حزقيال 13 – NAV & HCV

New Arabic Version

حزقيال 13:1-23

دينونة الأنبياء الكذبة

1وَأَوْحَى إِلَيَّ الرَّبُّ بِكَلِمَتِهِ قَائِلاً: 2«يَا ابْنَ آدَمَ، تَنَبَّأْ عَلَى أَنْبِيَاءِ إِسْرَائِيلَ الْكَذَبَةِ الْمُتَنَبِّئِينَ مِنْ عِنْدِ أَنْفُسِهِمْ وَقُلْ لَهُمْ: اسْمَعُوا كَلِمَةَ الرَّبِّ. 3وَيْلٌ لِلأَنْبِياءِ الْحَمْقَى الضَّالِّينَ وَرَاءَ أَرْوَاحِهِمْ مِنْ غَيْرِ أَنْ يَرَوْا شَيْئاً. 4أَنْبِيَاؤُكَ يَا إِسْرَائِيلُ هُمْ كَالثَّعَالِبِ فِي الْخَرَائِبِ. 5لَمْ تَبْرُزُوا إِلَى الثُّغْرَاتِ، وَلَمْ تُشَيِّدُوا جِدَاراً حَوْلَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ لِتَصْمُدُوا فِي الْقِتَالِ فِي يَوْمِ الرَّبِّ، 6إِنَّمَا رُؤْيَاهُمْ بَاطِلَةٌ، وَعِرَافَتُهُمْ كَاذِبَةٌ. يَقُولُونَ: يَقُولُ الرَّبُّ، وَالرَّبُّ لَمْ يُرْسِلْهُمْ، وَمَعَ ذَلِكَ يَطْمَعُونَ فِي تَحْقِيقِ كَلِمَتِهِمْ. 7أَلَمْ تَرَوْا رُؤْيَا بَاطِلَةً، وَتَنْطِقُوا بِعِرَافَةٍ كَاذِبَةٍ قَائِلِينَ: يَقُولُ الرَّبُّ، وَأَنَا لَمْ أَتَكَلَّمْ؟ 8لِذَلِكَ يُعْلِنُ الرَّبُّ: لأَنَّكُمْ تَكَلَّمْتُمْ بَاطِلاً وَادَّعَيْتُمْ رُؤْيَا كَاذِبَةً، فَهَا أَنَا أَنْقَلِبُ عَلَيْكُمْ يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ. 9فَتَكُونُ يَدِي عَلَى الأَنْبِيَاءِ ذَوِي الرُّؤْيَا الْبَاطِلَةِ وَالْعِرَافَةِ الْكَاذِبَةِ، فَلا يَكُونُ لَهُمْ مَقَامٌ فِي جَمَاعَةِ شَعْبِي، وَلا تُدَوَّنُ أَسْمَاؤُهُمْ فِي كِتَابِ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ، وَلا يَدْخُلُونَ أَرْضَ إِسْرَائِيلَ، فَتُدْرِكُونَ أَنِّي أَنَا السَّيِّدُ الرَّبُّ. 10لأَنَّهُمْ حَقّاً أَضَلُّوا شَعْبِي قَائِلِينَ: سَيَكُونُ لَكُمْ سَلامٌ مَعَ أَنَّهُ لَيْسَ هُنَاكَ سَلامٌ، فَكَانَ شَعْبِي يَبْنِي حَائِطاً وَهُمْ يَطْلُونَهُ بِمَاءِ الكِلْسِ. 11قُلْ لِلطَّالِينَ بِمَاءِ الكِلْسِ: إِنَّ الْحَائِطَ يَتَدَاعَى، إِذْ يَنْهَمِرُ مَطَرٌ جَارِفٌ. وَأَنْتُنَّ يَا حِجَارَةَ الْبَرَدِ تَسَاقَطْنَ، وَلْتَعْصِفْ بِهِ رِيحٌ جَائِحَةٌ. 12فَلا يَلْبَثُ السُّورُ أَنْ يَنْهَارَ أَفَلا تَسْأَلُونَ آنَئِذٍ: أَيْنَ الطِّينُ الَّذِي طَيَّنْتُمْ بِهِ؟ 13لِذَلِكَ، هَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: هَا أَنَا أَجْعَلُ رِيحاً عَاتِيَةً تَخْتَرِقُ السُّورَ بِفِعْلِ حَنَقِي، وَمَطَراً جَارِفاً يَنْهَمِرُ فِي خِضَمِّ غَضَبِي، وَحِجَارَةَ بَرَدٍ تَتَسَاقَطُ فِي أَثْنَاءِ سَخَطِي لِكَيْ تُهْلِكَ، 14فَأَهْدِمُ السُّورَ الَّذِي طَلَيْتُمُوهُ بِمَاءِ الْكِلْسِ وَأُسَوِّيهِ بِالأَرْضِ فَيَتَعَرَّى أَسَاسُهُ وَتَتَدَاعَى الْمَدِينَةُ وَتَفْنَوْنَ جَمِيعاً فِي وَسَطِهَا فَتُدْرِكُونَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ. 15فَأَنْفُثُ غَضَبِي بِالسُّورِ وَبِمَنْ يَطْلُونَهُ بِمَاءِ الكِلْسِ وَأَقُولُ لَكُمْ: قَدْ تَلاشَى السُّورُ وَالَّذِينَ يَطْلُونَهُ. 16الَّذِينَ هُمْ أَنْبِيَاءُ إِسْرَائِيلَ الأَدْعِيَاءُ، الْمُتَنَبِّئُونَ لإِسْرَائِيلَ، الَّذِينَ يَرَوْنَ لَهَا رُؤَى سَلامٍ، مَعَ أَنَّهُ لَا سَلامَ هُنَاكَ، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ.

