غلاطية 6 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

غلاطية 6:1-18

فعل الخير للجميع

1أَيُّهَا الإِخْوَةُ، إِنْ سَقَطَ أَحَدُكُمْ فِي خَطَأٍ مَا فَمِثْلُ هَذَا أَصْلِحُوهُ أَنْتُمُ الرُّوحِيِّينَ بِرُوحِ وَدَاعَةٍ. وَاحْذَرْ أَنْتَ لِنَفْسِكَ لِئَلا تُجَرَّبَ أَيْضاً. 2لِيَحْمِلِ الْوَاحِدُ مِنْكُمْ أَثْقَالَ الآخَرِ، وَهَكَذَا تُتَمِّمُونَ شَرِيعَةَ الْمَسِيحِ. 3فَإِنْ ظَنَّ أَحَدٌ أَنَّهُ شَيْءٌ، وَهُوَ فِي الْوَاقِعِ لَا شَيْءَ، فَإِنَّمَا يَخْدَعُ نَفْسَهُ. 4فَلْيَمْتَحِنْ كُلُّ وَاحِدٍ عَمَلَهُ الْخَاصَّ، وَعِنْدَئِذٍ يَكُونُ لَهُ أَنْ يَفْتَخِرَ بِمَا يَخُصُّهُ وَحْدَهُ لَا بِمَا يَخُصُّ غَيْرَهُ. 5فَإِنَّ كُلَّ وَاحِدٍ سَيَحْمِلُ حِمْلَهُ الْخَاصَّ. 6لِيُشَارِكِ الَّذِي يَتَعَلَّمُ الْكَلِمَةَ مَنْ يُعَلِّمُهَا، فِي جَمِيعِ الْخَيْرَاتِ.

7لا تَنْخَدِعُوا: إِنَّ اللهَ لَا يُسْتَهْزَأُ بِهِ. فَكُلُّ مَا يَزْرَعُهُ الإِنْسَانُ، فَإِيَّاهُ يَحْصُدُ أَيْضاً. 8فَإِنَّ مَنْ يَزْرَعُ لِجَسَدِهِ، فَمِنَ الْجَسَدِ يَحْصُدُ فَسَاداً. وَمَنْ يَزْرَعُ لِلرُّوحِ، فَمِنَ الرُّوحِ يَحْصُدُ حَيَاةً أَبَدِيَّةً. فَلا نَفْشَلْ فِي عَمَلِ الْخَيْرِ، 9لأَنَّنَا، مَتَى حَانَ الأَوَانُ، سَنَحْصُدُ، إِنْ كُنَّا لَا نَتَرَاخَى. 10فَمَادَامَتْ لَنَا الْفُرْصَةُ إِذَنْ، فَلْنَعْمَلِ الْخَيْرَ لِلْجَمِيعِ، وَخُصُوصاً لأَهْلِ الإِيمَانِ.

ليس ختاناً بل خليقة جديدة

11انْظُرُوا بِأَيَّةِ حُرُوفٍ كَبِيرَةٍ قَدْ كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ هُنَا بِيَدِي: 12إِنَّ الَّذِينَ يُرِيدُونَ أَنْ يَظْهَرُوا فِي الْجَسَدِ بِمَظْهَرٍ حَسَنٍ، أُولئِكَ يُرْغِمُونَكُمْ أَنْ تُخْتَنُوا، فَقَطْ لِئَلا يَلْقَوْا الاضْطِهَادَ بِسَبَبِ صَلِيبِ الْمَسِيحِ. 13فَحَتَّى أُولَئِكَ الَّذِينَ يُخْتَنُونَ، هُمْ أَنْفُسُهُمْ، لَا يَعْمَلُونَ بِالشَّرِيعَةِ، بَلْ يُرِيدُونَ لَكُمْ أَنْ تُخْتَنُوا لِيَفْتَخِرُوا بِجَسَدِكُمْ. 14أَمَّا أَنَا فَحَاشَا لِي أَنْ أَفْتَخِرَ إِلّا بِصَلِيبِ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ، الَّذِي بِهِ أَصْبَحَ الْعَالَمُ بِالنِّسْبَةِ لِي مَصْلُوباً، وَأَنَا أَصْبَحْتُ بِالنِّسْبَةِ لَهُ مَصْلُوباً. 15فَلَيْسَ الْخِتَانُ بِشَيْءٍ، وَلا عَدَمُ الْخِتَانِ بِشَيْءٍ، وَإِنَّمَا (الْمُهِمُّ أَنْ يَصِيرَ الإِنْسَانُ) خَلِيقَةً جَدِيدَةً. 16فَالسَّلامُ وَالرَّحْمَةُ عَلَى جَمِيعِ السَّالِكِينَ وَفْقاً لِهَذَا الْمَبْدَأ، وَعَلَى إِسْرَائِيلَ اللهِ.

