نحميا 3 – NAV & HCV

New Arabic Version

نحميا 3:1-32

بناؤو السور

1وَقَامَ أَلِيَاشِيبُ رَئِيسُ الْكَهَنَةِ وَبَنَى بَابَ الضَّأْنِ بِمُؤَازَرَةِ إِخْوَتِهِ الْكَهَنَةِ. ثُمَّ قَدَّسُوهُ وَثَبَّتُوا مَصَارِيعَهُ، وَثَابَرُوا عَلَى الْبِنَاءِ حَتَّى بَلَغُوا بُرْجَ الْمِئَةِ وَبُرْجَ حَنَنْئِيلَ. 2وَقَامَ رِجَالُ أَرِيحَا إِلَى جِوَارِهِمْ يَبْنُونَ جُزءاً مِنَ السُّورِ، وَإِلَى جِوَارِهِمْ بَنَى زَكُّورُ بْنُ إِمْرِي، 3وَبَنَى بَنُو هَسْنَاءَةَ بَابَ السَّمَكِ، وَسَقَفُوهُ وَنَصَبُوا مَصَارِيعَهُ وَأَقْفَالَهُ وَعَوَارِضَهُ. 4وَإِلَى جِوَارِهِمْ رَمَّمَ مَرِيمُوثُ بنُ أُورِيَّا بْنِ هَقُّوصَ قِسْماً مِنَ السُّورِ، كَمَا قَامَ إِلَى جِوَارِهِمْ مَشُلّامُ بْنُ بَرَخْيَا بْنِ مَشِيزَبْئِيلَ بِالتَّرْمِيمِ، وَإِلَى جَانِبِهِ رَمَّمَ صَادُوقُ بْنُ بَعْنَا. 5وَإِلَى جِوَارِهِمْ رَمَّمَ التَّقُوعِيُّ 6وَرَمَّمَ يُويَادَاعُ بْنُ فَاسِيحَ وَمَشُلّامُ بْنُ بَسُودْيَا الْبَابَ الْعَتِيقَ، وَسَقَفَاهُ وَنَصَبَا مَصَارِيعَهُ وَأَقْفَالَهُ وَعَوَارِضَهُ. 7وَإِلَى جِوَارِهِمَا قَامَ مَلَطْيَا الْجِبْعُونِيُّ وَيَادُونُ الْمِيرُونُوثِيُّ مِنْ أَهْلِ جِبْعُونَ وَالْمِصْفَاةِ بِالتَّرْمِيمِ، حَتَّى وَصَلَ إِلَى قْصْر حَاكِمِ مِنْطَقَةِ غَرْبِيِّ الْفُرَاتِ. 8وَرَمَّمَ إِلَى جِوَارِهِمَا عُزِّيئِيلُ بْنُ حَرْهَايَا الصَّائِغُ. وَإِلَى جَانِبِهِ رَمَّمَ حَنَنْيَا الْعَطَّارُ وَتَرَكُوا تَرْمِيمَ أُورُشَلِيمَ إِلَى السُّورِ الْعَرِيضِ. 9وَإِلَى جِوَارِهِمْ رَمَّمَ رَفَايَا بْنُ حُورٍ، رَئِيسُ نِصْفِ دَائِرَةِ أُورُشَلِيمَ، جُزْءاً مِنَ السُّورِ. 10كَمَا رَمَّمَ إِلَى جِوَارِهِمْ يَدَايَا بْنُ حَرُومَافَ القِسْمَ الْمُقَابِلَ لِبَيْتِهِ. وَإِلَى جَانِبِهِ رَمَّمَ حَطُّوشُ بْنُ حَشَبْنِيَا. 11وَرَمَّمَ مَلْكِيَّا بْنُ حَارِيمَ وَحَشُّوبُ بْنُ فَحَثَ مُوآبَ قِسْماً ثَانِياً، بِالإِضَافَةِ إِلَى بُرْجِ التَّنَانِيرِ. 