اللاويين 10 – NAV & HCV

New Arabic Version

اللاويين 10:1-20

موت ناداب وأبيهو

1ثُمَّ وَضَعَ نَادَابُ وَأَبِيهُو، ابْنَا هَرُونَ، فِي مِجْمَرَتَيْهِمَا نَاراً غَيْرَ مُقَدَّسَةٍ، وَبَخُوراً عَلَى خِلافِ مَا أَمَرَهُمَا الرَّبُّ، وَقَرَّبَا أَمَامَ الرَّبِّ 2فَانْدَلَعَتْ نَارٌ مِنْ عِنْدِ الرَّبِّ فَالْتَهَمَتْهُمَا، فَمَاتَا فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ. 3فَقَالَ مُوسَى لِهَرُونَ: «إِلَيْكَ مَا قَالَهُ الرَّبُّ: فِي الْقَرِيبِينَ مِنِّي أُظْهِرُ قَدَاسَتِي، وَأُعْلِنُ مَجْدِي أَمَامَ جَمِيعِ الشَّعْبِ». فَصَمَتَ هَرُونُ. 4وَاسْتَدْعَى مُوسَى مِيشَائِيلَ وَأَلْصَافَانَ ابْنَيْ عُزِّيئِيلَ عَمِّ هَروُنَ وَقَالَ لَهُمَا: «تَعَالَيَا وَاحْمِلا جُثَّتَيْ قَرِيبَيْكُمَا مِنْ أَمَامِ الْقُدْسِ إِلَى خَارِجِ الْمُخَيَّمِ». 5فَتَقَدَّمَا وَرَفَعَاهُمَا بِقَمِيصَيْهِمَا إِلَى خَارِجِ الْمُخَيَّمِ، كَمَا أَمَرَ مُوسَى. 6وَقَالَ مُوسَى لِهَرُونَ وَأَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ ابْنَيْهِ: «لا تَكْشِفُوا رُؤُوسَكُمْ وَلا تَشُقُّوا ثِيَابَكُمْ حِدَاداً، لِئَلّا تَمُوتُوا وَيَسْخَطَ الرَّبُّ عَلَى كُلِّ الشَّعْبِ. وَأَمَّا بَقِيَّةُ الشَّعْبِ فَلْيَبْكُوا عَلَى اللَّذَيْنِ أَحْرَقَهُمَا الرَّبُّ. 7وَإِيَّاكُمْ أَنْ تَخْرُجُوا مِنْ بَابِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ لِئَلّا تَمُوتُوا، لأَنَّ دُهْنَ مَسْحَةِ الرَّبِّ مَازَالَ عَلَيْكُمْ». فَنَفَّذُوا أَمْرَ مُوسَى.

8وَأَمَرَ الرَّبُّ هَرُونَ: 9«لا تَشْرَبْ أَنْتَ وَأَبْنَاؤُكَ خَمْراً مُسْكِراً عِنْدَ دُخُولِكُمْ لِخِدْمَتِي فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، لِئَلّا تَمُوتُوا، وَتَكُونُ هَذِهِ عَلَيْكُمْ فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً جِيلاً بَعْدَ جِيلٍ، 10لِتُمَيِّزُوا بَيْنَ الْمُقَدَّسِ وَالْمُحَلَّلِ، النَّجِسِ وَالطَّاهِرِ، 11وَلِتُعَلِّمُوا شَعْبَ إِسْرَائِيلَ جَمِيعَ الْفَرَائِضِ الَّتِي أَمَرْتُ بِها عَلَى لِسَانِ مُوسَى».

