زكريا 10 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

زكريا 10:1-12

الله سيهتم بيهوذا

1اطْلُبُوا مِنَ الرَّبِّ الْمَطَرَ فِي مَوْسِمِ الرَّبِيعِ، لأَنَّ الرَّبَّ هُوَ الَّذِي يَسْتَجِيبُ بِبُرُوقٍ، وَيَسْكُبُ عَلَى النَّاسِ وَابِلاً هَطَّالاً، وَيَرْزُقُ كُلَّ وَاحِدٍ عُشْباً فِي الْحَقْلِ. 2أَمَّا الأَوْثَانُ فَإِنَّهَا تَنْطِقُ بِالْبَاطِلِ، وَيَرَى الْعَرَّافُونَ رُؤىً كَاذِبَةً، وَيُنْبِئُونَ بِأَحْلامِ زُورٍ. وَعَبَثاً يُعَزُّونَ. لِذَلِكَ شَرَدَ النَّاسُ كَغَنَمٍ، وَقَاسُوا مَشَقَّةً لاِفْتِقَارِهِمْ إِلَى رَاعٍ. 3إِنَّ غَضَبِي مُحْتَدِمٌ عَلَى الرُّعَاةِ، وَسَأُعَاقِبُ الرُّؤَسَاءَ، لأَنَّ الرَّبَّ الْقَدِيرَ يَعْتَنِي بِقَطِيعِهِ شَعْبِ يَهُوذَا، وَيَجْعَلُهُمْ كَفَرَسِ الْمَزْهُوِّ فِي الْقِتَالِ. 4مِنْهُمْ يَخْرُجُ حَجَرُ الزَّاوِيَةِ وَالْوَتَدُ وَقَوْسُ الْقِتَالِ وَكُلُّ حَاكِمٍ مُتَسَلِّطٍ. 5وَيَدُوسُونَ الأَعْدَاءَ مَعاً كَمَا يَدُوسُ الْجَبَابِرَةُ الطِّينَ فِي الشَّوَارِعِ، وَيُحَارِبُونَ لأَنَّ الرَّبَّ مَعَهُمْ فَيُلْحِقُونَ الْعَارَ بِفُرْسَانِ الأَعْدَاءِ. 6إِنِّي أُشَدِّدُ شَعْبَ يَهُوذَا وَأُخَلِّصُ ذُرِّيَّةَ يُوسُفَ وَأَرُدُّهُمْ إِلَى أَرْضِهِمْ لأَنِّي أَكُنُّ لَهُمُ الرَّحْمَةَ، فَيَكُونُونَ كَأَنِّي لَمْ أَنبِذْهُمْ لأَنِّي أَنَا الرَّبُّ إِلَهُهُمْ فَأَسْتَجِيبُهُمْ. 7ويُصْبِحُ شَعْبُ إِسْرَائِيلَ كَجَبَابِرَةِ الْحَرْبِ، وَتَنْتَشِي قُلُوبُهُمْ كَمَنْ شَرِبَ خَمْرَةً، وَيَشْهَدُ أَبْنَاؤُهُمْ هَذَا وَيَفْرَحُونَ، وَتَبْتَهِجُ نُفُوسُهُمْ بِالرَّبِّ. 8أُصْدِرُ إِشَارَتِي لَهُمْ فَأَجْمَعُ شَتَاتَهُمْ، لأَنِّي افْتَدَيْتُهُمْ، وَيَكْثُرُونَ كَمَا فِي الْحِقَبِ الأُولَى. 9مَعَ أَنِّي بَدَّدْتُهُمْ بَيْنَ الأُمَمِ، فَإِنَّهُمْ يَظَلُّونَ يَذْكُرُونَنِي فِي الْمَنَافِي الْبَعِيدَةِ، وَيَحْيَوْنَ مَعَ أَوْلادِهِمْ وَيَرْجِعُونَ. 10سَأَرُدُّهُمْ إِلَى مَوْطِنِهِمْ مِنْ دِيَارِ مِصْرَ، وَأَجْمَعُ شَتَاتَهُمْ مِنْ أَشُّورَ، وَآتِي بِهِمْ إِلَى أَرْضِ جِلْعَادَ وَلُبْنَانَ حَتَّى لَا يَبْقَى مُتَّسَعٌ لَهُمْ بَعْدُ. 11يَجْتَازُونَ عَبْرَ بَحْرِ الْمَشَقَّاتِ، فَتَنْحَسِرُ الأَمْوَاجُ وَتَجُفُّ لُجَجُ النِّيلِ. تَذِلُّ كِبْرِيَاءُ أَشُّورَ وَيَزُولُ صَوْلَجَانُ مِصْرَ. 12وَأُشَدِّدُهُمْ بِالرَّبِّ فَيَسْلُكُونَ بِمُقْتَضَى اسْمِهِ، يَقُولُ الرَّبُّ.

