Yeremiya 13 – LCB & HCV

Luganda Contemporary Bible

Yeremiya 13:1-27

1Bw’ati Mukama bwe yaŋŋamba nti, “Genda ogule olukoba olwa linena olwesibe mu kiwato kyo, naye tolunnyikanga mu mazzi.” 2Bwe ntyo ne neegulira olukoba, nga Mukama bwe yandagira, ne ndwesiba mu kiwato kyange.

3Awo ekigambo kya Mukama ne kinzijira omulundi ogwokubiri 4nti, “Ddira olukoba lwe wagula lwe weesibye mu kiwato kyo ogende ku mabbali g’omugga Fulaati olukweke eyo mu lwatika lw’olwazi.” 5Bwe ntyo ne ŋŋenda ne ndukweka ku mabbali g’omugga Fulaati nga Mukama bwe yandagira.

6Ennaku nnyingi nga ziyiseewo, ate Mukama nandagira nti, “Genda kaakano ku Fulaati oleete olukoba lwe nakulagira okukwekayo.” 7Awo ne ndyoka ŋŋenda ku mugga Fulaati, ne nsimulayo olukoba ne nduggya mu kifo we nnali ndukwese. Naye laba, olukoba lwali lwonoonese, nga terukyalina kye lugasa.

8Awo ekigambo kya Mukama ne kinzijira nga kyogera nti, 9“Bw’ati bw’ayogera Mukama nti, ‘Bwe ntyo bwe ndikkakkanya okwegulumiza kwa Yuda ne Yerusaalemi. 10Abantu bano aboonoonyi abagaana okukwata ebigambo byange, abagoberera obujeemu bw’emitima gyabwe ne bagoberera bakatonda abalala okubaweereza n’okubasinza, bajja kuba ng’olukoba olwo olutaliiko kye lugasa. 11Ng’olukoba bwe lunywerera mu kiwato ky’omuntu, bwe ntyo bwe nzija okwagala ennyumba ya Isirayiri yonna n’eya Yuda zinneesibeko,’ bw’ayogera Mukama, ‘balyoke babeere abantu bange, bagulumize erinnya lyange n’ettendo; naye bo ne batawulira.’ ”

Olugero lw’Ekita

12“Bagambe bw’oti nti, ‘Bw’ati bw’ayogera Mukama Katonda wa Isirayiri, buli kita kiba kya kujjuza nvinnyo.’ Nabo balikuddamu nti, ‘Tetumanyi nga buli kita kiba kya kujjuza nvinnyo?’ 13Olwo olyoke obagambe nti, ‘Bw’ati bw’ayogera Mukama nti, Laba nditamiiza abantu bonna abatuula mu nsi eno, ne bakabaka abatuula ku ntebe ya Dawudi ey’obwakabaka, ne bakabona, ne bannabbi n’abantu bonna ab’omu Yerusaalemi. 14Era buli omu alikoonagana ne munne, abalenzi ne bakitaabwe, bw’ayogera Mukama. Siribalumirwa, wadde okubaleka oba okubakwatirwa ekisa, ndibazikiriza.’ ”

Amalala n’Okuswazibwa kwa Yerusaalemi

15Wuliriza ontegere okutu;

toba na malala,

Mukama y’akyogedde.

16Mukama Katonda wo

mugulumize nga tannaleeta kizikiza,

nga ebigere byo tebinneesittala ku nsozi

ezikutte ekizikiza.

Musuubira ekitangaala,

naye ajja okukifuulamu ekisiikirize eky’okufa

akikyuse kibe ekizikiza ekikutte ennyo.

17Naye bwe mutaafeeyo,

emmeeme yange eneekaabira mu kyama

olw’amalala gammwe;

amaaso gange gajja kukaaba nnyo nnyini

gakulukuse amaziga

era ekisibo kya Mukama kijja kuwambibwa.

18Gamba kabaka era ne namasole nti,

“Mukke muve ku ntebe zammwe ez’obwakabaka,

kubanga engule zammwe ez’ebitiibwa

zijja kugwa okuva ku mitwe gyammwe.”

19Ebibuga by’e Negebu biggaddwawo,

tewali n’omu anaabiggulawo;

Yuda yonna yaakutwalibwa mu buwaŋŋanguse,

yonna yaakutwalibwa.

20Muyimuse amaaso gammwe

mulabe abo abava mu bukiikakkono.

Kiruwa ekisibo ekyabaweebwa,

endiga ezaabeeyinuzanga?

21Muligamba mutya Mukama

bw’alibawaayo okufugibwa abo be mwali mutwala nga ab’omukago?

