡有個小孩子帶了五個大麥餅和兩條魚。不過,這麼多人,這一點東西實在無濟於事。」

10耶穌說:「你們叫大家坐下。」那地方草很多,眾人便坐下來,當時在場的男人大約有五千。 11耶穌拿起餅來祝謝後,分給坐著的眾人,然後又照樣分魚,眾人可以隨意吃。 12他們吃飽後,耶穌對門徒說:「把剩下的零碎收拾起來,免得浪費。」

13他們便把大家吃剩的那五個大麥餅的零碎收拾起來,裝滿了十二個籃子。 14大家看見耶穌行的這個神蹟,都說:「這人真是那位要來到世上的先知!」 15耶穌知道他們想強行立祂作王,便獨自退到山上。

耶穌在湖面上行走

16傍晚的時候,門徒來到湖邊, 17上了船,去湖對岸的迦百農。天色已暗,耶穌還沒到他們那裡。 18忽然,湖面上狂風大作,波濤洶湧。 19門徒搖櫓,大約行了五六公里,突然看見耶穌在水面上朝他們的船走來,他們很害怕。 20耶穌對他們說:「是我,不要怕。」 21於是門徒欣然接祂上船,船立刻到了目的地。

生命之糧

22第二天,留在對岸的眾人看見那裡只有一條船,耶穌沒有和門徒一起坐船離開。 23後來有幾條從提比哩亞來的小船停泊在岸邊,靠近主祝謝後讓眾人吃餅的地方。 24他們發現耶穌和門徒都不在那裡,就乘船到迦百農去找祂。

25他們在湖對岸找到了耶穌,對祂說:「老師,你什麼時候到這裡來的?」

26耶穌回答說:「我實實在在地告訴你們,你們找我,並不是因為看見了神蹟,而是因為你們有餅吃,並且吃飽了。 27不要為那必壞的食物勞苦,要為那存到永生的食物,就是人子要賜給你們的食物勞苦,因為父上帝把這權柄交給了人子。」

28眾人問祂:「我們要怎樣做,才算是做上帝的工作呢?」

29耶穌說:「信上帝所差來的那位,就是做上帝的工作。」

30他們又問:「那麼,你行什麼神蹟讓我們看了可以信你呢?你要做什麼呢? 31我們的祖先在曠野有嗎哪吃,正如聖經上說,『祂賜下天糧給他們吃。』」

32耶穌卻說:「我實實在在地告訴你們,不是摩西從天上賜給了你們糧食,而是我父將天上的真糧食賜給你們。 33因為上帝賜的糧就是從天降下、賜生命給世人的那位。」

34他們說:「先生,求你把這種糧食天天賜給我們吧。」

35耶穌說:「我就是生命的糧,到我這裡來的人必定不餓,信我的人必永遠不渴。 36但我對你們說過,你們雖然親眼看見我,仍然不信。 37凡父賜給我的人,必到我這裡來。到我這裡來的,我總不丟棄他。 38因為我從天上下來,不是要成就自己的旨意,而是要成就差我來者的旨意。 39差我來者的旨意是,祂所賜給我的,我一個也不失掉,在末日我要叫他們復活。 40因為我父的旨意是要叫一切看見兒子並相信的人得到永生,在末日,我要叫他們復活。」

41猶太人聽見耶穌說自己是從天上降下來的糧,就小聲議論, 42說:「這不是約瑟的兒子耶穌嗎?祂的父母,我們都認識,祂現在怎麼能說自己是從天上降下來的呢?」

43耶穌回答他們說:「你們不用議論紛紛。 44如果不是差我來的父吸引人到我這裡來,沒有人能來。到我這裡來的,在末日,我要叫他復活。 45先知書上這樣說,『他們都要受上帝的訓誨』,這裡是指凡聽從父的教導又去效法的人,都會到我這裡來。 46這並不是說有人見過父,唯獨從上帝而來的那位見過父。 47我實實在在地告訴你們,信我的人有永生, 48因為我是生命的糧。 49你們的祖先在曠野吃過嗎哪,還是死了。 50但這是從天上降下來的糧,人吃了就不死。 51我就是天上降下來的生命之糧,人吃了這糧,必永遠活著。我將要賜下的糧就是我的肉,是為了讓世人得到生命。」

52猶太人開始彼此爭論,說:「這個人怎麼能把自己的肉給我們吃呢?」

53耶穌說:「我實實在在地告訴你們,如果你們不吃人子的肉,不喝人子的血,就沒有生命。 54吃我肉、喝我血的人有永生,在末日,我要叫他復活。 55因為我的肉是真糧食,我的血是真飲品, 56吃我肉、喝我血的人常在我裡面,我也常在他裡面。 57永活的父差我來,我是靠祂而活。同樣,吃我肉的人也靠我而活。 58我是從天上降下來的真糧,吃這糧的人必永遠活著,不像你們的祖先,雖然吃過嗎哪,最後還是死了。」

59這番話是耶穌在迦百農會堂裡教導人的時候講的。

永生之道

60祂的許多門徒聽了,就議論說:「這話實在難懂,誰能接受呢?」

61耶穌知道門徒在議論,就說:「這話叫你們失去信心嗎? 62如果你們看見人子升到祂原來所在的地方,會怎麼樣呢? 63叫人活著的是靈,肉體毫無作用。我對你們說的話就是靈,就是生命。 64然而,你們中間有些人不信。」因為耶穌一開始就知道誰不信祂、誰會出賣祂。

65祂繼續說:「所以我曾對你們說,如果不是我父賜恩,沒有人能到我這裡來。」

66從此,很多門徒離開了,不再跟從耶穌。

67於是耶穌問那十二個門徒:「你們也要離開我嗎?」

68西門·彼得答道:「主啊!你有永生之道,我們還跟從誰呢? 69我們已經相信並且知道你是上帝的聖者。」

70耶穌說:「我不是揀選了你們十二個人嗎?但其中有一個是魔鬼。」 71耶穌這話是指著加略西門的兒子猶大說的,因為他是十二個門徒之一,後來出賣了耶穌。