مزمور 54 – NAV & HCV

New Arabic Version

مزمور 54:1-7

الْمَزْمُورُ الرَّابِعُ وَالْخَمْسُونَ

لِقَائِدِ الْمُنْشِدِينَ عَلَى الآلاتِ الْوَتَرِيَّةِ. مَزْمُورٌ تَعْلِيمِيٌّ لِدَاوُدَ عِنْدَمَا قَالَ أَهْلُ زِيفَ لِشَاوُلَ إِنَّ دَاوُدَ مُخْتَبِئٌ عِنْدَهُمْ

1يَا اللهُ بِاسْمِكَ خَلِّصْنِي، وَبِقُوَّتِكَ أَنْصِفْنِي. 2يَا اللهُ اسْمَعْ صَلاتِي وَأَصْغِ إِلَى كَلامِي. 3لأَنَّ غُرَبَاءَ قَامُوا عَلَيَّ، وَعُتَاةً يَسْعَوْنَ إِلَى قَتْلِي، وَلَمْ يَجْعَلُوا اللهَ نُصْبَ أَعْيُنِهِمْ 4هُوَذَا اللهُ مُعِينِي وَالسَّيِّدُ الرَّبُّ عَاضِدِي. 5يَرُدُّ الشَّرَّ عَلَى أَعْدَائِي، وَبِحَقِّ (عَدْلِكَ) اسْتَأْصِلْهُمْ. 6طَوْعاً أَذْبَحُ لَكَ، وَأَحْمَدُ اسْمَكَ يَا رَبُّ لأَنَّهُ طَيِّبٌ. 7فَإِنَّهُ نَجَّانِي مِنْ كُلِّ ضيِقٍ وَرَأَيْتُ بِعْيَنيَّ (مَا حَلَّ) بِأَعْدَائِي.

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 54:1-7

स्तोत्र 54

संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. दावीद की मसकील54:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द गीत रचना. यह उस स्थिति के संदर्भ में है, जब ज़िफियों ने जाकर शाऊल को सूचना दी थी: “दावीद हमारे यहां छिपे हैं.”

1परमेश्वर, अपने नाम के द्वारा मेरा उद्धार कीजिए;

अपनी सामर्थ्य के द्वारा मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए.

2परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुनिए;

मेरे मुख के वचनों पर ध्यान दीजिए.

3ऐसे अपरिचित पुरुषों ने मुझ पर आक्रमण कर दिया है;

कुकर्मी पुरुष अब मेरे प्राण के प्यासे हो गए हैं,

जिनके हृदय में आपके प्रति कोई श्रद्धा नहीं है.

4कोई संदेह नहीं कि परमेश्वर मेरी सहायता के लिए तत्पर हैं;

प्रभु ही हैं, जो मुझमें बल देते हैं.

5ऐसा हो कि बुराई मेरे निंदकों पर ही जा पड़े;

परमेश्वर अपनी विश्वासयोग्यता के कारण उनका विनाश कर दीजिए.

6मैं आपको स्वेच्छा बलि अर्पित करूंगा;

याहवेह, मैं आपकी महान महिमा की सराहना करूंगा, क्योंकि यह शोभनीय है.

7आपने समस्त संकटों से मेरा छुटकारा किया है,

मैंने स्वयं अपनी आंखों से, अपने शत्रुओं की पराजय देखी है.