12وَقَالَ مُوسَى لِهَرُونَ وَابْنَيْهِ الْبَاقِيَيْنِ، أَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ: «خُذُوا مَا تَبَقَّى مِنْ تَقْدِمَةِ الدَّقِيقِ الْمُقَرَّبَةِ إِلَى الرَّبِّ وَكُلُوهَا فَطِيراً إِلَى جِوَارِ الْمَذْبَحِ، لأَنَّهَا قُدْسُ أَقْدَاسٍ. 13كُلُوهَا فِي مَكَانٍ مُقَدَّسٍ لأَنَّهَا نَصِيبُكَ وَنَصِيبُ ابْنَيْكَ مِنْ مُحْرَقَاتِ الرَّبِّ، لأَنَّنِي هَكَذَا أُمِرْتُ. 14وَأَمَّا الصَّدْرُ الْمُرَجَّحُ وَالسَّاقُ الْيُمْنَى الْمُقَدَّمَةُ، فَكُلْهَا أَنْتَ وَبَنُوكَ وَبَنَاتُكَ فِي مَكَانٍ طَاهِرٍ، لأَنَّهَا نَصِيبُكَ وَنَصِيبُ أَبْنَائِكَ مِنْ ذَبَائِحِ سَلامِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ. 15عِنْدَمَا يَأْتِي الشَّعْبُ بِسَاقِ التَّقْدِمَةِ وَصَدْرِ التَّرْجِيحِ وَوَقَائِدِ الشَّحْمِ لِتَرْجِيحِهَا أَمَامَ الرَّبِّ، يُصْبِحَانِ مِنَ نَصِيبِكَ وَنَصِيبِ أَبْنَائِكَ، فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً جِيلاً بَعْدَ جِيلٍ».

16وَبَحَثَ مُوسَى عَنْ تَيْسِ الْخَطِيئَةِ فَوَجَدَهُ قَدِ احْتَرَقَ فَاغْتَاظَ مِنْ أَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ ابْنَيْ هَرُونَ الْبَاقِيَيْنِ وَقَالَ: 17«لِمَاذَا لَمْ تَأْكُلا ذَبِيحَةَ الْخَطِيئَةِ فِي الْمَكَانِ الْمُقَدَّسِ؟ إِنَّهَا قُدْسُ أَقْدَاسٍ، وَهَبَهَا الرَّبُّ لَكُمَا لِتَحْمِلا إِثْمَ الْجَمَاعَةِ، تَكْفِيراً عَنْهُمْ أَمَامَ الرَّبِّ. 18مَادَامَ دَمُهَا لَمْ يُؤْخَذْ إِلَى دَاخِلِ الْقُدْسِ، كَانَ عَلَيْكُمَا أَنْ تَأْكُلاهَا فِي الْقُدْسِ كَمَا أَوْصَيْتُ». 19فَقَالَ هَرُونُ لِمُوسَى: «لَقَدْ قَرَّبَا الْيَوْمَ ذَبِيحَةَ خَطِيئَتِهِمَا وَمُحْرَقَتَهُمَا فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ، فَلَوْ أَكَلْنَا ذَبِيحَةَ الْخَطِيئَةِ فِي مِثْلِ هَذَا الْيَوْمِ، وَقَدْ أَصَابَنَا مَا أَصَابَنَا، فَهَلْ كَانَ الرَّبُّ يَرْضَى عَنَّا؟» 20فَاقْتَنَعَ مُوسَى بِهَذَا الْجَوَابِ.

Hindi Contemporary Version

लेवी 10:1-20

नादाब और अबीहू का पाप

1अहरोन के पुत्र नादाब और अबीहू ने अपने-अपने धूपदान लिए और उनमें अग्नि रखने के बाद लोबान भी रखा. इस प्रकार उन्होंने याहवेह के सामने बिना आज्ञा की अपवित्र अग्नि भेंट की; याहवेह की ओर से इसका आदेश न था. 2याहवेह की उपस्थिति से अग्नि निकलकर उन्हें भस्म कर दिया, और याहवेह के सामने ही उनकी मृत्यु हो गई. 3मोशेह ने अहरोन से कहा, “याहवेह के यही विचार थे,

“ ‘उनके द्वारा, जो मेरे निकट आते हैं,

मैं पवित्र ठहराया जाऊं,

तथा सारी प्रजा के सामने

मेरी महिमा हो.’ ”

इस पर अहरोन शांत ही रहे.

4मोशेह ने अहरोन के चाचा उज्ज़िएल के पुत्र मिषाएल और एलज़ाफन को भी बुलाकर उन्हें यह आदेश दिया, “निकट आ जाओ और अपने भाइयों के लाश पवित्र स्थान के सामने से हटा लो और छावनी के बाहर ले जाओ.” 5तब वे निकट आए और लाशों को उनके अंगरखों सहित छावनी से बाहर ले गए, ठीक जैसा मोशेह ने आदेश दिया था.