12وَقَامَ إِلَى جَانِبِهِ شَلُّومُ بْنُ هَلُّوحِيشَ رَئِيسُ نِصْفِ دَائِرَةِ أُورُشَلِيمَ هُوَ وَبَنَاتُهُ بِالتَّرْمِيمِ. 13وَرَمَّمَ حَانُونُ وَسُكَّانُ زَانُوحَ بَابَ الْوَادِي، وَنَصَبُوا مَصَارِيعَهُ وَأَقْفَالَهُ وَعَوَارِضَهُ، فَضْلاً عَنْ أَلْفِ ذِرَاعٍ (خَمْسِ مِئَةِ مِتْرٍ) مِنَ السُّورِ حَتَّى بَابِ الدِّمْنِ. 14وَرَمَّمَ مَلْكِيَّا بْنُ رَكَابَ رَئِيسُ دَائِرَةِ بَيْتِ هَكَّارِيمَ بَابَ الدِّمْنِ وَنَصَبَ مَصَارِيعَهُ وَأَقْفَالَهُ وَعَوَارِضَهُ. 15كَمَا رَمَّمَ شَلُّونُ بْنُ كَلْحُوزَةَ رَئِيسُ دَائِرَةِ الْمِصْفَاةِ بَابَ الْعَيْنِ وَسَقَفَهُ وَنَصَبَ مَصَارِيعَهُ وَأَقْفَالَهُ وَعَوَارِضَهُ، وَأَعَادَ بِنَاءَ سُورِ بِرْكَةِ سِلُوَامَ عِنْدَ حَدِيقَةِ الْمَلِكِ حَتَّى الدَّرَجِ الْمُنْحَدِرِ مِنْ مَدِينَةِ دَاوُدَ. 16وَبَعْدَهُ رَمَّمَ نَحَمْيَا بْنُ عَزْبُوقَ رَئِيسُ نِصْفِ دَائِرَةِ بَيْتِ صُورَ جُزْءاً مِنَ السُّورِ حَتَّى مُقَابِلِ مَدَافِنِ دَاوُدَ، فَالْبِرْكَةِ الاصْطِنَاعِيَّةِ إِلَى بَيْتِ الأَبْطَالِ. 17وَإِلَى جِوَارِهِ قَامَ اللّاوِيُّونَ بِالتَّرْمِيمِ: رَحُومُ بْنُ بَانِي، وَإِلَى جَانِبِهِ قَامَ حَشَبْيَا رَئِيسُ نِصْفِ دَائِرَةِ قَعِيلَةَ بِتَرْمِيمِ الْجُزْءِ الَّذِي يَقَعُ فِي قِسْمِهِ. 18ثُمَّ رَمَّمَ إِخْوَتُهُمْ بِإِشْرَافِ بَوَّايَ بْنِ حِينَادَادَ رَئِيسِ نِصْفِ دَائِرَةِ قَعِيلَةَ قِسْماً. 19كَمَا رَمَّمَ إِلَى جِوَارِهِ عَازَرُ بْنُ يَشُوعَ رَئِيسُ الْمِصْفَاةِ قِسْماً ثَانِياً، مِنْ أَمَامِ عَقَبَةِ مَخْزَنِ السِّلاحِ عِنْدَ الزَّاوِيَةِ. 20وَتَلاهُ بَارُوخُ بْنُ زَبَّايَ فَرَمَّمَ بِحَمَاسٍ قِسْماً ثَانِياً، مِنَ الزَّاوِيَةِ حَتَّى مَدْخَلِ بَيْتِ أَلِيَاشِيبَ رَئِيسِ الْكَهَنَةِ. 