Hindi Contemporary Version

ज़करयाह 10:1-12

याहवेह यहूदिया की देखरेख करेंगे

1याहवेह से विनती करो कि वह वसन्त ऋतु में वर्षा भेजें;

यह याहवेह ही है जो बादलों को गरजाते और आंधी लाते है.

वह सब लोगों को वर्षा देते,

और हर एक के लिए खेत में पौधा उपजाते हैं.

2मूर्तियां धोखा देनेवाली बात कहते हैं,

और भावी कहनेवाले झूठे दर्शन देखते हैं;

वे झूठे स्वप्न के बारे में बताते हैं,

और वे व्यर्थ में सांत्वना देते हैं.

इसलिये चरवाहे की कमी के कारण दुःख से

लोग भेड़ की तरह भटकते हैं.

3“मेरा क्रोध चरवाहों पर भड़क रहा है,

ओर मैं अगुओं को दंड दूंगा;

क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह अपने झुंड

अर्थात् यहूदाह के लोगों की देखरेख करेगा,

और वह उन्हें युद्ध में गर्व करनेवाले घोड़े के समान बनाएगा.

4यहूदाह से कोने का पत्थर आयेगा,

उससे तंबू की खूंटी,

उससे युद्ध का धनुष,

और उससे ही हर एक शासक आएंगे.

5एक साथ वे युद्ध में उन योद्धाओं के समान होंगे,

जो गली के कीचड़ में अपने शत्रुओं को रौंदते हैं.

वे लड़ेंगे क्योंकि याहवेह उनके साथ है,

और वे शत्रु के घुड़सवारों को लज्जित करेंगे.

6“मैं यहूदाह के लोगों को मजबूत करूंगा

और योसेफ़ के वंश को बचाऊंगा.

उनके प्रति अपनी करुणा के कारण

मैं उन्हें लौटा ले आऊंगा.

वे ऐसे हो जाएंगे

मानो मैंने उन्हें कभी त्यागा ही न था,

क्योंकि मैं उनका परमेश्वर याहवेह हूं

इसलिये मैं उनकी सुनकर उन्हें उत्तर दूंगा.

7तब एफ्राईमी लोग योद्धा के समान हो जाएंगे,

उनका हृदय ऐसा प्रफुल्लित होगा, जैसा दाखमधु पीने से होता है.

उनके बच्‍चे इसे देखकर आनंदित होंगे;

और उनका मन याहवेह में आनंदित होगा.

8मैं उन्हें संकेत देकर

इकट्ठा करूंगा.

निश्चित रूप से, मैं उन्हें छुड़ाऊंगा;

वे पहले की तरह असंख्य हो जाएंगे.

9यद्यपि मैंने उन्हें लोगों के बीच में बिखरा दिया है,

फिर भी उन दूर देशों में वे मुझे स्मरण करेंगे.

वहां वे और उनकी संतान बचे रहेंगे,

और वे लौट आएंगे.

10मैं उन्हें मिस्र देश से लौटा लाऊंगा

और उन्हें अश्शूर देश से इकट्ठा करूंगा.

मैं उन्हें गिलआद और लबानोन देश में ले आऊंगा,

और उन्हें इतना बढ़ाऊंगा कि वहां उनके लिये पर्याप्‍त जगह न होगी.

11वे समस्याओं के समुद्र से होकर गुज़रेंगे;

समुद्र की बड़ी लहरें शांत कर दी जाएंगी

नील नदी का सब गहरा जल सूख जाएगा.

अश्शूरियों का घमंड तोड़ दिया जाएगा

और मिस्र का राजदंड जाता रहेगा.

12मैं उन्हें याहवेह में मजबूत करूंगा

और वे उसके नाम में सुरक्षित रहा करेंगे.”

याहवेह की यह घोषणा है.