مصالحة هوشع مع زوجته
1ثُمَّ قَالَ لِي الرَّبُّ: «اذْهَبْ ثَانِيَةً وَأَحْبِبِ امْرَأَةً عَشِيقَةَ آخَرَ، زَانِيَةً، أَحْبِبْهَا كَمَحَبَّةِ الرَّبِّ لِشَعْبِهِ إِسْرَائِيلَ، عَلَى الرَّغْمِ مِنْ ضَلالِهِمْ وَرَاءَ آلِهَةٍ أُخْرَى، وَوَلَعِهِمْ بِتَقْدِيمِ قَرَابِينِ الزَّبِيبِ لَهُمْ. 2فَاشْتَرَيْتُهَا بِخَمْسَةَ عَشَرَ شَاقِلاً مِنَ الْفِضَّةِ (نَحْوَ مِئَةٍ وَثَمَانِينَ جِرَاماً)، وَبِحُومَرَ وَنِصْفِ حُومَرَ مِنَ الشَّعِيرِ (نَحْوَ ثَلاثِ مِئَةٍ وَسِتِّينَ لِتْراً)، 3وَقُلْتُ لَهَا: تَمْكُثِينَ مِلْكاً خَالِصاً لِي أَيَّاماً كَثِيرَةً لَا تَزْنِينَ وَلا تَكُونِينَ لِرَجُلٍ آخَرَ وَأَكُونُ أَنَا كَذَلِكَ لَكِ. 4لأَنَّ أَبْنَاءَ إِسْرَائِيلَ يَمْكُثُونَ أَمَداً طَوِيلاً مِنْ غَيْرِ مَلِكٍ أَوْ أَمِيرٍ، وَمِنْ غَيْرِ ذَبِيحَةٍ وَلا تَمَاثِيلَ وَلا أَفُودٍ وَلا تَرَافِيمَ. 5ثُمَّ يَرْجِعُ أَبْنَاءُ إِسْرَائِيلَ وَيَطْلُبُونَ الرَّبَّ إِلَهَهُمْ، وَدَاوُدَ مَلِكَهُمْ، وَيَلْتَمِسُونَ بِرَهْبَةٍ الرَّبَّ وَجُودَهُ فِي آخِرِ الأَيَّامِ».
होशेआ का अपनी पत्नी के साथ समझौता
1याहवेह ने मुझसे कहा, “जाओ, और अपना प्रेम अपनी पत्नी को फिर से दिखाओ, यद्यपि उसे कोई और पुरुष प्रेम करता है और वह एक व्यभिचारिणी है. उससे ऐसा प्रेम करो, जैसा याहवेह इस्राएलियों से प्रेम करते हैं, यद्यपि वे दूसरे देवताओं की ओर फिरकर पवित्र किशमिश की बट्टी से प्रेम रखते हैं.”
2इसलिये मैंने उसे पन्द्रह शेकेल3:2 पन्द्रह शेकेल लगभग 170 ग्राम चांदी और लगभग एक होमेर और एक लेथेक3:2 एक होमेर और एक लेथेक लगभग 195 किलोग्राम जौ में खरीद लिया. 3तब मैंने उससे कहा, “तुम्हें मेरे साथ कई दिनों तक रहना है; तुम्हें वेश्या नहीं बनना है या किसी भी पुरुष के साथ अंतरंग संबंध नहीं बनाना है, और मैं भी तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करूंगा.”
4क्योंकि इस्राएली लोग बहुत दिनों तक बिना राजा या राजकुमार, बिना बलि या पवित्र पत्थर, बिना एफ़ोद या गृह-देवताओं के रहेंगे. 5उसके बाद इस्राएली लोग लौटेंगे और याहवेह, अपने परमेश्वर तथा दावीद, अपने राजा की खोज करेंगे. वे आखिरी के दिनों में कांपते हुए याहवेह के पास और उसके आशीषों के लिये आएंगे.