21وَأَعْقَبَهُ مَرِيمُوثُ بْنُ أُورِيَّا بْنِ هَقُّوصَ، فَرَمَّمَ قِسْماً ثَانِياً مِنْ مَدْخَلِ بَيْتِ أَلِيَاشِيبَ إِلَى نِهَايَتِهِ. 22ثُمَّ بَعْدَهُ قَامَ الْكَهَنَةُ أَهْلُ الْغَوْرِ بِالتَّرْمِيمِ. 23وَبَعْدَهُمْ رَمَّمَ بَنْيَامِينُ وَحَشُّوبُ قُبَالَةَ بَيْتِهِمَا. كَمَا رَمَّمَ عَزَرْيَا بْنُ مَعْسِيَا بْنِ عَنَنْيَا بِجَانِبِ بَيْتِهِ. 24وَإِلَى جِوَارِهِ رَمَّمَ بَنُّويُ بْنُ حِينَادَادَ قِسْماً ثَانِياً، ابْتِدَاءً مِنْ بَيْتِ عَزَرْيَا إِلَى الزَّاوِيَةِ فَالْعَطْفَةِ. 25وَرَمَّمَ فَالالُ بْنُ أُوزَايَ مِنْ مُقَابِلِ الزَّاوِيَةِ، وَالْبُرْجِ الْقَائِمِ خَارِجَ قَصْرِ الْمَلِكِ الأَعْلَى، عِنْدَ فِنَاءِ السِّجْنِ. وَأَعْقَبَهُ فَدَايَا بْنُ فَرْعُوشَ. 26وَرَمَّمَ خُدَّامُ الْهَيْكَلِ السَّاكِنُونَ فِي الأَكَمَةِ حَتَّى مُقَابِلِ بَابِ الْمَاءِ شَرْقاً، وَالْبُرْجِ الْخَارِجِيِّ. 27كَذَلِكَ رَمَّمَ التَّقُوعِيُّونَ قِسْماً ثَانِياً فِي مُقَابِلِ الْبُرْجِ الْكَبِيرِ الْخَارِجِيِّ حَتَّى سُورِ الأَكَمَةِ. 28وَرَمَّمَ كُلُّ وَاحِدٍ مِنَ الْكَهَنَةِ الْجُزْءَ الْوَاقِعَ أَمَامَ بَيْتِهِ مِنَ الْقِسْمِ الْمُمْتَدِّ مِنْ بَابِ الْخَيْلِ. 29وَإِلَى جَانِبِهِمْ رَمَّمَ صَادُوقُ بْنُ إِمِّيرَ مُقَابِلَ بَيْتِهِ. وَإِلَى جِوَارِهِ قَامَ شَمَعْيَا بْنُ شَكَنْيَا حَارِسُ بَابِ الشَّرْقِ بِالتَّرْمِيمِ. 30ثُمَّ رَمَّمَ حَنَنْيَا بْنُ شَلَمْيَا، وَحَانُونُ الابْنُ السَّادِسُ لِصَالافَ، قِسْماً ثَانِياً. كَمَا رَمَّمَ بِقُرْبِهِمَا مَشُلّامُ بْنُ بَرَخْيَا مُقَابِلَ مُخْدَعِهِ. 31وَإِلَى جَانِبِهِ رَمَّمَ مَلْكِيَّا بْنُ الصَّائِغِ حَتَّى بَيْتِ خُدَّامِ الْهَيْكَلِ، وَبَهْوِ التُّجَّارِ مُقَابِلَ بَابِ الْعَدِّ فَعَقَبَةِ الْعَطْفَةِ. 32ثُمَّ رَمَّمَ الصَّاغَةُ وَالتُّجَّارُ مَا بَيْنَ عَقَبَةِ الْعَطْفَةِ إِلَى بَابِ الضَّأْنِ.