17لَا يُسَبِّبْ لِي أَحَدٌ الْمَتَاعِبَ فِيمَا بَعْدُ، فَإِنِّي أَحْمِلُ فِي جَسَدِي سِمَاتِ الرَّبِّ يَسُوعَ.

18لِتَكُنْ مَعَ رُوحِكُمْ، أَيُّهَا الإِخْوَةُ، نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ. آمِين!

Hindi Contemporary Version

गलातिया 6:1-18

कृपालुता तथा सतत-प्रयास-प्रवृत्ति संबंधी निर्देश

1प्रिय भाई बहनो, यदि तुम्हें यह मालूम हो कि किसी व्यक्ति ने कोई अपराध किया है, तो तुम, जो आत्मिक हो, उसे नम्रतापूर्वक सुधारो, किंतु तुम स्वयं सावधान रहो कि कहीं तुम भी परीक्षा में न पड़ जाओ. 2एक दूसरे का बोझ उठाया करो. इसके द्वारा तुम मसीह की व्यवस्था को पूरा करोगे. 3यदि कोई व्यक्ति कुछ न होने पर भी स्वयं को पहुंचा हुआ समझता है तो वह स्वयं को धोखा देता है. 4हर एक व्यक्ति अपने कामों की जांच स्वयं करे, तब उसके सामने किसी और पर नहीं, खुद अपने पर घमंड करने का कारण होगा 5क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना बोझ स्वयं ही उठाएगा. 6जिसे वचन की शिक्षा दी जा रही है, वह हर एक उत्तम वस्तु में अपने शिक्षक को सम्मिलित करे.

7किसी भ्रम में न रहना: परमेश्वर मज़ाक के विषय नहीं हैं क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटता है. 8वह, जो अपने शरीर के लिए बोता है, शरीर के द्वारा विनाश की उपज काटेगा; किंतु वह, जो पवित्र आत्मा के लिए बोता है, पवित्र आत्मा के द्वारा अनंत जीवन प्राप्‍त करेगा. 9हम भलाई के काम करने में साहस न छोड़ें क्योंकि यदि हम ढीले न हो जाएं तो हम निर्धारित समय पर उपज अवश्य काटेंगे. 10जब तक हमारे सामने सुअवसर है, हम सभी का भला करते रहें, विशेषकर विश्वासी परिवार के सदस्यों का.

उपसंहार

11ध्यान दो कि कैसे बड़े आकार के अक्षरों में मैंने तुम्हें अपने हाथों से यह लिखा है!

12जितने भी लोग तुम पर उत्तम प्रभाव डालने के लक्ष्य से तुम्हें ख़तना के लिए मजबूर करते हैं, वे यह सिर्फ इसलिये करते हैं कि वे मसीह येशु के क्रूस के कारण सताए न जाएं. 13वे, जो ख़तनित हैं, स्वयं तो व्यवस्था का पालन नहीं करते किंतु वे यह चाहते अवश्य हैं कि तुम्हारा ख़तना हो जिससे यह उनके लिए घमंड करने का विषय बन जाए. 14ऐसा कभी न हो कि मैं हमारे प्रभु येशु मसीह के क्रूस के अलावा और किसी भी विषय पर घमंड करूं. इन्हीं मसीह के कारण संसार मेरे लिए क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है और मैं संसार के लिए. 15महत्व न तो ख़तना का है और न खतनाविहीनता का महत्व है; तो सिर्फ नई सृष्टि का. 16वे सभी, जो इस सिद्धांत का पालन करते हैं, उनमें तथा परमेश्वर के इस्राएल में शांति व कृपा व्याप्‍त हो.

17अंत में, अब कोई मुझे किसी प्रकार की पीड़ा न पहुंचाए क्योंकि मेरे शरीर पर मसीह येशु के घाव के चिह्न हैं.

18प्रिय भाई बहनो, हमारे प्रभु येशु मसीह का अनुग्रह तुम पर बना रहे. आमेन.