6इसके बाद मोशेह ने अहरोन और उनके पुत्र एलिएज़र और इथामार को यह आदेश दिया, “अपने सिर के बालों को न मुंडाओ10:6 बालों को न मुंडाओ या अपने सिर उजागर मत करो और न ही अपने वस्त्र फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम्हारी मृत्यु हो जाए और याहवेह का क्रोध सारी सभा पर भड़क उठे. केवल तुम्हारे भाई अर्थात् इस्राएल की सारी प्रजा याहवेह के द्वारा लगाई हुई इस आग के लिए विलाप करे. 7तुम तो मिलनवाले तंबू के द्वार से बाहर भी न जाना, अन्यथा तुम्हारी भी मृत्यु हो जाएगी, क्योंकि तुम पर याहवेह के तेल का अभिषेक है.” तब उन्होंने मोशेह के आदेश के अनुसार ही किया.

8इसके बाद याहवेह ने अहरोन को यह आदेश दिया, 9“जब तुम मिलनवाले तंबू में प्रवेश करो, तो न तो तुम और न ही तुम्हारे पुत्र दाखरस अथवा दाखमधु का उपभोग करें, कि तुम्हारी मृत्यु न हो जाए. यह तुम्हारी आनेवाली सारी पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए विधि है, 10कि तुम पवित्र और अपवित्र के बीच, शुद्ध और अशुद्ध के बीच भेद कर सको. 11इस्राएल की प्रजा को उन सारी विधियों की शिक्षा देनी अनिवार्य है, जिनको याहवेह ने तुम्हें मोशेह के द्वारा दिया है.”

12फिर मोशेह ने अहरोन और उनके दोनों बचे हुए पुत्रों, एलिएज़र और इथामार को यह आदेश दिया, “याहवेह को अग्नि में अर्पित अन्‍नबलि में से शेष रह गए भाग, जो खमीर रहित है, उसको लेकर वेदी के निकट ही खाओ, क्योंकि यह परम पवित्र है. 13तुम इसको पवित्र स्थान में ही खाना, क्योंकि यह याहवेह को अर्पित बलि में से तुम्हारा और तुम्हारे पुत्रों के लिए निर्धारित भाग है, क्योंकि मुझे ऐसा ही आदेश दिया गया है. 14किंतु तुम तथा तुम्हारी सन्तति लहराने की बलि स्वरूप भेंट, छाती और जांघ को किसी स्वच्छ स्थान में खा सकते हो; क्योंकि यह इस्राएल की प्रजा की मेल बलियों में से तुम्हारे और तुम्हारे पुत्रों एवं पुत्रियों के लिए निर्धारित भाग के रूप में तुम्हें दिया गया है. 15वे अग्निबलि के लिए निर्धारित चर्बी के भाग के साथ जांघ को ऊंचा उठाते, और छाती को लहराते हुए याहवेह के सामने लहराने की बलि के रूप में लाएंगे; यह तुम्हारे और तुम्हारे पुत्रों के लिए स्थायी भाग है, ठीक जैसा आदेश याहवेह ने दिया था वैसा ही.”

16किंतु मोशेह ने पापबलि के लिए निर्धारित बकरे के विषय में खोजबीन की, तो मालूम हुआ कि उसको तो जलाया जा चुका है! इसलिये मोशेह अहरोन के बचे हुए पुत्रों एलिएज़र तथा इथामार पर क्रोधित हो गए. मोशेह ने उनसे यह प्रश्न किया, 17“तुमने पापबलि के पशु को पवित्र स्थान में क्यों नहीं खाया? क्योंकि यह तो परम पवित्र है, तथा याहवेह ने यह तुम्हें प्रजा के दोष अपने ऊपर उठाकर और याहवेह के सामने उनके लिए प्रायश्चित पूरा करने के लिए दिया था. 18इसका तो रक्त तक पवित्र स्थान के भीतरी कक्ष में नहीं लाया गया, ज़रूरी था कि तुम इसको पवित्र स्थान में खाते; ठीक जैसा आदेश मैंने दिया था.”

19किंतु अहरोन ने मोशेह को उत्तर दिया, “सुनिए, आज ही उन्होंने याहवेह के सामने अपनी पापबलि और होमबलि चढ़ाई है, फिर भी मेरे साथ यह सब घटित हो गया है! यदि आज मैं पापबलि के पशु को खा लेता, तो क्या यह याहवेह की दृष्टि में भला होता?” 20जब मोशेह ने यह सुना, तो यह उन्हें सही ही जान पड़ा.