Hindi Contemporary Version

नेहेमियाह 3:1-32

शहरपनाह का पुनर्निर्माण में हिस्सा लेनेवाले

1तब महापुरोहित एलियाशिब ने अपने भाइयों को अपने साथ लिया, जो पुरोहित थे और इन्होंने भेड़-फाटक को बना दिया. उन्होंने इसे समर्पित किया और इसके पल्ले उसमें जड़ दिए. उन्होंने शहरपनाह को हम्मेआ और हनानेल मीनारों तक समर्पित कर दिया. 2इसके पास वाले भाग को येरीख़ो के लोगों ने बनाया और उनके पास वाले इलाके को इमरी के पुत्र ज़क्‍कूर ने.

3इसके बाद सेनाआह के पुत्रों ने मछली फाटक को बनाया. उन्होंने इसके पल्ले की कड़ियां डालीं, द्वारों को चिटकनियों और छड़ों से लटका दिया. 4इनके बाद हक्कोज़ के पोते उरियाह के पुत्र मेरेमोथ ने मरम्मत का काम किया. उसके पास वाले भाग की मरम्मत का काम मेशेजाबेल के पोते बेरेखियाह के बेटे मेशुल्लाम ने किया. और फिर यही काम बाअनाह के बेटे सादोक ने भी किया. 5इसके अलावा उसके पास के भाग की मरम्मत तकोआ निवासियों ने की, मगर उनके नगर के बड़े लोगों ने अपने अधिकारियों को इस काम में सहायता नहीं दी.

6पासेह के पुत्र योइयादा ने और बेसादियाह के पुत्र मेशुल्लाम ने पुराने फाटक की मरम्मत की. इन्होंने इसकी कड़ियां डालीं और इसके पल्लों को इसकी चिटकनियों और इनकी छड़ों से लटका दिया. 7उनके पास वाले भाग की मरम्मत गिबियोनवासी मेलातियाह और मेरोनोथी यादोन ने की, जो गिबयोनवासी और मिज़पाहवासी थे, उन्होंने उस नदी के दूसरी ओर के प्रदेश के राज्यपाल के लिए उसके सिंहासन की मरम्मत भी की. 8उसके पास वाले भाग की मरम्मत सुनारों में से हरहइयाह के पुत्र उज्ज़िएल ने की. उसके पास वाले भाग की मरम्मत सुगंध बनाने वालों में से एक ने की, जिसका नाम हननियाह था. इस प्रकार उन्होंने येरूशलेम को फैली हुई शहरपनाह तक पहले की तरह ला दिया. 9उनके पासवाली जगहों की मरम्मत हूर के पुत्र रेफ़ाइयाह ने, जो येरूशलेम के आधे क्षेत्र का अधिकारी था, की. 10इनके पासवाली जगहों की मरम्मत हारुमाफ के पुत्र येदाइयाह ने अपने घर के सामने के इलाके में की. उसके पासवाली जगहों की मरम्मत हशबनेइयाह के पुत्र हत्तुष ने की. 11हारिम के पुत्र मालखियाह और पाहाथ-मोआब के पुत्र हस्षूब ने एक दूसरे भाग की और भट्ठियों के मीनारों की मरम्मत की. 12उसके पास वाले भाग की मरम्मत हल्लेहेष के पुत्र शल्लूम ने, जो येरूशलेम में के आधे क्षेत्र का अधिकारी था, अपनी पुत्रियों के साथ मिलकर की.

13हानून और ज़ानोहावासियों ने घाटी फाटक की मरम्मत की. उन्होंने इसको बनाया और इसके पल्लों को इसकी चिटकनियों और छड़ों सहित लटका दिया. उन्होंने इसके अलावा कूड़ा फाटक तक लगभग पांच सौ मीटर शहरपनाह को भी बनाया.

14रेखाब के पुत्र मालखियाह ने, जो बेथ-हक्‍केरेम क्षेत्र का अधिकारी था, कूड़ा फाटक की मरम्मत की. उसने इसको बनाया और इसके पल्लों को इसकी चिटकनियों और छड़ों सहित लटका दिया.

15कोल-होज़ेह के पुत्र शल्लूम ने, जो मिज़पाह क्षेत्र का अधिकारी था, झरना फाटक की मरम्मत की. उसने इसको बनाया, पल्लों को चिटकनियों और छड़ों सहित लटका दिया और उसके ऊपर छत भी बना दी. इसके अलावा उसने शेलाह के तालाब की शहरपनाह को भी बनाया. यह शहरपनाह राजा के बगीचे से लेकर उन सीढ़ियों तक बनाई गई, जो दावीद के नगर से उतरती हुई आती थी. 16इसके बाद अज़बुक के पुत्र नेहेमियाह ने, जो बेथ-त्सूर के आधे क्षेत्र का अधिकारी था, दावीद की कब्रों की गुफा तक के बिंदु तक शहरपनाह की मरम्मत की और वीरों के घर और तालाबों तक की शहरपनाह की भी.