Temulirumwa

ng’omukazi alumwa okuzaala?

22Era bwe weebuuza nti,

“Lwaki kino kintuseeko?”

Olw’ebibi byo ebingi

engoye zo kyezivudde ziyuzibwa,

era omubiri gwo ne gubonerezebwa.

23Omuwesiyopya ayinza okukyusa olususu lw’omubiri gwe

oba engo okukyusa amabala gaayo?

Bwe mutyo bwe mutasobola kukola birungi,

mmwe abaamanyiira okukola ebibi.

24“Ndibasaasaanya ng’ebisusunku

ebifuuyibwa empewo eva mu ddungu.

25Guno gwe mugabo gwo

gwe nakupimira,” bw’ayogera Mukama,

“kubanga wanneerabira

ne weesiga bakatonda ab’obulimba.

26Nze kennyini ndibikkula engoye zammwe ne nzibikka ku mitwe gyammwe,

obwereere bwammwe ne bulabika.

27Ndabye obwenzi bwammwe

n’obwamalaaya bwe mukoze.

Ndabye ebikolwa byo eby’ekivve ku busozi

era ne mu nnimiro.

Zikusanze ggwe, ayi Yerusaalemi!

Olituusa ddi obutaba mulongoofu?”

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 13:1-27

नष्ट कमरबंध

1याहवेह ने मुझे यह आदेश दिया: “जाकर अपने लिए सन के सूत का बना एक कमरबंध ले आओ और उससे अपनी कमर कस लो, किंतु उसे जल में न डुबोना.” 2याहवेह के आदेश के अनुसार मैंने एक कमरबंध मोल लिया, और उससे अपनी कमर कस ली.

3तब दूसरी बार मेरे लिए याहवेह का यह आदेश प्राप्‍त किया गया: 4“तुमने जो कमरबंध मोल लिया है जिससे तुमने अपनी कमर कसी हुई है, उसे लेकर फरात नदी के तट पर जाओ और उसे चट्टान के छिद्र में छिपा दो.” 5इसलिये मैं फरात नदी के तट पर गया, जैसा याहवेह का आदेश था और उस कमरबंध को वहां छिपा दिया.

6अनेक दिन व्यतीत हो जाने पर याहवेह ने मुझे आदेश दिया, “उठो, फरात तट पर जाओ और उस कमरबंध को उस स्थान से निकालो जहां मैंने तुम्हें उसे छिपाने का आदेश दिया था.” 7मैं फरात नदी के तट पर गया और उस स्थान को खोदा, जहां मैंने उस कमरबंध को छिपाया था. जब मैंने उस कमरबंध को वहां से निकाला तो मैंने देखा कि वह कमरबंध नष्ट हो चुका था. अब वह किसी योग्य न रह गया था.

8तब मुझे याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ था: 9“याहवेह का यह कहना है: ‘ठीक इसी प्रकार मैं यहूदिया का अहंकार नष्ट कर दूंगा तथा येरूशलेम का उच्चतर अहंकार भी. 10इन बुरे लोगों की नियति भी वही हो जाए, जो इस कमरबंध की हुई है, जो अब पूर्णतः अयोग्य हो चुका है. इन लोगों ने मेरे आदेश की अवहेलना की है, वे अपने हठी हृदय के अनुरूप आचरण करते हैं, वे परकीय देवताओं का अनुसरण करते हुए उनकी उपासना करते हैं तथा उन्हीं के समक्ष नतमस्तक होते हैं. 11क्योंकि जिस प्रकार कमरबंध मनुष्य की कमर से बंधा हुआ रहता है, ठीक उसी प्रकार मैंने सारे इस्राएल वंश तथा सारे यहूदाह गोत्र को स्वयं से बांधे रखा,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘वे मेरी कीर्ति, स्तवन तथा गौरव के लिए मेरी प्रजा हो जाएं; किंतु उन्होंने इसे महत्व ही न दिया.’

