याकूब 1 – NCA & CCB

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

याकूब 1:1-27

1परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह के सेवक याकूब कोति ले, ए चिट्ठी ओ बारह गोत्र के मनखेमन ला लिखे जावत हवय, जऊन मन संसार म एती-ओती बगर गे हवंय। तुमन जम्मो झन ला जोहार मिलय1:1 “बारह गोत्र” के मतलब जम्मो मसीही या यहूदी मसीही मन हो सकथे।

लोभ अऊ परिछा

2हे मोर भाईमन, जब तुम्‍हर ऊपर नाना किसम के परिछा आथे, त एला बड़ आनंद के बात समझव, 3काबरकि तुमन जानत हव कि तुम्‍हर बिसवास के परखे जाय ले तुम्‍हर धीरज ह बढ़थे। 4पर धीरज ला अपन काम करन देवव कि तुमन पूरा अऊ सिद्ध हो जावव अऊ तुमन म कोनो बने बात के कमी झन रहय।

5कहूं तुमन ले कोनो म बुद्धि के कमी हवय, त ओह परमेसर ले मांगय, जऊन ह बिगर गलती देखे, जम्मो झन ला खुला मन ले देथे अऊ एह ओला दिये जाही। 6पर ओह बिसवास के संग मांगय अऊ ओकर मन म कुछू संका झन रहय, काबरकि संका करइया ह समुंदर के लहरा के सहीं अय, जऊन ह हवा ले एती-ओती बहथे अऊ उछलथे। 7अइसने मनखे ह ए झन सोचय कि ओला परभू ले कुछू मिलही। 8ओह दुचित्ता मनखे ए अऊ ओह अपन जम्मो काम म चंचल ए।

9गरीब आदमी ए बात के घमंड करय कि ओह परमेसर के नजर म बड़े अय। 10अऊ धनवान मनखे ह खुस होवय कि परमेसर ह ओला दीन-हीन करे हवय। काबरकि ओह जंगली फूल सहीं खतम हो जाही। 11जब सूरज ह निकरथे, त अब्‍बड़ घाम पड़थे अऊ पौधा ला सूखा देथे; ओकर फूल ह झर जाथे अऊ ओकर सुघरपन ह खतम हो जाथे; ओहीच किसम ले, धनवान घलो अपन काम ला करत नास हो जाही।

12धइन ए ओ मनखे, जऊन ह जिनगी के परिछा म डोले नइं; काबरकि ओह चोखा निकरके जिनगी के ओ मुकुट ला पाही याने कि सदाकाल के जिनगी पाही, जेकर वायदा परभू ह अपन मया करइयामन ले करे हवय। 13जब काकरो परिछा होथे, त ओह ए झन कहय कि मोर परिछा परमेसर ह करत हवय, काबरकि न तो खराप बात ले परमेसर के परिछा हो सकथे अऊ न ही ओह काकरो परिछा खुद करथे।

14पर हर एक मनखे अपनेच खराप ईछा के कारन फंसथे अऊ परिछा म पड़थे। 15तब खराप ईछा ह बढ़के पाप ला जनमथे अऊ जब पाप ह बढ़ जाथे, त मनखे के आतमिक मिरतू हो जाथे।

16हे मोर भाईमन, भोरहा म झन रहव। 17काबरकि हर एक बने अऊ उत्तम बरदान स्‍वरग ले आथे अऊ परमेसर ददा, जऊन ह अंजोर ला बनाईस, ओकर कोति ले, ए बरदान ह मिलथे, अऊ ओह बदलत छइहां सहीं नइं बदलय। 18ओह अपन ईछा ले हमन ला सुघर संदेस के दुवारा नवां जिनगी दीस, ताकि हमन परमेसर बर ओकर बनाय जम्मो चीजमन ले अलग करे जावन।