17पास वाले भाग की मरम्मत बानी के पुत्र रेहुम की देखरेख में लेवियों ने की. उसके पास वाले भाग की मरम्मत, काइलाह के आधे क्षेत्र के अधिकारी हशाबियाह ने अपने क्षेत्र में पूरी की. 18उसके पास वाले भाग की मरम्मत उनके भाइयों ने काइलाह के क्षेत्र के बचे हुए भाग के अधिकारी हेनादाद के पुत्र बव्वाई की निगरानी में पूरी हुई. 19उसके पास वाले भाग की मरम्मत येशुआ के पुत्र एज़र ने की, जो मिज़पाह का अधिकारी था, यह उस शस्त्रों के घर के सामने था, जो चढ़ाई तक था. 20उसके पास वाले भाग की मरम्मत ज़ब्बाई के पुत्र बारूख ने बहुत ही उत्साह से की, जो उस चढ़ाई से लेकर महापुरोहित एलियाशिब के घर के द्वार तक है. 21उसके पास वाले भाग की हक्कोज़ के पोते उरियाह के पुत्र मेरेमोथ ने और दूसरे भागों की भी मरम्मत की. यह भाग एलियाशिब के घर के द्वार से शुरू होकर उसके घर के आखिरी छोर तक था.

22उसके पास वाले भाग की मरम्मत घाटी के पास रहनेवाले पुरोहितों ने की. 23उनके पास वाले भाग की मरम्मत बिन्यामिन और हस्षूब ने की. उन्होंने अपने-अपने घरों के सामने के भाग की मरम्मत की. उनके पास वाले भाग की मरम्मत मआसेइयाह के पुत्र अननियाह के पोते अज़रियाह ने अपने घर के पास की शहरपनाह की मरम्मत की. 24उसके पास वाले भाग की मरम्मत हेनादाद के पुत्र बिन्‍नूइ ने की. यह भाग अज़रियाह के घर से मोड़ तक और कोने तक फैला हुआ था. 25उज़ाई के पुत्र पलाल ने उस भाग की मरम्मत की, जो मोड़ के सामने से शुरू होकर राजमहल के ऊपरी माले के घर के गुम्मट तक है. यह पहरेदारों के आंगन के पास है. उसके पास वाले भाग की मरम्मत पारोश के पुत्र पेदाइयाह ने की. 26मंदिर के उन सेवकों ने, जो ओफेल में रहते थे, जल फाटक के सामने के भाग तक की मरम्मत की. यह वह फाटक था, जो पूर्व दिशा की ओर था, जहां पहरेदारों का गुम्मट था. 27इनके पास वाले भाग की मरम्मत तकोआ निवासियों ने की. यह भाग बाहर निकले हुए पहरेदारों के गुम्मट के सामने से ओफेल की शहरपनाह तक फैला हुआ था.

28पुरोहितों ने घोड़ा फाटक के ऊपर के भाग की मरम्मत की, हर एक ने अपने-अपने घर के सामने के भाग की. 29उनके पास वाले भाग की मरम्मत इम्मर के पुत्र सादोक ने की जो उसके घर के सामने का भाग था. उसके पास वाले भाग की मरम्मत शेकानियाह के पुत्र शेमायाह ने की, जो पूर्वी फाटक का द्वारपाल था. 30उसके पास वाले भाग की मरम्मत शेलेमियाह के पुत्र हननियाह और ज़लाफ़ के छठे पुत्र हानून ने की. उसके पास वाले भाग की मरम्मत बेरेखियाह के पुत्र मेशुल्लाम ने की जो उसके घर के सामने का भाग था. 31उसके पास वाले भाग का मालखियाह ने, जो सुनारों में से एक था, मंदिर के सेवकों और व्यापारियों के घर से लेकर, जो मुस्तर अर्थात् मुआयना फाटक के सामने था, कोने के ऊपरी कमरे तक मरम्मत का काम पूरा किया. 32तब कोने के ऊपरी कमरे और भेड़-फाटक के बीच की शहरपनाह की मरम्मत सुनारों और व्यापारियों ने पूरी की.