الْمَزْمُورُ التَّاسِعُ وَالأَرْبَعُونَ
لِقَائِدِ الْمُنْشِدِينَ. مَزْمُورٌ لِبَنِي قُورَحَ
1اسْمَعُوا هَذَا يَا جَمِيعَ الشُّعُوبِ، أَصْغُوا يَا جَمِيعَ سُكَّانِ الْعَالَمِ. 2(اسْمَعُوا) إِلَيَّ أَيُّهَا الْعُظَمَاءُ، الأَغْنِيَاءُ وَالْفُقَرَاءُ عَلَى السَّوَاءِ. 3يَنْطِقُ فَمِي بِالْحِكْمَةِ، وَخَوَاطِرُ قَلْبِي بِالْفَهْمِ. 4أُعِيرُ أُذُنِي لأَسْمَعَ مَثَلاً، وَعَلَى عَزْفِ الْعُودِ أَشْرَحُ لُغْزِي.
5لِمَاذَا أَخَافُ فِي أَيَّامِ الْخَطَرِ عِنْدَمَا يُحِيطُ بِي شَرُّ مُطَارِدِيَّ؟ 6أُولَئِكَ الْمُتَّكِلُونَ عَلَى ثَرْوَتِهِمْ، وَبِوَفْرَةِ غِنَاهُمْ يَفْتَخِرُونَ. 7لَا يَقْدِرُ أَحَدٌ أَبَداً أَنْ يَفْتَدِيَ أَخَاهُ أَوْ يُقَدِّمَ لِلهِ كَفَّارَةً عَنْهُ. 8لأَنَّ فِدْيَةَ النُّفُوسِ بَاهِظَةٌ يَتَعَذَّرُ دَفْعُهَا مَدَى الْحَيَاةِ 9طَلَباً لِلْخُلُودِ عَلَى الأَرْضِ وَتَفَادِياً لِرُؤْيَةِ الْقَبْرِ. 10لَكِنَّ الْحُكَمَاءَ يَمُوتُونَ كَمَا يَمُوتُ الْجَاهِلُ وَالْغَبِيُّ، تَارِكِينَ ثَرْوَتَهُمْ لِغَيْرِهِمْ. 11يَتَوَهَّمُونَ أَنَّ بُيُوتَهُمْ خَالِدَةٌ، وَأَنَّ مَسَاكِنَهُمْ بَاقِيَةٌ مِنْ جِيلٍ إِلَى جِيلٍ، فَأَطْلَقُوا أَسْمَاءَهُمْ عَلَى أَرَاضِيهِمْ (تَخْلِيداً لِذِكْرِهِمْ). 12وَلَكِنَّ الإِنْسَانَ لَا يَخْلُدُ فِي أُبَّهَتِهِ. إِنَّهُ يُمَاثِلُ الْبَهَائِمَ الَّتِي تُبَادُ. 13هَذَا هُوَ مَصِيرُ الْجُهَّالِ الْوَاثِقِينَ بِأَنْفُسِهِمْ، وَمَصِيرُ أَعْقَابِهِمِ الَّذِينَ يَسْتَحْسِنُونَ أَقْوَالَهُمْ. 14يُسَاقُونَ لِلْمَوْتِ كَالأَغْنَامِ، وَيَكُونُ الْمَوْتُ رَاعِيَهُمْ وَيَسُودُ الْمُسْتَقِيمُونَ عَلَيْهِمْ. تَبْلَى صُورَتُهُمْ، وَتَصِيرُ الْهَاوِيَةُ مَسْكَنَهُمْ. 15إِنَّمَا اللهُ يَفْتَدِي نَفْسِي مِنْ قَبْضَةِ الْهَاوِيَةِ إذْ يَأْخُذُنِي إِلَيْهِ.