17أَمَّا أَنْتَ يَا ابْنَ آدَمَ، فَالْتَفِتْ نَحْوَ بَنَاتِ شَعْبِكَ الْمُتَنَبِّئَاتِ مِنْ عِنْدِ أَنْفُسِهِنَّ وَتَنَبَّأْ عَلَيْهِنَّ، 18وَقُلْ هَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: وَيْلٌ لِلْخَائِطَاتِ الْعَصَائِبَ السِّحْرِيَّةَ لِكُلِّ مَعَاصِمِ الأَيْدِي وَالأَنْقَابَ لِرَأْسِ كُلِّ قَامَةٍ لاصْطِيَادِ النُّفُوسِ. أَنْتُنَّ تَصْطَدْنَ نُفُوسَ شَعْبِي وَتَسْتَحْيِينَ نُفُوسَكُنَّ 19فَتُدَنِّسْنَنِي عِنْدَ شَعْبِي لِقَاءَ حَفْنَةِ شَعِيرٍ وَفُتَاتِ خُبْزٍ حَتَّى تُمِتْنَ نُفُوساً مَا كَانَ يَجِبُ أَنْ تَمُوتَ، وَلِكَيْ تَسْتَحْيِينَ نُفُوساً أُخْرَى لَمْ يَكُنْ لَهَا أَنْ تَحْيَا مِنْ جَرَّاءِ كَذِبِكُنَّ عَلَى شَعْبِي السَّامِعِ لِلْكَذِبِ. 20لِذَلِكَ، هَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: أَنَا ضِدُّ عَصَائِبِكُنَّ السِّحْرِيَّةِ الَّتِي تَصْطَدْنَ بِها النُّفُوسَ كَفِرَاخِ الطَّيْرِ، سَأُمَزِّقُهَا عَنْ أَذْرُعِكُنَّ، وَأُحَرِّرُ النُّفُوسَ الَّتِي اصْطَدْتُمُوهَا فَتَطِيرُ. 21وَأُمَزِّقُ أَنْقَابَكُنَّ وَأُنْقِذُ شَعْبِي مِنْ أَيْدِيكُنَّ، فَلا يَظَلُّونَ بَعْدُ فِي قَبْضَتِكُنَّ فَرِيسَةً، فَتُدْرِكْنَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ. 22لأَنَّكُنَّ أَحْزَنْتُنَّ قَلْبَ الصِّدِّيقِ بَأَكَاذِيبِكُنَّ، مَعَ أَنَّنِي لَمْ أُحْزِنْهُ، وَشَدَّدْتُنَّ عَزَائِمَ الشِّرِّيرِ لِئَلّا يَرْجِعَ عَنْ طَرِيقِهِ الأَثِيمَةِ فَيَحْيَا. 23لِذَلِكَ لَنْ تَعُدْنَ تَرَيْنَ رُؤىً بَاطِلَةً، وَلا تُمَارِسْنَ الْعِرَافَةَ بَعْدُ، وَأُنْقِذُ شَعْبِي مِنْ أَيْدِيكُنَّ فَتُدْرِكْنَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ».

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 13:1-23

झूठे भविष्यवक्ताओं को दंड देना

1याहवेह का यह वचन मेरे पास आया: 2“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के उन भविष्यवक्ताओं के विरुद्ध भविष्यवाणी करो, जो इस समय भविष्यवाणी कर रहे हैं. उनसे कहो जो अपने ही मन से भविष्यवाणी करते हैं: ‘याहवेह का वचन सुनो! 3परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: धिक्कार है उन मूर्ख भविष्यवक्ताओं पर, जो अपने ही मन के अनुसार चलते हैं और उन्होंने कुछ नहीं देखा है! 4हे इस्राएल, तुम्हारे भविष्यवक्ता खंडहरों के सियार के समान हैं. 5तुम इस्राएल के लोगों के लिये दीवार के दरारों को सुधारने के लिये ऊपर नहीं गए हो ताकि याहवेह के दिन युद्ध में यह मजबूत बना रहे. 6उनके दर्शन और उनके भविष्य की बातें झूठी हैं. यद्यपि याहवेह ने उन्हें नहीं भेजा है, फिर भी वे कहते हैं, “याहवेह की यह घोषणा है,” और आशा करते हैं कि याहवेह उनकी भविष्यवाणी को पूरा करे. 7क्या तुमने झूठे दर्शन नहीं देखें और भविष्य की झूठी बातें नहीं कहीं, जब तुमने यह कहा, “याहवेह की यह घोषणा है,” हालाकि मैंने नहीं कहा था?

