दरसन 2 – NCA & JCB

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

दरसन 2:1-29

इफिसुस के कलीसिया ला संदेस

1“इफिसुस के कलीसिया के दूत ला ए लिख:

जऊन ह जेवनी हांथ म सात ठन तारा धरे हवय अऊ सोन के सात ठन दीवट के बीच म चलते-फिरथे, ओकर ए बचन अय: 2मेंह तुम्‍हर काम, तुम्‍हर कठोर मिहनत अऊ तुम्‍हर धीरज ला जानत हंव। मेंह जानत हंव कि तुमन दुस्‍ट मनखेमन ला सहे नइं सकव। जऊन मन अपन-आप ला प्रेरित कहिथें, पर हवंय नइं, तुमन ओमन ला परखे हवव अऊ ओमन ला लबरा पाय हवव। 3तुमन धीरज धरे हवव; मोर खातिर तुमन दुःख सहे हवव अऊ हिम्मत नइं हारे हवव।

4तभो ले मेंह तुम्‍हर बिरोध म, ए कहत हंव: तुमन अब मोला वइसने मया नइं करव, जइसने पहिली करत रहेव। 5सोचव कि तुमन कतेक गिर गे हवव। पछताप करव अऊ ओ काम करव, जऊन ला तुमन पहिली करत रहेव। यदि तुमन पछताप नइं करहू, त मेंह तुम्‍हर करा आके तुम्‍हर दीवट ला ओकर जगह ले टार दूहूं। 6पर तुमन म एक बने बात ए हवय कि मोर सहीं, तुमन घलो नीकुलईमन के काम ले घिन करथव2:6 नीकुलईमन ए कहंय कि मनखे के जीव अऊ जिनगी ला कोनो नुकसान नइं होवय, यदि ओह कोनो घलो कुकरम करथे तभो ले।

7जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे। जऊन ह बिजयी होही, ओला मेंह जिनगी के रूख के फर खाय बर अधिकार दूहूं, जऊन ह परमेसर के स्‍वरग-लोक के बगीचा म हवय।”

स्‍मुरना के कलीसिया ला संदेस

8“स्‍मुरना के कलीसिया के दूत ला ए लिख:

जऊन ह पहिली अऊ आखिरी ए, जऊन ह मर गे रिहिस अऊ फेर जी उठिस, ओकर ए बचन अय: 9मेंह तुम्‍हर दुःख-तकलीफ अऊ तुम्‍हर गरीबी ला जानथंव – तभो ले तुमन धनवान अव! मेंह जानथंव कि ओमन तुम्‍हर बदनामी करथें, जऊन मन अपन-आप ला यहूदी कहिथें, पर हवंय नइं। ओमन सैतान के सभा-घर अंय। 10तुम्‍हर ऊपर जऊन दुःख-तकलीफ अवइया हवय, ओकर ले झन डर्रावव। मेंह तुमन ला बतावत हंव, सैतान ह तुमन ला परखे बर, तुमन ले कतको झन ला जेल म डारही, अऊ तुमन दस दिन तक दुःख भोगहू। मरते दम तक मोर बिसवासी रहव अऊ मेंह तुमन ला जिनगी के मुकुट दूहूं। 11जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे। जऊन ह बिजयी होही, ओला दूसरा मिरतू ले कोनो नुकसान नइं होवय2:11 “दूसर मिरतू” के मतलब आगी के झील म सदाकाल के दंड अय। देखव 20:6, 14-15 अऊ 21:8।”

पिरगमुन के कलीसिया ला संदेस

12“पिरगमुन के कलीसिया के दूत ला ए लिख:

जेकर करा तेज दूधारी तलवार हवय, ओकर ए बचन अय: 13मेंह जानथंव कि तेंह कहां रहिथस; तेंह उहां रहिथस, जिहां सैतान के सिंघासन हवय! तभो ले तेंह मोर ऊपर अपन बिसवास म स्थिर हवस। तेंह ओ दिन म घलो मोर ऊपर अपन बिसवास ला नइं तियागे, जब मोर बिसवास लइक गवाह अन्‍तिपास ह तुम्‍हर सहर म मारे गीस – जिहां सैतान रहिथे।

14तभो ले, मोर करा तुम्‍हर बिरोध म कहे बर कुछू हवय: तुम्‍हर बीच म कुछू मनखेमन हवंय, जऊन मन बिलाम के सिकछा ला मानथें। बिलाम ह बालाक ला सिखोय रिहिस कि ओह इसरायलीमन ला ठोकर के रसता म ले जावय, ताकि ओमन मूरती ऊपर चघाय चीज ला खावंय अऊ छिनारी करंय। 15तुम्‍हर बीच म कुछू अइसने मनखेमन घलो हवंय, जऊन मन नीकुलईमन के सिकछा ला मानथें। 16एकरसेति, पछताप करव; नइं त मेंह तुम्‍हर करा जल्दी आहूं अऊ अपन मुहूं के तलवार ले ओमन के बिरोध म लड़हूं।

17जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे। जऊन ह बिजयी होही, ओला मेंह लुकाय मन्ना म ले कुछू दूहूं। मेंह ओला एक ठन सफेद पथरा घलो दूहूं, जऊन म एक नवां नांव लिखाय होही, जेला सिरिप ओहीच जानही, जऊन ह ओला पाही।”

थुआतीरा के कलीसिया ला संदेस

18“थुआतीरा के कलीसिया के दूत ला एक लिख:

एह परमेसर के बेटा के बचन ए, जेकर आंखी ह धधकत आगी सहीं हवय अऊ जेकर गोड़मन पालीस करे पीतल सहीं चमकत हवंय। 19मेंह तुम्‍हर काम, तुम्‍हर मया, तुम्‍हर बिसवास, तुम्‍हर सेवा अऊ तुम्‍हर धीरज ला जानत हंव। मेंह ए घलो जानत हंव कि तुम्‍हर अभी के काम ह पहिली के काम ले बढ़ के हवय।

20तभो ले मोला तुम्‍हर बिरोध म ए कहना हवय: तुमन ओ माईलोगन – इजेबेल ला कुछू नइं कहव, जऊन ह अपन-आप ला अगमजानी कहिथे अऊ अपन सिकछा के दुवारा मोर सेवकमन ला छिनारी करे बर अऊ मूरती ऊपर चघाय चीजमन ला खाय बर बहकाथे। 21मेंह ओला अपन पाप ले पछताप करे के मऊका देय हवंव, पर ओह पछताप नइं करे चाहथे। 22एकरसेति, मेंह ओला तकलीफ म डालहूं अऊ जऊन मन ओकर संग छिनारी करथें, कहूं ओमन अपन पाप ला छोंड़के पछताप नइं करहीं, त मेंह ओमन ऊपर घोर दुःख-तकलीफ डालहूं। 23मेंह ओ माईलोगन के लइकामन ला मार डालहूं। तब जम्मो कलीसियामन जान लिहीं कि मेंह ओ अंव, जऊन ह मनखे के हिरदय अऊ मन ला जांचथे, अऊ मेंह तुमन ले हर एक ला तुम्‍हर काम के मुताबिक परतिफल दूहूं।

24अब थुआतीरा के ओ बांचे मनखेमन, जऊन मन ओ माईलोगन के सिकछा ला नइं मानव अऊ ओ बात ला नइं सिखेव, जऊन ला कुछू मनखेमन सैतान के गहिरा भेद कहिथें, मेंह तुमन ला कहत हंव कि मेंह तुम्‍हर ऊपर अऊ कोनो आने बोझ नइं डालंव। 25पर जऊन सिकछा तुम्‍हर करा हवय, मोर आवत तक सिरिप ओहीच म चलव।

26जऊन ह बिजयी होही, अऊ मोर ईछा मुताबिक आखिरी तक चलते रहिही, मेंह ओला जम्मो जाति के मनखे ऊपर अधिकार दूहूं। 27‘ओह ओमन ऊपर लोहा के राजदंड ले राज करही, अऊ ओह ओमन ला माटी के बरतन सहीं टोर-फोर दिही’2:27 भजन-संहिता 2:9 – जइसने कि मोर ददा ह ओमन ऊपर राज करे बर मोला अधिकार दे हवय। 28मेंह ओला बिहनियां के तारा घलो दूहूं। 29जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे।”

Japanese Contemporary Bible

ヨハネの黙示録 2:1-29

2

1エペソにある教会の指導者あてに、次のように書き送りなさい。『七つの教会を巡り、右手で七つの教会の指導者を支えておられる方が、こう言われます。 2「わたしは、あなたの多くの良い行いと、わたしのための労苦と忍耐とを、これまで見てきました。また、教会内の罪に目をつぶらず、使徒と自称しながら実はそうでない者のうそを注意深く調べて、見破った事実を知っています。 3あなたはわたしのために、どんな時もじっと耐え、決してくじけませんでした。 4しかし、一つだけ非難すべき点があります。それは、あなたがわたしを、初めのころのように愛していないことです。 5どうしてそうなったのか胸に手を当てて考え、初めの愛に立ち返って、以前のように励みなさい。さもないと、わたしは行って、あなたの燭台(教会)を諸教会の中から取り除きます。 6しかし、ほめられるところもあります。あなたが、わたしと同じように、ニコライ派(異端の一派)の人々のみだらな行いを憎んでいることです。 7聞く耳のある人は、聖霊が諸教会に言われることを、よく聞きなさい。わたしは勝利を得る者に、神のパラダイスにある、いのちの木の実を食べさせます。」』