16لَا تَخْشَ إِذَا اغْتَنَى إِنْسَانٌ، وَزَادَ مَجْدُ بَيْتِهِ. 17فَإِنَّهُ عِنْدَ مَوْتِهِ لَا يَأْخُذُ مَعَهُ شَيْئاً، وَلَا يَلْحَقُ بِهِ مَجْدُهُ إِلَى قَبْرِهِ. 18وَمَعَ أَنَّهُ يُنَعِّمُ نَفْسَهُ بِالْبَرَكَاتِ فِي أَثْنَاءِ حَيَاتِهِ وَيُطْرِيهِ النَّاسُ إذْ أَحْسَنَ إِلَى نَفْسِهِ، 19إلّا أَنَّ نَفْسَهُ سَتَلْحَقُ بِآبَائِهِ، الَّذِينَ لَا يَرَوْنَ النُّورَ إِلَى الأَبَدِ. 20فَالإِنْسَانُ الْمُتَمَتِّعُ بِالْكَرَامَةِ مِنْ غَيْرِ فَهْمٍ، يُمَاثِلُ الْبَهَائِمَ البَائِدَةَ.
स्तोत्र 49
संगीत निर्देशक के लिये. कोराह के पुत्रों की रचना. एक स्तोत्र.
1विभिन्न देशों के निवासियो, यह सुनो;
धरती के वासियो, यह सुनो,
2सुनो अरे उच्च और निम्न,
सुनो अरे दीन जनो और अमीरो,
3मैं बुद्धिमानी की बातें करने पर हूं;
तथा मेरे हृदय का चिंतन समझ से परिपूर्ण होगा.
4मैं नीतिवचन पर ध्यान दूंगा;
मैं किन्नोर की संगत पर पहेली स्पष्ट करूंगा:
5क्या आवश्यकता है विपत्ति के समय मुझे भयभीत होने की,
जब दुष्ट धोखेबाज मुझे आ घेरते हैं;
6हां, वे जिनका भरोसा उनकी संपत्ति पर है,
तथा जिन्हें अपनी सम्पन्नता का गर्व है?
7कोई भी मनुष्य किसी अन्य मनुष्य के प्राणों का उद्धार नहीं कर सकता,
और न ही वह परमेश्वर को किसी के प्राणों के लिए छुड़ौती दे सकता है.
8क्योंकि उसके प्राणों का मूल्य अत्यंत ऊंचा है,
कि कोई मूल्य पर्याप्त नहीं है,
9कि मनुष्य सर्वदा जीवित रहे,
वह कभी कब्र का अनुभव न करे.
10सभी के सामने यह स्पष्ट है, कि सभी बुद्धिमानो की भी मृत्यु होती है;
वैसे ही मूर्खों और अज्ञानियों की भी,
ये सभी अपनी संपत्ति दूसरों के लिए छोड़ जाते हैं.
11उनकी आत्मा में उनका विचार है, कि उनके आवास अमर हैं,
तथा उनके निवास सभी पीढ़ियों के लिए हो गए हैं,
वे तो अपने देशों को भी अपने नाम से पुकारने लगे हैं.
12अपने ऐश्वर्य के बावजूद मनुष्य अमरत्व प्राप्त नहीं कर सकता;
वह तो फिर भी नश्वर पशु समान ही है.
13यह नियति उनकी है, जो बुद्धिहीन हैं तथा उनकी,
जो उनके विचारों से सहमत होते हैं.
14भेड़ों के समान अधोलोक ही उनकी नियति है;
मृत्यु ही उनका चरवाहा होगा.
प्रातःकाल सीधे लोग उन पर शासन करेंगे
तथा उनकी देह अधोलोक की ग्रास हो जाएंगी,
परिणामस्वरूप उनका कोई आधार शेष न रह जाएगा.
15मेरे प्राण परमेश्वर द्वारा अधोलोक की सामर्थ्य से मुक्त किए जाएंगे;
निश्चयतः वह मुझे स्वीकार कर लेंगे.
16किसी पुरुष की विकसित होती जा रही समृद्धि को देख डर न जाना,
जब उसकी जीवनशैली वैभवशाली होने लगे;
17क्योंकि मृत्यु होने पर वह इनमें से कुछ भी अपने साथ नहीं ले जाएगा,
उसका वैभव उसके साथ कब्र में नहीं उतरेगा.
18यद्यपि जब वह जीवित था,
उसने प्रशंसा ही प्राप्त की, क्योंकि मनुष्य समृद्ध होने पर उनकी प्रशंसा करते ही हैं,
19वह पुरुष अंततः अपने पूर्वजों में ही जा मिलेगा,
जिनके लिए जीवन प्रकाश देखना नियत नहीं है.
20एक धनवान मनुष्य को सुबुद्धि खो गया है,
तो उसमें और उस नाशमान पशु में कोई अंतर नहीं रह गया!