सुनव अऊ करव

19हे मोर भाईमन, ए गोठ ला तुमन जान लेवव: हर एक मनखे पहिली धियान देके सुनय अऊ धीर धरके बोलय अऊ तुरते गुस्सा झन होवय। 20काबरकि मनखे के गुस्सा ह परमेसर के धरमीपन नइं लाने सकय। 21एकरसेति जम्मो गंदगी अऊ बईरता ला छोंड़ देवव, अऊ दीन-हीन होके ओ बचन ला गरहन कर लेवव, जऊन ह तुम्‍हर हिरदय म बोय गे हवय अऊ तुम्‍हर उद्धार कर सकथे। 22पर बचन के मुताबिक चलइया बनव अऊ बचन के सिरिप सुनइया बनके अपन-आप ला धोखा झन देवव। 23जऊन ह बचन ला सुनथे अऊ ओकर मुताबिक नइं चलय, त ओह ओ मनखे सहीं अय, जऊन ह अपन चेहरा ला दरपन म देखथे। 24अऊ ओह अपन-आप ला देखके चल देथे अऊ तुरते भुला जाथे कि ओह कइसने दिखथे। 25पर जऊन मनखे ह ओ सिद्ध कानून ऊपर धियान लगाथे, जऊन ह हमन ला सुतंतर करथे, ओ मनखे ह अपन काम म एकरसेति आसिस पाही, काबरकि ओह सुनके भूलय नइं, पर ओकर मुताबिक चलथे।

26कहूं कोनो अपन-आप ला धारमिक समझथे अऊ अपन जीभ ला अपन बस म नइं रखय, त ओह अपन-आप ला धोखा देथे अऊ ओकर धरम ह बेकार ए। 27हमर परमेसर ददा के नजर म सही अऊ बने धरम ए अय कि दुःख म अनाथ अऊ बिधवामन के देख-रेख करय, अऊ अपन-आप ला संसार के बुरई ले अलग रखय।

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

雅各书 1:1-27

1我是做上帝和主耶稣基督奴仆的雅各,问候散居各地的十二支派的人。

信心和忍耐

2我的弟兄姊妹,当你们遭遇各种磨炼的时候,都要认为是喜乐的事。 3要知道你们的信心经过考验会产生坚忍。 4你们要坚忍到底,使你们纯全、完备、毫无缺欠。

5如果你们谁缺少智慧,就当求慷慨施恩、不责备人的上帝,上帝必赐给他智慧。 6-8但他要凭信心毫不疑惑地祈求,因为疑惑的人三心二意,行事为人没有定见,就像海上随风翻腾的波涛,这种人从主那里什么也得不到。

9卑微的弟兄高升,应当快乐。 10富有的弟兄降卑,也要快乐,因为他会像花草一样衰残。 11骄阳升起,草就干枯,花也凋谢,美丽就消失了。富有的人在忙忙碌碌中也会如此衰残。

12在试炼中能够忍耐到底的人有福了,因为他若经得起考验,就会得到主应许赐给爱祂之人的生命冠冕。 13当人受到诱惑时,不可说:“是上帝在诱惑我。”因为上帝不受邪恶的诱惑,也不诱惑人。 14其实每个受到诱惑的人都是受自己的私欲怂恿和诱惑。 15私欲怀了胎,便生出罪,罪一旦长成,便带来死亡。

16我亲爱的弟兄姊妹,不要上当受骗。 17一切良善的施予和完美的恩赐都是从天上,从众光之父那里来的。祂不像转动的影子变幻无常。 18祂按照自己的旨意,借着真道重生了我们,使我们在祂所造的万物之中好像初熟的果实。

听道与行道

19我亲爱的弟兄姊妹,请记住:每个人都要快快地听,慢慢地说,慢慢地动怒。 20因为人的愤怒不能成就上帝的公义。 21所以你们要除去所有的污秽和一切的恶习,谦卑地领受那已经栽种在你们心里、能救你们灵魂的真道。

22你们要行道,不要只是听道,自己欺骗自己。 23因为人听道而不行道,就像照镜子一样, 24看过后就走了,随即忘记了自己的容貌。 25但详细查考那使人得自由的全备律法并且持之以恒的人,不是听了就忘,而是身体力行,这样的人必在他所行的事上蒙福。

26如果有人自以为虔诚,却不勒住自己的舌头,就等于是自己欺骗自己,他的所谓虔诚也毫无价值。 27在父上帝看来,纯洁无暇的虔诚是指照顾患难中的孤儿寡妇,并且不让自己被世俗玷污。