8スミルナにある教会の指導者に、次のように書き送りなさい。『この手紙は、初めであり、終わりであり、死んでのち復活された方からのものです。 9「わたしは、主のためにあなたが、どんなにひどい苦しみと貧しさに耐えてきたかを知っています。〔しかし、実際は天に宝を得ているのです。〕さらに、自分こそユダヤ人(神に選ばれた者)だと主張する人々から、白い眼で見られ、非難されてきたことも知っています。しかし、あの人たちは悪魔の仲間であって、真のユダヤ人ではありません。 10これから先、出会うことになる苦しみを、恐れてはなりません。悪魔は、信仰を試そうとして、まもなく、あなたがたのうちの何人かを牢獄に投げ込むでしょう。そして、あなたがたは十日間、苦しむことになります。しかし、たとえ死に直面するようなことになっても、最後までわたしに忠実でありなさい。そうすれば、いのちの冠(終わりのない栄光の未来)をあげましょう。 11聞く耳のある人は、聖霊が諸教会に言われることを、よく聞きなさい。勝利を得る者は、決して第二の死(最終的な滅び)によって危害を受けません。」』

12ペルガモにある教会の指導者に、次のように書き送りなさい。『この手紙は、鋭い両刃の剣をふるう方からのものです。 13「わたしは、あなたを取り巻く環境をよく知っています。そこには憎むべき悪魔の王座があり、悪魔礼拝が盛んです。それでも、あなたはいつも、わたしに従順でした。わたしの忠実な証人アンテパスが、悪魔の弟子の手にかかって殉教した時も、あなたはわたしを捨てませんでした。 14しかしなお、二、三の非難すべき点があります。教会の中で、バラム民数22―24章)の信奉者を見過ごしにしているではありませんか。バラムは昔バラクに入れ知恵し、イスラエルの民を性的な罪に巻き込み、偶像礼拝に走らせて、滅びに追いやろうとたくらみました。 15あなたの教会にも、そのバラムに従う者が巣くっています。 16だから、心と態度を改めなさい。さもないと、わたしはすぐにでも行って、口の剣で彼らと戦います。 17聞く耳のある人は、聖霊が諸教会に言われることを、よく聞きなさい。勝利を得る人は天からの食べ物が与えられ、また、めいめいに白い石が与えられます。その石には、本人以外はだれも知らない、新しい名前が刻まれています。」』

18テアテラにある教会の指導者に、次のように書き送りなさい。『この手紙は、燃える炎のような目と、真鍮のように輝く足を持つ、神の子からのものです。 19「わたしは、あなたが貧しい人々に親切にし、物資を援助し、めんどうを見てあげたことを知っています。また、あなたの愛と信仰と忍耐とを知っています。そして、これらの点で、着実に成長していることも認めています。 20しかしなお、非難すべき点があります。あのイゼベルという女を放任しているではありませんか。自ら女預言者と称しているあの女は、不品行など大した罪ではないと、クリスチャンをそそのかしています。しかも、そう口にするだけでなく、実際に不品行を行わせ、偶像への供え物の肉を食べさせようとしているのです。 21わたしは悔い改める機会を与えましたが、あの女は拒みました。 22さあ、今、わたしのことばに耳を傾けなさい。わたしはあの女を、激痛を伴う病気にし、彼女の不道徳にならう者も、罪を悔い改めてわたしのもとへ戻らなければ、同じ目に会わせます。 23また、あの女の子どもたちも打ち殺します。こうしてすべての教会は、わたしが人の心と思いを見通すことを知るのです。わたしは一人一人に、それぞれの行いに応じて報います。 24テアテラの教会の中で、この誤った教え〔この教えの支持者たちは、これを「深い真理」と呼んでいますが、実際には悪魔の落とし穴です〕に毒されていない人々については、これ以上、何も問いただすつもりはありません。 25ただ、わたしが行くまで、いま手にしているものをしっかり握りしめていなさい。 26勝利を得る者、すなわち、最後までわたしの働きを全うする者に、諸国民を支配する権威を与えます。 27父なる神からそれを与えられたわたしにならって、あなたは、鉄の杖で人々を治めるのです。彼らは、砕けた陶器のように粉みじんになるでしょう。 28また、あなたに明けの明星を与えます。 29聞く耳のある人は、聖霊が諸教会に言われることに耳を傾けなさい。」』