8“ ‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: तुम्हारी झूठी बातों और तुम्हारे झूठे दर्शनों के कारण, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, परम प्रधान याहवेह की यह घोषणा है. 9मेरा हाथ उन भविष्यवक्ताओं के विरुद्ध उठेगा, जो झूठे दर्शन देखते तथा भविष्य की झूठी बातें बताते हैं, वे मेरे लोगों के समूह में नहीं होंगे या इस्राएल की सूची में उनका नाम लिखा नहीं जाएगा, और न ही वे इस्राएल देश में प्रवेश कर पाएंगे. तब तुम जानोगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.

10“ ‘क्योंकि वे मेरे लोगों को यह कहकर भटकाते हैं, “सब ठीक है,” जबकि कुछ भी ठीक नहीं होता, और फिर जब एक कमजोर दीवार बनाई जाती है, तो वे उस पर चूना पोत देते हैं, 11इसलिये जो इस पर चूना पोत देते हैं, उनसे कहो कि यह गिर जाएगी. मूसलाधार वर्षा होगी, और मैं ओलावृष्टि करूंगा, जो दीवार को गिरा देगी, और भयंकर आंधी चलेगी. 12जब दीवार गिर जाएगी, तो क्या लोग तुमसे यह नहीं पूछेंगे, “तुम जो चूना पोते थे, वह कहां गया?”

13“ ‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं अपने कोप में भयंकर आंधी लाऊंगा, और अपने क्रोध में भयंकर विनाश के साथ ओलावृष्टि और मूसलाधार वर्षा कराऊंगा. 14मैं उस दीवार को तोड़ डालूंगा, जिस पर तुमने चूना पोता है और इसे मिट्टी में मिला दूंगा ताकि इसकी नीव खाली पड़ी रहे. जब यह गिरेगी, तो तुम भी इसके साथ नाश हो जाओगे; और तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं. 15इस प्रकार मेरा कोप उस दीवार पर और उन पर भड़केगा, जिन्होंने उस पर चूना पोत दिया था. तब मैं तुमसे कहूंगा, “दीवार नष्ट हो गई और वैसे ही वे भी नष्ट हो गये, जिन्होंने इस पर चूना पोत दिया था, 16अर्थात् इस्राएल के वे भविष्यवक्ता नष्ट हो गये, जो येरूशलेम के विषय में भविष्यवाणी करते और उसकी शांति का दर्शन देखते थे, जबकि वहां किसी भी प्रकार की शांति नहीं थी, परम प्रधान याहवेह की यह घोषणा है.” ’

17“हे मनुष्य के पुत्र, अब, तुम अपना मुंह अपने लोगों की उन बेटियों के विरुद्ध खोलो, जो अपने ही मन से भविष्यवाणी करती हैं. तुम उनके विरुद्ध भविष्यवाणी करो 18और कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: धिक्कार है उन स्त्रियों पर, जो अपनी कलाइयों पर जादू की ताबीज़ बांधती और लोगों को फंसाने हेतु अपने सिर के लिये विभिन्‍न लंबाई के घूंघट बनाती हैं. क्या तुम मेरे लोगों के प्राण को खतरे में डालोगी और अपने स्वयं को बचाकर रखोगी? 19तुमने मुट्ठी भर जौ और रोटी के कुछ टुकड़ों के लिए मेरे लोगों के बीच मुझे अपवित्र किया है. मेरे वे लोग जो झूठी बातें सुनते हैं, उनसे झूठी बातें करके तुमने उन लोगों को मार डाला है जिन्हें ज़िंदा रहना था और तुमने उनको छोड़ दिया है जिन्हें ज़िंदा नहीं रहना था.

20“ ‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हारे जादू के उन ताबीज़ों के विरुद्ध हूं जिससे तुम लोगों को चिड़िया की तरह फंसाती हो; मैं तुम्हारे बांह के उन ताबीज़ों को तोड़ डालूंगा; मैं उन लोगों को स्वतंत्र कर दूंगा, जिन्हें तुम चिड़ियों की तरह फंसाती हो. 21मैं तुम्हारे घूंघट को भी फाड़ दूंगा और अपने लोगों को तुम्हारे हाथ से बचाऊंगा, और वे फिर कभी तुम्हारे वश में न होंगे. तब तुम जानोगी कि मैं याहवेह हूं. 22क्योंकि तुमने अपनी झूठी बातों से धर्मी लोगों को निराश किया है, जबकि मैं उन पर कोई दुःख तकलीफ़ नहीं लाया, और क्योंकि तुमने दुष्ट लोगों को बुरे काम न छोड़ने के लिये उत्साहित किया है और ऐसा करके उनके प्राण को बचाया है, 23इसलिये अब तुम न तो झूठे दर्शन देख सकोगी और न ही भविष्य की झूठी बातें कह सकोगी. मैं अपने लोगों को तुम्हारे हाथ से बचाऊंगा. और तब तुम जानोगी कि मैं याहवेह हूं.’ ”