द्राक्षारस मश्कों का रूपक

12“इसलिये तुम्हें उनसे यह कहना होगा: ‘याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का, यह आदेश है: हर एक मश्कों में द्राक्षारस भरा जाए.’ जब वे तुमसे यह पूछें, ‘क्या हमें यह ज्ञात नहीं कि हर एक मश्कों को द्राक्षारस से भरा जाना अपेक्षित है?’ 13तब तुम उन्हें उत्तर देना, ‘याहवेह का संदेश यह है: यह देखना कि मैं इस देश के हर एक नागरिक को कोपरूपी दाखमधु से भरने पर हूं, राजा जो दावीद के सिंहासन पर विराजमान है, पुरोहित, भविष्यद्वक्ता एवं येरूशलेम के सभी निवासी. 14मैं उन्हें एक दूसरे से टकराऊंगा; पिताओं को पुत्रों से तथा पुत्रों को पिताओं से, यह याहवेह की वाणी है. उन्हें नष्ट करते हुए न तो मुझे उन पर दया आएगी न खेद होगा और न ही उन पर तरस आएगा.’ ”

बंधुआई की धमकी

15सुनो और ध्यान दो,

अहंकारी न बनो,

क्योंकि याहवेह का आदेश प्रसारित हो चुका है.

16याहवेह, अपने परमेश्वर को सम्मान दो

इसके पूर्व कि वह अंधकार प्रभावी कर दें,

और इसके पूर्व कि अंधकारमय पर्वतों पर

तुम्हारे कदम लड़खड़ा जाएं.

इसके पूर्व कि जब तुम प्रकाश का कल्याण कर रहे हो,

वह इसे और भी अधिक गहन अंधकार बना दें

तथा यह छाया में परिवर्तित हो जाए.

17किंतु यदि तुम मेरे आदेश की अवहेलना करो,

तुम्हारे इस अहंकार के कारण

मेरा प्राण भीतर ही भीतर विलाप करता रहेगा;

मेरे नेत्र घोर रुदन करेंगे,

मानो वे अश्रुओं के साथ ही बह जाएंगे,

क्योंकि याहवेह की भेड़-बकरियों को बंदी बना लिया गया है.

18राजा तथा राजमाता से अनुरोध करो,

“सिंहासन छोड़ नीचे बैठ जाइए,

क्योंकि आपका वैभवपूर्ण मुकुट

आपके सिर से उतार लिया गया है.”

19नेगेव क्षेत्र के नगर अब घेर लिए गये हैं,

कोई उनमें प्रवेश नहीं कर सकता.

संपूर्ण यहूदिया को निर्वासन में ले जाया गया है,

पूरा यहूदिया ही बंदी हो चुका है.

20अपने नेत्र ऊंचे उठाकर उन्हें देखो

जो उत्तर दिशा से आ रहे हैं.

वे भेड़-बकरियां कहां हैं, जो तुम्हें दी गई थी,

वे पुष्ट भेड़ें?

21क्या प्रतिक्रिया होगी तुम्हारी जब याहवेह तुम्हारे ऊपर उन्हें अधिकारी नियुक्त कर देंगे,

जिन्हें स्वयं तुमने अपने साथी होने के लिए शिक्षित किया था?

क्या इससे तुम्हें पीड़ा न होगी

वैसी ही जैसी प्रसूता को होती है?

22यदि तुम अपने हृदय में यह विचार करो,

“क्या कारण है कि मेरे साथ यह सब घटित हुआ है?”

तुम्हारी पापिष्ठता के परिमाण के फलस्वरूप तुम्हें निर्वस्त्र कर दिया गया

तथा तुम्हारे अंग अनावृत कर दिए गए.

23क्या कूश देशवासी अपनी त्वचा के रंग को परिवर्तित कर सकता है,

अथवा क्या चीता अपनी चित्तियां परिवर्तित कर सकता है?

यदि हां तो तुम भी जो दुष्टता करने के अभ्यस्त हो चुके हो,

हितकार्य कर सकते हो.

24“इसलिये मैं उन्हें इस प्रकार बिखरा दूंगा,

जैसे पवन द्वारा भूसी मरुभूमि में उड़ा दी जाती है.

25यही तुम्हारे लिए ठहराया अंश है,

जो माप कर मेरे द्वारा दिया गया है,”

यह याहवेह की वाणी है,

“क्योंकि तुम मुझे भूल चुके हो

और झूठे देवताओं पर भरोसा करते हो.

26इसलिये स्वयं मैंने ही तुम्हें निर्वस्त्र किया है

कि तुम्हारी निर्लज्जता सर्वज्ञात हो जाए.

27धिक्कार है तुम पर येरूशलेम! मैं तुम्हारे घृणास्पद कार्य,

तुम्हारे द्वारा किए गए व्यभिचार, तुम्हारी कामोत्तेजना,

अनैतिक कुकर्म में कामुकतापूर्ण कार्य,

जो तुम पर्वतों एवं खेतों में करते रहे हो देखता रहा हूं.

येरूशलेम, धिक्कार है तुम पर!

तुम कब तक अशुद्ध बने रहोगे?”